गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती हुई आ रही नजर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। खनन घोटाले को लेकर बीते दिन प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने गायत्री प्रजापति के अमेठी वाले घर पर छापेमारी की थी। जिसमें कुल 11 लाख रुपये के पुराने नोट बरामद हुए हैं। इसके अलावा को 5 लाख रुपये के सादे स्टाम्प पेपर, डेढ़ लाख रुपये कैश और सौ से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज़ मिले हैं।
दरअसल, बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के अमेठी के आवास और दफ्तर पर छापा मारा था। खनन घोटाले के संबंध में हुई ये छापेमारी लंबे वक्त तक चली, जिसमें ईडी को कई दस्तावेज मिले हैं।
छापेमारी में ईडी को क्या मिला
ईडी को छापेमारी में जो दस्तावेज मिले हैं। उनसे पता चलता है। गायत्री प्रजापति की लखनऊ, कानपुर, मुंबई, सीतापुर समेत छह से ज्यादा शहरों में संपत्ति है। दावा है। कि यह सारी संपत्ति खनन की कमाई से बनाई गई है।
प्रवर्तन निदेशालय के खुलासे के अनुसार, कई बेनामी संपत्तियों में निवेश किया गया है। और यह बेनामी संपत्तियां करीबी रिश्तेदारों, निजी सहायकों और ड्राइवरों के नाम पर ली गई हैं।
सपा सरकार के दौरान हुआ था। घोटाला
आपको बता दें कि यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति अभी रेप के मामले में जेल में बंद हैं।साथ ही खनन के पट्टों के आवंटन मे धांधली के आरोप में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की जांच भी चल रही है। इस जांच के सिलसिले में गायत्री प्रजापति और उनके करीबियों पर कई बार छापेमारी हो चुकी है।
दरअसल, यूपी के अवैध खनन मामले की कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रही है।इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में एक्टिव हुआ है। इस मामले में एजेंसियों की नजर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर भी है। अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 2012 से 2013 तक राज्य के खनन मंत्री रहे हैं। 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन हुआ था।
इस मामले में पहले भी एजेंसियों ने कई अधिकारियों के यहां छापेमारी की थी।साथ ही कई शहरों में दस्तावेजों को खंगाला गया था।

कोरोना के नए स्ट्रेन ने गौतम बुद्ध नगर में दी दस्तक

गौतम बुद्ध नगर। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की दस्तक अब गौतमबुद्ध नगर में भी हो गई है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर में यूके से लौटे 188 लोगों की टेस्टिंग हुई जिसमें 2 लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए और इनमें से 1 में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है।
जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम से गौतमबुद्ध नगर लौटे लोगों में से 2 कोरोना पॉजिटिव मिले जिसमें एक मरीज में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। उनके प्राइमरी कॉन्टेक्ट की ट्रेसिंग पहले ही की जा चुकी है, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।
इससे पहले बुधवार को उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि जो लोग 9 दिसंबर के बाद यूनाइटेड किंगडम से लौटकर आए हैं। इनके सैंपल्स की जांच की जा रही है। अभी तक उत्तर प्रदेश में 2 ऐसे मामले पाए गए हैं। जिनमें कोविड के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. एक मेरठ से और एक मामला गौतमबुद्ध नगर से आया है।
यूनाइटेड किंगडम से शुरू हुआ कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भारत में फैलता जा रहा है। अब तक दो दर्जन के करीब ऐसे केस दर्ज हो चुके हैं। जिनमें कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में ऐसे 10 मामले सामने आ चुके हैं। जिसके बाद प्रशासन अलर्ट पर है।
उत्तर प्रदेश में जिन 10 लोगों में कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं। उनमें मेरठ में एक, नोएडा में तीन, गाजियाबाद में दो और बरेली का एक व्यक्ति है। दो लोग ऐसे हैं। जो यूपी में आए हैं। हालांकि रहने वाले दिल्ली के हैं। हालांकि प्रदेश में सबसे पहले मेरठ में ही दो वर्षीय बच्ची में कोरोना का नया स्ट्रेन मिला था। जिसका परिवार यूनाइटेड किंगडम से वापस आया था। इस केस के सामने आने के बाद यूपी सरकार ने सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है।
कहा जा रहा है। कि यूनाइटेड किंगडम से जितने लोग उत्तर प्रदेश में वापस आए हैं। उनमें से करीब 565 लोगों के मोबाइल बंद हैं। और उनका पता निकालने का काम किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक यूके से लौटे 950 लोगों की जांच की जा चुकी है। जबकि अन्य की तलाश हो रही है और फिर जांच की जाएगी।

मेरठ: महिला की गला रेतकर हत्या, गिरफ्तार

मेरठ में महिला की गला रेतकर हत्या

लखनऊ। उत्तर-प्रदेश के मेरठ में एक महिला की हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है। कि अवैध संबंधों के शक में एक प्रेमी ने अपनी महिला मित्र की गला रेतकर हत्या कर दी। ये सनसनीखेज मामला मेरठ के थाना ब्रह्मपुरी क्षेत्र का है। महिला हरिनगर इलाके में अपने परिवार के साथ रहती थी। और ब्यूटी पार्लर चलाती थी। 
पिछले कई साल से मृतक महिला के एक युवक के साथ अवैध संबंध थे। दोनों शादीशुदा होने के बावजूद एक-दूसरे को पसंद करते थे। ऐसा आरोप है कि महिला के अब किसी दूसरे शख्स के साथ भी अवैध संबंध बन गए थे। जिसकी वजह से ही उसकी हत्या हुई। 
अवैध संबंध में महिला की हत्या 
बस यही बात युवक को नागवार गुजरी और उसने अपनी प्रेमिका के घर में घुसकर गला रेत कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद इलाके में कोहराम मच गया। आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और आरोपी को पकड़ लिया। हत्या की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और आरोपी हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया।
सीओ ब्रह्मपुरी अमित राय ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। महिला का पति दिल्ली में नौकरी करता है। इस हत्या से पूरा परिवार खौफ और सदमे में है। पुलिस अब इस मामले की कानूनी कार्रवाई करने में जुटी है।

