शनिवार, 16 जनवरी 2021

सुरक्षा सप्ताह के तहत वेबिनार का आयोजन किया

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत वेबिनार का आयोजन
पंकज कपूर
देहरादून। 11-17 जनवरी तक मनाए जा रहे राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत संजय ऑर्थाेपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेन्टर व सेवा सोसाइटी द्वारा सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित बेबीनार आयोजित किया गया। पिछले 15 सालों से यह सेंटर एवं सेवा सोसाइटी सड़क सुरक्षा पर जनता को जागरूक कर रहें है। अब तक इनके द्वारा दो सौ से अधिक निःशुल्क व्याख्यान दिये जा चुके हैं। पूर्व की भांति इस बार सड़क सुरक्षा जागरूकता की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए इस बार सेंटर द्वारा कोरोना काल के चलते सड़क सुरक्षा अभियान को ध्यान में रखते हुए बेबीनार के द्वारा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। वेबिनार में डॉ- गौरव संजय ने व्याख्यान देते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से बहुत सी सामाजिक एवं आर्थिक समस्याएं ऽड़ी हो जाती हैं। सड़क दुर्घटनाओं से न केवल हडडी टूटती है बल्कि घर, रिश्ते एवं समाज भी टूटता है। इन सबको ध्यान में देखते हुए हमें सड़क सुरक्षा के नियमों को ईमानदारी से यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए। डॉ- बी- के- एस- संजय ने व्याख्यान के दौरान बताया कि नशे का प्रभाव एवं नींद का अभाव से सड़क दुर्घटनाएं बहुत होती है। अतः हम सबको पर्याप्त मात्र में नींद कम से कम 6-8 घंटे लेनी चाहिए एवं वाहन चलाते समय नशे का सेवन नहीं करना चाहिये। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह द्वारा चलाया हुआ यह अभियान काफी अच्छे परिणाम दे रहा है और आशा है इसी तरह के समाज से जुड़ी हुई समस्याओं से सम्बन्धित जागरूकता के कार्यक्रमों के द्वारा हम सब राष्ट के निर्माण में अपना योगदान दे सकते है। क्योंकि हम सब इस समाज की ही देन है। इसलिए हम सभी का दायित्व है। कि अपने-अपने ढंग से राष्ट्र निर्माण में अपनी-अपनी भागीदार दें।

बाइक सवार 2 होमगार्ड की सड़क हादसे में मौत

अयोध्या। ड्यूटी कर घर वापस लौट रहे थे दो होमगार्ड जवान, सड़क हादसे ने ले ली जान

अयोध्या। सड़क हादसे में बाइक सवार दो होमगार्ड जवानों की मौत हो गई। हादसा पूरा कलंदर थाना क्षेत्र के डाभासेमर के पास अयोध्या प्रयागराज हाइवे पर हुआ। दोनों होमगार्ड जवान शहर से ड्यूटी कर घर वापस लौट रहे थे। कोहरे के कारण हादसा होने की बात सामने आई है। हादसा उस वक्त हुआ जब एक तेज रफ्तार अज्ञात अनियंत्रित पिकअप ने बाइक में टक्कर मार दी। इसके बाद पिकअप चालक मौके से फरार हो गया। हादसे का शिकार हुए होमगार्ड जवान बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के निवासी थे। हादसे में कोतवाली बीकापुर के कोछा मठिया निवासी अजय चौहान व दयालजोत के निवासी अशोक तिवारी(पूती) की मौत हो गई।

फैसला: पीड़ित प्रवासियों को नौकरी देगा 'विभाग'

