रविवार, 3 जनवरी 2021

हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी

चंडीगढ़। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन एक महीने से अधिक समय से जारी है। प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं। जींद जिले के ईटल कलाँ गावं से 38 दिनों से लगातार किसानों के लिए संघर्ष कर रहे किसान जगबीर की मौत हुई। इसके साथ ही कुंडली बॉर्डर पर किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आए दो और किसानों की मौत हो गई है और एक किसान की हालत काफी गंभीर। पुलिस की शुरूआती जांच में पता चला है कि किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आए दोनों किसान बलवीर सिंह गोहाना क्षेत्र व किसान निर्भय सिंह पंजाब के गांव लिदवा के रहने वाले हैं। रविवार सुबह को गोहाना के गांव गंगाना के रहने वाले किसान बलवीर सिंह की मौत की सूचना आई। मृत किसान के साथ मौजूद अन्य किसानों ने बताया कि शनिवार रात तक स्वस्थ्य थे, केवल थोड़ी थकान महसूस कर रहे थे।

हर किसान अपना हक लेकर रहेगा: राहुल

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की तुलना अंग्रेजों के शासन में हुए चंपारण आंदोलन से की और कहा कि आंदोलन में भाग ले रहा हरेक किसान एवं श्रमिक सत्याग्रही है, जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा।राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘देश एक बार फिर चंपारण जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है। तब अंग्रेज ‘कम्पनी बहादुर’ था, अब मोदी-मित्र ‘कम्पनी बहादुर’ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आंदोलन में भाग ले रहा हर एक किसान-मजदूर सत्याग्रही है जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा।

महात्मा गांधी ने 1917 में चंपारण सत्याग्रह का नेतृत्व किया था और इसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक आंदोलन माना जाता है। तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रही कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इससे खेती और किसानों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। किसानों ने ब्रिटिश शासनकाल में नील की खेती करने संबंधी आदेश और इसके लिए कम भुगतान के विरोध में बिहार के चंपारण में यह आंदोलन किया था। उल्लेखनीय है कि गत बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता के बाद सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच बिजली के दामों में बढ़ोतरी एवं पराली जलाने पर जुर्माने के मुद्दों पर सहमति बनी थी, लेकिन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी को लेकर गतिरोध बना हुआ है। हजारों किसान कड़ाके की ठंड के बावजूद एक महीने से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

हरियाणा: 10वीं-12वीं के बोर्ड की परीक्षाएं मई में होगी

चंडीगढ़। प्रदेश सरकार 10वीं और 12वीं के बोर्ड के विद्यार्थियों की परीक्षा मई में करवाने की योजना बना रही है। दरअसलल कोरोना के चलते हुए बच्चों की पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए सरकार इस बार वार्षिक परीक्षाओं में गेप लेकर चलेगी। इसी के चलते इन दोनों कक्षाएं के फाइनल एग्जाम मई में करवाए जा सकते हैं। इस बारे में फैसला 4 जनवरी यानी सोमवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में होगा। बैठक में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के अलावा विभाग के आला अफसर मौजूद रहेंगे। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा इस बार 10वीं और 12वीं के फाइनल एग्जाम मई में करवाने की कोशिश है। सीबीएसई पहले ही यह निर्णय कर चुका है।


