गुरुवार, 14 जनवरी 2021

विद्यार्थी मोर्चा ने किसानों के समर्थन के संदेश दिए


मेरठ। किसान किसान अध्यादेश पूरे समाज के लिए भारत देश के हर नागरिक के लिए एक अभिशाप साबित हो रहा है। बल्कि एक बड़े नाग के रूप में सामने लाया जा रहा है। जो पूरे भारतीय किसानों को मूल निवासियों को गरीबों को मजदूरों को मजदूरों को रोटी से मोहताज कर देगा। भारतीय विद्यार्थी मोर्चा की एक बैठक डॉक्टर जाकिर हुसैन कॉलोनी में मोहम्मद राशिद सैफी जी के यहां आयोजित की गई। जिसमें भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट राहुल कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कीजिए सरकार आज एक नाग के रूप में बैठी हुई है। जो पूरे भारत को 10 रही है और अब किसान अध्यादेश लाकर समस्त समाज को डसने का काम कर रही है। हिंदू हिंदुत्व के नाम पर यह सरकार लोगों को गुमराह कर रही है और आपसे प्यार मोहब्बत को खत्म करने पर तुली हुई है। यह भारत को खोखला कर दिया है। इस सरकार ने और लगातार आतंकवादी लोगों का सहयोग कर रही है। हमें इससे बचना होगा अपने देश को भारत संविधान को बचाना होगा।
बहुजन मुक्ति पार्टी के पश्चिमांचल महासचिव एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज भारत देश में जो स्थिति बनी हुई है। यह हमारे समाज के लिए बहुत खतरनाक सिद्ध हो रही है और आने वाले वक्त में हर गरीब व्यक्ति मजलूम पसमांदा वर्ग सबके लिए बड़ी दुखदाई खबर लेकर आएगी और आ रही है। जो आज किसान अपने लिए नहीं बल्कि हमारे लिए गरीबों के लिए लड़ रहा है। हमें उनका साथ देना चाहिए और मोदी सरकार को किसान अध्यादेश वापस ले लेने चाहिए लेकिन यह इतनी निकम्मी सरकार है कि जो भी इसके विपक्ष में बोलता है तो उसको जेल में डालने का काम करती है। लेकिन बहुजन मुक्ति पार्टी कभी इनसे जेलों से या इनके अत्याचारों से नहीं डरती है और बामसेफ की विचारधारा पर काम करने वाली एकमात्र पार्टी है। जो हमें और हमारे भारतीय संविधान को हमारे हक अधिकारों को बचाने का काम करते हैं। अन्यथा आज तक बहुजन के नाम पर अनेक बहुत सारे राजनीतिक दल बने हुए हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। केवल दलाली तक सीमित रह गए हैं और लोगों को लूटने का छूटने का काम कर रहे हैं, जो हमें बचना होगा। हमें समझना होगा कि हमारे हक में हमारा दुश्मन से लड़ने वाली पार्टी केवल एक मूलनिवासी और विदेशी की लड़ाई लड़ रही है। जो डीएनए में साबित हो चुका है तो ब्राह्मण विदेशी हैं और यह आज 80 परसेंट पूरे भारतीय लोगों पर अत्याचार और अपने आप को हुक्मरान साबित कर रहे हैं। ओबीसी वर्ग को हिंदू बनाकर मुस्लिमों से लगाया जाता है। जबकि ओबीसी को आज तक गिनती तक नहीं होने दिए आने वाले वक्त में जो आज 2021 में ओबीसी की गिनती होनी थी। अध्यादेश से उसको लारी में रखकर उसको खत्म करना चाहते हैं और आने वाले वक्त में इसको गिनती तक नहीं होने देना चाहती ओबीसी का हक अधिकार मारना चाहती है। मोदी वैसे बनिया समाज से है। उच्च श्रेणी से है लेकिन उसको ओबीसी वर्ग का इन्होंने साबित करके दिखाया पेश किया लेकिन वह लूटने वाला बनिया वर्ग है। हमें इस को समझना होगा संजय कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा यह आजादी हमारी देश की आजादी नहीं है। हमारा देश आज भी इन ब्राह्मणों के कब्जे में है। हम लोगों को गुलाम बनाकर रखा गया है। उस आजादी को आम लोगों तक पहुंचने से रोका गया इन ब्राह्मणों ने अपना कब्जा आजादी के बाद भी साबित करके रखा हुआ है। आज भी हमें एक दूसरे को आपस में लड़ा कर अपने आप का हमें गुलाम बनाना चाहती हैं। हमें इससे बचना होगा। बैठक मे एड राहुल कुमार भारतीय विद्यार्थी मोर्चा उपाध्यक्ष उ. प्र संजय कुमार आर डी गादरे बहुजन मुक्ति पार्टी के पश्चिमांचल जोन महासचिव एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आर डी गादरे अहमद काजिम मा राशिद आदि ने विचार रखे। बैठक में रहीम मनोज, मो. अली, कासिद शालीम, मोहसिन फैसल, फरमान सुहैल, वाहिद सिकन्दर, प्रदीप फरमान, मोईन, अर्श अरशद, शहजाद समीर, सुएब अनीस शाहिद आदि मौजूद रहे।

