शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

नौसेना में आठवें एलसीयू पोत की आपूर्ति हुई

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली/कोलकाता। रक्षा उत्पादन करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जीआरएसई ने भारतीय नौसेना को आठवें एवं अंतिम लाइट क्राफ्ट यूटिलिटी (एलसीयू) पोत की आपूर्ति कर दी है जिससे देश की रक्षा तैयारियों को और मजबूती मिली है। कंपनी के शीर्ष अधिकारी के यह जानकारी दी।जीआरएसई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल (अवकाश प्राप्त) वीके सक्सेना ने बताया कि इस अभयचर (जल एवं थल पर चलने में सक्षम) पोत को रणनीतिक रूप से अहम अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के पास तैनात किया जाएगा, जो दक्षिण चीन सागर की ओर जाने वाले अहम समुद्री रास्ते के करीब है।

उन्होंने बताया कि इसे खासतौर पर सबसे अधिक दुर्गम तटीय इलाकों में सैन्य अभियान को अंजाम देने के लिए तैयार किया गया है। सक्सेना ने बताया कि कोविड-19 महामारी और इसकी वजह से लागू लॉकडाउन की चुनौतियों के बावजूद कोलकाता स्थित गार्डन रिच शिप बिल्डर्स ऐंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) ने सफलतापूर्वक आठ एलसीयू पोत निर्माण के कार्य के तहत आखिरी पोत की आपूर्ति भारतीय नौसेना को कर दी है। एलसीयू पोत में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है और कंपनी ने 90 प्रतिशत स्वदेशी पुर्जों से इसका निर्माण किया है।उन्होंने बताया कि यह पोत विश्वस्तरीय डिजाइन और श्रेणी के मामले में खास है। इसे भारतीय नौसेना की विशेष जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाया गया है। यह 15 नॉट की गति के साथ उथले तटीय इलाकों में बखूबी काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पोत जवानों के साथ-साथ युद्धक टैंक, व्यक्तिगत वाहन एवं अन्य सैन्य वाहनों को भी तट पर पहुंचा सकते हैं। पोत को 216 सैनिकों के रहने के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें दो स्वदेशी सीआरएन 91 तोपें लगी हैं जो सैन्य अभियान के दौरान दुश्मन पर गोले दाग सकती हैं।

नए साल पर आम आदमी को लगा बडा झटका

हरिओम उपाध्याय  

नई दिल्ली। साल 2021 के पहले दिन ही लोगों के लिए एक झटके की खबर आ गई है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में इजाफा कर दिया है।हालांकि, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर उपभोक्‍ताओं को राहत दी है। घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में इजाफा नहीं किया गया है। यानि 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस की कीमत जो है वह बरकरार है। सिर्फ कमर्शियल उपभोक्‍ताओं को झटका देते हुए कमर्शियल LPG सिलेंडर को महंगा किया गया है। 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 17 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। राजधानी दिल्ली में 19 किलो वाले एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर कीमत 1,332 रुपये से बढ़कर अब 1,349 रुपये हो गई है और 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 694 रुपये है। आमतौर पर ऑयल मार्केटिंग कंपनिया प्रत्‍येक माह की पहली तारीख को गैस सिलेंडर की कीमत में संशोधन करती हैं और उनकी जानकारी भी सार्वजनिक करती हैं। लेकिन पिछले महीने तेल मार्केटिंग कंपनियों ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में दो बार में 100 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की थी। कंपनी ने पहले 2 दिसंबर को 50 रुपये बढ़ाए और इसके बाद 15 दिसंबर को दोबारा 50 रुपये बढ़ा दिए थे। हालांकि, अब जनवरी महीने और साल के पहले दिन तेल कंपनियों (HPCL, BPCL, IOC) ने बिना सब्सिडी वाले गैस 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की है और इसकी कीमत 694 रुपये पर स्थिर रखी है। बतादें कि सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर की सब्सिडी को बंद कर दिया है। सरकार की ओर से पूर्व में गैस सिलेंडर लेने पर सब्सिडी भी दी जाती थी लेकिन बीते कई महीनों से सब्सिडी बंद है। इससे लोगों को दोहरी महंगाई की चपत लग रही है। कोलकाता में 19 किलो वाले एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1,387.50 रुपये से बढ़कर 1,410 रुपये पर आ गई है। यहां कीमतों में 22.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी हुई है। यहां घरेलू गैस की कीमत 720.50 रुपये है। वहीं मुंबई में 19 किलो वाले एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1,280.50 रुपये से बढ़कर 1,297.50 रुपये प्रति सिलेंडर पर पहुंच गई है। यहां कीमतों में 17 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ। 14.2 किलोग्राम रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 694 रुपये है। चेन्नई में 19 किलो वाले एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1,446.50 रुपये से बढ़कर 1,463.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है। यहां कीमतों में 17 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी हुई है। यहां 14.2 किलोग्राम रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 710 रुपये है।