हरिओम उपाध्याय 
लखनऊ। पाकिस्तान, म्यांमार और बांग्लादेश से आए पीड़ित प्रवासियों को सिंचाई विभाग में नौकरी मिल सकेगी। इसके लिए सरकार नियमों में बदलाव कर रही है। बाकी आवेदकों के लिए यूपी का स्थाई निवासी होना अनिवार्य होगा। केंद्र सरकार की नौकरियों में तैनात लोगों के बच्चे भी आवेदन कर सकेंगे। बशर्ते वे उतर प्रदेश की सीमा में लगातार न्यूनतम 3 साल से निवास कर रहे हों। सिंचाई विभाग में शीघ्र ही सींचपाल, सींच पर्यवेक्षक और जिलेदार के सैकड़ों पद भरे जाने हैं। इन पदों पर दूसरे देशों से आने वाले भारतीय मूल के नागरिकों को भी भर्ती का मौका दिया जाएगा। सरकार के निर्देश पर सिंचाई मुख्यालय ने इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके तहत पाकिस्तान, बर्मा, बांग्लादेश के अलावा श्रीलंका और पूर्वी अफ्रीका के केन्या, युगांडा और तंजानिया से विस्थापित होकर आए वे नागरिक भी आवेदन कर सकेंगे। जो भारत में स्थाई रूप से निवास करने के इरादे से आए हों। नागरिकता संशोधन संबंधी नया कानून (सीएए) आने के बाद इस तरह के प्रावधान प्रस्तावित करने वाला सिंचाई विभाग पहला विभाग है। इन देशों से आए पीड़ित लोगों के अलावा शेष सभी आवेदकों के लिए उतर प्रदेश का स्थाई निवासी होना अनिवार्य होगा। अभी तक इन पदों के लिए किसी भी राज्य का नागरिक आवेदन कर सकता था। इसके अलावा ऐसा कोई भी नागरिक जिसके पिता केंद्र सरकार के विभाग में कार्यरत हैं और एक राज्य से दूसरे राज्य में उनका ट्रांसफर हो सकता है। वे भी आवेदन कर सकेंगे। बशर्ते, उन्हें उतर प्रदेश में आवेदन की तिथि को रहते हुए 3 वर्ष हो चुके हों। शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, इन बदलावों को शीघ्र ही सरकार की हरी झंडी मिल जाएगी। संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में रखे जाएंगे।

सांसद का अफेयर, एक साथ मना रहे हैं छुट्टियां

जयपुर। एक्ट्रेस और टीएमसी सांसद नुसरत जहां अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर काफी चर्चाओं में है। नुसरत फिलहाल एसओएस कोलकाता के को-स्टार यश दासगुप्ता के साथ राजस्थान में छुट्टियां बिता रही है। जिसके चलते उनकी शादीशुदा जिंदगी को लेकर लोग कई तरह की बातें करने लगे है। नुसरत की शादी साल 2019 में बिजनेसमैन निखिल जैन से हुईं थी। दोनों की शादी काफी चर्चाओं में रही और अब इस शादी को लेकर कहा जा रहा है कि दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। नुसरत जहां की पति निखिल जैन से मनमुटाव की खबरें सामने आने लगी है और कहा जा रहा है कि अब नुसरत जहां की नजदीकियां यश दासगुप्ता के साथ बढ़ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों एक-दूसरे को डेट कर रहे है। सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरों को लेकर नुसरत जहां ने अपनी प्रतिक्रिया दी। नुसरत ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अपनी प्राइवेट लाइफ की बातें पब्लिकली करना पसंद नहीं है। इसलिए वो इन खबरों को लेकर कुछ भी कहना नहीं चाहती।
नुसरत ने कहा कि बातें अच्छी हो या बुरी, ये उनकी पर्सनल लाइफ है और वो इसके बारे में कोई बात नहीं करना चाहतीं। लेकिन इंटरव्यू में नुसरत ने शादीशुदा जिंदगी और यश दासगुप्ता को डेट करने वाली बातों को लेकर कोई सफाई नहीं दी। टीएमसी की सांसद के तौर पर नुसरत जहां खूब सूर्खियां बटोर रही है। नुसरत ने अपने करियर की शुरूआत मॉडल के रूप में की थी। खूबसूरती और टैलेंट को देखते हुए साल 2011 में उन्हें पहली टॉलीवुड फिल्म शोत्रु मिली। इस फिल्म से नुसरत को काफी फेम हासिल हुआ और उनका करियर आगे दौड़ चला।

