शनिवार, 16 जनवरी 2021

दान: ब्याज का पैसा, मोदी भी नहीं पकड़ पाएंगे

संदीप मिश्र  

रायबरेली। सरेनी से पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ 11 लाख रुपए दान देकर देश के बड़े दानवीरों में अपना नाम शामिल कर लिया है। उन्होंने मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि सभी धर्म एक समान है। हिंदू होते हुए भी मैं धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखता हूं। इसके लिए भले ही हिंदूवादी नेता मुझसे नाराज ही क्यों न हो। 

पूर्व विधायक ने आगे कहा कि अगर लोग आए तो अयोध्या में जो जगह निर्धारित हुई है वहां पर मस्जिद निर्माण के लिए भी मैं 50 लाख रुपए दान करूंगा। उधर श्री सिंह के बयान से जुड़ा एक दूसरा वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें पूर्व विधायक साफ तौर पर कह रहे हैं कि उन्होंने जो रकम दान की है वह दो नंबर की है जिसे नरेंद्र मोदी भी नहीं पकड़ सकते। श्री सिंह से जब मीडिया कर्मियों ने दो नंबर के पैसे के बारे में सवाल किया तो उन्होंने बताया कि वह ब्याज का काम करते हैं और उन्होंने संकल्प लिया है कि जो भी दो नंबर का पैसा आएगा उससे वह लोगों की मदद करते रहेंगे। 

आपको बता दें कि सुरेंद्र सिंह इससे पहले कई बार दो से तीन करोड़ रूपया तक की रकम दान कर चुके हैं जिसमें काफी पैसा बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी को भी दान किया है इस बार अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ ₹11 लाख रुपए दान देकर देश के बड़े दानवीरों में उन्होंने अपना नाम शामिल कराया है। यह रकम श्री सिंह ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पक्ष में चेक द्वारा जारी की है, जो जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं होटल

अश्वनी उपाध्याय  

गाज़ियाबाद। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से पर्यावरण बचाव के लिए बार-बार निर्देशों को दोहराने और फटकार लगने के बावजूद शहर के कई स्थानों पर तंदूर में कोयला और लकड़ी जलाया जा रहा है। दोषी व्यापारियों के खिलाफ न तो प्रदूषण नियंत्रण डिपार्टमेंट इन पर शिकंजा कस रहा है और न ही नगर निगम या जिला प्रशासन। आरडीसी के पॉश इलाके में वीरजी चाप, नमस्ते चाप और लाइव किचन आदि तन्दूरी चाप बेचते हैं। एनजीटी की सख्ती के बाद गाजियाबाद नगर निगम की अनदेखी के कारण तंदूर में कोयला और लकड़ी जलाकर शहर की आबोहवा को बद से बदतर बनाया जा रहा है। एनजीटी के साफ आदेश है कि प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियां नहीं चलनी चाहिए किन्तु अधिकारियों की अनदेखी के कारण सब कुछ जायज हो रहा है। आपको बता दें कि गाजियाबाद लगातार प्रदूषण नियंत्रण करने में अक्षम साबित हो रहा है। जिसके मद्देनजर एनजीटी सख्त हुआ और नगर निगम को आदेशित किया कि गाजियाबाद के तमाम होटल, ढाबों आदि पर लकड़ी और कोयले से चलने वाले तमाम तंदूर/भट्टी आदि को बंद किया जाए। इसके साथ ही आदेश का पालन न करने पर जुर्माना भी वसूल किया जाएगा। हालांकि नगर निगम द्वारा अभियान चलाकर ऐसे तंदूर/भट्टी आदि को खाना पूर्ति के लिए बंद कराया गया। साथ ही कुछ होटल ढाबों आदि से जुर्माना भी वसूला गया है। होटल/ढाबा मालिकों को एक सप्ताह का समय भी दिया गया ताकि वह लोग अपने तंदूर/भट्टी को गैस से चलाए। अब गैस का बहाना है और लकड़ी व कोयले का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है।

