नई दिल्ली। देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का नया अध्यक्ष जून तक चुन लिया जाएगा। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में आज यह फैसला लिया गया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी की चुनाव कमेटी ने मई में चुनाव करवाने का सुझाव दिया था। लेकिन, अप्रैल-मई में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इसलिए, कांग्रेस ने तय किया कि राज्यों के चुनाव होने के बाद जून में पार्टी अध्यक्ष चुना जाए। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों के चुनाव भी होने हैं। लेकिन, अध्यक्ष के चुनाव से पहले होंगे या बाद में, यह तय नहीं है। सोनिया चुनावों का शेड्यूल तय करेंगी। माना जा रहा है कि राहुल गांधी दोबारा कांग्रेस की कमान संभाल सकते हैं। आपको बता दें कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी ने बतौर कार्यकारी अध्यक्ष फिर पार्टी की कमान संभाली थी। कांग्रेस नेताओं का एक गुट फुलटाइम और एक्टिव प्रेसिडेंट चुनने की मांग कर रहा है। गांधी परिवार से अलग अध्यक्ष बनाने की मांग भी उठती रही है। कांग्रेस के 23 सीनियर लीडर्स ने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर नाराजगी जताई थी। इन्होंने पार्टी में बड़े फेरबदल की जरूरत बताई। इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपिंदर सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक और पृथ्वीराज चव्हाण शामिल थे। इन नेताओं के साथ सोनिया ने पिछले महीने मीटिंग कर सभी मुद्दों पर बात की थी। बैठक में राहुल और प्रियंका भी शामिल हुए थे।
शुक्रवार, 22 जनवरी 2021
हापुड़ः पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया
पुलिस ने दखल देने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की
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रवाना: आंदोलन में भाग लेंगे, छत्तीसगढ़ के किसान
रायपुर। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर कल छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा सहित छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े घटक संगठनों द्वारा पूरे प्रदेश में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर कॉर्पोरेटपरस्त कृषि कानूनों को वापस लेने और फसल की सी-2 लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का कानून बनाने की मांग की जाएगी। ज्ञापन सौंपने के बाद सैकड़ों किसान और ग्रामीण जन दिल्ली में आयोजित किसान गणतंत्र परेड में शामिल होने के लिए रवाना होंगे। छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने आज यहां जारी एक बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी किसान गणतंत्र परेड आयोजित किये जा रहे हैं। सभी स्थानों पर ये परेड सरकारी कार्यक्रमों के बाद आयोजित किये जायेंगे। केंद्र सरकार द्वारा इन कानूनों के अमल पर डेढ़ साल तक रोक लगाने की बात को धोखाधड़ीपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि इन कानूनों में पोल ही पोल है, लेकिन इसके बावजूद यह सरकार इनको लागू करने पर तुली हुई है। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा केंद्र सरकार की घोषणा को ठुकराए जाने का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा है कि जिंदगी और मौत की लड़ाई में बीच का रास्ता नहीं होता और किसान विरोधी इन कानूनों की वापसी ही एकमात्र विकल्प है। इस आंदोलन में डेढ़ सौ से ज्यादा किसानों ने अपनी शहादत दी है और ये शहादतें व्यर्थ नहीं जाएंगी और अंतिम सांस तक खेती-किसानी को बर्बाद करने वाले इन कॉर्पोरेटपरस्त कानूनों के खिलाफ देश के किसान और अवाम मिलकर संघर्ष करेंगे।किसान सभा नेताओं ने कहा कि एक ओर सरकार समर्थन मूल्य की प्रणाली जारी रहने की घोषणा कर रही है, वहीं दूसरी ओर संघी गिरोह और गोदी मीडिया इसके उपयोगी न रहने का दुष्प्रचार कर रहा है। वास्तविकता यह है कि निजी मंडियों के अस्तित्व में आने के बाद और खाद्यान्न व्यापार को विश्व बाजार की कीमतों के साथ जोड़ने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य की पूरी व्यवस्था ही ध्वस्त जो जाएगी। इसलिए यदि मोदी सरकार अपने कहे के प्रति भी गंभीर है, तो आश्वासन से ऊपर उठकर उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का कानून बनाना चाहिए, ताकि किसान समुदाय को इस सरकार की कथनी पर विश्वास हो सके। उन्होंने कहा कि हमारे देश के किसान न केवल अपने जीवन-अस्तित्व और खेती-किसानी को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, बल्कि वे देश की खाद्यान्न सुरक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा संप्रभुता की रक्षा के लिए भी लड़ रहे हैं। उनका संघर्ष उस समूची अर्थव्यवस्था के कारपोरेटीकरण के खिलाफ भी हैं, जो नागरिकों के अधिकारों और उनकी आजीविका को तबाह कर देगा। इसलिए किसान सभा नेताओं ने आम जनता से अपील की है कि देश और अवाम को बचाने की इस लड़ाई में वे किसान आंदोलन को अपना समर्थन व सहयोग दें।
उत्तराखंड: राज्य के पहले बालमित्र थाने का उद्घाटन
कर्नाटक: हादसे में 15 लोगों की मौत, जताया दुख
बेंगलुरु। कर्नाटक का शिवमोगा जिला में गुरुवार रात हुए भीषण धमाके की गूंज से दहल उठा। ट्रक में भरकर ले जाए जा रहे विस्फोटक में धमाके में अब तक 15 लोगों के मारे जाने की खबर है। आशंका है कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। धमाका इतना भीषण था कि आसपास के घरों के शीशे टूट गए। इतना ही नहीं 50 किलोमीटर के दायरे में तेज झटके महसूस किए गए। लोगों को पहले तो लगा कि यह तेज भूकंप के झटके हैं। वहीँ हादसे में लोगों के मारे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘शिवमोगा में जानमाल के नुकसान से आहत। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। प्रार्थना है कि घायल जल्द ठीक हो जाएं। राज्य सरकार प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। हादसे में लोगों के मारे जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुख जताया है।
अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की
अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की कविता गर्ग मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...