बुधवार, 13 जनवरी 2021

कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध व्यक्त

अली अकबर 

काशीपुर। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि विधेयक बिलो को वापस लिए जाने की मांग करते हुए सैकड़ों की तादाद में किसानों ने नगर के मुख्य चौराहे पर एकत्रित होकर कृषि कानून की प्रतियों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने दोपहर करीब 3:00 बजे चीमा चौराहे पर एकत्रित होकर काले झंडे लेकर केंद्र सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए कृषि बिलों की प्रतियां जलाई। तथा सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। भारतीय किसान यूनियन के बलविंदर सिंह संधू ने कहा कि जब तक तीनों काले कृषि कानूनों को सरकार के द्वारा वापस नहीं लिया जायेगा तब तक किसान घर वापस नहीं लौटेंगे। किसान बिल की प्रतियां फूंकने वालों में बलविंदर सिंह संधू, प्रताप सिंह, गगन कंबोज, बलविंदर सिंह, मनप्रीत सिंह, जगपाल सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरदास सिंह, जगमोहन सिंह, एडवोकेट हरीश कुमार, टीका सिंह सैनी, राजू छीना, दर्शन सिंह, बलदेव सिंह, बलकार सिंह फौजी, चमकौर सिंह, हरविंदर सिंह तथा कश्मीर सिंह समेत सैकड़ों की तादाद में किसान मौजूद रहे।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने जताई चिंता

नई दिल्ली। निर्णय लेने वाले निकायों में महिलाओं की उपस्थिति पर बल देते हुए राष्ट्रीय महिला आयेाग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राजनीतिक दल उन्हें केवल तभी टिकट देते हैं। जब उनका पुरुष नेता से 'संपर्क' हो। उन्होंने हैदराबाद के मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित एक वेबिनार में डिजिटल माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं को निर्णय लेने वाले निकायों, संसद और विधानमंडलों में होना चाहिए। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मंत्रालयों में महिला संख्या पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, 'हां, ऐसी महिलाएं हैं जो अच्छे मंत्रालयों मे हैं। लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। शर्मा ने चुनाव टिकट बंटवारे में राजनितिक दलों द्वारा महिलाओं पर भरोसा न करने पर भी दुःख जताया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल महिलाओं को टिकट देना नहीं चाहते हैं क्योंकि उन्हें डर है कि वे चुनाव हार जाएंगी। उन्होंने कहा, ''वे ऐसे व्यक्ति को टिकट दे सकते हैं जिनकी समाज में अच्छी छवि नहीं है, ऐसा व्यक्ति जिसके खिलाफ आरोप हैं, लेकिन वे (राजनीतिक दल) महिला को टिकट नहीं देंगे। शर्मा ने कहा कि अगर कोई महिला टिकट पा जाती है तो भी उसका राजनीति में मौजूद किसी व्यक्ति से संपर्क जरूरी होता है जिससे चेहरा तो उसका हो लेकिन उसकी ओर से काम कोई अन्य करे।

विकास का ढिंढोरा पीटती है भाजपा, सच अलग

आश्वासन के बाद नहीं खड़े हुए बिजली के खम्मे ना ही लगा खंडजा-भावना बिष्ट
भाजपा शासन में आश्वासन तो दिया जाता है लेकिन समय से कभी कार्य नहीं होता
विकास कार्यों को लेकर ढिंढोरा पीट रही भाजपा सरकार लेकिन फिर भी विकास कार्यों के मामले में पिछड़ रहा है लोनी
 अंकित गोस्वामी  
 गाजियाबाद/लोनी। लक्ष्मी गार्डन वार्ड नम्बर 9 लगभग 1 साल से ज्यादा हो गया है। जब उत्तराखंडी समाज के लोग अपनी समस्याओं को लेकर लक्ष्मी गार्डन में ही भूख हड़ताल पर बैठे थे। लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी आज तक वार्ड नंबर 9 में समस्या ज्यों की त्यों है। उत्तराखंड के समाज के लोगों की मुख्य समस्याओं थी, बांस की बल्लिया गाड़ कर घरों तक तार को ले जाना, तब बिजली का इस्तेमाल कर पाना था। और दूसरी समस्या थी खरंजा टूटा होने के कारण बरसात में खंरजे पर पानी भर जाना।
आपको बता दें कि अक्टूबर 2019 में बिजली के खम्बों और खंडजो को लेकर उत्तराखंड समाज के लोग इन्हीं दोनों समस्याओं को लेकर काफी शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तब लक्ष्मी गार्डन में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। उस समय कोई भी अधिकारी सुध लेने नहीं पहुचा था। लेकिन उस दौरान क्षेत्रीय विधायक प्रतिनिधि भूख हड़ताल पर बैठे लोगों के बीच पहुंचे और उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्दी आपके यहां बिजली के खंभे भी लग जाएंगे और खड़ंजा भी बन जाएगा। लेकिन आज तक ना तो बिजली के खंबे लगे और ना ही खड़ंजा बना। जबकि इस विषय को लेकर आम आदमी पार्टी की नेत्री भावना बिष्ट ने कई बार क्षेत्रीय विधायक को भी अवगत कराया। इस पर आज तक अमल नहीं हुआ। वहीं, आम आदमी पार्टी जिला उपाध्यक्ष भावना बिष्ट से बात करने उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार में विकास के दावे तो हो रहे हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर काम नहीं हो रहा है और बाकी लोगों को काम के लिए आश्वासन तो दे दिया जाता है। लेकिन उसके बाद काम सालों साल नहीं होता। और क्या बताया जाए हमारे ही वार्ड में कुछ समय पहले हमारे ही समाज के लोग हमारे साथ भूख हड़ताल पर बैठे थे। लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा हमें आश्वासन तो दे दिया गया था।लेकिन आज तक काम नहीं हुआ तो क्या समझा जाए भाजपा सरकार में कि सिर्फ दावे होते हैं लेकिन काम नहीं।