बेरोजगारी के दौर में नौकरी के नाम पर की लूट

राधेश्याम शास्त्री  
कुशीनगर। बेरोजगारी के दौर में नौकरी चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी उसके नाम पर कभी भी लूटा जा सकता है। भले ही नौकरी आफिस में बैठकर लिखा-पढ़ी करने की है। साहब की जी हजूरी करने की है या गांव शहर की सड़कों और गलियों के सफाई करने की ही क्यों न हो।बस! इसकी भनक भर लग जाय। नौकरी पाने वालों की कतार लग जायेंगे। वह भी मुफ्त नहीं, बल्कि भरी हुई जेब के साथ। छोटी-बड़ी सरकारी नौकरी के बैकैंसी की अभी घोषणा हुई ही नहीं कि छोटे-बड़े सफेद पोशधारी नौकरी का‌ ठेका लेकर घूमने लग जाते हैं और नेता या बड़े अधिकारी से काम करने की गारंटी पर 20 हजार रुपए से लाखों रुपए तक इन बेरोजगारों से ऐंठने में कामयाब हो जाते हैं। पूर्व में जनपद के सभी गांवों में सफाई कर्मी के रूप में बाल्मिकी समाज के लोगों को आथि॔क रुप से राहत पहुंचाने के हेतु सरकारी पद की घोषणा बसपा सुप्रीमों व सूबे के मुखिया बहन मायावती द्वारा की गई। परन्तु आवेदन में कोई प्रतिबंध नहीं करके समस्त वर्गों के लोगों को आवेदन देने की छूट दे दी गयी।न जिसका परिणाम यह निकला कि सरकार के मंशा के अनुरूप कोई भी गरीब, मजदूर या बाल्मिकी समाज का व्यक्ति नौकरी  नहीं पा सका। अलबत्ता पैसे के बल पर समाज के अन्य वर्गों के लोग नौकरी हथिया लिए और जरूरत मंद हाथ मलते रह गए। आलम यह है कि गांवों में तैनात सफाई कर्मी स्वयं काम न करके महीने में दो चार दिन मजदूर रखकर काम की खानापूर्ति कर अपना वेतन प्रतिमाह लेते जा रहें हैं। जनपद के कई गांवों का   दौरा करने पर पाया गया कि एक तरफ़ जहां सड़कों और गलियों में कचड़ा भरा हुआ है। वहीं दूसरी ओर नालियां गन्दगी से बजबजा रही है। जिससे संक्रामक बिमारियां फैल रही है। किसी भी सफाई कर्मी का नाम पता व गांवों में आने का समय, दिन निश्चित नहीं है।इसकी‌ जानकारी केवल ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी को होता है। गांव के किसी भी‌आदमी को कुछ भी मालूम नहीं होता है। उधर जिसके लिए यह योजना लागू की गई वह बाल्मिकी समाज आज भी ग़रीबी की मार झेलते हुए नरक की जिंदगी जीने को बेबस है। आधुनिक युग में फाइबर, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों के आ जाने से उनका समूचा कारोबार भी चौपट हो गया है। आखिर वो करें तो क्या? जगह -जगह धरना प्रर्दशन और हड़ताल करने पर भी दलितों की दम्भ भरने वाली सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है बल्कि खुद आरक्षण को