वाशिंगटन डीसी। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा। विश्वभर में अब तक 19.77 लाख से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी हैं। जबकि बीते एक दिन में सात लाख 40 हजार से अधिक नए मामले आने से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9.23 करोड़ से अधिक हो गई है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक विश्व के 191 देशों में कोरोना वायरस से अब तक नौ करोड़ 23 लाख 13 हजार 199 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 19 लाख 77 हजार 893 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में संक्रमितों की संख्या 2.30 करोड़ हो गयी है, जबकि 3.84 लाख से अधिक मरीजों की मौत हुई है। संक्रमण के मामलों में दूसरे सबसे बड़े देश भारत में संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ पांच लाख 12 हजार से अधिक हो गया। कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या एक करोड़ एक लाख 46 हजार 763 हो गयी है जबकि मृतकों का आंकड़ा 1,51,727 हो गया है। ब्राजील में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 82.56 लाख से ज्यादा हो गयी है जबकि इस महामारी से 2.05 लाख से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। रूस में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या 34.34 लाख हो गयी है जबकि 62,463 लोगों की मौत हो गई है। ब्रिटेन में 32.20 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और 84,910 लोगों की मौत हुई है। फ्रांस में 28.88 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से प्रभावित हुए हैं और 69,168 मरीजों की मौत हाे चुकी है। तुर्की में कोविड-19 से अब तक 23.55 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं तथा 23,325 लाेगों की मौत हुई है।इटली में अब तक 23.19 लाख से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं और 80,326 लोगों की मौत हो चुकी है। स्पेन में इस महामारी से अब तक 21.76 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं तथा 52,878 लोगों की मौत हुई है। जर्मनी में इस वायरस की चपेट में 19.81 लाख से ज्यादा लोग आ चुके हैं तथा 42,618 लोगों की मौत हुई है। कोलंबिया में इस जानलेवा वायरस से अब तक 18.31 लाख लोग संक्रमित हुए हैं तथा 47,124 लोगों ने जान गंवाई है। अर्जेंटीना में कोविड-19 से 17.57 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं तथा 44,983 लोगों की मौत हो चुकी है। मेक्सिको में कोरोना से 15.71 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और 1.36 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। पोलैंड में संक्रमण के 14.04 मामले सामने आए हैं तथा 32,074 लोगों की मौत हो गई है। ईरान में इस महामारी से अब तक 13.05 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं तथा 56,360 लोगों की मौत हो गई है। दक्षिण अफ्रीका में 12.78 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 35,140 लोग काल के गाल में समा गए हैं। यूक्रेन में 11.66 लाख से ज्यादा लाेग इस वायरस से प्रभावित हुए हैं जबकि 21,121 लोगों की मौत हो चुकी है। पेरू में इस वायरस से अब तक 10.40 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और 38,399 लोगों की मौत हो चुकी है। नीदरलैंड में कोरोना से 9.01 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं तथा 12,786 लोगों की मौत हुई है। इंडोनेशिया में संक्रमितों की संख्या 8.58 लाख हो गयी है और मृतकों का आंकड़ा 24,951 तक पहुंच गया है। चेक गणराज्य में कोरोना से अब तक 8.55 लाख लोग प्रभावित हुए हैं तथा 13,656 लोगों की मौत हुई है। कनाडा में अब तक 6.86 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि 17,404 लोगों की मौत हुई है। रोमानिया में कोरोना से 6.81 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 16,969 लोगाें की मौत हो चुकी है। बेल्जियम में करीब 6.70 लाख लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 20,250 लोगाें की मौत हो चुकी है। चिली में कोविड-19 से 6.52 लाख लोग संक्रमित हुए हैं तथा 17,204 लोगों ने जान गंवाई है। इराक में संक्रमितों की संख्या 6.05 लाख और मृतकों का आंकड़ा 12,915 तक पहुंच गया है। बंगलादेश में संक्रमितों की संख्या 5.24 लाख को पार कर गयी है और 7833 लोगों की मौत हो चुकी है। इजरायल में इस महामारी से 5.20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 3,817 लोगों की जान जा चुकी है। स्वीडन में इस महामारी से 5.12 लाख लोग संक्रमित हुए हैं तथा 9,834 लोगों की मौत हुई है। पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 5.08 