शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

24 घंटे में कोरोना के 20 हजार नए मामले आएं

देश में 24 घंटों में कोरोना के 20 हजार नए मामले, 23 हजार से अधिक हुए स्वस्थ
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के करीब 20 हजार नए मामले सामने आये। राहत की बात यह है, कि इस दौरान महामारी को मात देने वालों की संख्या 23 हजार से अधिक रही। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 20,036 नये मामले सामने आये जिससे संक्रमितों की कुल संख्या एक करोड़ दो लाख 86 हजार से अधिक हो गयी है।
इसी दौरान 23,181 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या 98.83 लाख तथा रिकवरी दर बढ़कर 96.08 प्रतिशत हो गयी। सक्रिय मामले 3,402 घटकर 2.54 लाख रह गये और इनकी दर 2.47 प्रतिशत रह गयी। इसी अवधि में 256 मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,48,994 हो गया है। और मृत्यु दर अभी 1.45 फीसदी है।
केरल में पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामले 191 घटकर 65,381 हाे गये है। वहीं मृतकों की संख्या 3072 तथा कोरोनामुक्त होने वालों का आंकड़ा 6.92 लाख हो गया है। सक्रिय मामलों में केरल अभी पहले स्थान पर है। महाराष्ट्र में सक्रिय मामलाें में 161 की गिरावट आयी है। और इनकी संख्या 54,045 रह गयी है। वहीं 18.28 लाख लोग इस संक्रमण से निजात पा चुके हैं। जबकि 58 और मरीजों की मौत से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 49,521 हो गया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी सक्रिय मामलों में निरंतर कमी आ रही है। और पिछले 24 घंटों के दौरान इनकी संख्या 327 कम होकर 5511 रह गयी। वहीं 13 मरीजों की मौत हुई है। जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 10,536 हो गयी है। दिल्ली में 6.09 लाख से ज्यादा मरीज कोरोनामुक्त हुए हैं। दक्षिणी राज्य कर्नाटक में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 11,290 रह गयी है। राज्य में मृतकों का आंकड़ा 12,090 हो गया है। तथा अब तक करीब 8.96 लाख मरीज स्वस्थ हुए हैं। आंध्र प्रदेश में इस दौरान सक्रिय मामले घटकर 3262 रह गये। राज्य में अब तक कोरोना से 7108 लोगों की मौत हुई है। और 8.71 लाख से अधिक लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामले 189 कम होकर 14,155 रह गये। इस महामारी से 8352 लोगों की मौत हो चुकी है। तथा अब तक 5.62 लाख से अधिक मरीज स्वस्थ हुए हैं। 14260 105 563278 819 8364 12 तमिलनाडु में सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 8501 रह गयी है। तथा अभी तक 12,122 लोगाें की मौत हुई है। राज्य में अब तक 7.97 लाख से अधिक लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
ओडिशा में सक्रिय मामलों की संख्या 2316 रह गयी है। वहीं करीब 3.25 लाख लोग इस संक्रमण से निजात पा चुके हैं। जबकि मृतकों की संख्या 1873 हो गयी है। तेलंगाना में कोरोना के सक्रिय मामले 159 घटकर 5815 रह गये हैं। और 1544 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 2.79 लाख से अधिक लोग इस महामारी से ठीक हुए हैं। पश्चिम बंगाल में कोरोना के सक्रिय मामले 11,985 रह गये हैं। और 9712 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अब तक 5.30 लाख से अधिक लोग स्वस्थ हुए हैं।

किसानों पर लगे मुकदमों की पैरवी करेगा 'पैनल'

