गुरुवार, 21 जनवरी 2021
हापुड़: दुकानदारों से की जा रही अवैध वसूली
अंतिम चरण के दौर में हैं कूड़ा निस्तारण फैक्ट्री
अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। नगर निगम द्वारा कूड़ा निस्तारण की पहली फैक्टरी बनाने का काम अब अंतिम चरण में है। आशा की जा रही है कि अगले माह से यह फैक्टरी चालू हो जाएगी। पूरी क्षमता से काम करने पर इस फैक्टरी में 250 टन कूड़ा निस्तारित किया जाएगा। इस प्लांट में खासतौर पर सिटी जोन का कूड़ा लाया जाएगा। कचरे के निस्तारण के साथ ही यह फैक्टरी कूड़ा बीनने वाले 500 लोगों को रोजगार भी देगी। आपको बता दें कि गाज़ियाबाद शहर में रोजाना 1500 टन कूड़ा निकलता है। अभी इस कूड़े को शाहपुर मोरटा ले जाया जाता है। हालांकि यहाँ कूड़ा निस्तारण के लिए मशीन लगाई गई है, लेकिन बिजली का कनेक्शन न होने के कारण मशीन अभी चालू नहीं हो सकी है। यानी कि शहर में अभी कूड़े के निस्तारण का कार्य बंद है। इस वजह से शाहपुर मोरटा में कूड़े का पहाड़ खड़ा हो रहा है। शहर में कूड़ा निस्तारण के लिए नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने प्रत्येक जोन में एक-एक फैक्टरी पहले चरण में बनाने की तैयारी की है। इसी के तहत सिहानी में पहली फैक्टरी बनाई जा रही है। इस फैक्टरी में कूड़ा बीनने वाले लोग भी काम करते हुए नजर आएंगे, उनको वेतन दिया जाएगा। जिससे कि उनके जीवन में सुधार आएगा। कार्य के लिए कर्मचारियों को वर्दी, हेलमेट, दस्ताने और जूते भी दिए जाएंगे। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि कूड़ा निस्तारण की फैक्टरी में घर-घर से इकट्ठा किया गया कूड़ा लाया जाएगा। यहां पर कार्यरत कर्मचारी गीला और सूखा कूड़ा अलग करेंगे। सूखे कूड़े में से प्लास्टिक, लोहा, स्टील, कांच सहित अन्य को अलग किया जाएगा। जिसे नगर निगम द्वारा रिसाइकल करने के लिए बेचा जाएगा। गीले कूड़े से फैक्टरी के अंदर खाद तैयार की जाएगी। जिसका इस्तेमाल नर्सरियों में किया जाएगा। कूड़ा निस्तारण की पहली फैक्टरी का काम लगभग पूरा हो गया है, जल्द ही फैक्टरी चालू की जाएगी। इससे न केवल कूड़े के निस्तारण की समस्या का समाधान होगा बल्कि कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
ट्रांसफार्मर क्वाइल चोरी करने वाले लाइनमैन अरेस्ट
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। बुधवार सुबह लोनी पुलिस ने पुस्ता तिराहा से ट्रांसफार्मर से क्वाइल चोरी करने वाले चार आरोपी लाइनमैनों को गिरफ्तार किया। चारों विद्युत उपकेंद्र रामेश्वर पार्क पर तैनात थे। उपकेंद्र के जेई ने पूर्व में उनके खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। एसएचओ ओपी सिंह ने बताया कि रामेश्वर पार्क विद्युत उपकेंद्र पर तैनात अवर अभियंता मनीष ने उन्हीं के उपकेंद्र के लाइनमैन पर ट्रांसफार्मरों से चोरी करने के संबंध में तहरीर दी थी। वही, ट्रांसफार्मर को खुर्द-बुर्द कर तेल को नष्ट करने का भी आरोप लगाया था। एसएचओ ने बताया कि अवर अभियंता की तहरीर पर पुलिस ने नामजद रिपोर्ट दर्ज की थी। इसके बाद पुलिस ने बुधवार सुबह पुस्ता तिराहा से सभी चारों आरोपियों दिनेश निवासी सोनिया विहार दिल्ली, दीपक निवासी नाईपुरा, फिरोज निवासी अशोक विहार और धीरेंद्र निवासी पूजा कॉलोनी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने चोरों की निशानदेही से एक कुंटल क्वाइल बरामद किया है। दूसरी ओर, पुलिस ने मंगलवार रात एसएलएफ वेद विहार से दुकान में चोरी करने का प्रयास कर रहे बदमाश को गिरफ्तार किया है। चोर के दो साथी भाग गए। लोगों ने चोर को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था।
गाजियाबाद: आयुक्त ने लीक से हटकर कार्य किया