बागपत: घने कोहरे के चलते कई गाड़ियां टकराई

गोपी चंद सैनी  
बागपत। घने कोहरे के कारण ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर बड़ा हादसा हुआ है। बागपत में कोहरे के कारण 18 से ज्यादा गाड़ियां आपस में टकरा गई हैं। इस हादसे में कई लोग घायल हैं, जिन्हें बागपत के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर प्रशासन की टीम पहुंच गई है और एक्सप्रेस-वे को खाली कराने की कवायद की जा रही है।वहीं, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर 8 गाड़ियां आपस में टकरा गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को पीजीआई सैफई में भर्ती कराया गया है। हादसे को लेकर एक डीसीएम मालिक पर केस दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि कई इलाकों में नए साल के पहले दिन ठंड ने टॉर्चर देखने को मिला। दिल्ली में पारा 1.1 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में सुबह घना कोहरा भी छाया रहा। घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी शून्य हो गई और यातायात की रफ्तार भी प्रभावित हुई।
मौसम विभाग ने दिल्ली में 3 से 5 जनवरी के बीच बारिश का अनुमान जताया है। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हिमालयन रीजन में बर्फबारी का भी अनुमान है। विभाग ने मैदानी इलाकों में शीतलहर का अनुमान व्यक्त किया है।

12वीं कक्षा के 50,000 छात्रों को फोन दिया

अमित शर्मा  
अमृतसर। मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में राज्य के स्कूल शिक्षा ढांचे को समय अनुकूल बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत आज राज्य के सरकारी स्कूलों के 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को नववर्ष का तोहफा देते स्मार्ट कुनैक्ट स्कीम के अंतर्गत राज्य के 50 हजार के करीब विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन बांटने के ऑनलाइन उद्घाटन करने के साथ यह मुहिम सफल हो गई। इस मुहिम के तीसरे पड़ाव के अंतर्गत आज जिले के 11 विधानसभा हलकों में हुए फोन वितरित समागम में 60 सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के 4357 विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन वितरित किए गए। स्थानीय सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल माल रोड के आंगन में डी.ई.ओ. सतिन्दरबीर सिंह और कंवलजीत सिंह के संयुक्त नेतृत्व नीचे हुए जिला स्तरीय समागम में मुख्य मेहमान के तौर पर पहुंचे डिप्टीप कमिशनर गुरप्रीत सिंह खैहरा द्वारा फोन बांंटने की रस्म अदा की। इसको पहले दो पड़ावों में जिले के अलग-अलग स्कूलों के 9560 विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन बांटे गए थे।

जिक्रयोग्य है कि पंजाब सरकार द्वारा 88 करोड़ रुपए की लागत के साथ राज्य के 12वीं कक्षा में पढ़ते 175448 विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन और 4 करोड़ रुपए की लागत के साथ 3500 के करीब टेबलेट स्कूलों को बांटे गए है। इस मौके पर अरुण पप्पल चेयरमैन माॢकट समिति अमृतसर, विकास हीरा एस.डी.एम. अमृतसर, अर्चना शर्मा नायब तहसीलदार, हरभगवंत सिंह, रजेश कुमार (दोनों उप जिला शिक्षा अधिकारी), प्रिंसीपल मनदीप कौर माल रोड आदि मौजूद थे।

वैक्सीन को लेकर एक्सपर्ट कमेटी की बैठक जारी

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन को लेकर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की आज अहम बैठक शुरू हो गई है। इसमें ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को इमरजेंसी अप्रूवल देने पर विचार होगा। अब कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में वैक्सीन कंपनियों से कुछ और जानकारी मांगी गई थी। इस बैठक से अच्छी खबर आते ही कुछ घंटों के भीतर आपको पहली वैक्सीन लगने की खबर भी मिल जाएगी। भारत ने कोरोना को हराने की तैयारी पूरी कर ली है। पूरा एक्शन प्लान तैयार है। भारत में कोरोना को हराने के लिए टीके लगाने की मुहिम भी इतनी व्यापक होगी कि दुनिया को इस पर हैरत होगी ये तय है।
ड्राई रन की तैयारी शुरू
वहीं, 2 जनवरी से देश के हर राज्य में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया जाएगा। इसकी तैयारियों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन की अगुवाई में एक बैठक चल रही है। इससे पहले पंजाब, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में ड्राई रन किया गया था, जिसके रिजल्ट काफी सकारात्मक आए थे।

30 करोड़ लोगों को दिया जाना है टीका

प्राथमिकता के आधार पर 30 करोड़ लोगों को पहले वैक्सीन दी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी के इन फौलादी इरादों के पीछे ठोस तैयारी है। वैक्सीन को लेकर भारत अब अपनी मुहिम को अंजाम तक पहुंचा चुका है। आपको बताते हैं कि भारत में वैक्सीन किस हाल में है।

