बुधवार, 13 जनवरी 2021

सरकार शुल्क लेगी तो हम निशुल्क लगाएंगे टीका

अकाशुं उपाध्याय  

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर केंद्र सरकार से अपील की है कि देश भर में लोगों को कोरोना की वैक्सीन मुफ्त लगवाई जाए। दिल्ली का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर केंद्र सरकार यहां के लोगों को मुफ्त वैक्सीन नहीं देती है तो दिल्ली सरकार अपने खर्चे पर दिल्ली की जनता को मुफ्त वैक्सीन लगवाएगी।

बता दें कि सीएम केजरीवाल हमेशा से कोरोना वैक्सीन को मुफ्त लगवाने की मांग करते आए हैं। अपनी मांग को सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को फिर दोहराया, "केंद्र सरकार से अपील की थी कि हमारा देश बहुत गरीब है और ये महामारी 100 साल में पहली बार आई है। बहुत सारे लोग हैं जो हो सकता है कि इसका खर्च न उठा पाएं। केंद्र से मेरी अपील थी कि पूरे देश भर में ये वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराई जाए। हम देखते हैं कि केंद्र सरकार क्या करती है। अगर केंद्र सरकार मुफ्त वैक्सीन नहीं देती है तो जरूरत पड़ने पर हम दिल्ली के लोगों के लिए इसको मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे।" 

हरीश रावत के नए ट्वीट ने फिर मचाई खलबली

पंकज कपूर 

देहरादून। आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों को छोड़, कांग्रेस, आंतरिक गुटबाजी और प्रदेश के शीर्ष नेताओं के प्रतिद्वंद्विता के कोल्ड वॉर से गुजर रही है। प्रदेश में कांग्रेस के भीतर उठ रहे। ज्वार भाटा का गुबार सोशल मीडिया में दिखाई दे रहा है। एक ओर हरीश रावत के समर्थक हैं तो दूसरी ओर प्रीतम और इंदिरा के समर्थक इन सबके बीच पार्टी की मर्यादा तार-तार कर अब आमने सामने का घमासान होने लगा है। इसी बीच हरीश रावत के कांग्रेस को एक होटल की चारदीवारी में कैद में रहने की बात कहने के बाद चौतरफा घमासान शुरू हुआ, जिसके बाद आज और फिर हरीश रावत ने एक ट्वीट किया है। हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित होने को लेकर संकोच कैसा ?अगर किसी को भी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया जाए तो मैं उसके पीछे खड़ा रहूंगा. हरीश रावत ने कहा कि रणनीति के दृष्टिकोण से यह भी आवश्यक है कि हम भाजपा द्वारा राज्यों की जीत के लिए अपनाए जा रहे फार्मूले का स्थानीय तोड़ निकालें और तोड़ यही हो सकता है कि भाजपा का चेहरा बनाम कांग्रेस का चेहरा चुनाव में लोगों के सामने रखा जाए ताकि लोग स्थानीय सवालों के तुलनात्मक आधार पर निर्णय करें, हरीश रावत ने यह भी सवाल उठाया है कि आखिर अचानक सामूहिकता क्यों याद आ गई?

धरना-प्रदर्शन कोर्ट नहीं कृषि कानून के खिलाफ

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी है. अदालत ने सरकार-किसान संगठनों के बीच विवाद निपटाने के लिए जिस कमेटी का गठन किया, उसपर भी रार छिड़ गई है. किसान संगठनों का आरोप है कि कमेटी में शामिल चारों लोग पूर्व में कानूनों का समर्थन कर चुके हैं. ऐसे में अब किसान किस प्रकार कमेटी के सामने अपनी बात रखते हैं और आंदोलन किस ओर रुख करता है। SC कमेटी के सदस्यों पर विवाद क्यों? कृषि सुधार-किसान बिल को लेकर क्या रहे हैं उनके विचार?सर्वोच्च अदालत ने केंद्र द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानून के लागू होने पर रोक लगा दी है, मौजूदा MSP व्यवस्था को जारी रखने को कहा है. साथ ही एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें चार एक्सपर्ट शामिल किए गए हैं. ये कमेटी कृषि कानून के विवाद को समझेगी और सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

पालूराम  
नई दिल्ली। किसान नेता राकेश टिकैत की ओर से बयान दिया गया है कि उनका आंदोलन सरकार के खिलाफ है, हम कभी भी सुप्रीम कोर्ट के सामने नहीं गए। हम चाहते हैं कि कानूनों को वापस लिया जाए। सरकार को इस मामले में तुरंत संसद का सत्र बुलाना चाहिए और कानूनों को वापस लेना चाहिए। हम लगातार प्रधानमंत्री और सरकार से जवाब मांग रहे हैं।  भारतीय जनता पार्टी की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी ने धरने पर बैठे किसानों को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। हेमा मालिनी का कहना है कि जो किसान धरने पर बैठे हैं, उन्हें कानून में समस्या ही नहीं पता है। कमेटी पर छिड़ी रार के बीच किसानों ने अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कह दी है। बुधवार को लोहड़ी के मौके पर किसान संगठनों द्वारा कृषि कानून की प्रतियां जलाई जाएंगी। साथ ही 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन शांति से ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही है। हालांकि, इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी किसानों को नोटिस थमाया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से भी किसानों का पुरजोर समर्थन किया गया है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की आलोचना की गई है। कांग्रेस ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के समर्थन का भी ऐलान किया है।
कमेटी पर रार, कैसे बनेगी बात?
सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिन कृषि कानून पर जारी विवाद निपटाने के लिए चार सदस्यों की कमेटी बना दी। इस कमेटी में किसान नेता भूपिंदर सिंह मान, कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि विशेषज्ञ डॉ. अशोक गुलाटी और महाराष्ट्र के किसान नेता अनिल घनवंत शामिल हैं। लेकिन किसान नेताओं का कहना है कि ये सभी कानून का समर्थन कर चुके हैं, ऐसे में रिपोर्ट सरकार के पक्ष में ही आएगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी को अगले दस दिनों में अपनी पहली बैठक करनी होगी। बैठक के दो महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। कमेटी हर पक्ष से बात करेगी और सीधे सर्वोच्च अदालत को ही रिपोर्ट करेगी।