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं तथा 10,818 लोगों की मौत हो चुकी है। पुर्तगाल में कोरोना में 5.07 लाख लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 8236 लोगों की मौत हो चुकी हैं। फिलीपींस में 4.92 लाख लोग इसकी चपेट में हैं तथा 9699 लोगों की मौत हो चुकी है। स्विट्ज़रलैंड में इस महामारी से 4.90 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 8521 लोगों की मौत हो चुकी है। मोरक्को में इस महामारी से 4.55 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 7810 लोगों की जान जा चुकी है। ऑस्ट्रिया में कोरोना से 3.85 लाख लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 6868 लोगों की मौत हो चुकी हैं। सऊदी अरब में कोरोना से 3.64 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 6304 लोगों की मौत हो चुकी हैं। कोरोना वायरस से इक्वाडोर में 14,229, बोलीविया में 9493, मिस्र में 8362, ग्वाटेमाला में 5117 तथा चीन में 4,796 लोगों की मौत हो चुकी है।
गुरुवार, 14 जनवरी 2021
उपचुनाव: भाजपा का एहसान चुकाएगी बसपा
यूपी विधान परिषद चुनाव- क्या बसपा अपना कैंडिडेट न उतारकर चुकाएगी भाजपा का एहसान ! जानिए पूरा गुणा-गणित
संदीप मिश्रा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद यूपी एमएलसी इलेक्शन की 12 रिक्त हुई सीटों पर एमएलसी चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों की जोर आजमाइश शुरू हो चुकी है। एमएलसी की इन 12 सीटों के लिए 11 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जो 18 जनवरी तक चलेगी। 19 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच और 21 जनवरी तक नाम वापसी का समय होगा, जबकि 28 जनवरी को सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक मतदान का समय है। उसी दिन शाम 5:00 बजे के बाद मतगणना भी शुरू हो जाएगी।
अब अगर उत्तर प्रदेश की सियासी गणित को देखें तो इन 12 सीटों के चुनाव में भाजपा और सपा ही सबसे बड़ी पार्टियां बन सकती हैं। भाजपा मौजूदा विधायकों की संख्या और अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 12 में से 10 सीटें जितने का दम रखती है। वहीं समाजवादी पार्टी भी अगर अपने सारे तिकड़म आजमा लेती है। और अपने सहयोगी दलों के साथ समाजवादी विचारधारा में विश्वास रखने वाली राजनीतिक पार्टियों को अपने साथ मिला लेती है। तो वह भी 2 सीट जीतने की हकदार हो सकती है।
ये है समीकरण
बता दें कि यूपी की विधान परिषद में 1 सीट जीतने के लिए 32 वोटों का होना जरूरी है।और अगर सीटों की गणित को देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी के पास 310 विधायक हैं। जिनके आधार पर वह सीधे-सीधे अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 10 सदस्यों को विधान परिषद पहुंचा सकती है। क्योंकि अपना दल की विधायकों की संख्या भी भारतीय जनता पार्टी के साथ ही जाएगी। सदन में अपना दल के 9 विधायक हैं। यानी भाजपा की संख्या बढ़कर 319 हो जाती है। 319 के आधार पर भाजपा अपने 9 विधायक तो आसानी से विधानपरिषद में पहुंच लेगी और 10वी के लिए उसे बहुत कम मशक्कत करनी पड़ेगी।
बिहार: करोड़ों की हेरोइन व अफीम बरामद की
बिहार में करोड़ों की हेरोइन, अफीम बरामद, पुलिस की भनक लगते ही तस्कर फरार
अविनाश श्रीवास्तव
मादक पदार्थो की कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये आंकी गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बरामद मादक पदार्थ की जांच की गई है, जो सही पाया गया है।
औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले के बारूण थाना क्षेत्र से पुलिस ने एक घर में छापेमारी कर 660 ग्राम हेराइन और एक किलोग्राम अफीम जब्त की है। इस मामले में हालांकि किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। औरंगाबाद के पुलिस उपाधीक्षक अनूप कुमार ने बुधवार को बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी। कि सीरिस गांव के एक घर से मादक पदार्थो की तस्करी की जा रही है। इसी आधार पर घर में छापेमारी कर 660 ग्राम हेरोइन और 1 किलोग्राम अफीम बरामद किया गया है।
पुलिस गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही हैं।
पुलिस की भनक लगते ही तस्कर फरार हो गए। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। बरामद मादक पदार्थो की कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये आंकी गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बरामद मादक पदार्थ की जांच की गई है। जो सही पाया गया है। बता दें कि पिछले महीने ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी बड़े ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश करते हुए 2 लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दोनों के पास से 5 किलो हेरोइन बरामद की है। जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है। पुलिस ने इनके पास से मोबाइल फोन और कुछ सिम कार्ड भी बरामद किए थे। पुलिस को ये भी जानकारी मिली कि ये गैंग मणिपुर से आपरेट हो रहा था।