शीतलहर के बीच राजनैतिक तापमान को बढ़ाया

गोपी चंद सैनी  

मेरठ। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के 65 वें जन्मदिन के अगले ही दिन प्रदेश में चल रही शीतलहर के बीच मेरठ की मेयर ने अपने पति के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल होते हुए सूबे के राजनैतिक तापमान को गरमा दिया है।

शनिवार को प्रदेश में बसपा की सरकार के दौरान मंत्री रहे योगेश वर्मा अपनी पत्नी मेरठ की महापौर सुनीता वर्मा व बरेली से बसपा के पूर्व विधायक विजयपाल के साथ राजधानी में सपा मुख्यालय पर मुखिया अखिलेश यादव की मौजूदगी के बीच समाजवादी पार्टी के हो गए। उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की मौजूदगी के बीच विधिवत समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की बसपा प्रमुख के 65 वें जन्मदिन के अगले ही दिन हुए इस हृदय परिवर्तन से प्रदेश के राजनीतिक गलियारों का तापमान ऊंचाई पर पहुंच गया है।गौरतलब है कि पूर्व मंत्री योगेश वर्मा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित बिरादरी के बीच बड़ी पैठ रखने वाला नेता माना जाता है। इनके साथ ही पूर्व मंत्री अवधेश वर्मा व पूर्व विधायक विजय यादव ने भी समाजवादी पार्टी में शनिवार को अपनी वापसी की। इस मौके पर सपा मुख्यालय में शनिवार को बड़े दिग्गज नेता इकट्ठा हुए थे। करीब 400 समर्थकों के साथ मेरठ की मेयर सुनीता वर्मा व पूर्व मंत्री योगेश वर्मा ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ सदस्यता लेने वालों में मेरठ के सात पार्षद भी शामिल रहे। गोरखपुर में आरएसएस के प्रचारक रहे विनीत शुक्ला भी अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल होकर साइकिल पर सवार हो गए। इस तरह से सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रदेश में होने वाले विधान परिषद चुनाव से पहले बसपा में बडी सेंधमारी करते हुए उसे एक बड़ा झटका दिया है।

इस मौके पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा समाजवादी पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर लोग लगातार बड़ी संख्या में पार्टी में शामिल होे रहे है। उन्होंने शनिवार को एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए पार्टी में शामिल हुए लोगों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।

गाजियाबाद: संगीता ने लगवाया सबसे पहला टीका

अश्वनी उपाध्याय  

गाज़ियाबाद। जिले में भी आज कोरोना टीकाकरण का महाअभियान सफलता पूर्वक शुरू हो गया। सबसे पहले जिला महिला अस्पताल में प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय व सीएमओ डॉ.नरेंद्र कुमार गुप्ता की देखरेख में टीकाकरण शुरू हुआ। जिला महिला अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संगीता गोयल, डॉ. रितु कात्याल, नीता जयसवाल, अशोक उपाध्याय व डॉ.सुरेंद्र कुमार आनंद पांच लोगों ने टीका लगवाया। इससे पहले प्रधानमंत्री का भाषण विशेष रुप से लगाई गई स्क्रीन पर सुना गया। प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग ने कहा कि आज सबसे सुखद दिन है, देश के वैज्ञानिक, शोधकर्ता व कोरोना टीकाकरण में सहयोग करने वाले लोग विशेष बधाई के पात्र हैं। इन लोगों ने विश्व में दिखा दिया कि भारतवासी किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर कहा कि हम है हिन्दुस्तानी सबसे आगे। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने कहा कि कोरोना टीकाकरण के बारे में किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। दूसरी तरफ पौने बारह बजे टीकाकरण लगाकर बाहर निकाली चिकित्सा अधीक्षक डॉ.संगीता गोयल ने बताया कि टीकाकरण से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने भी जनता से अपील की है कि टीकाकरण को लेकर किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय जिला महिला अस्पताल से होकर विजयनगर प्रताप विहार स्थित संतोष मेडिकल अस्पताल में पहुंचे, जहां टीकाकरण का सफलता पूर्वक शुरु हुआ।

सोचिए, 70 सालों में कौम के लिए क्या किया

मोहम्मद जाहिद 

नई दिल्ली। कौम पिछले 70 सालों से सेकुलर पार्टियों की पिछलग्गू बनी रही , हाँ बनी रही। कौम पिछले 70 सालों से काँग्रेस और समाजवादी पार्टी की दरी बिछाती रही। हाँ बिछाती रही। इसमें गलतियाँ इन दलों की नहीं कौम की ही थीं। अपने गिरेबान में झाँकिए और सोचिए कि पिछले 70 सालों में आपने अपनी कौम के लिए क्या किया ? 