बंगाली एकता मंच ने विवेकानंद की जयंती मनाई

कोलकाता। स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय बंगाली एकता मंच के सभी कार्यकर्ताओं में निर्णय लिया कि अबकी बार स्वामी विवेकानंद जयंती स्वामी के सिद्धांतों पर चलते हुए युवाओं को देश के प्रति जागरूक करते हुए गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा करते हुए मनाया जाएगा।
इसी को देखते हुए अखिल भारतीय बंगाली एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश क्षेत्र के बिलासपुर के एक छोटे से गांव में स्वर्ग फार्म के गोकुल नगर क्षेत्र में आशाएं और गरीब बुजुर्गों को राशन वितरित किया।।
आश्वासन दीया आगे भी किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ेगी तो अखिल भारतीय बंगाली एकता मंच के कार्यकर्ता जरूरतमंद और गरीबों के लिए हमेशा तन मन धन से मदद करने के लिए तत्पर रहेंगे।।
अखिल भारतीय बंगाली एकता मंच के अध्यक्ष सुब्रत कुमार विश्वास ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को युवाओं तक पहुंचाया और युवाओं को नशे से दूर रहने की और लोगों की सेवा करने के प्रेरित किया।।
इसी उपलक्ष में गोकुल नगर क्षेत्र के प्रभारी आनंद बाला और उनके सहयोगी ने अपने अपने प्रयासों से जरूरतमंद लोगों सहयोग प्रदान की।
जहां की तरफ देश के अंदर बड़े बड़े कार्यक्रम स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जा रही है। वहीं अखिल भारतीय बंगाली एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने निर्णय लिया कि इस साल उत्तराखंड क्षेत्र में जो भी जयंती में खर्चा आता है उस पैसों को गरीबों और जरूरतमंद लोगों में सहयोग करके स्वामी विवेकानंद जयंती मनाई जाएगी।
किस उपलक्ष में उपस्थित थे। अखिल भारतीय बंगाली समाज अध्यक्ष सुब्रत कुमार विश्वास, आनंद वाला, आशु मंडल, मानिक बैरागी, दीपक मंडल , कौशल विश्वास, शुभम दास, आदि लोग उपस्थित थे।

हल्द्वानी: बच्चों के खातों में डालें जाएंगे ₹2.76 करोड़

हल्द्वानी। शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों के कक्षा 1 से 8 तक जिले के 1351 स्कूलों में अध्ययनरत 46000 बच्चों के खातों में 2.76 करोड रुपए जारी किए जाएंगे। शिक्षा विभाग की ओर से हर साल कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ने वाले छात्रों की ड्रेस खरीदने के लिए यह रकम दी जाती है। इस योजना के अनुसार प्रत्येक छात्र को दो जोड़ी ड्रेस के लिए ₹600 उनके खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत सभी अधिकारियों को पत्र लिखकर 20 जनवरी तक ड्रेस की रकम बच्चों के खाते में ट्रांसफर करने को कहा गया है। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी हाल में नगद में कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। दरअसल वर्तमान में केवल दसवीं और बारहवीं को छोड़कर सभी कक्षाओं का पठन-पाठन ऑनलाइन माध्यम से ही चल रहा है।

उगाही के आरोप में दरोगा-सिपाही सस्पेंड किए

गोण्डा। उत्तर प्रदेश में गोण्डा जिले के धानेपुर थाने में तैनात दारोगा सतीश सिंह व सिपाही इंद्रेश यादव को वाहन चेकिंग के नाम पर वसूली करने के आरोप में पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने निलंबित कर दिया।

पुलिस प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चेकिंग के दौरान वसूली करने का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो को संज्ञान में लेते हुये पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने आरोपी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिये है। उन्होंने बताया कि शैलेश कुमार पाण्डेय ने इस मामले में सख्त रुख अख्तियार करते हुये सभी मातहतों को अवैध वसूली की शिकायतों को लेकर कड़ी चेतावनी दी हैं।

मरीजों के ठीक होने की दर 96.51फीसदी हुईं

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 15,968 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,04,95,147 हो गए। इनमें से 1,01,29,111 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 96.51 हुई।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 202 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,51,529 हो गई। आंकड़ों के अनुसार 1,01,29,111 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 96.51 प्रतिशत हो गई। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.44 प्रतिशत है। देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या तीन लाख से कम है। अभी 2,14,507 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 2.04 प्रतिशत है। भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी।वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में 12 जनवरी तक कुल 18,34,89,114 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। उनमें से 8,36,227 नमूनों की जांच मंगलवार को की गई।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...