सीएम त्रिवेंद्र ने मकर संक्रांति की बधाईयां दी
पंकज कपूर
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को मकर संक्राति पर्व की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी है। अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस पर्व पर सभी प्रदेशवासियों के लिए सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की है। उन्होंने कहा कि यह त्यौहार जीवन में सकारात्मक सोच के साथ सदैव कर्म के पथ पर आगे बढ़ने की भी प्रेरणा देता है। यह पावन पर्व माँगलिक कार्यों के शुभारम्भ से भी जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने कामना की कि भगवान सूर्य की आराधना का यह पर्व हम सबके जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे।
सलाह: सीमा से हटे तो नाकाबंदी करेगी सरकार
शिवसेना की किसानों को सलाह- सीमा से हटे तो नाकाबंदी करेगी सरकार, जो हो अभी हो जाए
मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। किसान आंदोलन को लेकर अब शिवसेना भी सरकार पर हमलावर हो गई है। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार और सुप्रीम कोर्ट दोनों पर निशाना साधा है। संपादकीय में दावा किया गया है। कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के कंधे पर रखकर बंदूक चलाई है। अखबार में लिखा गया है। कि सरकार अदालत को आगे कर के आंदोलन को खत्म करने की कोशिश कर रही है। खास बात है कि केंद्र और किसान पक्ष शुक्रवार को 9वीं बार आमने-सामने आ रहे हैं।
सामना में लिखा है ‘सर्वोच्च न्यायालय ने तीन कृषि कानूनों को स्थगनादेश दे दिया है।फिर भी किसान आंदोलन पर अड़े हुए हैं. अब सरकार की ओर से कहा जाएगा, ‘देखो, किसानों की अकड़, सर्वोच्च न्यायालय की बात भी नहीं मानते.’ सवाल सर्वोच्च न्यायालय के मान-सम्मान का नहीं है। बल्कि देश के कृषि संबंधी नीति का है. किसानों की मांग है। कि कृषि कानूनों को रद्द करो। निर्णय सरकार को लेना है। सरकार ने न्यायालय के कंधे पर बंदूक रखकर किसानों पर चलाई है लेकिन किसान हटने को तैयार नहीं हैं।
इसके अलावा शिवसेना ने किसानों को चेताया भी है। उन्होंने लिखा ‘एक बार सिंघू बॉर्डर से किसान अगर अपने घर लौट गया तो सरकार कृषि कानून के स्थगन को हटाकर किसानों की नाकाबंदी कर डालेगी इसलिए जो कुछ होगा, वह अभी हो जाए। गौरतलब है। कि अदालत ने तीनों नए कानूनों को लागू किए जाने पर फिलहाल रोक लगा दी है। वहीं, मामले के निपटारे के लिए 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। शिवसेना ने इस समिति में शामिल सदस्यों पर भी सवाल उठाए हैं. संपादकीय में लिखा गया कि चारों सदस्य कल तक कानूनों का समर्थन कर रहे थे।
सरकार पर देशद्रोह का रूप देने के आरोप
शिवसेना ने आरोप लगाए हैं। कि सरकार आंदोलन खत्म नहीं होने देना चाहती है। सामना में लिखा ‘आंदोलनकारी सरकार की बात नहीं सुन रहे इसलिए उन्हें देशद्रोही, खालिस्तानवादी साबित करके क्या हासिल करनेवाले हो? चीनी सैनिक हिंदुस्थान की सीमा में घुस आए हैं. उनके पीछे हटने की चर्चा शुरू है लेकिन किसान आंदोलनकारियों को खालिस्तान समर्थक बताकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। अगर इस आंदोलन में खालिस्तान समर्थक घुस आए हैं। तो सरकार की असफलता है। सरकार इस आंदोलन को खत्म नहीं करवाना चाहती और इस आंदोलन पर देशद्रोह का रंग चढ़ाकर राजनीति करना चाहती है।
किसानों और सरकार के बीच 8 बार की बातचीत बेनतीजा रही है. आज किसान आंदोलन का 50वां दिन है। माना जा रहा है। कि किसान आज बातचीत को लेकर बड़ी घोषणा कर सकते हैं। वहीं, अब तक हुई बातचीत में बड़े मुद्दों को छोड़कर केवल पराली जलाने और सब्सिडी के मुद्दे पर ही सहमति बन पाई है। हालांकि, सरकार ने शुक्रवार को होने वाली बातचीत को लेकर बड़ी उम्मीद जताई है।
आज लॉन्च, पीएम कौशल योजना का तीसरा चरण
कल लॉन्च होगा प्रधानमंत्री कौशल योजना का तीसरा चरण, जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। शुक्रवार को देश के सभी राज्यों में स्थित 600 जिलों में प्रधानमंत्री योजना के तीसरे चरण को लॉन्च किया जाएगा। विकास उद्यमिता मंत्रालय ( एमसीडी द्वारा इसका प्रायोजन किया गया है। इस चरण में कोरोना से संबंधित कौशल योजना पर ध्यान केंद्रित रहेगा।
