शनिवार, 16 जनवरी 2021

सांसद का अफेयर, एक साथ मना रहे हैं छुट्टियां

जयपुर। एक्ट्रेस और टीएमसी सांसद नुसरत जहां अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर काफी चर्चाओं में है। नुसरत फिलहाल एसओएस कोलकाता के को-स्टार यश दासगुप्ता के साथ राजस्थान में छुट्टियां बिता रही है। जिसके चलते उनकी शादीशुदा जिंदगी को लेकर लोग कई तरह की बातें करने लगे है। नुसरत की शादी साल 2019 में बिजनेसमैन निखिल जैन से हुईं थी। दोनों की शादी काफी चर्चाओं में रही और अब इस शादी को लेकर कहा जा रहा है कि दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। नुसरत जहां की पति निखिल जैन से मनमुटाव की खबरें सामने आने लगी है और कहा जा रहा है कि अब नुसरत जहां की नजदीकियां यश दासगुप्ता के साथ बढ़ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों एक-दूसरे को डेट कर रहे है। सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरों को लेकर नुसरत जहां ने अपनी प्रतिक्रिया दी। नुसरत ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अपनी प्राइवेट लाइफ की बातें पब्लिकली करना पसंद नहीं है। इसलिए वो इन खबरों को लेकर कुछ भी कहना नहीं चाहती।
नुसरत ने कहा कि बातें अच्छी हो या बुरी, ये उनकी पर्सनल लाइफ है और वो इसके बारे में कोई बात नहीं करना चाहतीं। लेकिन इंटरव्यू में नुसरत ने शादीशुदा जिंदगी और यश दासगुप्ता को डेट करने वाली बातों को लेकर कोई सफाई नहीं दी। टीएमसी की सांसद के तौर पर नुसरत जहां खूब सूर्खियां बटोर रही है। नुसरत ने अपने करियर की शुरूआत मॉडल के रूप में की थी। खूबसूरती और टैलेंट को देखते हुए साल 2011 में उन्हें पहली टॉलीवुड फिल्म शोत्रु मिली। इस फिल्म से नुसरत को काफी फेम हासिल हुआ और उनका करियर आगे दौड़ चला।