आंदोलन: शहीद किसान को भावभीनी श्रद्धांजलि

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश द्वारा बाबा कश्मीर सिंह को दी गई श्रद्धांजलि
गदरपुर। केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर में किसान आंदोलन में प्रतिभाग करने गए सीमावर्ती रामपुर जिले  के बिलासपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पछिया पुर निवासी बाबा कश्मीर सिंह द्वारा किसानों के आंदोलन के प्रति केंद्र सरकार द्वारा दिखाई जा रही उदासीनता को लेकर की गई आत्महत्या की जानकारी होने पर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर इंदिरा हृदयेश द्वारा ग्राम पछियापुर पहुंचकर दिवंगत बाबा कश्मीर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। रविवार को नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर  इंदिरा हृदयेश वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेंद्र पाल सिंह राजू के साथ ग्रामपछियापुर पहुंची जहां उन्होंने गाजीपुर बॉर्डर में किसान आंदोलन के दौरान आत्महत्या कर अपनी शहादत देने वाले बाबा कश्मीर सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए शोक श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन मैं अपने प्राणों की आहुति देने बाबा देने वाले बाबा कश्मीर सिंह की शहादत को क्षेत्रीय जनता और किसान कभी नहीं भुला पाएंगे।  उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा किसान आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों की शहादत को व्यर्थ ना जाने देने की बात कही और कहा कि कांग्रेस संगठन हमेशा किसानों की आवाज को बुलंद रखेगी और जब तक किसानों की मांगों को माना नहीं जाएगा तब तक किसान संगठनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया जाएगा। दोपहर बाद गमगीन माहौल में बाबा कश्मीर सिंह के पार्थिव शरीर का ग्राम पछियापुर स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख द्वारा भी ग्राम पछिया पुर पहुंचकर दिवंगत बाबा कश्मीर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।  इस दौरान एआईसीसी मेंबर राजेंद्र पाल सिंह राजू कांग्रेस कमेटी उत्तराखंड के प्रदेश सचिव सरदार इंद्रपाल सिंह संधू ग्राम प्रधान संघ गदरपुर के ब्लॉकध्यक्ष गुरविंदर सिंह विर्क  सरदार अपार सिंह शराफत अली मंसूरी  काबुल सिंह विर्क सरदार  गुरबाज सिंह विर्क महेंद्र सिंह डूमरा  अनिल सिंह बलविंदर सिंह बिल्ला आरिफ हुसैन हिकमत अली  अजय गाबा  राजकुमार बठलाए जरनैल सिंह काली गुरबचन सिंहए गुरविंदर सिंह ज्ञान सिंह धर्म सिंहए सुच्चा सिंह अमरजीत सिंहए अल्ताफ हुसैनए किशोर सामंत राजेंद्र सिंह शमशेर सिंह गुरदीप सिंह एवं विपिन बठला सहित सैकड़ों की संख्या में किसान एवं ग्रामवासी मौजूद थे।
अंतिम संस्कार के दौरान जिला प्रशासन द्वारा किए गए सुरक्षा के कड़े इंतजाम
गाजीपुर बॉर्डर में किसान आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले ग्राम पछिया पुर निवासी किसान बाबा कश्मीर सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान रामपुर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे। बाबा कश्मीर सिंह के अंतिम संस्कार में  सैकड़ों की संख्या में किसान और क्षेत्र की जनता  उमड़ पड़ी। एहतियात के तौर पर रामपुर के एडीएम जगदंबा प्रसाद गुप्ताए अपर पुलिस अधीक्षक रामपुर अरुण कुमार सिंहए  उप जिलाधिकारी डॉ राजेश कुमारए सीओ बिलासपुर धर्म सिंह एवं सतीश कुमार भारी पुलिस फोर्स के साथ ग्राम पछियापुर में डटे रहे।

हरियाणा: ईमानदारी के नाम तबादलो का तोहफा

चंडीगढ़। कभी-कभी इंसान को कुछ अच्छे काम करने के चलते बड़ी मुसीबतों तक का सामना करना पड़ जाता है। ऐसे कई उदाहरण सरकारी तंत्र की मार झेल रहे अधिकारियों के साथ भी देखे जा सकते हैं। जहां ईमानदारी के नाम पर शाबाशी नहीं बल्कि ट्रांसफर का तोहफा इन अधिकारियों को मिला है। हरियाणा के आइएएस अफसर अशोक खेमका इस बात का एक बड़ा उदाहरण है। जब-जब उन्होंने कोई बड़ा एक्शन लिया। उनका तबादला कर दिया गया। लेकिन तबादलों की मार ना केवल अफसर अशोक खेमका को झेलनी पड़ी है। बल्कि कर्नाटक की आइपीएस रूपा दिवाकर मौदगिल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। जहां उन्हें करीबन हर 6 महीने में पोस्टिंग या फिर ट्रांसफर का लेटर मिल जाता है। रूपा दिवाकर मौदगिल 2000 बैच की IPS  अधिकारी हैं।

