शनिवार, 16 जनवरी 2021

सोचिए, 70 सालों में कौम के लिए क्या किया

मोहम्मद जाहिद 

नई दिल्ली। कौम पिछले 70 सालों से सेकुलर पार्टियों की पिछलग्गू बनी रही , हाँ बनी रही। कौम पिछले 70 सालों से काँग्रेस और समाजवादी पार्टी की दरी बिछाती रही। हाँ बिछाती रही। इसमें गलतियाँ इन दलों की नहीं कौम की ही थीं। अपने गिरेबान में झाँकिए और सोचिए कि पिछले 70 सालों में आपने अपनी कौम के लिए क्या किया ? 

मैं बताता हूँ

फिरके बनाए , हर फिरके की मस्जिदें बनाई , इसमें उसको नमाज़ पढ़ने की मनाही उसमें इसको नमाज़ पढ़ने की मनाही। इनकी कब्रिस्तान में वो दफन नहीं हो सकते उनकी कब्रिस्तान में ये दफन नहीं हो सकते। मस्जिदों की लंबी लंबी मिनारें बनवाईं  , मस्जिदों में मंहगी मंहगी कालीनें बिछवाईं , नक्कासी वाले कंगूरे बनवाए पर एक और एएमयू और जामिया ना बनवा सके।

कुरान एक , अल्लाह एक , रसुलल्लाह एक , पर उसके मानने वाले अलग अलग। माफ करिएगया , जब देश आज़ाद हो रहा था , कौम के खिलाफ साजिशों का जाल बुना जा रहा था तब हम देवबंद और बरेली बना कर कौम का दो फाड़ कर रहे थे। यह काँग्रेस और समाजवादी नहीं हम खुद कर रहे थे। शिरनी और फातिहा पर हमें सेकुलर दलों ने नहीं लड़ाया , हम खुद आपस में लड़े।

आप दूसरों को क्युँ दोष देते हैं ? खुद की गिरेबाँ में झाँकिए , हमने मस्जिद मदरसों को जगह जगह तो तामिर कर दिया पर उसका मुकम्मल इस्तेमाल ना कर सके , उसका उपयोग सिर्फ चंदाखोरी के लिए किया। गलती की है आपने पिछले 70 सालों से , दोष किसी और को मत दीजिए , इन्हीं मदरसों में पिछले 70 साल से इंजीनियर , डाक्टर , आईएएस , आईपीएस की फौज क्युँ नहीं निकली ? निकली होती तो आप पिछले 70 सालों से किसी पार्टी की दरी नहीं बिछा रहे होते।

आपको समझना होगा कि आप अरब मुल्क में नहीं एक ऐसे देश में हें जहाँ आपकी आबादी मामुली है , सिस्टम आपके खिलाफ है , ज़रा सी गलती पर आपके लिए कानून की तमाम सख्त धाराएँ हैं। इसके बावजूद अगर आप यहाँ किसी नेता में सलाउद्दीन अयुबी , इर्तगुल गाज़ी और किंग उस्मान देखते हैं तो मुर्ख हैं आप।

आपको सबके साथ मिल कर ही रहना होगा , समझ लीजिए "सबके साथ"अगले 20 साल राजनैतिक कयादत की जगह पेट काटकर अपने बच्चों को पढ़ाईए , मदारिस को डाक्टर , इंजीनियर , आईएएस , आईपीएस बनाने के काबिल बनाईए , सिस्टम में घुसिए , सिस्टम में घुसकर अन्याय को रोकिए , दूसरों को दोष देने की बजाए खुद सोचिए कि हमने 70 साल में क्या किया ?

यहूदियों से सीखिए , उनके सर पर तो छत भी नहीं थी , उनका कोई देश भी नहीं था , आज सुपर पावर उनकी मुट्ठी में है पर हमारी कौम सिर्फ़ रोना जानती है। किसी एक आदमी की जज़बाती तकरीरों में अपने लिए सैय्यद सलाऊद्दीन अयूबी और इर्थगुल गाज़ी ढूँढती है।

