मंगलवार, 19 जनवरी 2021
कोरोना: सऊदी अरब ने दो वैक्सीनो को मंजूरी दी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत पर टीम को दी बधाई
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में खेले गये चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में तीन विकेट की शानदार जीत के लिए बधाई दी। भारत ने श्रृंखला 2-1 से जीतकर बोर्डर-गावस्कर ट्राफी अपने नाम बरकरार रखी। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ”ऑस्टेलिया में भारतीय टीम की सफलता से हम सभी बहुत उत्साहित हैं। पूरे मैच के दौरान उनका प्रदर्शन ऊर्जा और जुनून से लबरेज रहा। उनकी इच्छाशक्ति, दृढ़ता और संकल्प उत्कृष्ट रहा। टीम इंडिया को बधाई। भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।” भारत ने आज चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच में आस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हराकर श्रृंखला 2-1 से जीतकर बोर्डर-गावस्कर ट्राफी अपने पास बरकरार रखी। भारत के सामने 328 रन का लक्ष्य था जो उसने सात विकेट खोकर हासिल किया। भारत की तरफ से शुभमन गिल ने 91, ऋषभ पंत ने नाबाद 89 और चेतेश्वर पुजारा ने 56 रन बनाये। आस्ट्रेलिया की गाबा मैदान पर पिछले 32 वर्षों में यह पहली हार है जबकि भारत ने यहां अपनी पहली जीत दर्ज की।
भारतीय सीमा में गांव बसाया, चिंता जाहिर की
पीएम मोदी सोमनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष नियुक्त
अरविन्द तिवारी
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात में गिर-सोमनाथ जिले के प्रभास पाटन में विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का प्रबंधन संभालने वाले न्यास नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे इस पद पर आसीन होने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के बाद मोदी दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं। जिन्हें इस मंदिर न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। न्यास के रिकार्ड के अनुसार मोदी न्यास के आठवें अध्यक्ष बने हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने सोमनाथ मंदिर के नये अध्यक्ष हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा था। प्रधानमंत्री मोदी ने जिम्मेदारी संभालते हुये सोमनाथ ट्रस्ट टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के आधारभूत संसाधनों सहित श्रद्धालुओं की सुविधाओं का तेजी से विकास होगा। बता दें यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। पीएम मोदी जहाँ न्यास के अध्यक्ष बने हैं वहीं अन्य सदस्यों में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी , केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह , संस्कृत के रिटायर्ड प्रोफेसर जे०डी० परमार , गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव प्रवीण लाहेरी और व्यापारी हर्षवर्द्धन नेवतिया 06 लोग ट्रस्टी बनाये गये हैं। ट्रस्ट मंडल में 08 सदस्यों की जगह है जिसमें फिलहाल दो जगह खाली है। इसमें एक केंद्र सरकार और एक राज्य सरकार का पद है। न्यासी भावी योजना पर चर्चा करने के लिये ट्रस्ट की आगामी बैठक सितंबर 2021 में होगी जिसमें 02 नये ट्रस्टी चुने जायेंगे। पिछले साल अक्टूबर में न्यास के निवर्तमान अध्यक्ष गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन के बाद सोमनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष का पद रिक्त था. पटेल 16 सालों तक (2004-2020) इस न्यास के अध्यक्ष रहे थे. न्यास के रिकार्ड के अनुसार देसाई ने 1967 से 1995 तक न्यास के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दी थी। बता दें कि सोमनाथ ट्रस्ट की पहली बैठक अक्टूबर 1949 में हुई जिसमें नवानगर के जाम साहब दिग्विजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया था।
जातिवाद दीमक हैं तो भाषावाद जहर होता है