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। शहर की समस्याओं के समाधान के साथ-साथ गाजियाबाद नगर निगम द्वारा महापौर आशा शर्मा तथा नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के नेतृत्व में शहीदों के सम्मान में भी अहम भूमिका निभाई जा रही है। इसी क्रम में निगम की मोहन नगर जोन में राजेंद्र नगर स्थित m4u चौराहे पर शहीद मेजर मोहित शर्मा की शहादत व सम्मान में एक बंदूक तथा 6 गार्ड बंदूक की रक्षा करते हुए मनाई गई हैं जो, कि वेस्ट प्लास्टिक से बनाई गई है। इन प्रतीक चिन्हों को बनाने में आर्टिस्ट सरफराज व साक्षी का सहयोग रहा। इसी प्रकार निगम ने तय किया है कि सिटी जोन में जी 142, गांधीनगर स्थित पार्क तथा मार्ग का नाम भारतीय वायु सेना के जांबाज स्क्वाड्रन लीडर शहीद समीर अब्रोल के नाम पर रखा जाएगा। इसके लिए नगर आयुक्त ने उद्यान प्रभारी डॉ अनुज तथा निर्माण विभाग के अभियंता देशराज को पार्क में जरूरी निर्माण करने के निर्देश दिए हैं। शहर की रोजमर्रा की शिकायतों का समाधान करने के साथ-साथ गाजियाबाद नगर निगम द्वारा किए जा रहे इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा स्थानीय पार्षद तथा आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों द्वारा की गई।
कोल्हू तेल: 10 तरह के तेल का व्यापार किया
गांधीनगर। मामला गुजरात के वडोदरा की रहने वाली शैलजाबेन काले का है। शैलजा शुद्ध घानी तेल का बिजनेस करती हैं। 2018 में उन्होंने तीन लाख रुपए से इस काम की शुरुआत की थी। आज वह मूंगफली, बादाम, नारियल सहित 10 तरह के तेल का बिजनेस कर रही हैं। इससे उन्हें सालाना तीन से चार लाख रुपए की कमाई हो रही है। इस कारोबार की सभी बारीकियां उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो देखकर सीखी हैं। शैलजाबेन कहती हैं कि बाजार में मिलने वाले तेल में केमिकल मिला होता है। इसमें फैट की मात्रा भी ज्यादा होती है। इस वजह से डॉक्टर घानी तेल का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है। यही कारण है कि अब लोग घानी तेल का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं। लोगों में इसको लेकर जागरूकता भी बढ़ रही है। शैलजाबेन मूल रूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। 10 साल की उम्र में, वह परिवार के साथ वडोदरा शिफ्ट हो गईं थी। 12वीं की पढ़ाई करने के बाद उनकी शादी हो गई। उन्हें एक बेटा और एक बेटी है। बेटा विदेश में है जबकि बेटी बेंगलुरु में पढ़ाई कर रही है। पति राजेश एक पेट्रोलियम कंपनी में काम करते हैं। शैलजाबेन बताती हैं, ‘पहले मैं पापड़ बेचती थीं। इसके बाद गार्डनिंग का काम शुरू किया। इसी बीच यूट्यूब से मुझे घानी तेल के बारे में जानकारी मिली। लोगों के बीच इसकी डिमांड बढ़ रही थी। मेरे मन में तब ख्याल आया कि अगर इस सेक्टर में काम किया जाए तो अच्छा मुनाफा हो सकता है, क्योंकि अब लोगों का रुझान इसकी तरफ हो रहा है।’ शैलजा ने इसके बाद परिवार के लोगों से बात की और सबकी सहमति के बाद घानी तेल का बिजनेस शुरू किया। वह बताती हैं, शुरुआत में हम हर दिन 10 से 12 लीटर तेल निकालते थे। इसके बाद धीरे-धीरे हम अपना दायरा बढ़ाते गए। आज हम हर महीने एक हजार लीटर तेल निकालते हैं।’ शैलजा ने बताया कि पहले मैं केवल मूंगफली का तेल निकालती थी। जैसे-जैसे डिमांड बढ़ती गई मैंने वैरायटी बढ़ाना शुरू किया। आज मैं बादाम, सनफ्लावर, नारियल, राई, कपास सहित 10 वैरायटी के तेल तैयार करती हूं। इसके लिए हम सौराष्ट्र से मूंगफली, कोयम्बटूर से नारियल, इंदौर से सूरजमुखी, राजकोट से तिल और मध्य प्रदेश से राई मंगाते हैं। मुझे अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए किसी तरह के विज्ञापन की जरूरत नहीं होती है। हमारे कस्टमर्स ही ब्रांडिंग कर देते हैं। शैलजाबेन बताती हैं, अब घानी के तेल के लिए मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु सहित पूरे देश से डिमांड आ रही है। इसकी सप्लाई के लिए जल्द ही मैं कूरियर सर्विस शुरू करूंगी। इसके साथ ही अब ऑनलाइन भी लोगों तक पहुंचने की कोशिश करूंगी। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मेरा प्रोडक्ट पहुंचे इसकी कोशिश कर रही हूं। सिर्फ मुनाफा कमाना मेरा टारगेट नहीं है। मैं तो लोगों को शुद्ध तेल मुहैया कराना चाहती हूं। मिल से तेल निकालने के बाद बचे हुए चारे को चरवाहे ले जाते हैं और अपने पशुओं को खिलाते हैं। इससे पशुओं का दूध पौष्टिक और शुद्ध होता है। कच्ची घानी का तेल ही सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इसमें तेल को निकालते समय उसका तापमान बहुत ज्यादा नहीं होता। इस कारण से तेल में मौजूद पोषक तत्व नष्ट नहीं होते। इसमें फैटी एसिड, प्रोटीन, ओमेगा 3, विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं। ये शरीर को सेहतमंद रखते हैं। यह भूख बढ़ाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
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