12 वकीलों का पैनल किसानों पर लगे मुकदमों की करेगा पैर

काशीपुर। किसानों को मुफ्त कानूनी मदद देने के लिए बार एसोसिएशन ने 12 वकीलों के पैनल की घोषणा की है। किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं। यह पैनल उनके मुकदमें मुफ्त में लड़ेगे।बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा पारित 3 कृषि कानूनों के विरोध में बीते दिनों दिल्ली के लिए कूच कर रहे किसानों पर बाजपुर में पुलिस के द्वारा दर्ज किए गए मुकदमा को लेकर काशीपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर सिंह ने काशीपुर मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि इस प्रेस वार्ता का आयोजन वह व्यक्तिगत तौर पर कर रहे हैं। किसी राजनीतिक पार्टी या बार एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों से इसका सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं किसान हैं, वकालत के साथ-साथ वह खेती किसानी भी करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा पहले भी जमीदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम लेकर आई थी उस दौरान किसानों से उनकी जमीन छीनकर सिर्फ साढे 12 एकड़ जमीन एक किसान को दी गई थी।उन्होंने कहा कि पूंजीवाद विनाश अधिनियम और आर्थिक सुधार कानून भी लाया जाना था। लेकिन पूंजीपतियों को मदद देने के लिए भाजपा वह कानून लेकर नहीं आई। जिस कारण पूंजीपति अमीर के अमीर ही बने रहे लेकिन किसान गरीब हो गए।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जो कानून किसानों पर थोपने की कोशिश कर रही है। वह सभी कानून किसानों के खिलाफ हैं। इन दिनों सबसे ज्यादा पूंजी भाजपाइयों के पास ही है।भाजपा कहती है कि एमएसपी थी। और रहेगी। जबकि उनका कहना है। कि एमएसपी ना थी ना है। और ना ही इस कानून के आने के बाद किसानों को मिलेगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पास किये गए तीनों कानून किसान विरोधी हैं। सरकार कोई भी कानून पास करने से पहले पूंजीपतियों की राय लेती है। किसानों को लेकर कानून बनाने से पहले किसानों की राय ली जानी चाहिए थी।उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया। केवल 25 फीसद अमीर को भाजपा सरकार फायदा पहुंचा रही है। जबकि 75 फीसद गरीबों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गरीबों को और गरीब बना रहे हैं। किसानों को डर है कि उनकी खेती चली जाएगी इसलिए वह प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार इतनी जिद्दी है। कि वह सुनने को तैयार नहीं। 1 माह बीतने के बाद भी किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। यही हरकत सरकार को ले डूबेगी। भाजपा समानता की बात करती है, लेकिन आर्थिक समानता को भूल जाती है। उन्होंने कहा कि भाजपा पूंजीपतियों से फंड लेती है। पूंजीपति भाजपा को चुनाव लड़ाते हैं। और पूंजीपतियों को ही फायदा पहुंचाया जाता है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि किसानों के खिलाफ जो फर्जी केस दर्ज हुए हैं। उनमें वह स्वयं मुफ्त कानूनी सहायता किसानों को देंगे। साथ ही एडवोकेट अब्दुल सलीम, संदीप सहगल, शैलेंद्र मिश्रा, उमेश जोशी, भूदेव, रहमत अली, अवतार सिंह, सुंदर पाल, राकेश आदि कुल 12 अधिवक्ताओं का पैनल मुफ्त में किसानों की अदालत में पैरवी करेंगे। किसानों को न्याय दिलाने के लिए बिना कोई फीस किसानों के मुकदमे न्यायालय से लड़ने का कार्य करेंगे।

घर के नक्शे के लिए आर्किटेक्ट की जरूरत नहीं

उत्तराखंड: घर का नक्शा पास करने के लिए अब नहीं होगी आर्किटेक्ट की जरूरत।
पंकज कपूर
देहरादून। अपने घर का नक्शा बनाने और इसे प्राधिकरण से पास कराने के लिए अब आपको आर्किटेक्ट की आवश्यकता नहीं पड़ने वाली है। दरअसल सरकार जल्द सभी प्राधिकरण में प्री एप्रूव मैप व्यवस्था लागू करने वाली है। इस व्यवस्था के तहत लोग अपने प्लॉट के साइज के अनुसार पहले से तैयार नक्शे चुन प्राधिकरण के पास जमा कर सकते हैं। और कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी नक्शे जमा किए जाएंगे।
अब आप प्री एप्रूव मैप के माध्यम से ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में मौजूद अलग-अलग प्लॉट साइज के नक्शे तैयार कर मैप अप्रूवल सॉफ्टवेयर में चुन सकेंगे और आसानी से आवेदन कर सकेंगे नक्शे के लिए आवेदन से लेकर फीस जमा करने का काम अब कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी किया जा सकेगा। वर्तमान में विकास प्राधिकरण आर्किटेक्ट के जरिए ही नक्शा स्वीकार करते हैं। जो इसके बदले नक्शा बनाने और प्रोसेसिंग फीस लोगों से लेते हैं प्री एप्रूव मैप प्रणाली से यह खर्चे पूरी तरह बच जाएंगे।
उधर प्री एप्रूव मैप प्रणाली के तहत ढाई सौ से अधिक अलग-अलग प्रकार के नक्शे तैयार कर सॉफ्टवेयर में डाले गए हैं। हालांकि लोगों को निर्माण कार्य गैर विवादित होने का स्वप्रमाणित शपथ पत्र भी देना होगा सरकार द्वारा प्रथम चरण में यह व्यवस्था ढाई सौ वर्ग मीटर तक के प्लॉट साइज आवासी निर्माण के लिए लागू होगी।
सरकार नए साल में जल्द इस सरलीकरण किए गए प्रोग्राम को लागू करेगी इसके लिए अभी कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों को प्रशिक्षण भी देंगे साथी सरकार एमओयू भी करने जा रही है। सचिव आवास शैलेश बंगोली का कहना है। कि यह सुविधा आसान और सस्ती भी पड़ेगी लिहाजा जल्द इस को शुरू करने की तैयारी है।