मुंबई: साक्षी महाराज ने बीजेपी की खोली पोल

मुंबई। असदुद्दीन ओवैसी पर भाजपा सांसद साक्षी महाराज द्वारा दिए गए बयान के बाद साक्षी महाराज और भाजपा की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। अब शिवसेना ने भाजपा को घेरते हुए अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा ओवैसी साहब की पोल खोल दिए जाने से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। ओवैसी मियां की ‘AIMIM’ मुसलमानों की तारणहार नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी का अंगवस्त्र है। ऐसी शंका लोगों को थी ही। लेकिन भाजपा के प्रमुख नेता साक्षी महाराज ने अब डंके की चोट पर कहा है। ‘हां, मियां ओवैसी भाजपा के ही पॉलिटिकल एजेंट हैं और ओवैसी की सहायता से ही हम चुनाव जीतते रहते हैं।’ शिवसेना ने आगे लिखा है कि ”साक्षी महाराज ने लोगों के इस भ्रम को दूर करके साबित कर दिया है कि कमल के फूल के भंवरा मियां ओवैसी ही हैं। बिहार चुनाव में ओवैसी की भूमिका और बीजेपी को मिले फायदे को लेकर शिवसेना ने कहा है। ”बिहार में ओवैसी ने मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्रों में पांच सीटें जीतीं और लगभग 17-18 सीटों पर तेजस्वी यादव का नुकसान किया वरना बिहार में राजनीतिक परिवर्तन अवश्य हुआ होता। मुसलमानों के वोट ‘सेक्युलर’ छाप राजग, समाजवादी पार्टी या कांग्रेस की ओर न जाने पाए, उन्हें एकतरफा वोट न मिले, इसके लिए मियां ओवैसी का बाकायदा उपयोग किया जाता है। शिवसेना ने पश्चिम बंगाल में ओवैसी की एंट्री पर भी सवाल उठाते हुए लिखा है। ”बिहार के चुनाव से यह बात साफ हो गई है। राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों ने ओवैसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मुस्लिम वोट काटकर भाजपा को फायदा हो, इसके लिए ही मियां ओवैसी की हलचल बनी रहती है। ऐसा आरोप ये लोग लगा रहे थे. तब तक ठीक था लेकिन भाजपा के ही एक कुनबे से यह सब घोषित तौर पर कहा जाने लगा है।पश्चिम बंगाल में मियां ओवैसी ने जो काम शुरू किया है, उससे भाजपा का चेहरा आनंद से खिल उठा है। ओवैसी की सहायता से भाजपा को बंगाल जीतना है। मतलब हिंदुत्व विरोधी शक्ति का उपयोग कर के ही हिंदुत्व की जय-जयकार करनी है। मियां ओवैसी एक अच्छे कानूनी जानकार हैं। उनकी जो भी राजनीति है, वो रहे उनके पास, मुसलमानों का जीवन स्तर सुधरे, मुसलमानों को मुख्यधारा में लाकर उनके जीवन के अंधेरे और धर्मांधता को दूर करने के लिए ओवैसी जैसे विद्वानों ने काम किया तो देश का भला होगा लेकिन हिंदुस्तान के पेट में बढ़ने वाले दूसरे पाकिस्तान को अधिक जहरीला धर्मांध बनाकर ये लोग राजनीति कर रहे है। उनकी राजनीति हिंदू द्वेष पर आधारित है। ओवैसी के परिवार द्वारा अतीत में दिए गए बयानों पर शिवसेना लिखती है कि ”उन्होंने (ओवैसी) और उनके परिवारवालों ने पिछले दिनों जिस प्रकार के तीखे बयान दिए, वे धक्कादायक हैं। ‘25 करोड़ मुसलमान 100 करोड़ हिंदुओं पर भारी पड़ेंगे। पुलिसवालों को एक तरफ कर दो, फिर देखो हम क्या करके दिखाते हैं। इस प्रकार के उग्र बयान ओवैसी के भाई घोषित तौर पर देते हैं। अब यही ओवैसी भाजपा के विजय रथ का मुख्य पहिया बने हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ओवैसी जैसे लोगों की मदद लेकर फायदे की राजनीति करती है। फिर ये लोग ऐसी ‘लफ्फाजी’ करते हुए घूमते हैं कि देखो, हम राष्ट्रवादी या हिंदुत्ववादी है।” ”मियां ओवैसी की पार्टी उनकी ही एक गुप्त शाखा है, उन्हें यह स्वीकार करना होगा। ऐसी कई गुप्त शाखाएं उन्होंने हर राज्य में पाल-पोसकर रखी हैं। इनका जोर मत विभाजन पर ही है और महाराष्ट्र की मनपा तथा अन्य चुनावों में भी ऐसे मत विभाजन करनेवाले ‘यंत्र’ बनाकर रखे हैं।

