मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

भाजपा को बड़ा झटका, सांसद ने दिया इस्तीफा

बीजेपी को बड़ा झटका लोकसभा सांसद ने पार्टी से दिया इस्तीफा 
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के लिए एक झटका देने वाली खबर है। यहां के भरूच से लोकसभा सांसद मनसुख वसावा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही जल्द ही संसद की सदस्यता से भी इस्तीफा देने की बात कही है। भरुच से बीजेपी सांसद मनसुखभाई धनजीभाई वसावा ने 28 दिसंबर को गुजरात के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सी.आर पाटिल को पत्र लिखकर अपने फैसले की जानकारी दी. मनसुव वसावा ने किस कारण इस्तीफा दिया ये अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में मनसुख वसावा ने लिखा है। कि उन्होंने पार्टी के साथ वफ़ादारी निभाई है। साथ ही पार्टी और जिंदगी के सिद्धांत का पालन करने में बहुत सावधानी रखी है। लेकिन आखिरकार मैं एक इंसान हूं और इंसान से गलती हो जाती है। इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा देता हूं। वसावा ने ये भी कहा कि लोकसभा सत्र शुरू होने से पहले वो सांसद पद से भी इस्तीफा दे देंगे गौरतलब है। कि मनसुख वसावा हाल ही में अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। गुजरात के सीएम विजय रुपाणी को पत्र लिखकर वसावा ने कहा था। कि गुजरात में आदिवासी महिलाओं की तस्करी हो रही है। इसके अलावा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के संंबंध में उन्होंने पीएम मोदी को भी एक पत्र लिखा था। 
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबकि इसी महीने मनसुख वसावा का पीएम मोदी को लिखा गया पत्र सामने आया जिसमें उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास इको-सेंसेटिव जोन रद्द करने की मांग की थी। पत्र में अपने इस आवेदन के पीछे मनसुव वसावा ने इलाके के आदिवासी समुदाय के 'विरोध को कम करने' की वजह बताई थी। मनसुख वसावा खुद एक आदिवासी नेता हैं। और वो इस समुदाय की लंबे समय से राजनीति करते आए हैं।

स्ट्रेन की एंट्री, ब्रिटेन से लौटे 6 लोगों में पायें लक्षण

भारत में कोरोना के नए स्ट्रेन की एंट्री, ब्रिटेन से लौटे 6 लोगों में पाया गया लक्षण
  अकांशु उपाध्याय  
 नई दिल्ली। कोरोना से जुड़ी इस वक्त की एक बड़ी खबर आ रही है। नए साल के जश्न से पहले एक बुरी खबर सामने आई है। भारत में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की एंट्री हो गई है। 
ब्रिटेन से लौटे 6 लोगों में कोरोना के नए स्ट्रेन से जुड़ी लक्षण देखने की मिला है। इस बार में भारत सरकार की तरफ से जाकारी देते हुए बताया गया है। कि यूनाइटेड किंगडम से लौटे 6 लोगों में ये नए स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं। इनमें से तीन बेंगलुरु, 2 हैदराबाद और एक पुणे की लैब के जांचे गए सैंपल में नया स्ट्रेन पाया गया है। यूके से लौट रहे लोगों की जीनोम स्किवेंसिंग की गई थी। जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई है। बता दें कि 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक यूके से करीब 33 हजार लोग वापस आए। सभी को ट्रैक कर उनका टेस्ट करवाया गया। इनमें से कुल 114 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले थे। जिसमें से 6 लोगों में कोरोना के नए स्ट्रेन पाया गया है। इन सभी को सरकार ने एक सेल्फ आइसोलेशन रुम में रखा गया है। और उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन कर दिया गया है।

राजभवन घेरने निकले किसानों पर लाठीचार्ज

पटना में किसानों पर लाठीचार्ज, राजभवन घेरने निकले थे किसान संगठन
अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इस आंदोलन का असर अब बिहार में भी देखने को मिल रहा है। विपक्षी दलों ने भी कानूनों का पुरजोर विरोध करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में आज वामदलों के कार्यकर्ता राजभवन को घेरने सड़क पर उतर चुके हैं। लेकिन बीच में ही प्रशासन ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए उनपर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया बता दें कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए किसान आज 'राजभवन मार्च' निकाल रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं की मांग है। कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले इसलिए बिहार के विभिन्न जिलों से एकत्रित होकर किसान राजभवन मार्च' करेंगें और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे इस मार्च में अखिल भारतीय किसान महासभा के साथ-साथ एआईकेएससीसी के सभी सदस्य संगठन शामिल हुए हैं। इस प्रदर्शन में बटाईदार किसानों का भी बड़ा हिस्सा शामिल है। पूर्णिया अररिया, सीमांचल के अन्य जिलों, चंपारण, सिवान गोपालगंज आदि जिलों के किसान आज पटना में इकठ्ठे होकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।