सीएम का एक्शन, जिला कलेक्टर-एसपी को हटाया

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुरैना के कलेक्टर अनुराग वर्मा और पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजातिया को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इसके साथ ही एसडीओपी पर भी निलंबन की गाज गिरी है। दरअसल, यह पूरी कार्रवाई जहरीली शराब से हुई मौतों के चलते कई गई है।मुरैना जिले में जहरीली शराब से अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है। जानकारी के मुताबकि प्रदेश में पिछले 9 माह में जहरीली शराब से 38 लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद सरकारी तंत्र शराब के अवैध करोबार को रोकने में अब तक नाकाम रहा।

सपा ने विधान परिषद उम्मीदवारों की घोषणा की

दीपा सिंह  
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने बुधवार यानि आज दो प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए। इसकी जानकारी पार्टी ने बयान जारी कर दी। पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी को प्रत्याशी बनाया है।

आपको बता दें कि 11 जनवरी से नामांकन पत्र दाखिल करने की शुरू हुई प्रक्रिया 18 जनवरी तक चलेगी और 19 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 21 जनवरी को नाम वापसी और 28 जनवरी को मतदान होगा। 28 जनवरी की शाम से ही मतगणना की भी प्रक्रिया शुरू होगी।

संपूर्ण देश में सूर्य पूजा का पर्व 'मकर सक्रांति'

मकर संक्रांति का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व !!
‘रसो वै सः’- भारतीय तत्ववेत्ताओं ने जीवन को इसी रूप में परिभाषित किया है। रस यानि आनन्द-उल्लास, उमंग-उछाह। ये अवसर जीवन में बार-बार आएं, अनवरत आएं और सदा-सदा के लिए बने रहें, इसीलिए देवसंस्कृति में पर्वों का सृजन किया गया। निर्मल आनन्द के पर्याय ये सभी पर्व लोक-जीवन को देव-जीवन की ओर उन्मुख करते हैं। परन्तु इनमें भी मकर-संक्रान्ति के साथ ये अनुभूतियां कुछ अधिक ही गहराई के साथ जुड़ी हैं। यह जन-आस्था तथा लोकरुचि का पर्व है। इसे समूची सृष्टि में जीवन अनुप्राणित करने वाले भगवान सूर्य की उपासना का पर्व भी कहते हैं। इस अवसर पर उमड़ने वाले सात्विक भव देश की सांस्कृतिक चेतना को पुष्ट करते हैं। तभी तो लोकसंस्कृति पर्व-मकर संक्रान्ति सम्पूर्ण भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

मकर संक्रांति लगभग प्रतिवर्ष 14 जनवरी को ही पड़ती है। सूर्य के उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ते जाने की अवधि को दक्षिणायन तथा दक्षिण से उत्तर की ओर के यात्राकाल को उत्तरायण कहते हैं।
 वृत के 360 अंशों के समान ही पृथ्वी की परिक्रमापथ 360 अंशों में विभाजित है। इसके अण्डाकार परिक्रमापथ को 30-30 अंशों के समूहों में 12 राशियों में विभक्त किया गया है। पृथ्वी की परिक्रमा करते समय सूर्य जिस राशि में दिखाई देता है, वही सूर्य की राशि कही जाती है। संक्रांति बारह राशियों में सूर्य का संक्रमण है-रवेः संक्रमण राषौ संक्रान्तिरिति कथ्यते। मकर संक्रान्ति नवम् धनु राशि से दशम मकर राशि में संक्रमण है।

चन्द्रमास साढ़े उन्तीस दिन का एवं चन्द्रवर्ष 354 दिन का होता है, परन्तु सौर-दिन 30 दिन का एवं सौर वर्ष 365 दिन 6 घण्टे का होता है, चन्द्रवर्ष निश्चित नहीं होता है, उसमें परिवर्तन आता रहता है। इसी परिवर्तन के कारण चार वर्षों में फरवरी उन्तीस दिन की होती है। सूर्य का संक्रमण एक निश्चित अवधि एवं समय में सम्पन्न होता है। इसी कारण मकर-संक्रान्ति प्रायः हर वर्ष 14 जनवरी को ही आती है।