मैं बताता हूँ

फिरके बनाए , हर फिरके की मस्जिदें बनाई , इसमें उसको नमाज़ पढ़ने की मनाही उसमें इसको नमाज़ पढ़ने की मनाही। इनकी कब्रिस्तान में वो दफन नहीं हो सकते उनकी कब्रिस्तान में ये दफन नहीं हो सकते। मस्जिदों की लंबी लंबी मिनारें बनवाईं  , मस्जिदों में मंहगी मंहगी कालीनें बिछवाईं , नक्कासी वाले कंगूरे बनवाए पर एक और एएमयू और जामिया ना बनवा सके।

कुरान एक , अल्लाह एक , रसुलल्लाह एक , पर उसके मानने वाले अलग अलग। माफ करिएगया , जब देश आज़ाद हो रहा था , कौम के खिलाफ साजिशों का जाल बुना जा रहा था तब हम देवबंद और बरेली बना कर कौम का दो फाड़ कर रहे थे। यह काँग्रेस और समाजवादी नहीं हम खुद कर रहे थे। शिरनी और फातिहा पर हमें सेकुलर दलों ने नहीं लड़ाया , हम खुद आपस में लड़े।

आप दूसरों को क्युँ दोष देते हैं ? खुद की गिरेबाँ में झाँकिए , हमने मस्जिद मदरसों को जगह जगह तो तामिर कर दिया पर उसका मुकम्मल इस्तेमाल ना कर सके , उसका उपयोग सिर्फ चंदाखोरी के लिए किया। गलती की है आपने पिछले 70 सालों से , दोष किसी और को मत दीजिए , इन्हीं मदरसों में पिछले 70 साल से इंजीनियर , डाक्टर , आईएएस , आईपीएस की फौज क्युँ नहीं निकली ? निकली होती तो आप पिछले 70 सालों से किसी पार्टी की दरी नहीं बिछा रहे होते।

आपको समझना होगा कि आप अरब मुल्क में नहीं एक ऐसे देश में हें जहाँ आपकी आबादी मामुली है , सिस्टम आपके खिलाफ है , ज़रा सी गलती पर आपके लिए कानून की तमाम सख्त धाराएँ हैं। इसके बावजूद अगर आप यहाँ किसी नेता में सलाउद्दीन अयुबी , इर्तगुल गाज़ी और किंग उस्मान देखते हैं तो मुर्ख हैं आप।

आपको सबके साथ मिल कर ही रहना होगा , समझ लीजिए "सबके साथ"अगले 20 साल राजनैतिक कयादत की जगह पेट काटकर अपने बच्चों को पढ़ाईए , मदारिस को डाक्टर , इंजीनियर , आईएएस , आईपीएस बनाने के काबिल बनाईए , सिस्टम में घुसिए , सिस्टम में घुसकर अन्याय को रोकिए , दूसरों को दोष देने की बजाए खुद सोचिए कि हमने 70 साल में क्या किया ?

यहूदियों से सीखिए , उनके सर पर तो छत भी नहीं थी , उनका कोई देश भी नहीं था , आज सुपर पावर उनकी मुट्ठी में है पर हमारी कौम सिर्फ़ रोना जानती है। किसी एक आदमी की जज़बाती तकरीरों में अपने लिए सैय्यद सलाऊद्दीन अयूबी और इर्थगुल गाज़ी ढूँढती है।