आरोप लगाने वाले विधायक की सुरक्षा वापस ली

बैंगलुरू। कर्नाटक की भाजपा सरकार में कैबिनेट विस्तार के बाद से ही मचने वाला बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। येदियुरप्पा ने कैबिनेट में विस्तार किया तो उन्हीं की पार्टी के विधायकों ने उन पर पैसे लेने और ब्लैकमेलिंग के डर से मंत्री पद बांटने का आरोप लगाते हुए बगावत कर दी है। शनिवार के दिन कर्नाटक बीजेपी के विधायक बसनगौड़ा यतनाल ने अब मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को पत्र लिखा है। विधायक बसनगौड़ा ने पत्र में लिखा है, ‘मुझे पता चला है कि आपने मेरी सिक्युरिटी वापस ले ली है,जो मुझे सांप्रदायिक ताकतों द्वारा दी गई धमकियों के बाद मिली थी। ”विधायक बसनगौड़ा यतनाल ने आगे कहा है कि ‘ये एक निम्नस्तर की राजनीति का नूमना है, ये बदले की राजनीति है क्योंकि मैंने आपके (येदियुरप्पा) खिलाफ आवाज उठाई बसनगौड़ा यतनाल ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि ‘अगर मुझे कुछ भी होता है तो इसके लिए आप और आपकी सरकार जिम्मेदार होगी। मैं आपकी राजनीति के तरीके और बदले की राजनीति का विरोध करता रहूंगा.”आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को कर्नाटक के ही एक दूसरे विधायक एमपी रेणुकाचार्य भी येदियुरप्पा की शिकायत पार्टी हाईकमान से करने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। जहां उन्होंने कर्नाटक सरकार में बनाए गए नए मंत्रियों और मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को लेकर भाजपा के उच्चस्तरीय नेतृत्व से शिकायत की। रेणुकाचार्य ने कर्नाटक सरकार के कैबिनेट विस्तार पर कहा था कि ‘एक ऐसा आदमी जो बी.एस येदियुरप्पा सरकार बनाने के खिलाफ गया था, आज उसे ही मंत्री बना दिया गया है। बीजेपी के कुछ विधायक तब से ही खुलेआम बगावत पर उतर आए हैं जबसे येदियुरप्पा ने अपनी कैबिनेट में कुछ नए लोगों को जगह दी है। बगावत करते हुए विधायक बसनगौड़ा यतनाल ने बीएस येदियुरप्पा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि येदियुरप्पा को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए. जो भी उन्हें (येदियुरप्पा) पैसे देता है या ब्लैकमेल करता है उन्हें मंत्री बना दिया जाता है। बसनगौड़ा ने बीएस येदियुरप्पा पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए ये भी कहा था कि मुख्यमंत्री  को एक सीडी के जरिए ब्लैकमेल किया गया है।

कानपुर के बिकरू कांड पर बन रही थी 'बायोपिक'

बृजेश केसरवानी 

प्रयागराज। कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे पर बन रही बायोपिक का मामला अब कानूनी पचड़े में फंसता नजर आ रहा है। कई पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाले दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे के अधिवक्ता ने इस मामले में कानूनी नोटिस भेजा है। जानकारी के मुताबिक रिचा दुबे के वकील ने वेब सीरीज के निर्माता और निर्देशक को कानूनी नोटिस भेजा है। यहां आपको बता दें कि निर्माता और निर्देशक मोहन नागर बिकरू कांड पर “हनक” नाम से एक बायोपिक बना रहे हैं।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...