लेकर महिला-पुरुष, सामान्य, पिछड़ी, अनुसूचित जाति वर्ग अनुसूचित जनजाति के भंवरजाल में फंस गई है। जनपद के कई ब्लाकों के कई गांवों से जहां ब्राह्मण, सिंह, यादव आदि संबल वर्ग के लोगों को नियुक्त कर लिया गया है वहीं सांस बहुओं को नहीं बेटियों को भी सफाई कर्मी के रूप में नियुक्त करके सारी पारदर्शी की धज्जियां उड़ा दी गई है। ये नियुक्त कमी॔ स्वयं  तो जाते नहीं हैं बल्कि गांव के ही किसी आदमी को आधा -तिसरी मजदूरी देकर कोरम पूति॔ करवा लेते हैं। सरकारी महकमे के पास इतना भी समय नहीं है कि वह जाने कि  सम्बन्धित गांव का सफाई कर्मी काम भी कर रहा है या मुफ्त में वेतन ले रहा है। इसका जीता जागता प्रमाण जनपद के दुदही विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत सोरहवां, शाहपुर माफी,अराजी बुन्देलगिरी में मौके पर जाकर देखने को मिला। सफाई कर्मियों द्वारा वर्षों से गांवों के नालियों की सफाई नहीं किया गया है। तथा फर्जी तरीके से पेरोल बनाकर हर माह अपना वेतन उठाते जा रहे हैं। कर्मचारी फर्जी तरीके से संस्तुति करते जा रहे हैं।ऐसा क्यों! इसमें राज क्या है? क्षेत्र में चर्चा है कि तमाम सफाई कर्मी गांवों में इसलिए नहीं जाते हैं कि वे या तो किसी नेता के भाई -भतीजा हैं या  किसी सता पक्ष के‌ नेता के रिश्तेदार बताते हैं। 
वास्तव में यह ‌निषपक्ष व निर्भीक रुप से जांच-पड़ताल का विषय है। यदि वह सफाई कर्मी के पद पर नियुक्त हैं चाहे जैसा भी हुआ है। वह गांवों में जाकर सफाई कर्मी में लग जायें। अन्यथा गरीबों के खून-पसीने की गाढ़ी कमाई को वैसे ही  न डकार जाय। चर्चा है कि विकास खंड के सहायक विकास अधिकारी पंचायत श्री रामविलाश गोंड व आफिस के बाबुओं द्वारा सफाई कर्मियों पर दबाव व निर्देश देने के बावजूद भी इन सफाई कर्मियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। क्यों? चर्चा है कि जब भी कार्यवाही की बात आती है तो सफाई कर्मियों द्वारा अधिकारियों व  क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों द्वारा अधिकारियों पर‌ जबरन दबाव बनाया जाता है। उधर विभागीय अधिकारियों जिला पंचायत राज अधिकारी जनपद-कुशीनगर के पास फोन किए जाने पर फोन हमेशा स्वीच ऑफ रहता है। लगता है कि इन्हीं माननीय का संरक्षण प्राप्त है। क्योंकि इनके द्वारा कभी भी ज़िले में दौड़ा करने का समाचार प्राप्त नहीं हुआ है। यदि ऐसी बात नहीं है तो वर्षों से लापरवाह व अनुशासनहीन कमियों के खिलाफ जांच पड़ताल करके कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है। 

