वॉशिंगटन डीसी/ बीजिंग। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर चीन के आठ मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किये हैं। व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक प्रतिबंधित ऐप्स में अलीपे, कैम स्कैनर, क्यूक्यू वॉलेट, शेयरइट, टेंसेंट क्यूक्यू, वीमेट, वीचैट पे और वीपीएप ऑफिस शामिल हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन एप्स के जरिए अमेरिकी नागरिकों से व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठी की जा रही है। जिसे चीनी सरकार द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है। दूसरी तरफ चीनी अधिकारियों ने एक बार फिर अमेरिका के इन आरोपों को खंडन किया है।
सर्वोच्च अदालत अब इन अध्यादेशों की संवैधानिकता को परखेगा, यही कारण है कि राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष मांगा गया है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पहले ही इस मामले में हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। जिस पर अदालत ने हाईकोर्ट ना जाकर सीधे आने का कारण पूछा है।याचिकाकर्ता द्वारा हाईकोर्ट की बजाय सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका देने पर अदालत ने आपत्ति जताई। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि इस अध्यादेश पर तुरंत रोक लगा दी जाए, इसकी आड़ में अंतरधार्मिक विवाह करने वाले लोगों को परेशान किया जा रहा है। लोगों को शादियों से ही उठा लिया जा रहा है।गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने धर्म परिवर्तन से जुड़े एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने, लालच देकर या शादी का झांसा देकर धर्म बदलवाने वालों को कड़ी सजा और जुमार्ने का प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश ने भी ऐसा ही एक अध्यादेश लागू किया था और अपने यहां पांच लाख के जुमार्ने, दस साल तक की सजा का प्रावधान रखा था। अन्य कई भाजपा शासित राज्यों में इस तरह के कानून लाने की चचार्एं जोरों पर हैं. हालांकि, कई विपक्षी पार्टियों, समाज के अलग-अलग तबकों ने इसपर आपत्ति जाहिर की है।