संक्रमण पर्व मकर संक्रान्ति का मकर शब्द का भी विशेष महत्व माना जाता है। इस महत्व को अलग-अलग भाषियों ने अपने-अपने ढंग से प्रतिपादित किया है। हरीति ऋषि के अनुसार, मकर मत्स्य वर्ग के जल-जन्तुओं में सर्वश्रेष्ठ है- मत्स्यानां मकरः श्रेष्ठो। इसीलिए यह गंगा का वाहन है। प्रायः सभी शास्त्रकारों ने गंगा को मकरवाहिनी माना है।

कामदेव की पताका का प्रतीक मकर है। अतएव कामदेव को मकरध्वज भी कहा जाता है। बिहारी सतसई में महाकवि बिहारी ने भगवान श्रीकृष्ण के कुण्डलों का आकार मकरकृत बताया है। मकराकृत गोपाल के कुण्डल सोहत कान। ध्स्यो मनो हिय धर समर ड्येढी लसत निसान॥

ज्योतिष गणना की बारह राशियों में से दसवीं राशि का नाम मकर है। पृथ्वी की एक अक्षांश रेखा को मकर रेखा कहते हैं। श्रीमद्भागवत के अनुसार, सुमेरु पर्वत में उत्तर में दो पर्वत में से एक का नाम मकर पर्वत है। तमिल वर्ष में ‘तई’ नामक महिला का उल्लेख है, जो सूर्य के मकर रेखा में आने के कारण उसका नामकरण हुआ !!

पुराणों में मकर संक्रान्ति का काफी विस्तार से वर्णन मिलता है। पुराणकारों ने सूर्य के दक्षिण से ऊर्ध्वमुखी होकर उत्तरस्थ होने की वेला को संक्रान्ति पर्व एवं संस्कृति पर्व के रूप में स्वीकार किया है। पौराणिक विवरण के अनुसार, उत्तरायण देवताओं का एक दिन एवं दक्षिणायन एक रात्रि मानी जाती है।

यह वैज्ञानिक सत्य है कि उत्तरायण में सूर्य का ताप शीत के प्रकोप को कम करता है। शास्त्रकारों ने भी मकर संक्रान्ति को सूर्य उपासना का विशिष्ट पर्व माना है। इस अवसर पर भगवान सूर्य की गायत्री महामंत्र के साथ पूजा-उपासना, यज्ञ-हवन का अलौकिक महत्व है। मकर संक्रान्ति पर्व के देवता सूर्य को देवों में विश्व की आत्मा कहकर अलंकृत किया गया है। आयुर्वेद के मर्मज्ञों का मानना है, शीतकालीन ठण्डी हवा शरीर में अनेक व्याधियों को उत्पन्न करती है।

इसीलिए तिल-गुड़ आदि वस्तुओं का इस अवसर पर प्रयोग करने का विशेष विधान है। चरक संहिता स्पष्ट करती है:- ’शीते शीतानिलर्स्पषसंरुद्धो बलिनां बली। रसं हिन्स्त्यतो वायुः शीतः शीते प्रयुप्यति।’ इस प्रकोप के निवारण के लिए आयुर्विज्ञान विशेष घी-तेल, तिल-गुड़, गन्ना, धूप और गर्म पानी सेवन की सलाह देते हैं।

ठंड: आग के पास बैठने से हो जाए सावधान

नई दिल्ली। कड़ाके की ठंड के बीच लोग हर वो चीज करते हैं। जिससे ठंड से बचा जा सके। गर्म कपड़ों के साथ गर्म तासीर वाली चीजें भी खाते हैं। साथ ही आग लगाकर भी ठंड से बचने की कोशिश करते हैं लेकिन ऐसा करना भारी पड़ सकता है। आग तापने के दौरान एक छोटी से लापरवाही कई लोगों के लिए खतरा बनती है। आग तापने के दौरान इन बातों का ध्यान जरूर है। सांस की बीमारी का खतरा: आग के तापने के दौरान लोग टायर, प्लास्टिक आदी को जलाते हैं। जिससे निकलने वाला धुआं सांस के जरिए आपके शरीर में पहुंचता है। जिससे खतरनाक बीमारियां आप को अपनी चपेट में ले लेती हैं।अस्थमा के मरीजों के लिए ये धुंआ जानलेवा तक साबित हो सकता है। हाथों की ऊंगलियों में सूजन: अधिक ठंड होने के चलते शरीर की तासीर भी ठंडी होने लगती है ऐसे में लोग आग के पास घंटों बैठकर आराम महसूस करते हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसा करने से आप की हाथों की ऊंगलियां तक सूज जाती है। क्योंकि आग के पास बैठने से एक ओर आप के हाथ गर्म हो जाते हैं तो वहीं आप ठंड में होते हैं। जिससे ऊंगलियां सूजती हैं। ऐसे में आप को हाथ सेकने के बाद कुछ देर बाद हाथों के सामान्य तापमान होने तक वहीं बैठा रहना चाहिए।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...