प्रदेश के भविष्य निर्माण के प्रति सरकार बेपरवाह

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी
हापुड़। जहां पर यूपी सरकार नौनिहालों के विद्यालयों पर दे रही है। पूरी तरह से शक्ति से ध्यान कर रही है। आदेश पर आदेश, कर रही है। लाखों करोड़ों रुपए खर्च देश के नौनिहालों का भविष्य बनाने में नहीं है यूपी सरकार पीछे, वही देखा जाए तो यूपी सरकार के नौनिहालों पर खर्च होने वाला पैसा जमीनी स्तर पर नहीं चमक रहा। क्योंकि जनपद हापुड़ के तहसील गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत कई विद्यालय ऐसे हैं। जहां पर देश के भविष्य शिक्षा तो ले रहे हैं। मगर विद्यालयों की बिल्डिंग पर एक पल का भी भरोसा नहीं है, जो बिल्डिंगए काफी समय से जर्जर हालात में खड़ी हैं वो आज भी इसी तरह से खड़ी हैं, जिन बिल्डरों का छूट रहा है बिना हाथ लगाए सीमेंट भी, विद्यालयों के रूम की छत में लगा रखे हैं बिल्डिंग की छत को रोकने के लिए ईटों के पोल, अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि जिस विद्यालय की छत के नीचे पोल लगे हैं बीच में खड़े हैं तो उन विद्यालयों पर आम जनता या कोई अधिकारी यह सरकार कितने समय का भरोसा कर सकते हैं, क्षेत्रीय विद्यालयों का मामला है बड़ा, उठते हैं क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारी पर कई सवाल, क्या वो क्षेत्रीय विद्यालयों का दौरा नहीं करते, या दोहरा कर आश्वासन देकर कार्य खत्म हो जाता है, आते हैं क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारी सवालों के घेरे में, आखिर जिन विद्यालयों में बच्चे शिक्षा ले रहे हैं उन विद्यालयों का दौरा नहीं कर पाते, नहीं तो जितने समय से शिक्षा अधिकारी क्षेत्र में हैं विद्यालय के हालात इतने जर्जर बेकार क्यों हुए, विद्यालय के हालात है राम भरोसे आखिर किस विश्वास पर बच्चे इतने समय से कर रहे हैं अपनी शिक्षा पूरी इन खस्ता हालात के विद्यालयों में, क्या योगीराज में इसी तरह के विद्यालयों में बच्चे शिक्षा लेते क्षेत्रीय अधिकारियों को अच्छे लग रहे हैं या उनकी जिंदगी पर कोई बड़ी ग्रह घूमती हुई सही लग रही है, गाजियाबाद के मुरादनगर हादसे से हुई हापुड़़ शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं ले पाई सबक, मामला हुआ हाईलाइट तो संज्ञान बता डाला तथा जांच का आश्वासन भी दिया गया, जहां पर श्मशान घाट के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल दिए बड़े आदेश पड़ा भारी श्मशान घाट को बनाने वालों पर देखना पड़ा सलाखों का चेहरा लगी सख्त धाराएं, फिर भी हापुर के शिक्षा अधिकारी बैठे हैं आराम से कुर्सी पर, आखिर बच्चों के अभिभावक भी होंगे परेशान ऐसे विद्यालयों को देखकर जिनमें उनके आंखों के उजाले लेते हैं शिक्षा नौनिहाल, मगर वो बिल्डिंग नहीं है एक पल की भरोसे की भी जहां पर आए हैं उनके बच्चे उनका नाम रोशन करने के लिए शिक्षा लेने, गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत लगभग कई स्कूल ऐसे पाए गए हैं जहां पर आम व्यक्ति भी बैठना पसंद नहीं करेगा उन विद्यालयों के हालातों को देखते हुए, आखिर क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी इतनी समय से क्या कर रहे हैं।जिन्हें विद्यालयों के मामलों में संज्ञान हैं या नहीं, बना हुआ है। गढ़ क्षेत्र में नौनिहालों की जिंदगी पर बड़ा खतरा विद्यालयों की बिल्डिंग को देखते हुए। जहां पर आप ने देखा कि गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत गांव लुहारी , गांव शेरपुर आलापुर, गांव अनूपपुर डिबाई वार्ड नंबर 1 तथा इन सबसे ज्यादा भुरी और खस्ता हालात में खड़ा है। गांव हशूपुर का विद्यालय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, आखिर इन विद्यालयों का इतना मामला क्यों हुआ खस्ता, मामला बना रहेगा काफी बड़ा सवाल है। बहुत ज्यादा मगर जवाब किसी के पास नहीं, अब देखना यह होगा कि क्षेत्रीय खंड शिक्षा अधिकारी इन सभी विद्यालयों के विषय में कितनी जल्द करते हैं। कार्यवाही या इसी तरह रह जाएंगे। सब आश्वासन पर आश्वासन रखे हुए।

'राम' मंदिर निर्माण हेतु जागरूकता रैली निकाली

भानु प्रताप उपाध्याय
शामली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गुरुवार को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए एकत्र की जाने वाली धनराशि के लिए जनजागरूकता रैली निकालेगा। इस संबंध में बुधवार को संघ के जिला कार्यालय पर बैठक हुई। इसमें आरएसएस और उसके आनुषांगिक संगठन विश्व हिदू परिषद, बजरंग दल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिदू परिषद, भारतीय जनता पार्टी आदि संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद रहे। बाइक रैली दोपहर 12 बजे वीवी इंटर कालेज से शुरू होकर नगर के मुख्य मार्गों कबाड़ी बाजार, बड़ा बाजार, शिव चौक, भिक्की मोड़, माजरा रोड, टंकी रोड, धीमानपुरा, पुराना डाकखाना, रेलवे रोड, हनुमान धाम, शिव चौक से होकर वीवी इंटर कालेज तक संपन्न होगी। अभियान 15 जनवरी शुक्रवार से 31 जनवरी रविवार तक चलाया जाएगा।