मुंबई: साक्षी महाराज ने बीजेपी की खोली पोल

मुंबई। असदुद्दीन ओवैसी पर भाजपा सांसद साक्षी महाराज द्वारा दिए गए बयान के बाद साक्षी महाराज और भाजपा की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। अब शिवसेना ने भाजपा को घेरते हुए अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा ओवैसी साहब की पोल खोल दिए जाने से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। ओवैसी मियां की ‘AIMIM’ मुसलमानों की तारणहार नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी का अंगवस्त्र है। ऐसी शंका लोगों को थी ही। लेकिन भाजपा के प्रमुख नेता साक्षी महाराज ने अब डंके की चोट पर कहा है। ‘हां, मियां ओवैसी भाजपा के ही पॉलिटिकल एजेंट हैं और ओवैसी की सहायता से ही हम चुनाव जीतते रहते हैं।’ शिवसेना ने आगे लिखा है कि ”साक्षी महाराज ने लोगों के इस भ्रम को दूर करके साबित कर दिया है कि कमल के फूल के भंवरा मियां ओवैसी ही हैं। बिहार चुनाव में ओवैसी की भूमिका और बीजेपी को मिले फायदे को लेकर शिवसेना ने कहा है। ”बिहार में ओवैसी ने मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्रों में पांच सीटें जीतीं और लगभग 17-18 सीटों पर तेजस्वी यादव का नुकसान किया वरना बिहार में राजनीतिक परिवर्तन अवश्य हुआ होता। मुसलमानों के वोट ‘सेक्युलर’ छाप राजग, समाजवादी पार्टी या कांग्रेस की ओर न जाने पाए, उन्हें एकतरफा वोट न मिले, इसके लिए मियां ओवैसी का बाकायदा उपयोग किया जाता है। शिवसेना ने पश्चिम बंगाल में ओवैसी की एंट्री पर भी सवाल उठाते हुए लिखा है। ”बिहार के चुनाव से यह बात साफ हो गई है। राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों ने ओवैसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मुस्लिम वोट काटकर भाजपा को फायदा हो, इसके लिए ही मियां ओवैसी की हलचल बनी रहती है। ऐसा आरोप ये लोग लगा रहे थे. तब तक ठीक था लेकिन भाजपा के ही एक कुनबे से यह सब घोषित तौर पर कहा जाने लगा है।पश्चिम बंगाल में मियां ओवैसी ने जो काम शुरू किया है, उससे भाजपा का चेहरा आनंद से खिल उठा है। ओवैसी की सहायता से भाजपा को बंगाल जीतना है। मतलब हिंदुत्व विरोधी शक्ति का उपयोग कर के ही हिंदुत्व की जय-जयकार करनी है। मियां ओवैसी एक अच्छे कानूनी जानकार हैं। उनकी जो भी राजनीति है, वो रहे उनके पास, मुसलमानों का जीवन स्तर सुधरे, मुसलमानों को मुख्यधारा में लाकर उनके जीवन के अंधेरे और धर्मांधता को दूर करने के लिए ओवैसी जैसे विद्वानों ने काम किया तो देश का भला होगा लेकिन हिंदुस्तान के पेट में बढ़ने वाले दूसरे पाकिस्तान को अधिक जहरीला धर्मांध बनाकर ये लोग राजनीति कर रहे है। उनकी राजनीति हिंदू द्वेष पर आधारित है। ओवैसी के परिवार द्वारा अतीत में दिए गए बयानों पर शिवसेना लिखती है कि ”उन्होंने (ओवैसी) और उनके परिवारवालों ने पिछले दिनों जिस प्रकार के तीखे बयान दिए, वे धक्कादायक हैं। ‘25 करोड़ मुसलमान 100 करोड़ हिंदुओं पर भारी पड़ेंगे। पुलिसवालों को एक तरफ कर दो, फिर देखो हम क्या करके दिखाते हैं। इस प्रकार के उग्र बयान ओवैसी के भाई घोषित तौर पर देते हैं। अब यही ओवैसी भाजपा के विजय रथ का मुख्य पहिया बने हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ओवैसी जैसे लोगों की मदद लेकर फायदे की राजनीति करती है। फिर ये लोग ऐसी ‘लफ्फाजी’ करते हुए घूमते हैं कि देखो, हम राष्ट्रवादी या हिंदुत्ववादी है।” ”मियां ओवैसी की पार्टी उनकी ही एक गुप्त शाखा है, उन्हें यह स्वीकार करना होगा। ऐसी कई गुप्त शाखाएं उन्होंने हर राज्य में पाल-पोसकर रखी हैं। इनका जोर मत विभाजन पर ही है और महाराष्ट्र की मनपा तथा अन्य चुनावों में भी ऐसे मत विभाजन करनेवाले ‘यंत्र’ बनाकर रखे हैं।

आरोप लगाने वाले विधायक की सुरक्षा वापस ली

बैंगलुरू। कर्नाटक की भाजपा सरकार में कैबिनेट विस्तार के बाद से ही मचने वाला बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। येदियुरप्पा ने कैबिनेट में विस्तार किया तो उन्हीं की पार्टी के विधायकों ने उन पर पैसे लेने और ब्लैकमेलिंग के डर से मंत्री पद बांटने का आरोप लगाते हुए बगावत कर दी है। शनिवार के दिन कर्नाटक बीजेपी के विधायक बसनगौड़ा यतनाल ने अब मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को पत्र लिखा है। विधायक बसनगौड़ा ने पत्र में लिखा है, ‘मुझे पता चला है कि आपने मेरी सिक्युरिटी वापस ले ली है,जो मुझे सांप्रदायिक ताकतों द्वारा दी गई धमकियों के बाद मिली थी। ”विधायक बसनगौड़ा यतनाल ने आगे कहा है कि ‘ये एक निम्नस्तर की राजनीति का नूमना है, ये बदले की राजनीति है क्योंकि मैंने आपके (येदियुरप्पा) खिलाफ आवाज उठाई बसनगौड़ा यतनाल ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि ‘अगर मुझे कुछ भी होता है तो इसके लिए आप और आपकी सरकार जिम्मेदार होगी। मैं आपकी राजनीति के तरीके और बदले की राजनीति का विरोध करता रहूंगा.”आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को कर्नाटक के ही एक दूसरे विधायक एमपी रेणुकाचार्य भी येदियुरप्पा की शिकायत पार्टी हाईकमान से करने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। जहां उन्होंने कर्नाटक सरकार में बनाए गए नए मंत्रियों और मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को लेकर भाजपा के उच्चस्तरीय नेतृत्व से शिकायत की। रेणुकाचार्य ने कर्नाटक सरकार के कैबिनेट विस्तार पर कहा था कि ‘एक ऐसा आदमी जो बी.एस येदियुरप्पा सरकार बनाने के खिलाफ गया था, आज उसे ही मंत्री बना दिया गया है। बीजेपी के कुछ विधायक तब से ही खुलेआम बगावत पर उतर आए हैं जबसे येदियुरप्पा ने अपनी कैबिनेट में कुछ नए लोगों को जगह दी है। बगावत करते हुए विधायक बसनगौड़ा यतनाल ने बीएस येदियुरप्पा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि येदियुरप्पा को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए. जो भी उन्हें (येदियुरप्पा) पैसे देता है या ब्लैकमेल करता है उन्हें मंत्री बना दिया जाता है। बसनगौड़ा ने बीएस येदियुरप्पा पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए ये भी कहा था कि मुख्यमंत्री  को एक सीडी के जरिए ब्लैकमेल किया गया है।

