किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के बच्चों को गोद लेगी सिख पंचायत
राणा ओबरॉय
झज्जर। किसान आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिवारों को सिख पंचायत अडॉप्ट करेगी। आंदोलनरत किसानों के लिए पिछले 25 दिन से लगातार मदद के लिए हाथ उठ रहे हैं। वहीं इस दौरान मौत का ग्रास बने किसानों के परिवारों की मदद के लिए कैलिफोर्निया में बसे एनआरआई सिख आगे आए हैं। वहां की सिख पंचायत अब उन किसानों के परिवारों को गोद लेकर उनका लालन-पालन करेगी। सोमवार को आंदोलन का 26 वां दिन है। टिकरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्वक जारी है। कल रविवार को किसानों ने मृतक किसानों के लिए अरदास कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके साथ ही दो मिनट का मौन भी रखा।
25 दिन से किसानों को ठंड में ठिठुरते देख सिख पंचायत कहलाने वाली एनजीओ सिख फॉर ह्यूमिनटी ने रविवार को किसानों की सुविधा के लिए जरूरी सामान टीकरी बॉर्डर पर पहुंचाया। पंचायत की ओर से सरदार शैलेंद्र सिंह व उनके साथी सामान लेकर पहुंचे। उनकी ओर से बड़ी संख्या में अस्थायी टॉयलट, हमाम, ठंड से बचने के लिए स्लिपिंग बैग आंदोलनरत किसानों को दिए गए। उन्होंने कहा कि उनकी एनजीओ मृतक किसानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से रविवार को किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों की आत्मिक शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान शहीद किसानों को उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सर्वजाति सर्वखाप झाड़सा 360 गांव के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह ठाकरान ने की। सभा को संबोधित करते हुए सयुंक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह, वरिष्ठ नेता राव कमलबीर सिंह, पार्षद आर.एस.राठी, पूर्व पार्षद गजे सिंह कबलाना, वीर सिंह सरपंच बजघेड़ा, सतबीर सिंह संधू, कल्याण सिंह संधू ने किसान शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते करते हुए एक संयुक्त रूप से बयान दिया कि नए कृषि कानून जन विरोधी है।