योगी के 20 बदलावो से बदली दिशा और दशा

संदीप मिश्र  

लखनऊ। चुनौतियों को अवसर में बदलना उनकी फितरत है। साधारण परिस्थितियों में भी असाधारण फैसले लेना उनकी पहचान है। अगर हालात असाधारण और चुनौतियां बेशुमार हों तो तब उनकी उर्जा, लगन और निर्णय आम आदमी को हतप्रभ करने वाले होते हैं। वैश्विक संकट कोरोना में उन्होंने अपने तमाम फैसलों से इसे साबित भी किया। बात आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हो रही है। अपने पिता के अंतिम संस्कार में न जाकर उन्होंने साबित किया कि कोरोना के अभूतपूर्व संकट में उनके लिए प्रदेश की 23 करोड़ जनता का हित सर्वोपरि है।

इसके अलावा भी जब 2020 में कोरोना के कारण पूरी दुनिया में सब कुछ स्याह दिख रहा था उस समय भी यूपी के मुख्यमंत्री के कई फैसलों की देश और दुनिया में सराहना हुई। गुजर रहे साल में ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण फैसलों पर एक नजर।

वक्त कठिन था और चुनौती सबसे मुश्किल। साल 2020 दुनिया में कोरोना लेकर आया। विकराल संकट से जूझती सरकारों के सामने लोगों की जान बचाने के साथ विकास का पहिया पटरी पर बनाए रखने की दोहरी और बेहद कठिन चुनौती थी लेकिन योगी सरकार की तैयारी हर मुश्किल पर भारी पड़ी। इस दौरान बिना थके, लगातार उन्होंने विकास, तरक्की, रोजगार, शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व और अकल्पनीय काम किए। उनके साहसिक फैसलों ने जहां एक तरफ कोरोना को मात दी वहीं दूसरी तरफ विकास के पहिये को भी गति। उनकी अगुआई में इस दौरान रोजगार, व्यापार, शिक्षा, सुरक्षा, निवेश, उद्योग, गोसंरक्षण, महिला, युवा, गरीब, किसान और मजदूरों के लिए सबसे ज्यादा काम किया।

एक से एक बड़े फैसले लेकर न सिर्फ उत्तर प्रदेश में विकास की गति तेज की बल्कि देश और दुनिया के सामने कोरोना से लड़ने और जीवन को गतिमान रखने का नया माडल भी पेश किया। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से लेकर दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी बनाने के फैसले तक योगी सरकार ने 2020 में 20 ऐसे बड़े फैसले किए जिन्होंने उत्तर प्रदेश की दशा और दिशा बदल दी।

नए साल में मीटर लगाने की रफ्तार तेज होगी

नई दिल्ली। स्मार्ट मीटर अब हर घर में लगेंगे। नए साल से मीटर लगाने की रफ्तार तेज होगी। बिजली कंपनी ने मीटर लगाने के लिए कमर कस ली है। शहर के अपार्टमेंटों से इसकी शुरुआत अभियान के रूप में की गई है। अपार्टमेंटों में हर दिन छह सौ स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसके बाद घरों में मीटर लगाए जांएंगे। पेसू में करीबन छह लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें महज 40 हजार स्मार्ट मीटर अब तक लग पाए हैं। साढ़े पांच लाख उपभोक्ताओं के घरों में अभी पोस्टपेड मीटर लगे हैं। इन सभी मीटरों को स्मार्ट मीटर में बदलना है, ताकि बिजली कंपनी राजस्व में सुधार कर सके। अपार्टमेंट में सिग्नल की जांच कर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जहां सिग्नल बेहतर मिलता उन अपार्टमेंट में लगाए जा रहे हैं। यह मीटर मोबाइल की तरह काम करता है। इसमें सिम लगा है। बीएसएनएल और एयरटेल का सिम अभी इसमें इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ दिन पहले सिम नेटवर्क की समस्या काफी आ रही थी। इसके कारण मीटर लगने की रफ्तार धीमी हो गई। इसमें अब सुधार हो गया है। अब मीटर से जुड़ी शिकायत कम आ रही है।

एडवांस पैसा देना होगा

स्मार्ट मीटर के लगने से उपभोक्ताओं को बिजली उपभोग के लिए एडवांस पैसा देना होगा। तभी बिजली मिल सकेगी। पोस्टपेड मीटर में बिजली उपभोग करने के बाद पैसा देना होता है। इसमें उपभोक्ता अपने अनुसार पैसा जमा करते हैं। कई उपभोक्ता छह महीने से साल भर का बिजली भुगतान नहीं करते। लेकिन बिजली अनवरत मिलती रहती है। स्मार्ट मीटर में यह सब सुविधा नहीं मिल पाएगी। रिचार्ज का पैसा खत्म होगा तो बिजली गुल हो जाएगी। इससे बिजली कंपनी को राजस्व नियमित समय पर मिलेगा। डिस्कनेक्शन या बिजली बिल जमा करने के लिए जागरुकता अभियान नहीं चलाना पड़ेगा।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...