कोहरे के कारण गाजियाबाद में बड़ा हादसा हुआ

अश्वनी उपाध्याय  

गाजियाबाद। गाज़ियाबाद समेत पूरे एनसीआर क्षेत्र में आज सुबह घने कोहरे की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। यहाँ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर घने कोहरे की वजह से बड़ा हादसा हो गया। एक्सप्रेसवे पर विजिबिलिटी कम होने के कारण आज सुबह करीब 25 वाहनों के बीच आपस में टक्कर हो गई। इस दुर्घटना में एक शख्स की मौत की खबर आ रही है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर हुई दुर्घटना में छोटे-बडे़ सभी वाहन शामिल हैं। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर एक के बाद कई गाड़ियों के आपस में टकराने की वजह से इस रास्ते पर लंबा जाम लग गया। कोहरे की वजह से दृश्यता कम हो गई थी, इस कारण राहत एवं बचाव कार्य में लगे लोगों को भी दिक्कत हो रही थी। वहीं, सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। घने कोहरे में कई गाड़ियों के आपस में टकराने की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से वाहनों को अलग किया गया।

न्यायालय की आड़ में किसानों से धोखा: टिकैत

मोहम्मद जाहिद 

नई दिल्ली। न्यायालय और सेना की इस देश में देवताओं जैसी इज़्ज़त रही है। इस देश में किसी धर्म की आलोचना और विवेचना तो हो सकती है परन्तु सेना और न्यायालय की नहीं। राम कृष्ण तक आलोचना की ज़द में रहे हैं पर सेना और न्यायालय की आलोचना मतलब देश विरोधी।

कोई इनकी आलोचना स्विकार ही नहीं सकता।

मोदी सरकार जनता की इस भावना का भी समय समय पर उपयोग अपने को संकट से निकालने के लिए करती है और कर रही है। फिर चाहे पुलवामा के बाद बालाकोट हो , जिसमें सेना से दिलवाया गया बयान दो दिन पहले झूठा साबित हुआ या चाहे बाबरी मस्जिद , ट्रिपल तलाक बिल , धारा 370, शाहिनबाग , राफेल , सीएए हो या कृषि बिल रहा हो।बाकी सब तो मुसलमानों से संबन्धित थे सदैव उनके धर्म से संबन्धित फैसले उसके विरोध में ही उच्चतम न्यायालय ने दिए हैं , यह इतिहास रहा है। 

मुसलमान सब देखते समझते जानते माननीय न्यायालय के फैसले को ज़िन्दा मक्खी की तरह घोंट गये पर किसानों के पास खुद को दोयम दर्जे का नागरिक घोषित होने का डर नहीं , वह उच्चतम न्यायालय की बनाई कमेटी को ही मानने और उससे बात करने से इंकार कर चुके हैं। अर्थात किसानों को माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला स्विकार्य ही नहीं। यह कंडेम्प्ट आफ कोर्ट है। पर उच्चतम न्यायालय इस बात से डर भी चुकी है , सुनवाई के समय न्यायालय द्वारा समीति में शामिल ना होने पर जिस तरह की टिप्पणी आयी , जिस तरह माननीय मीलाॅर्ड यह निवेदन करते रहे कि समीति से बात करें , वह यही सिद्ध करती है।

दरअसल , सेना और न्यायालय की ईश्वर जैसी विश्वसनीयता यदि खत्म हो गयी तो यह देश का बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा और मोदी सरकार हर बार इसी भावना का इस्तेमाल करके खेल अपने पक्ष में करती रही है। किसान नेता राकेश टिकैत ऐलान कर चुके हैं कि यह उच्चतम न्यायालय की आड़ में धोखा है। सरकार उच्चतम न्यायालय की आड़ में धोखा दे रही है। हकीकत यह है कि किसानों को यह धोखा पहली बार मिला है जबकि मुसलमान इसका आदी हो चुका है।

पर इस बार सामने मुसलमान नहीं किसान है और वह उच्चतम न्यायालय के फैसले को भी इंकार करने का ऐलान कर चुके हैं। खैर हमें क्या , हम तो उच्चतम न्यायालय का सम्मान करते ही रहेंगे चाहे सरयू का पानी कितना भी उसके नीचे क्युँ ना बहे। वह पट्टी बाधे अंधी औरत हमारी खाला हैं।

हैवानियत: 5 साल की बच्ची से दुष्कर्म किया

बांदा: हैवानियत की पराकाष्ठा, पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म 