तालाब किनारे मिट्टी धंसने से तीन बच्चों की मौत

आगरा। साल 2020 का आखिरी दिन भी जाते-जाते आगरा के कुछ परिवारों को दर्द दे गया। जिले में गुरुवार शाम हुए एक बड़े हादसे में तीन परिवारों के घर के चिराग बुझ गये। सिकंदरा की रुनकता पुलिस चौकी के पीछे नगरा बस्ती में गुरुवार को तालाब में मिट्टी ढह गई। मिट्टी धंसने के कारण वहां खेल रहे 8 बच्चे उसमें दब गए, जिसमें तीन की मौत हो गई।बच्चों के मिट्टी में दबने की खबर मिलने के बाद वहां चीख-पुकार मच गई। करीब एक घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद बच्चों को बाहर निकाला गया और उन्हें एसएन इमरजेंसी और सिकंदरा हाईवे स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने तीन बच्चों को मृत घोषित कर दिया।ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि की ओर से बिना पैमाइश तालाब खोदा जा रहा था। ग्रामीणों ने प्रशासन से घायलों के इलाज व मृतकों के लिए मुआवजे की मांग की है।जानकारी के मुताबिक तीन दिन पहले ही पूर्व प्रधान प्रतिनिधि अनूप सिकरवार ने तालाब के चौड़ीकरण का काम शुरू कराया था। सभी बच्चों की उम्र 5-10 साल बताई जा रही है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

तमिलनाडु: 31 जनवरी तक लॉकडाउन की घोषणा

चेन्नई। देश में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश में आए दिन हजारों नए मरीजों की पुष्टि हो रही है। वहीं मौतों के आंकड़ा में भी तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना के नए स्ट्रेन को देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने 31 जनवरी तक लॉकडाउन करने की घोषण की है।पलानीसामी सरकार ने बताया कि राज्य मे कुछ ढील भी बढ़ाई गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार 16 जनवरी में मनाए जानें वाले पोंगल दिवस पर भी रोक लगा दिया है। वहीं समुद्र तटों पर सार्वजनिक प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
बता दें कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लिहाज से तमिलनाडु में 25 मार्च से लॉकडाउन किया गया है। कई चरणों में में लॉकडाउन की शर्तों में ढील देते हुए इसे आगे बढ़ाया गया। यही क्रम जनवरी 2021 में भी जारी रहेगा। मुख्यमंत्री एडपाड़ी के. पलनीस्वामी ने लॉकडाउन संबंधी घोषणा करते हुए कहा कि सरकार के ठोस उपायों की वजह से पिछले एक महीने में संक्रमण दर 1.7 प्रतिशत तक कम हुई है। गत दस दिनों में नए मामलों की संख्या भी 1100 के नीचे है।वहीं भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 20,549 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 1,02,44,852 हो गई है, जबकि इनमें से ठीक हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 98.34 लाख हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। लोगों के संक्रमण से उबरने की राष्ट्रीय दर 95.99 प्रतिशत है। सुबह 8 बजे जारी इन आंकड़ों के अनुसार 286 और रोगियों की मौत होने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1,48,439 हो गई है।

सीएम खट्टर की किसानों से अपील, घर लौट जाएं

राणा ओबरॉय  
 चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आंदोलनरत किसानों और केंद्र सरकार के बीच 4 जनवरी 2021 को होने वाली अगली बैठक निश्चित रूप से सकारात्मक रहेगी। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हाल ही में हुई बैठक सकारात्मक रही और उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकलेगा।इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों से आंदोलन को खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि किसान को इस ठंड के मौसम में अपने घरों को लौट जाएं। हम किसानों को अपना मानते हैं और उनके हितों के प्रति हमेशा सहानुभूति रखते रहे हैं। आपसी बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की दिशा में काफी प्रयास किया जा रहा है।कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि इन सभी ने अपने स्वार्थ को पूरा करने व राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए नए कृषि कानूनों के बारे में किसानों को उकसाया है। उन्होंने कहा कि हालांकि निर्दोष किसानों को गुमराह करने की पूरी कोशिश की गई है, लेकिन जल्द ही जब यह मुद्दा हल होगा तो इन नेताओं को भी जवाब मिल जाएगा जैसे उन्हें नगर निगम, परिषद और पालिकाओं के चुनाव के परिणाम में जवाब मिला है। मनोहर लाल ने कहा कि पिछले छह वर्षों में किसानों के हित में जितनी योजनाएं चलाई गई, उतनी किसी भी अन्य राज्य द्वारा नहीं चलाई गई होंगी, चाहे वह एमएसपी पर बाजरा, मक्का, मूंगफली, मूंग की खरीद करना हो, भावांतर भरपाई योजना का कार्यान्वयन हो। उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हरियाणा में बाजरा की खरीद 2150 रुपये प्रति क्विंटल की थी, जबकि राजस्थान सरकार ने 1200 और 1300 रुपये प्रति क्विंटल रुपये में खरीद की थी। मुख्यमंत्री ने नए कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा कि यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म हुआ तो वह राजनीति छोड़ देंगे। जल संरक्षण के संबंध में एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, अब तक लगभग 80,000 एकड़ भूमि को फसल विविधीकरण के लिए सत्यापित किया गया है और खुशी है कि किसानों ने फसल विविधीकरण योजना को सकारात्मक रूप से अपनाया है। इस योजना के तहत किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए 7 हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे, जिसमें से किसानों को बुआई के समय 2000 रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं। सत्यापन के बाद 5000 रुपये दिए जा रहे हैं।

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