15 साल के गठबंधन में ऐसा कभी नहीं हुआ

जेडीयू और बीजेपी के रिश्तों में दरार, वशिष्ट नारायण बोले 15 साल के गठबंधन में ऐसा कभी नहीं है
अविनाश श्रीवास्तव  
पटना।अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्तो में आई तल्खी को अब पार्टी के नेता खुले तौर पर स्वीकार कर रहे हैं। जेडीयू और बीजेपी के बीच रिश्ते में दरार आ चुकी है। इस बात को जेडीयू के ही प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी कंफर्म किया है।उन्होंने कहा है कि इसमें कोई दो राय नहीं कि अरुणाचल के घटनाक्रम के बाद रिश्तो में दरार आई है।
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है। कि पिछले 15 सालों में गठबंधन के अंदर ऐसा कभी नहीं हुआ। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है। कि अरुणाचल प्रदेश में जो कुछ हुआ, वह गठबंधन धर्म के विपरीत है। वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है। कि नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ पिछले 15 सालों की दोस्ती में ऐसा कभी नहीं किया  जैसा बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में किया है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसे लेकर हम अफसोस जाहिर कर चुके हैं। पार्टी ने तय किया है। कि अब बिहार के बाहर जेडीयू अपने बूते संगठन का विस्तार करेगा हम चुनाव भी लड़ेंगे और पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा भी दिलाएंगे।
वशिष्ठ नारायण सिंह ने ये भी कहा है। कि आरसीपी सिंह के जेडीयू अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश कुमार भी सरकार के साथ-साथ पार्टी को अलग से वक्त दे पाएंगे।  आरसीपी सिंह पहले से संगठन के लिए काम करते रहे हैं। लिहाजा अब पार्टी के विस्तार को खास तौर पर बिहार के बाहर जेडीयू अपना फैलाओ कर पाएगा।

आईटीआर: फॉर्म-16 नहीं तो धबराने की जरूरत नहीं

नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करते वक्त सबसे अहम दस्तावेज होता है फॉर्म-16, जिसके बिना आईटीआर भरना नामुमकिन सा लगता है। इसी से पता चलाता है कि आपकी ग्रॉस सैलरी क्या है। कोरोना संकट के बीच अगर आपकी नौकरी चली गई या कंपनी ने अपना कारोबार समेट लिया जिसके चलते आपको फॉर्म-16 नहीं मिला तो धबराने की जरूरत नहीं है। हम आपको बता रहे हैं कि आप इसके बिना भी कैसे आसानी से अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
अपनी सभी आय की गणना करें

आप जिस वित्त वर्ष का रिटर्न भरने जा रहे हैं उस अवधि में हुए सभी आय की गणना करें। आप नौकरीपेशा हैं तो वर्ष के सारे पे स्लिप जमा कर लें क्योंकि आपके पे स्लिप में सैलरी से संबंधित जरूरी डीटेल होती हैं। इसके साथ मकान का रेंट, बैंक में जमा पर ब्याज आदि की गणना करें। अगर आपने बीच में नौकरी बदली है तो दोनों कंपनियों के पे स्लिप डीटेल्स भरें। वेतन गणना करते वक्त ध्यान रखें कि आपको को जो वेतन मिलती है वो आपका पीएफ टीडीएस, प्रोफेशन टैक्स काटकर दी जाती है।

टीडीएस की गणना करें

अपनी सैलरी पर हुए टीडीएस गणना के लिए फॉर्म 26एएस देखें, जिसमें आपकी सैलरी पर लगे टीडीएस की जानकारी होती है। यह सुनिश्चित कर लें कि जितना कर आपकी सैलरी स्लिप मंब है और जितना फॉर्म-26एएस में दिख रहा है वह समान है। आंकड़े अगर एक समान ना आएं तो एक बार पुरानी कंपनी से मदद ली जा सकती है, ताकि ये पता चल सके कि सैलरी में और फॉर्म-26एएस में अलग-अलग टैक्स क्यों दिख रहा है।

टैक्स छूट और कटौती का दावा करें

आपको मिलने वाले तमाम भत्ते को सैलरी से कम करें। इसके अलावा सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का दावा करें। सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स छूट क्लेम करें। इसके अलावा और भी जो निवेश किया हो या खर्चा किया हो, जिस पर टैक्स छूट मिल सकती है, वह सब दावा करें।

अंत में क्या करें

ये सब करने के बाद आपके सामने टैक्सेबल इनकम आ जाएगी। आप इस पर टैक्स की गणना कर के भरें दें। अगर पहले ही अधिक टैक्स भर दिया है तो वह आईटीआर भरने के बाद वापस आ जाएगा। कितना टैक्स देना है, इसकी गणना अपने आप ही आईटीआर फॉर्म में दिखने लगेगा। ध्यान रहे आईटीआर भरने के बाद ई-वेरिफिकेशन जरूर कराएं। इन सभी शर्तों को पूरा कर लेने के बाद आप फार्म-16 के बगैर भी इनकम टैक्स फाइल कर सकते हैं।