भाजपा अध्यक्ष को मुद्दों पर बातचीत की चुनौती

खुले मंच पर बिजली, पानी, स्वास्थ्य,शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर बातचीत की खुली चुनौती 
पंकज कपूर 
देहरादून। देश की सबसे बड़ी सियासी पार्टी भाजपा और सबसे पुरानी कांग्रेस के मुकाबले सियासी जंग में सबसे नयी आम आदमी पार्टी ने अब उत्तराखंड की राजनीतिक जमीन पर जगह पाने के लिये सियासी संघर्ष तेज कर दिया है। उत्तराखंड में आगामी 2022 के विस चुनाव से पूर्व आम आदमी पार्टी ने अब प्रदेश से जुड़े जनमुद्दों के साथ ही मौजूदा सत्तासीन भाजपा सरकार के विकास कार्यों पर खुली चर्चा और बहस को बड़ा मुद्दा बनाने मे जुट गई है। इतना ही नहीं दिल्ली के डिप्टी सीएम जहां सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार की योजनाओं को राज्य की जनता के समक्ष साझा करेंगे वहीं दिल्ली के मुकाबले उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के कार्यकाल में विकास कार्यों पर खुली चर्चा के लिये भाजपा सरकार के फायरब्रांड नेता व कैबिनेट मंत्री भी मनीष सिसौदिया की चुनौती को चैलेंज करते हुए खुद दिल्ली पहुंचकर बहस की तैयारी में जुट गये है। बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड के कुमाऊ और फिर देहरादून दौरे पर आए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पांच काम के सवाल पर उत्तराखंड में सियासत गरमाई हुई थी। एक ओर, मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे पर बहस के लिए जगह और समय बताने को कहा था, तो दूसरी ओर शासकीय प्रवत्तफा एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने दिल्ली या उत्तराखंड में आमने-सामने बैठकर जवाब देने की बात कही थी। मंत्री कौशिक ने कहा था कि हमारी सरकार ने जनहित में पांच नहीं 500 से ज्यादा योजनाएं शुरू कीं। इन सभी योजनाओं पर बहस करने के लिए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया चाहे तो यहां आ जाएं या फिर हमें दिल्ली बुला लें। हम हर सवाल का जवाब देंगे।इसके बाद मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और रोजगार के मुद्दे पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के खुली बहस के निमंत्रण को स्वीकार किया था। साथ ही ट्वीट कर बहस के लिए आने का आग्रह भी किया था। दूसरी ओर शनिवार को हरिद्वार के एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुचे कैबिनेट मंत्री एवं सरकार के प्रवत्तफा मदन कौशिक ने कहा कि दिल्ली एवं उत्तराखंड के विकास को लेकर जब चर्चा होगी तो पूरे माॅडल पर होगी। दिल्ली बदहाल है। कोरोना के कारण सबसे अधिक मृत्यु दिल्ली में ही हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्कूल एवं अस्पतालों की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली का माॅडल पूरी तरह से विफल है। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर है। कौशिक ने कहा कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री द्वारा बहस की तारीख तय करने से क्या होता है। मैं पहले कह चुका हूं कि तारीख हम तय करेंगेे और इसके लिए खुद दिल्ली जाएंगे। देहरादून में प्रदेश कार्यालय में आप की प्रदेश उपाध्यक्ष रजिया बेग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मनीष सिसोदिया चार जनवरी को दिन में 11 बजे देहरादून के सर्वे चैक स्थित आइआरडीटी सभागार में कैबिनेट मदन कौशिक के साथ बहस करेंगे। इसके लिए कैबिनेट मंत्री को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा कौशिक को छह जनवरी को दिल्ली माॅडल पर डिबेट और दिल्ली के विकास को दिखाने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया गया है। रजिया बेग ने बताया कि सिसोदिया ने मदन कौशिक को लिखे पत्र में कहा है कि मैं उम्मीद करता हूं कि आप अपने निमंत्रण से पीछे नहीं हटेंगे और चार जनवरी को देहरादून में और छह जनवरी को दिल्ली में मेरे साथ खुली चर्चा के लिए समय निकालेंगे। शनिवार को प्रदेश प्रवत्तफा समित टिक्कू और प्रदेश उपाध्यक्ष बसन्त कुमार ने कहा कि चार जनवरी को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया देहरादून पहुँचेंगे। जहां उन्होंने प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री मदन कौशिक को दिल्ली व उत्तराखंड की सरकारों के कामकाज को लेकर बहस के लिए निमंत्रण दिया है। कालाढूंगी रोड स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश प्रवत्तफा समित टिक्कू ने कहा कि उत्तराखंड की जनता के लिए बड़ा मौका होगा। क्योंकि खुले मंच पर बिजली, पानी, स्वास्थ्य-शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर बात होगी। पिछले बीस साल में किसी सियासी दल ने ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटाई। डिप्टी सीएम द्वारा डिबेट को लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा कि दिल्ली आने में पूरे सम्मान के साथ मंत्री मदन कौशिक को सरकारी स्कूलों में हुए ऐतिहासिक परिवर्तन, अस्पताल, महिला सुरक्षा, आर्थिक प्रगति और ईमानदार राजनीति का माॅडल भी दिखाया जाएगा। हालांकि प्रदेश सरकार ने अब तक आप के निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया गया। आप पार्टी के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया त्रिवेंद्र सरकार के पांच कामों पर खुली बहस करने के लिए तीन जनवरी को देहरादून पहुंचेंगे। उन्होंने चार जनवरी को सर्वे चैक स्थित आईआरडीटी आॅडिटोरियम में त्रिवेंद्र माॅडल पर चर्चा में भाग लेने के लिए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक से आग्रह किया है। मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया कि उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार की ओर से शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और रोजगार के क्षेत्र में किए पांच कामों पर खुली बहस के लिए तीन जनवरी को दून आऊंगा । चार जनवरी को आईआरटीडी ऑडिटोरियम में उत्तराखंड सरकार के विकास माॅडल पर चर्चा के लिए भीमौजूद रहूंगा। उन्होंने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवत्तफा मदन कौशिक को चर्चा में भाग लेने का आग्रह किया है। छह जनवरी को दिल्ली में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक को केजरीवाल माॅडल के बारे में बताऊंगा। सिसोदिया ने कहा कि कैबिनेट मंत्री निमंत्रण से पीछे नहीं हटेंगे और छह जनवरी को दिल्ली में मेेरे साथ सभी विषयों पर चर्चा के लिए समय निकालेंगे।