कानपुर के बिकरू कांड पर बन रही थी 'बायोपिक'

बृजेश केसरवानी 

प्रयागराज। कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे पर बन रही बायोपिक का मामला अब कानूनी पचड़े में फंसता नजर आ रहा है। कई पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाले दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे के अधिवक्ता ने इस मामले में कानूनी नोटिस भेजा है। जानकारी के मुताबिक रिचा दुबे के वकील ने वेब सीरीज के निर्माता और निर्देशक को कानूनी नोटिस भेजा है। यहां आपको बता दें कि निर्माता और निर्देशक मोहन नागर बिकरू कांड पर “हनक” नाम से एक बायोपिक बना रहे हैं।

आंदोलन: 30 को भूख हड़ताल पर बैठेंगे हजारे

अकाशुं उपाध्याय  
 नई दिल्ली। मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करेंगे और सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोलेंगे।
अन्ना हजारे ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर किसानों के मुद्दे पर सरकार ने कोई ठोस फैसला नहीं लिया और किसानों का हित संरक्षित करने के लिए कदम नहीं उठाए तो वह 30 जनवरी से दिल्ली में किसानों के मुद्दे को लेकर अपने जीवन की अंतिम भूख हड़ताल करेंगे। अन्ना ने कहाकि वह पूरी ताकत से किसानों के हित में आंदोलन और भूख हड़ताल करेंगे।
अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने रामलीला मैदान में सरकार से आमरण अनशन करने की अनुमति देने की मांग की है। अगर रामलीला मैदान में अनशन की अनुमति नहीं मिलेगी तो जहां जगह उपलब्ध होगी वहीं अनशन शुरू करूंगा। अन्ना ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को किसानों की समस्याओं को लेकर पत्र लिखा है लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि कृषि पर एमएस स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों समेत उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह भूख हड़ताल करेंगे।