जी हाँ मै आपका ध्यान उसी दीमक (वाद से समस्या) पर केन्द्रित करना चाहता हूँ जो इस हरे भरे भारत रूपी पेंड को अंदर से खोखला करता नज़र आता है, शायद यह दीमक हमारे अन्दर के सदभाव,एकता और अखंडता के सपने को खंडित करने का सपना लेकर हमारे बिच कदम जमा कर अपने बाल्यावस्था को त्यागते हुए अपनी किशोरवास्ता की ओर कदम बढ़ाता दिख रहा है जैसे इसने ठान ली हो उन महा बलिदानियों के सपनो को चूर-चूर करने की जिन्होंने अपने जान को न्योछावर करते हुए एक पूर्ण विक्सित रास्ट्र बनाने का सपना हमारे हाथों एवं जिम्मे किया था और शायद उन्होंने ने भी कभी यह नहीं सोचा होगा की उनके सपनो के रास्ते में कभी कोई ऐसी समस्या आकर खड़ी होगी जिसे हम सब ने मिलकर स्वयं ही पैदा किया है। जरा सोचिये उन महारथियों ने अपने हाथों को जलाते हुए जले हाथों से सम्भालकर ये भारत रूपी उपहार हमारे बिच सुरक्षित रखने के लिए दिया और हमने क्या किया?हम कितने स्वार्थी बनते चले गए की अपने चंद स्वार्थ को पाने के लिए इस शक्तिशाली टावर और विशाल समुद्र रूपी भारत को विभिन्न झेत्रों में बढ़ाने की बजाय स्वर्थानुसार बाटने पर ही तुले हुए हैं। अरे उन महारथियों ने तो सभी भाषाओँ,सभी धर्मो और सभी जातियों को एक मानने वाले भारत का ऐलान किया था और शायद ऐसा मानते और घोषदा करते हुए अपने आप को कितना गौरवान्वित महशुश किया होगा की उनका भारत अनेकता में एकता का उदाहरन है। लेकिन अब जरा सोचिये की हमने क्या किया?आज इस जातिवाद रूपी पौधे को इस कदर शिचतें जक रहे हैं जिससे विभिन्न जातियों के बिच एक खाई रूपी दुरी का निर्माण होता जा रहा है।जाती के आधार पर हम अपने बिच दूरियों को बढ़ाते जा रहे हैं।आज देखा जा सकता है की किसी भी चुनाव में एक छोटी सी सफलता और जनता के लोकप्रियता को पाने के लिए कितना आसानी से जातियों और झेत्रो को बाँटने जैसा घिनौना कम कर अपने ही देश के विकास में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है और इसमें ये “भाषावाद” इस दीमक ने तो शायद हमारे अपने बीच एक लम्बी खाई बनाने का संकल्प ही ले लिया हो यह आसानी से देखा जा सकता है की किस तरह आज हम अपने बीच भाषावाद जैसी बीमारी को बढ़ाते जा रहे हैं आज अपने ही देश में नागरिकों का एक दुसरे प्रदेश/ज़गह पर जाकर रहना या बसना शायद गुनाह ही होता जा रहा है हम अपने ही देश में दुसरे जगह के नागरिकों जो अपने ही भारत रूपी परिवार के अपने हैं पर आक्रमण करते घबराते नहीं! तो फिर अगर ऐसे में ऑस्ट्रेलिया में या अन्य देशों में भारतियों पर हमले होतें हैं तो यह कैसे गलत हो सकता है? जब हम स्वयं अपने आपस में लड़ रहे है और फिर किसी विदेश के विदेश मंत्री का यह वक्तब्य की “उसका शहर ही अकेला शहर नहीं जहाँ यह होता है,मुंबई और दिल्ली में भी यही होता है” तो शायद हमें अपने गिरेबान में झाकने का एक संकेत है! जी हाँ बिलकुल, शायद हम हम यह भूल चुके हैं की हम उस भारत के सपूत तथा उस भारत रूपी समुद्र में जीने के साथ साथ तैरते हैं जो अनेको धर्मो,जातियों ,और भाषाओँ रूपी समुद्री जीवों को सदभाव रूपी पानी में एक साथ सजोये हुए अपने लहरों से हमेसा आसमान के उचाईयों को झुते हुए विश्व में एक मजबूत शक्ति बनकर उभरा है ! और शायद यह हमारा कर्तब्य ही नहीं अधिकार भी है की हम इस भारत रूपी मकान के राज्यों रूपी सभी कमरों में विभिन्न प्रकार के जातियों ,धर्मो ,और भाषावों रूपी पारिवारिक सदस्यों के बीच सदभाव तथा प्रेम और इज्जत भरे ब्य्वहारों के साथ रहना सीखें, आज हमें इन विभिन्न झेत्रिय भाषाओँ का भरपूर सम्मान करने के साथ झेत्र्वाद और भाषावाद को हमेशा के लिए ख़त्म करना होगा तथा अनेको जातिओं का सम्मान करने के साथ साथ एक खाई रूपी दीमक को मारना होगा अगर हम अपने भारत को और मजबूत बनाना चाहतें हैं तो आज इन विभिन्न विषयों पर विचार करना अति आवश्यक नज़र आ रहा है क्योकि यह आज की स्वतंत्रता और यह आज का सम्पूर्ण विकास की स्थिति बहुत मुश्किलें का सामना करके पाया है हमलोगों ने जिस पर आज कई महत्वपूर्ण देशों के साथ साथ पुरे विश्व की निगाहे टिकी हैं और शायद ऐसा करने के लिए सबको मजबूर भी किया है।शायद हमे अपनी स्थिति को विभिन्न झेत्रों में और मजबूत करने के साथ-साथ आपस के सदभाव को बढाकर एक दूसरों के प्रति सहयोग और इज्जत के भाव अपने अंदर पैदा ही करना ही होगा ताकि भविष्य में हमारी स्थिति इतनी मजबूत हो सके की अन्य देश हमारे अपने इस शक्तिशाली भारत रूपी टावर को इज्ज़त से देखने के लिए तथा इस पर कुछ भी टिप्पड़ी करने से पहले एक बार सोचने पर मजबूर हों,और यह तभी संभव है। जब हम सभी एक हैं और हमे एक होना ही पड़ेगा अपने इस सुंदर से देश को और मजबूत बनाने तथा उन महाबलिदानी शक्तियों के सपनो को साकार करने के लिए! तो आईये दृढ संकल्प लेने के साथ साथ एक कोशिश करके देखें क्योंकि हम एक भारतीय हैं, और यह हमारा कर्तब्य होने के साथ साथ पूर्ण अधिकार भी...