कच्ची उम्र में हुई शादी, 1500 बच्चों की मां

एक ऐसी महिला है जो 1500 बच्चों की मां है। जी हां, हम बात कर रहे है सिंधुताई सपकाल की। अनाथ बच्चों का पेट भरने के लिए उन्होंने सड़कों पर भीख तक मांगी। आपको यह जानकर हैरान होगी सिंधुताई की जिन्दगी एक ऐसे बच्चे के तौर पर शुरू हुई थी, जिसकी किसी को जरूरत नहीं थी। सिंधुताई को महाराष्ट्र की मदर टेरेसा भी कहा जाता है।

सिंधुताई ने 10 साल की उम्र में 20 साल के व्यक्ति से शादी की। शादी के कुछ महीनों बाद वह गर्भवती हो गई। लेकिन नौ महीने की गर्भवती को मरने के लिए छोड़ दिया। पति ने नौवें महीने पेट में लात मारी, बेहोशी की हालत में गायों के बीच एक बेटी को जन्म दिया। बेघर होने के बाद अपना पेट भरने के लिए ट्रेन में भीख मांगी। इतना ही नहीं कभी रोटी खाती और कभी श्मशान घाट से चिता की रोटी खाती।

हाथ से काटी बेटी की नाल : कच्ची उम्र में ही उनकी शादी कर दी गई। 10 साल की उम्र में वो 30 साल के आदमी की घरवाली थीं। उनके पति ने उन्हें दुख देने में कोई कसर नहीं छोड़ी और हालात इतने बुरे हो गए कि उन्हें गौशाला में अपनी बच्ची को जन्म देना पड़ा। वो बताती हैं कि उन्होंने अपने हाथ से अपनी नाल काटी। इन सब बातों ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया। उन्होंने आत्महत्या करने की भी बात भी सोची।

1500 से अधिक अनाथ बच्चों की मां : एक महिला सशक्तीकरण पर आयोजित शक्ति कार्यक्रम में पूना की 70 वर्षीय सिंधुताई ने कहा, मुझे पढ़ाई का बहुत शौक था लेकिन मेरी मां ने मुझे पढ़ाई करने की अनुमति नहीं दी। बचपन में ही शादी हो गई। गर्भवती हालत में पति ने घर से निकाल दिया।

उन्होंने कई कठिनाइयों को सहन किया और फिर अनाथ बच्चों की सेवा करने का फैसला किया। वर्तमान में मैं 1500 से अधिक अनाथ बच्चों की मां हूं। आपको यह जानकर हैरान कि जिनमें से कुछ डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर और वकील बन गए हैं।

यूनिवर्सिटी के विरोध में बनी फिल्म नहीं होगी रिलीज

नई दिल्ली। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) (CBFC) के यहां स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय में हुए छात्रों के विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि पर आधारित मलयालम फिल्म ‘वर्तमानम्’  को हरी झंडी देने से इनकार कर दिया है। इस फिल्म का निर्देशन प्रतिष्ठित फिल्मकार सिद्धार्थ शिवा ने किया है और पुरस्कार विजेता अभिनेत्री पार्वती तिरुवोत ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है। इस फिल्म की कहानी केरल की एक महिला के इर्द-गिर्द घूमती है, जो शोध कार्य के लिए अपने गृह राज्य से जेएनयू परिसर जाती है। फिल्म निर्माता एवं पटकथा लेखक आर्यदान शौकत ने कहा कि सीबीएफसी के अधिकारियों ने प्रमाण पत्र नहीं देने का कोई कारण नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि फिल्म को इसी सप्ताह प्रणाम पत्र के लिए मुंबई स्थित सेंसर बोर्ड की पुनरीक्षण समिति के पास भेजा जाएगा। शौकत कांग्रेस नेता भी हैं। शौकत ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘यहां सीबीएफसी अधिकारियों ने हमें अभी यह जानकारी दी कि फिल्म को पुनरीक्षण समिति के पास भेजा जाना है।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी तक यह नहीं पता कि फिल्म को प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिया गया।’’पुरस्कार विजेता पटकथा लेखक ने कहा कि उन्होंने पटकथा लिखने के पहले कई महीने अध्ययन एवं शोध किया और जेएनयू परिसर की संस्कृति एवं जीवनशैली से रू-ब-रू होने के लिए कई दिन दिल्ली में बिताए। उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमें 31 दिसंबर से पहले सेंसर बोर्ड की मंजूरी नहीं मिलती है, तो हम फिल्म को इस बार किसी पुरस्कार के लिए नहीं भेज सकते हैं।’’ शौकत ने संदेह जताया कि राजनीतिक कारणों से फिल्म दिखाने को मंजूरी नहीं दी गई। उन्होंने सेंसर बोर्ड के उस सदस्य के हालिया ट्वीट का भी जिक्र किया, जो भाजपा के एससी मोर्चा के राज्य उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सेंसर बोर्ड के सदस्य एवं वकील वी संदीप कुमार ने हाल में ट्वीट किया था कि मंजूरी इसलिए नहीं दी गई, क्योंकि आर्यदान शौकत इसके पटकथा लेखक एवं निर्माता हैं।’’

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...