ऑपरेशन 420, फर्जी कॉल सेंटर संचालक अरेस्ट

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। ऑपरेशन 420 के तहत गाज़ियाबाद पुलिस की साइबर क्राइम सैल व कोतवाली पुलिस ने सूचना के आधार पर फर्जी कॉल सेंटर संचालन करके नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वालों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 20 मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड, 225 रिज्यूम लैटर, 13 डाटा शीट, एक लैपटॉप, 14 रजिस्टर, 40 हजार रुपए नगद, 10 एम्पलॉयमेंट ट्रेनिंग लैटर बरामद किए है। सीओ प्रथम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि सूचना के आधार पर फर्जी कॉल सेंटर चलाकर लोगों को जॉब दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में आरोपियों की पहचान प्रियंका, निखिल, व अनूप के रूप में हुई है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि फर्जी नंबरों से कॉल करके लोगों को विभिन्न संस्थानों में लोन दिलाने के नाम पर उनके साथ ठगी किया करते थे। पैसे मिलने के बाद नंबर बंद कर उन नंबर को बंद कर देते थे।

गाजियाबाद को मंडल में सर्वाधिक खुराक मिलीं

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई कोरोना वैक्सीन की पहली खेप आज मेरठ से गजियाबाद पहुँच गई है। मण्डल में सबसे अधिक 28 हजार 840 वैक्सीन की डोज गाजियाबाद को मिली है। आज सुबह साढ़े दस बजे अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. रेनू गुप्ता की मौजूदगी में कोरोना वैक्सीन की खेप पुलिस सुरक्षा के दायरे में मेरठ से रवाना की गयी। डीएम गाज़ियाबाद ने दोपहर में कोरोना वैक्सीन की पहली खेप रिसीव कर ली है। 16 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी टीकाकरण का शुभारंभ होगा। अपर निदेशक कार्यालय में जिलेवार वैक्सीन की डोज की खेप को वाहनों से रवाना किया गया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोरोना वैक्सीन की गाड़ी अपर निदेशक कार्यालय से स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित सचल दस्ते के साथ रवाना हुई। खेप को केंद्रो पर पहुंचाया जायेगा। 16 जनवरी को प्रधानमंत्री के टीकाकरण अभियान की शुरूआत को लेकर प्रशासन से लेकर सरकारी महकमे के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे है। कोल्ड चेन पर पुलिस की एक गारद 24 घंटे तैनात कर दी गई है। इसमें एक सब इंस्पेक्टर व चार कांस्टेबल सशस्त्र हर वक्त पहरा देंगे। कोल्ड चेन के भीतर दो सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। बाहर की सुरक्षा पुलिस संभालेगी। भ्रमण कर कोल्ड चेन की सुरक्षा परखीं। प्रत्येक वाहन में एक पुलिसकर्मी मौजूद रहेगा।

परिवार ने खाया जहरीला पदार्थ, एक की मौत

अश्वनी उपाध्याय  

 गाजियाबाद/मुरादनगर। मुरादनगर स्थित उखालसी कालोनी में एक परिवार के सभी सदस्‍यों की एक साथ अचानक हालत बिगड़ गई है। इनमें कुणाल नाम के 14 वर्षीय एक बच्‍चे की मौत हो गई। जबकि उसके पिता रामपाल, मां अनीता और बहन शगुन की भी हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें आईटीएस सूर्या अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। रहस्यमय बीमारी की वजह अभी स्‍पष्‍ट नहीं हो पाई है। पुलिस को आशंका है कि परिवार के सभी सदस्‍यों ने एक साथ कोई जहरीला पदार्थ खा लिया या फिर उनके भोजन में कुछ ऐसा था। जिससे फूड प्‍वाइजनिंग हो गई। थाना प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार के नेतृत्‍व में पुलिस मौके पर जांच में जुटी है। फिलहाल मकान पर ताला लगा दिया गया है। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया है। घटना की सूचना पाकर आसपास के लोग घर के आसपास जुट गए हैं। लोगों के अनुसार मारे गए 14 वर्षीय कुणाल का किसी बीमारी का इलाज चल रहा था।

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी क...