प्रधानमंत्री कौशल योजना का तीसरा चरण कल यानी 15 जनवरी को लॉन्च होगा। देश के सभी राज्यों के 600 जिलों में यह योजना लॉन्च की जाएगी। कौशल विकास उद्यम एमएसडी जी) द्वारा इसका प्रायोजन किया गया है। इस चरण में कोरोना से संबंधित कौशल योजना पर ध्यान केंद्रित रहेगा। रिपोर्ट के मानें तो इस बार इस योजना में जिला स्तरीय कौशल समितियों को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। ताकि स्थानीय कौशल जरूरतों को पूरा किया जा सके।
2015 में पहले चरण की हुई थी शुरुआत
गौरतलब है कि सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का पहला चरण 2015 और दूसरा चरण 2016 में शुरू किया था। इसके तहत 2020 तक एक करोड़ लोगों के कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया था। बता दें कि साल 2015 में शुरू की गई इस योजना के माध्यम से लाखों लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने साल 2015 में यह योजना शुरू की थी। और 2020 तक एक करोड़ लोगों को कुशल बनाने के लक्ष्य के साथ इसमें 2016 में सुधार के लिए बदलाव किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मानें तो 11 नवंबर तक प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत देशभर में 69 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है। लक्ष्य
बता दें कि प्रधानमंत्री कौशल योजना का लक्ष्य देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देना है। जिससे उन्हें रोजगार पाने में सहायता मिल सके। युवाओं को ट्रेनिंग देने की फीस का सरकार खुद भुगतान करती है। इस योजना के माध्यम से सरकार कम पढ़े लिखे या 10वीं, 12वीं कक्षा ड्राप आउट (बीच में स्कूल छोड़ने वाले) युवाओं को कौशल ट्रेनिंग मुहैया कराती है।
कड़ा हो सकता है कोरोना का अगला पड़ाव
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी पहले साल के मुकाबले ज्यादा मुश्किल हो सकता है कोरोना का अगला पड़ाव
वाशिंगटन। कोरोना की वैक्सीन तैयार होने के बाद अब दुनिया भर में लोगों ने राहत की सांस ली है। कई देशों में वैक्सीनेशन का काम शुरू हो गया है। और भारत में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। अभी कोरोना के पहले फेज से दुनिया को छुटकारा नहीं मिला है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने एक चेतावनी दी है जो परेशान करने वाली है। डब्ल्यूएचओने चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना महामारी का अगला फेज पहले साल के मुकाबले ज्यादा मुश्किल हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइकल रेयान के अनुसार कोरोना महामारी का दूसरा साल ट्रांसमिशन डायनामिक्स पर पहले की तुलना में ज्यादा कठिन हो सकता है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 मार्च को कोविड-19 के कहर को महामारी घोषित किया था। अब तक दुनिया में 9.21 करोड़ लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। और 19.7 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है।
वहीं, वैश्विक शोधकर्ताओं की एक टीम गुरुवार को चीन के वुहान शहर पहुंची, जहां कोरोना वायरस महामारी का पहली बार पता चला था। टीम वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए जांच करेगी। टीम यह भी पता करेगी कि क्या चीन ने वायरस से संबंधित खोजों को रोकने की कोशिश की है।
इस 10 सदस्यीय टीम को महीनों के राजनयिक टाल-मटोल के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने मंजूरी दे दी थी। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह वे चीनी वैज्ञानिकों के साथ ‘विचारों का आदान-प्रदान’ करेंगे, लेकिन उन्होंने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि क्या उन्हें सबूत इकट्ठा करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। उन्हें दो सप्ताह के क्वारंटाइन के साथ-साथ गले के स्वैब परीक्षण और कोविड-19 के लिए एक एंटीबॉडी परीक्षण से गुजरना होगा।
हालांकि 10 सदस्यीय टीम क्वारंटाइन में रहते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चीनी विशेषज्ञों के साथ काम करना शुरू करेंगा डब्ल्यूएचओ की इस टीम में संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, रूस, नीदरलैंड, कतर और वियतनाम के वायरस और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। वैज्ञानिकों को शक है। कि चीन के दक्षिण पश्चिम में वायरस ने चमगादड़ या अन्य जानवरों के जरिए मनुष्यों के शरीर में प्रवेश किया होगा। 2019 से अब तक वायरस के कारण 1.9 मिलियन लोगों की मौत हो गई है। ऐसी शिकायत हैं। कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने यह बीमारी फैलने की अनुमति दी। उधर, चीन का कहना है। कि वायरस विदेश से आया था। संभवतः आयातित समुद्री भोजन से, लेकिन वैज्ञानिक इस तर्क को स्वीकार नहीं करते हैं।
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