सर्वोच्च अदालत अब इन अध्यादेशों की संवैधानिकता को परखेगा, यही कारण है कि राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष मांगा गया है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पहले ही इस मामले में हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। जिस पर अदालत ने हाईकोर्ट ना जाकर सीधे आने का कारण पूछा है।याचिकाकर्ता द्वारा हाईकोर्ट की बजाय सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका देने पर अदालत ने आपत्ति जताई। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि इस अध्यादेश पर तुरंत रोक लगा दी जाए, इसकी आड़ में अंतरधार्मिक विवाह करने वाले लोगों को परेशान किया जा रहा है। लोगों को शादियों से ही उठा लिया जा रहा है।गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने धर्म परिवर्तन से जुड़े एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने, लालच देकर या शादी का झांसा देकर धर्म बदलवाने वालों को कड़ी सजा और जुमार्ने का प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश ने भी ऐसा ही एक अध्यादेश लागू किया था और अपने यहां पांच लाख के जुमार्ने, दस साल तक की सजा का प्रावधान रखा था। अन्य कई भाजपा शासित राज्यों में इस तरह के कानून लाने की चचार्एं जोरों पर हैं. हालांकि, कई विपक्षी पार्टियों, समाज के अलग-अलग तबकों ने इसपर आपत्ति जाहिर की है।
बुधवार, 6 जनवरी 2021
स्टील प्लांट में जहरीली गैस रिसाव, 4 की मौत
लव जिहाद अध्यादेश पर रोक लगाने से मना किया
कई राज्यों में बर्ड फ्लू की दहशत, आपदा घोषित
राजेश तिवारी
नई दिल्ली। राजस्थान, मध्य प्रदेश के बाद हिमाचल और केरल तक बर्ड फ्लू से दहशत मच गई है, जिसे देखते हुए राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी किया है। राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी किया है। केरल ने तो इसे राजकीय आपदा घोषित कर दिया है। केरल ने बर्ड फ्लू को आपदा घोषित कर दिया है तो मध्य प्रदेश के मंदसौर में अंडे और चिकन की दुकानें बंद करा दी गई हैं।
मध्य प्रदेश में 23 दिसंबर से 3 जनवरी तक 376 कौओं की मौत हो चुकी है। इनमें से सबसे ज्यादा 142 मौतें इंदौर में हुई हैं। इसके अलावा मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13, सीहोर में 9 कौओं की मौत हुई है। पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बताया कि ‘कौओं के सैम्पल भोपाल की स्टेट डी.आई. लैब भेजे गए हैं। इंदौर और मंदसौर से भेजे गए सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के पॉन्ग डैम की झील में हजारों की संख्या में मारे गए प्रवासी पक्षियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन पक्षियों की मौत की वजह बर्ड फ्लू ही पाई गई है। मारे गए प्रवासी पक्षियों के सैम्पल भोपाल की लैब में भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट में H5N1 (बर्ड फ्लू) की पुष्टि हुई है.। बर्ड फ्लू का पता लगने पर प्रशासन ने डैम के नजदीक मांस व अंडा बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
1. अंक-143 (साल-02)
2. बृहस्पतिवार, जनवरी 07, 2021
3. शक-1983, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी संवत 2077।
4. प्रातः 07:13, सूर्यास्त 05:19
5. न्यूनतम तापमान -02 डी.सै., अधिकतम-16+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।
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मंगलवार, 5 जनवरी 2021
एससी ने विस्टा परियोजना के लिए हरी झंडी दी
अश्विन उपाध्याय
नई दिल्ली/गाजियाबाद। सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए हरी झंडी दे दी है। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा परियोजना’ को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। इस परियोजना के लिये पर्यावरण मंजूरी दिये जाने और इसके लिये भूमि उपयोग में बदलाव सहित अनेक बिन्दुओं पर सवाल उठाये गये थे। फैसला सुनाते समय जस्टिस खानविलकर ने कहा कि परियोजना के तहत स्मॉग टावर्स स्थापित किए जाएं। खानविलकर ने कहा कि डीडीए एक्ट के तहत केंद्र का कदम वैध है। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण समिति द्वारा दी गई सिफारिश को भी वैध माना।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने इन याचिकाओं पर फैसला सुनाया। इस पीठ ने पिछले साल पांच नवंबर को इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि इन पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा। हालांकि, न्यायालय ने सात दिसंबर को केन्द्र सरकार को सेंट्रल विस्टा परियोजना के आयोजन की अनुमति दे दी थी। सरकार ने न्यायालय को आश्वासन दिया था कि इस परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने या पेड़ों को काटने जैसा कोई काम नहीं किया जाये। परियोजना का शिलान्यास कार्यक्रम 10 दिसंबर को आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन की नयी इमारत की आधारशिला रखी थी।
इस परियोजना में 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। इस परियोजना के तहत साझा केन्द्रीय सचिवालय 2024 तक बनने का अनुमान है। यह परियोजना लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे दायरे में फैली हुई है।
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