बांदा। बांदा में इंसानियत को शर्म सार करनें वाली वारदात हुई। इससे सनसनी फैल गई है। दुष्कर्म की पराकाष्ठा। 5 साल की बच्ची के साथ हैवानियत की वारदात सामने आई है। पड़ोसी युवक बच्ची को घर से उठाकर सूनसान जगह मे ले गया और दुष्कर्म को अंजाम दिया। खून से लथपथ बेसुध हालत में घर पहुची बच्ची ने परिजनों से आपबीती बताई। परिजनों की सूचना के बाद पुलिस ने बच्ची को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने मासूम को कानपुर रेफर कर दिया। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। और पूरे मामले की जांच मे जुट गई है। आपको बता दें पूरा मामला गिरवा थाना क्षेत्र के कस्बे से सामने का है। जहां घर में खेल रही एक मासूम बच्ची को पड़ोसी युवक बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया और खेत में दुष्कर्म को अंजाम दिया। दुष्कर्म के बाद खून से लथपथ हालत मे बच्ची घर पहुची। परिवार बालों को वाकया बताया। आरोपी दरिंदा घटना को अंजाम देने के बाद भागने की फिराक मे था। जिसे पुलिस हिरासत मे लेने के बाद पूछताछ मे जुट गई है। इलाके मे सनशनी फैली हुई है।

आतंक की समीक्षा, पाक को फिर दिया झटका

वाशिंगटन। अमेरिका ने आतंकवादियों की सूची की समीक्षा करने के बाद आईएसआईएल- सीनाई पेनिनसुला (आईएसआईएल-एसपी) और अन्य संगठनों के साथ पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा और लश्कर-ए-झंगवी (एलजे) को उसमें बरकरार रखा है। सत्ता के हस्तांतरण के महज कुछ दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने एलजे और आईएसआईएल-एसपी से जुड़े संगठनों को शामिल करने के लिए घोषित आतंकवादियों की सूची में संशोधन किया है।विदेश मंत्रालय ने अतंरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों की सूची की समीक्षा की और एलजे, आईएसआईएल-एसपी, लश्कर-ए-तैयबा, जैश रिजाल अल तारिक अल नक्शबंदी, जमातुल अंसारुल मुस्लिमिनिया फी बिलादीस-सूडान (अंसारु), अल-नुस्रत फ्रंट, कंटिन्यूटी आयरिश रिपब्लिकन आर्मी और नेशनल लिब्रेशन आर्मी को इस सूची में कायम रखा है।

इस महीने की 14 तारीख को जारी संघीय रजिस्टर अधिसूचना में विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, ”प्रशासनिक दस्तावेजों की समीक्षा के आधार पर …मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि जिन परिस्थितियों के अधार पर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित किया जाता है, उनमें इतना बदलाव नहीं आया कि इन्हें प्रतिबंधों से बाहर किया जाए और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा उन संगठनों को प्रतिबंधों से बाहर करने की अनुमति नहीं देती।”

उल्लेखनीय है कि लश्कर-ए-तैयबा ने वर्ष 2008 में मुंबई पर हमले को अंजाम दिया था और अमेरिका द्वारा 2001 से ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित है। विदेश मंत्रालय ने पहले बताया था कि लश्कर-ए-तैयबा को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बाद से वह प्रतिबंधों से बचने के लिए लगातार अपना नाम बदल रहा है और मुखौटा संगठन बना कर काम कर रहा है।

अमेरिका के राजस्व विभाग ने इस महीने बताया था कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण को रोकने के अभियान के तहत अमेरिका ने वर्ष 2019 में लश्कर-ए-तैयबा की 3,42,000 डॉलर की मदद बाधित की।

बांदा: बसपा का दावा, सुशासन की देवी हैं 'माया'

बसपा का दावा: सुशासन की देवी है हमारी ‘माया’

