चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत विभिन्न स्थानों से अलग-अलग समय में खोए या चोरी हुए करीब 1 करोड़ 61 लाख रुपये के 2048 मोबाइल फोन बरामद करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने ये मोबाइल फोन वर्ष 2020 के प्रथम 11 माह के दौरान बरामद कर उनके मालिकों को वापिस किए।
हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री मनोज यादव ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में मिली शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस की आईटी व साइबर सेल की टीमों ने ऐसे मोबाइल फोन के सिम और आइएमईआई नंबर को ट्रैक कर हैंडसेट को टेªस किया। गत वर्ष इस अवधि में बरामद 2048 हैंडसेट में कीमती हाई-एंड स्मार्टफोन भी शामिल हैं। पुलिस द्वारा बरामद किए गए फोन में से अधिकांश हैंडसेट यूज़र द्वारा गलती से गुम हो गए थे तथा कुछ अन्य चोरी भी हो गए थे। हाई-एंड तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पुलिस की समर्पित टीमों द्वारा लापता फोन का पता लगाने के लिए सार्थक प्रयास किए गए।
हिसार में सर्वाधिक 252 मोबाइल फोन बरामद किए गए जबकि यमुनानगर में 145, गुरुग्राम में 144, कैथल में 140, पंचकूला में 137, सिरसा में 117, करनाल में 94, हांसी में 93, अंबाला और सोनीपत में 88-88 मोबाइल फोल पुलिस ने ढूंढ कर लोगों को सौंपे। गत वर्ष जनवरी से नवंबर तक जीआरपी ने भी 109 मोबाइल फोन की रिकवरी में योगदान दिया।
उन्होंने बताया कि हैंडसेट की रिकवरी के बाद पुलिस शिकायतकर्ता से संपर्क कर असली मालिक को मोबाइल लौटा देती है। खोया हुआ मोबाइल वापिस मिलना कई लोगों के लिए भावनात्मक क्षण भी होता है क्योंकि सेलफोन मे पासवर्ड, डेटा व व्यक्तिगत जानकारी सेव होने के कारण यह उनके लिए एक बेशकीमती डिवाइस होता है। पुलिस की इस मुहिम की काफी सराहना भी हो रही है। श्री यादव ने कहा कि पुलिस नवीनतम तकनीक की मदद से लगातार लापता मोबाइल फोन को ढूंढने का काम कर रही है। यह कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा तथा 2021 में ऐसी और रिकवरी की भी उम्मीद है।
डीजीपी ने नागरिकों को सलाह जारी करते हुए कहा कि वे मोबाइल खासकर स्मार्टफोन के खोने या चोरी होने की सूचना तुरंत पुलिस में दर्ज कराएं ताकि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसिस का दुरूपयोग असामाजिक तत्वों द्वारा न किया जा सके।
हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री मनोज यादव ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में मिली शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस की आईटी व साइबर सेल की टीमों ने ऐसे मोबाइल फोन के सिम और आइएमईआई नंबर को ट्रैक कर हैंडसेट को टेªस किया। गत वर्ष इस अवधि में बरामद 2048 हैंडसेट में कीमती हाई-एंड स्मार्टफोन भी शामिल हैं। पुलिस द्वारा बरामद किए गए फोन में से अधिकांश हैंडसेट यूज़र द्वारा गलती से गुम हो गए थे तथा कुछ अन्य चोरी भी हो गए थे। हाई-एंड तकनीक का इस्तेमाल करते हुए पुलिस की समर्पित टीमों द्वारा लापता फोन का पता लगाने के लिए सार्थक प्रयास किए गए।
हिसार में सर्वाधिक 252 मोबाइल फोन बरामद किए गए जबकि यमुनानगर में 145, गुरुग्राम में 144, कैथल में 140, पंचकूला में 137, सिरसा में 117, करनाल में 94, हांसी में 93, अंबाला और सोनीपत में 88-88 मोबाइल फोल पुलिस ने ढूंढ कर लोगों को सौंपे। गत वर्ष जनवरी से नवंबर तक जीआरपी ने भी 109 मोबाइल फोन की रिकवरी में योगदान दिया।
उन्होंने बताया कि हैंडसेट की रिकवरी के बाद पुलिस शिकायतकर्ता से संपर्क कर असली मालिक को मोबाइल लौटा देती है। खोया हुआ मोबाइल वापिस मिलना कई लोगों के लिए भावनात्मक क्षण भी होता है क्योंकि सेलफोन मे पासवर्ड, डेटा व व्यक्तिगत जानकारी सेव होने के कारण यह उनके लिए एक बेशकीमती डिवाइस होता है। पुलिस की इस मुहिम की काफी सराहना भी हो रही है। श्री यादव ने कहा कि पुलिस नवीनतम तकनीक की मदद से लगातार लापता मोबाइल फोन को ढूंढने का काम कर रही है। यह कार्यक्रम आगे भी जारी रहेगा तथा 2021 में ऐसी और रिकवरी की भी उम्मीद है।
डीजीपी ने नागरिकों को सलाह जारी करते हुए कहा कि वे मोबाइल खासकर स्मार्टफोन के खोने या चोरी होने की सूचना तुरंत पुलिस में दर्ज कराएं ताकि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसिस का दुरूपयोग असामाजिक तत्वों द्वारा न किया जा सके।