कोहरे के कारण गाजियाबाद में बड़ा हादसा हुआ

अश्वनी उपाध्याय  

गाजियाबाद। गाज़ियाबाद समेत पूरे एनसीआर क्षेत्र में आज सुबह घने कोहरे की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। यहाँ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर घने कोहरे की वजह से बड़ा हादसा हो गया। एक्सप्रेसवे पर विजिबिलिटी कम होने के कारण आज सुबह करीब 25 वाहनों के बीच आपस में टक्कर हो गई। इस दुर्घटना में एक शख्स की मौत की खबर आ रही है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर हुई दुर्घटना में छोटे-बडे़ सभी वाहन शामिल हैं। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर एक के बाद कई गाड़ियों के आपस में टकराने की वजह से इस रास्ते पर लंबा जाम लग गया। कोहरे की वजह से दृश्यता कम हो गई थी, इस कारण राहत एवं बचाव कार्य में लगे लोगों को भी दिक्कत हो रही थी। वहीं, सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। घने कोहरे में कई गाड़ियों के आपस में टकराने की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से वाहनों को अलग किया गया।

न्यायालय की आड़ में किसानों से धोखा: टिकैत

मोहम्मद जाहिद 

नई दिल्ली। न्यायालय और सेना की इस देश में देवताओं जैसी इज़्ज़त रही है। इस देश में किसी धर्म की आलोचना और विवेचना तो हो सकती है परन्तु सेना और न्यायालय की नहीं। राम कृष्ण तक आलोचना की ज़द में रहे हैं पर सेना और न्यायालय की आलोचना मतलब देश विरोधी।

कोई इनकी आलोचना स्विकार ही नहीं सकता।

मोदी सरकार जनता की इस भावना का भी समय समय पर उपयोग अपने को संकट से निकालने के लिए करती है और कर रही है। फिर चाहे पुलवामा के बाद बालाकोट हो , जिसमें सेना से दिलवाया गया बयान दो दिन पहले झूठा साबित हुआ या चाहे बाबरी मस्जिद , ट्रिपल तलाक बिल , धारा 370, शाहिनबाग , राफेल , सीएए हो या कृषि बिल रहा हो।बाकी सब तो मुसलमानों से संबन्धित थे सदैव उनके धर्म से संबन्धित फैसले उसके विरोध में ही उच्चतम न्यायालय ने दिए हैं , यह इतिहास रहा है। 

मुसलमान सब देखते समझते जानते माननीय न्यायालय के फैसले को ज़िन्दा मक्खी की तरह घोंट गये पर किसानों के पास खुद को दोयम दर्जे का नागरिक घोषित होने का डर नहीं , वह उच्चतम न्यायालय की बनाई कमेटी को ही मानने और उससे बात करने से इंकार कर चुके हैं। अर्थात किसानों को माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला स्विकार्य ही नहीं। यह कंडेम्प्ट आफ कोर्ट है। पर उच्चतम न्यायालय इस बात से डर भी चुकी है , सुनवाई के समय न्यायालय द्वारा समीति में शामिल ना होने पर जिस तरह की टिप्पणी आयी , जिस तरह माननीय मीलाॅर्ड यह निवेदन करते रहे कि समीति से बात करें , वह यही सिद्ध करती है।

दरअसल , सेना और न्यायालय की ईश्वर जैसी विश्वसनीयता यदि खत्म हो गयी तो यह देश का बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा और मोदी सरकार हर बार इसी भावना का इस्तेमाल करके खेल अपने पक्ष में करती रही है। किसान नेता राकेश टिकैत ऐलान कर चुके हैं कि यह उच्चतम न्यायालय की आड़ में धोखा है। सरकार उच्चतम न्यायालय की आड़ में धोखा दे रही है। हकीकत यह है कि किसानों को यह धोखा पहली बार मिला है जबकि मुसलमान इसका आदी हो चुका है।

पर इस बार सामने मुसलमान नहीं किसान है और वह उच्चतम न्यायालय के फैसले को भी इंकार करने का ऐलान कर चुके हैं। खैर हमें क्या , हम तो उच्चतम न्यायालय का सम्मान करते ही रहेंगे चाहे सरयू का पानी कितना भी उसके नीचे क्युँ ना बहे। वह पट्टी बाधे अंधी औरत हमारी खाला हैं।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...