16 को 'साहित्य' सम्मेलन आयोजन की शुरुआत

मेघनगर। मुख्य आयोजक भुपेन्द्र बरमंडलिया व पंकज राका अध्यक्ष अभय जैन ने बताया कि पत्रकार संघ रंभापुर व गांव मित्र मंडल के तत्वधान में बड़ा राम मंदिर परिसर पर 16 जनवरी शनिवार को रात्रि 8:30 बजे अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में इस बार अंतरराष्ट्रीय कवि 16 देशों में काव्य पाठ कर के आजाद शत्रु हास्य व्यंग व सब रस कवि (उदयपुर राजस्थान), अंतर्राष्ट्रीय गीतकार शायर कुंवर जावेद (कोटा), साहित्य एकता आर्य शृंगार रस (अलीगढ़ उत्तर प्रदेश),हिमांशु बवंडर लॉफ्टर धमाका (मुंबई),सोनल जैन युवा दिलों की धड़कन प्रेम उल्लास की कवित्री श्रंगार रस (सूरत गुजरात),पूर्णिमा तिवारी गीतकार गजल कवित्री (बिलासपुर छत्तीसगढ़), कुलदीप रंगीला हास्य कवि (देवास मध्य प्रदेश), काव्य पाठ करेंगे। कवि सम्मेलन के सूत्रधार ओजस्वी कवि राष्ट्रीय स्तर पर कार्य पाठ करने वाले निसार पठान रंभापुरी, एंकर मोनिका काननुगो (इंदौर)रहेगी। सयोजक बरमंडलिया आगे बताया कि उक्त आयोजन में कोरोना का गाइडलाइन कोविड-19 का पालन करते हुए श्रोताओं को मार्क्स भी वितरित किए जाएंगे व शासन की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा आसपास के क्षेत्रों में कवि सम्मेलन का लाइव प्रसारण की व्यवस्था करगे। आयोजन समिति पंकज राका,कवलजीत नायक,हितेश खतेडिया, बसंतसिंह खतेडीया, लुणसिंह धमावत, ,कमलेश दातला,राजमल पडियार,भारत सिंह सांखला, प्रवीण कठोठा,मुकेश कटारा,भुरू भाई, रविन्द्र बरमंडलिया, दीपल जैन,नकुल नायक,विश्वास जोशी,सुभम बामन,कविन्द्र  बामन, समीर पठान, बृजेश हाड़ा, पहलाद नायक,केशब धमावत, नरेन्द्र बोरा,योगेश नायक,आदि ने इस कवि सम्मेलन को सफल बनाने की अपील की।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...