यूपी में अब नहीं मिलेगी कैदियों को पैरोल

यूपी में अब नहीं मिलेगी कैदियों को पैरोल

लखनऊ। उत्तर-प्रदेश की सरकार ने जेल में बंद कैदियों को लेकर बड़ा फैसला किया है। सजा पा रहे कैदियों को अब उत्तर प्रदेश पैरोल नहीं दी जाएगी। उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने ये आदेश जारी किया है।
गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की जांच कर रही एसआईटी ने प्रदेश सरकार से ऐसा करने की सिफारिश की थी। जिसके बाद अब राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों को ये आदेश जारी कर दिया है।
एसआईटी ने अपनी सिफारिश में कहा था। कि गंभीर अपराधों में सजा पाए हुए कैदी सामाजिक जीवन में रहने लायक नहीं हैं। ऐसे में उन्हें पैरोल देने से पहले विचार किया जाना चाहिए। सिफारिश में रेप, हत्या और अन्य गंभीर मामलों में सजा काट रहे कैदियों को पैरोल नहीं देने की बात कही थी।
आपको बता दें कि इसी साल कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे और उसके साथियों ने आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। जिसके बाद वो एक हफ्ते तक फरार रहा, हालांकि बाद में पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारा गया था। विकास दुबे पर करीब 60 से अधिक मामले थे। लेकिन फिर भी वो पैरोल पर बाहर था। 
इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी गंभीर सवाल खड़े किए थे और कहा था। कि इतने गंभीर अपराधी को पैरोल कैसे मिली। जिसके बाद राज्य सरकार की काफी किरकिरी हुई थी।
आपको बता दें कि जो भी व्यक्ति जेल में सजा काट रहा होता है। उसे कुछ वक्त के बाद जेल में किए गए उसके व्यवहार के आधार पर पैरोल मिलने का अधिकार मिल जाता है। प्रशासन की ओर से कैदी के व्यवहार के आधार पर किसी कारणवश कैदी को पैरोल दी जा सकती है। यानी कुछ वक्त के लिए रिहा किया जा सकता है।

भारत में कोरोना के 21,822 नए मामले हुए

भारत में कोरोना के 21,822 नए मामले, 98.60 लाख से अधिक संक्रमणमुक्त
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 के 21,822 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,02,66,674 हो गए जिनमें से 98.60 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार 299 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,48,738 हो गई। आंकड़ों के अनुसार कुल 98,60,280 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 96.04 प्रतिशत हो गई। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है।
देश में लगातार 13 दिनों से उपचाराधीन लोगों की संख्या तीन लाख से कम है। अभी 2,57,656 लोगों का कोरेाना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 2.51 प्रतिशत है। भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार 30 दिसम्बर तक कुल 17,20,49,274 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई जिनमें से 11,27,244 नमूनों की जांच बुधवार को की गई।

3 कृषि कानूनों के खिलाफ पेश किया प्रस्ताव

केरल के सीएम ने केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव

तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बृस्पतिवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया और केन्द्र में भाजपा नीत राजग सरकार पर निशाना सााधा।
किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने और उनके साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए बुलाए गए एक घंटे के विशेष सत्र में यह प्रस्ताव पेश किया गया। विजयन ने प्रस्ताव पेश करते हुए नए कानूनों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की और कहा कि देश किसानों द्वारा किए इतिहास के अब तक के सबसे प्रभावशाली प्रदर्शनों में से एक को देख रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र के कृषि कानून किसान-विरोधी और कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले हैं। विजयन ने कहा कि प्रदर्शन के अंतिम 35 दिन में कम से कम 32 किसानों की जान गई है। उन्होंने कहा कि जब लोगों को उनके जीवन को प्रभावित करने वाले किसी मुद्दे को लेकर चिंता हो तब विधानसभाओं की यह जिम्मेदारी बनती है। कि वे इस पर गंभीरता से विचार करे।
उन्होंने कहा कि केन्द्र ऐसे समय पर यह विवादास्पद कानून लेकर आई है। जब कृषि क्षेत्र पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहा है। और इसलिए किसानों को चिंता है। कि वे मौजूदा समर्थन मूल्य का फायदा भी खो देंगे।

दिल्ली में फीका हुआ नए साल का जश्न, कर्फ्यू

दिल्ली में फीका हुआ नए साल का जश्न, 31 दिसंबर और एक जनवरी को नाइट कर्फ्यू लागू

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने कोविड-19 और इसके नए स्वरूप के संक्रमण के मद्देनजर 31 दिसंबर और एक जनवरी को रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया है। ताकि नववर्ष समाराहों में लोगों की भीड़ एकत्र न हो।
दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, रात्रिकालीन कर्फ्यू 31 दिसंबर की रात 11 बजे से एक जनवरी की सुबह छह बजे तक और एक जनवरी की रात 11 बजे से दो जनवरी की सुबह छह बजे तक लागू रहेगा। आदेश में कहा गया है, कि रात्रिकालीन कर्फ्यू के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी। मुख्य सचिव ने आदेश में कहा कि दिल्ली में रात्रिकालीन कर्फ्यू के दौरान लोगों और सामान के अंतरराज्यीय आवागमन पर कोई रोक नहीं होगी।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...