एसटीएफ की ट्रेनिंग में फेल हुए 70 पुलिसकर्मी

अविनाश श्रीवास्तव  
 पटना। बिहार में इन दिनों आपराधिक मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। क्राइम के बढ़ते ग्राफ को लेकर नीतीश सरकार की काफी फजीहत हो रही है। अपराध रोकने में नकारा साबित हो रही बिहार की पुलिस डिपार्टमेंटल परीक्षा में दौड़ भी नहीं पा रही है। आपको ये बात जानकार हैरानी होगी कि एसटीएफ कमांडो की शारीरिक परीक्षा में बिहार पुलिस के 70 सिपाही हो फेल गए। जिसमें ज्यादातर सिपाही 800 मीटर की दौड़ भी नहीं लगा पाएं। एसटीएफ में कमांडो बनने के लिए 28 वर्ष की उम्र सीमा तय की गई है। 28 वर्ष से कम उम्र होने के बावजूद कई जवान एसटीएफ द्वारा तय मापदंड पर खरे नहीं उतर पाएं। रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर और जनवरी महीने में हुई फिजिकल टेस्ट में बिहार पुलिस के लगभग 40 परसेंट सिपाही फेल हो गए। ज्यादातर सिपाही तो दौड़ भी पूरी नहीं कर पाएं।
 आपको बता दें कि एसटीएफ में कमांडो बनने के लिए जो पैमाना तय है उसके मुताबिक सिपाहियों को 800 और 100 मीटर की दौड़ लगानी होती है। 800 मीटर की दौड़ 2 मिनट 40 सेकेंड और 100 मीटर की दौड़ 14 सेकेंड में पूरा करना होता है। एसटीएफ ने शारीरिक परीक्षा का आयोजन बिहार सैन्य पुलिस-5 के परिसर में किया था। इसके लिए जिला और विभिन्न पुलिस इकाइयों से 200 से अधिक सिपाही शामिल हुए. पर 127 ही इस शारीरिक परीक्षा को पास कर पाए। बाकी के जवान एसटीएफ द्वारा तय मापदंड पर खरा नहीं उतर पाए। दौड़ में अधिकतर सिपाही बाहर हो गए। जवानों को बारी-बारी से बगैर रुके 30 सीट-अप और इतने ही पुश-अप करने होते हैं। वहीं 10 चीन-अप भी एकबार में लगाने पड़ते हैं। एसटीएफ ने जो मापदंड रखा है वह 28 वर्ष तक के सिपाहियों के लिए बहुत कठिन नहीं है। बावजूद इसके 200 से अधिक सिपाहियों में मात्र 127 ही इसे पूरा कर पाए।

 आपको बता दें कि एसटीएफ की परीक्षा में जितने भी सिपाही पास हुए हैं, अब उन्हें दो महीने स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद इन्हें एसटीएफ में कमांडो की जगह दी जाएगी। बाद में इन्हें ग्रेहाउंड में भी प्रशिक्षण दिलाया जायेगा।

कौशाम्बी: आरके मणि को लगा पहला टीका, वैक्सीन

संतलाल मौर्य 

कौशाम्बी। यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद में देश के प्रथम चरण के कोविड टीकाकरण का आरम्भ हुआ। हॉस्पिटल के कोविड-19 प्रबंधन एवं स्ट्रेटजी के निदेशक डॉक्टर आरके मणि ने प्रथम रजिस्ट्रेशन कराया और टोकन नंबर एक के साथ उनको सबसे पहला टीका लगाया गया। जिला प्रशासन एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी की टीम द्वारा टीकाकरण का संचालन किया गया। साथ ही यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी गाजियाबाद के ही अन्य डॉक्टरों डॉ. पायल अग्रवाल जो कि एक डेंटिस्ट हैं। डॉ. अमित शर्मा जो हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं डॉ. मीनाक्षी शर्मा जो स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं एवं अन्य डॉक्टरों एवं स्टाफ ने भी कोविड-19 का टीका लगवाया। डॉ. आरके मणि ने यशोदा हॉस्पिटल कौशाम्बी टीकाकरण बूथ पर सबसे पहले टीका लगवाया और कहा कि वह गर्व महसूस कर रहे हैं और उन्होंने कहा कि अब हम कोविड पैंडेमिक से निपटने के लिए कदम आगे बढ़ा रहे हैं। डॉ. मणि ने कहा कि वह सबसे पहले टीका लगवा कर अपनी ड्यूटी अदा कर रहा हूँ, उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर होने के नाते उन्हें समाज के लिए अग्रणी बनना है क्योकि जब हम डॉक्टर सुरक्षित रहेंगे तो हमारे आस पास के लोग सुरक्षित रहेंगे, डॉक्टर एक दिन में सैकड़ों मरीजों को मिलता है और यदि वह संक्रमित हो गया तो कई लोगों को संक्रमित कर सकता है इसलिए डॉक्टर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स को पहले टीकाकरण की बहुत महत्तम है। डॉ. पायल अग्रवाल ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक एवं भावुक क्षण है क्योंकि हम टीका लगवा पा रहे हैं किन्तु हमने अपने करीबी लोगों को कोविड की वजह से खोया है। डॉ. अमित शर्मा ने कहा कि इंतजार की घड़ियां खत्म हुईं और अब हम फिर से निडर हो कर मरीजों की सेवा में लग सकते है। डॉ मीनाक्षी शर्मा ने उत्साह पूर्वक टीका लगवाया और साथ ही कहा कि सभी डॉक्टरों एवं मेडिकल स्टाफ, फ्रंटलाइन हेल्थ्केयर वर्कर्स को भी बिना डरे यह टीका लगवाना चाहिए।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...