महारष्ट्र पंचायत चुनाव में लहराया शिवसेना का भगवा
अहमदाबाद-सूरत में मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत
गांधीनगर। उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद और सूरत मेट्रो परियोजना के शुभारंभ के अवसर पर कही। पीएम मोदी ने आगे कहा कि सरकार देश के दो बड़े व्यापारिक केंद्रों अहमदाबाद और सूरत में मेट्रो को जोड़ने और दोनों शहरोंं की कनेक्टिविटी को मजबूत करने का काम करेगी। आज 17,000 करोड़ से भी ज्यादा के इंफ्रास्ट्रक्चर का काम शुरू होना इस बात का गवाह है कि कोरोना काल में भी नये इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर देश के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत आत्मविश्वास के साथ फैसले ले रहा है और उन पर तेजी से अमल भी कर रहा है। आज भारत सिर्फ बड़ा ही नही कर रहा बल्कि बेहतर भी कर रहा है। कोरोना के विरूद्ध दुनियाँ का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी भारत में ही हुआ है। उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले के 10-12 वर्षों में सिर्फ 225 किमी मेट्रो लाइन ऑपरेशनल हुई थी , जबकि बीते 06 सालों में 450 किमी से ज्यादा मेट्रो नेटवर्क चालू हो चुका है। जनसंख्या के लिहाज से आज एक तरफ देश का आठवांँ बड़ा शहर है, लेकिन सबसे तेजी से विकसित करने वाला सूरत दुनियाँ के चार शहरों में शामिल है। दुनियाँ के हर 10 हीरों में से 09 सूरत में तराशे जाते हैं , आज सूरत देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर है। सूरत दुनियाँ का सबसे तेज गति से विकसित होता शहर है , इसमें देश के कोने कोने से आये भारतीयों का भी योगदान है। हममें से अधिकांश ने वो दौर देखा है जब गुजरात के गांवों तक ट्रेन और टैंकरो से पानी पहुंँचाना पड़ता था। अब गुजरात के हर गांव तक पानी पहुंँच चुका है। इतना ही नहीं अब क़रीब 80 प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंँच रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि इन परियोजनाओं से देश के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों अहमदाबाद और सूरत को आज बड़ा महत्वपूर्ण उपहार मिला है , इससे इन शहरों में यातायात और बेहतर हो जायेगा। उन्होंने कहा कि देश में बस, मेट्रो और रेल प्रणालियों को आपस में जोड़कर अत्याधुनिक परिवहन ढांचे का निर्माण किया जा रहा है , अब ये एक दूसरे की पूरक होंगी। वहीं केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अहमदाबाद मेट्रो फेज-1 का कार्य जोर-शोर से चल रहा है, जून 2022 में जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांँठ मना रहा होगा ये काम पूरा हो जायेगा। अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-II कुल 28.25 किमी लंबाई वाले अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज II में दो कॉरिडोर हैं। पहला कॉरिडोर 22.8 किमी लंबा है जो मोटेरा स्टेडियम से महात्मा मंदिर तक है। यह कारिडोर पूरी तरह एलिवेटेड होगा जिसमें अत्याधुनिक 20 मेट्रो स्टेशन होंगे। इसके साथ ही भविष्य में सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुये कोटेश्वर रोड पर इंटरचेंज की सुविधा उपलब्ध रहेगी। दूसरा कॉरिडोर 5.4 किमी लंबा है ओर यह जीएनएलयू से गिफ्ट सिटी तक है। इसमें 02 एलिवेटेड स्टेशन होंगे और जीएनएलयू स्टेशन पर इंटरचेंज सुविधा उपलब्ध रहेगी , इस कारिडोर के लिये साबरमती नदी पर पुल भी बनाया जायेगा। परियोजना को पूरा होने में 5,384 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।
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