बांदा। बसपा की देवी है माया। इनकी माया बसपा की नजर में अपरंपार है। बसपा नेताओं ने पार्टी सुप्रीमो मायावती का 65वां जन्मदिन शुक्रवार को कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया। ओर अपनी नेता के सम्मान में खूब बढ़ चढ़कर कसीदे पढ़े। कहा कि देश में समतामूलक समाज की स्थापना के कारवां को सिर्फ बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ही आगे बढ़ा सकती हैं? उन्हें महिला शक्ति का प्रतीक और सुशासन की देवी बताया। राइफल क्लब ग्राउंड में हुई सभा में बुंदेलखंड सेक्टर प्रभारी डा. मधुसूदन कुशवाहा ने कहा कि बहनजी का जीवन संघर्ष से भरा हुआ है। पूर्व राज्य मंत्री बाबूलाल कुशवाहा ने कहा कि डा. आंबेडकर और कांशीराम के संघर्ष के रास्ते पर चलकर मायावती समतामूलक समाज बना रही हैं। पूर्व मंत्री रामसेवक शुक्ला ने केंद्र और राज्य सरकारों पर आरोप लगाया कि निजीकरण से देश को फिर गुलाम बनाना चाहती है। जिला उपाध्यक्ष अयूब खां ने मायावती को सर्व समाज का नेता बताते हुए उनके कार्यकाल की योजनाएं याद दिलाई। बसपा नेताओं ने कहा कि पंचायत चुनाव में सबसे ज्यादा बसपा समर्थित प्रत्याशी जीतेंगे। साथ ही अगले वर्ष के विधान सभा चुनाव में भी बसपा अपना परचम लहराएगी। इसके पूर्व बसपा नेताओं ने गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर दीप जलाया और डा. आंबेडकर व कांशीराम के चित्र पर फूल चढ़ाए। संचालन जिला पंचायत पूर्व अध्यक्ष बल्देव प्रसाद वर्मा और महासचिव रामसेवक प्रजापति ने किया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष गुलाब सिंह वर्मा ने की।
सभा के पूर्व जिला अस्पताल में मरीजों को फल बांटे। इस मौके पर किरण यादव, रामराज पटेल, जयराम सिंह (बछेउरा), मयंक द्विवेदी, तवारिक खां, प्रकाश रावत, आरके वर्मा, शिवकरन दिनकर, गणेश द्विवेदी, धीरज राजपूत, अरुण सिंह, कबीर बेदी, विजय बहादुर वर्मा, मूलचंद्र यादव, संजय सोनकर, इरफान अली, शमीम खां, पूर्व डीडीसी रईस अहमद, कमलेश पांडेय, मातादीन अंबेडकर, रमेश सोनी, सुरेश निषाद, सचिंद्र वर्मा (अतर्रा), देवकुमार यादव, मनोज कुशवाहा आदि मौजूद थे।

बरेली: ट्रक ने मस्जिद के इमाम समेत चार को रौंदा

ट्रक ने मस्जिद के इमाम समेत चार को रौंदा 

बरेली। उत्तर प्रदेश में बरेली के ग्रामीण क्षेत्र में एक ट्रक ने मस्जिद के इमाम और उसके चचेरे भाई समेत चार को रौंद दिया जिसमें दो की मृत्यु हो गई और दो अन्य घायल हो गये। पुलिस ने आज यहां कहा कि शुक्रवार रात को दो बाइक की आमने-सामने भिड़ंत हो गई। एक बाइक पर तीन युवक जबकि दूसरी बाइक पर एक युवक था। टक्कर के बाद बाइक सवार तीन युवक सड़क पर जा गिरे ,जब तक वह संभल पाते तब तक मस्जिद के इमाम और उसके चचेरे भाई समेत चार लोगों को को पीछे से आ रहे ट्रक ने रौंद दिया। जिससे इमाम और उसके चचेरे भाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह साजवान ने आज यहां कहा कि देवरनियां थाना क्षेत्र के गांव के पिपरा निवासी आसिफ खान मुरादाबाद की एक मस्जिद में इमाम है। वह शुक्रवार को अपने गांव के लिए आए थे। उन्हें नैनीताल रोड से गांव तक लाने के लिए जावेद खां व इकबाल स्टेशन पहुंच गए। गांव जाते वक्त बाइक इकबाल चला रहा था। शुक्रवार रात करीब नौ बजे रिछा -जहानाबाद मार्ग पर मिशन अकैडमी स्कूल व पोल्ट्री फार्म के बीच सामने से आती शाकिर की बाइक से टक्कर हो गई। इससे इकबाल खाई में गिर गया और बाकी लोग सड़क पर गिरे। पीछे से आ रहा ट्रक ने रोड पर गिरे घायलों को रौंद दिया। इसमें इमाम आसिफ और जावेद की मौके पर मौत हो गई जबकि इकबाल और दूसरी बाइक पर सवार शाकिर गंभीर रूप से घायल हो गया। ,दोनों को इलाज के लिये बरेली भेजा गया है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं।

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...