गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

मंत्रालय ने योगासन को खेल के रूप में मान्यता दी

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने गुरूवार को योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में औपचारिक तौर पर मान्यता दे दी है। जिससे इसे सरकारी सहायता मिल सकेगी। खेल मंत्री किरेन रीजीजू और आयुष (आयुर्वेद, योग , नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी) मंत्री श्रीपाद येस्सो नाईक ने एक कार्यक्रम के दौरान योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता दी।

आप विधायकों ने कानून की प्रतियां फाड़ी, हंगामा

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी सरकार के कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन कानूनों का गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में जमकर विरोध हुआ और सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों के सदन में कानून की प्रतियां फाड़ने से हंगामा हो गया। दिल्ली विधानसभा का आज एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। सत्र की शुरुआत में ही परिवहन और पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने एक संकल्प पत्र पेश किया, जिसमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात कही गई।

पीएसएलवी-सी50 का सफल प्रक्षेपण किया

श्रीहरिकोटा। संचार उपग्रह सीएमएस-01 को लेकर जा रहे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी50 का गुरुवार को सफल प्रक्षेपण किया गया। पीएसएलवी-सी50 ने 25 घंटों तक चली उल्टी गिनती के बाद आज दोपहर 03:4 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से उड़ान भरी।

कृषि कानून के समर्थन में आयोजित हुई रैली

रुद्रपुर। भाजपा हाईकमान के निर्देश पर कृषि कानून के समर्थन में रूद्रपुर में आयोजित विशाल रैली में बतौर मुख्य अतिथि पहंचे केंद्रीय शिक्षा एवं मानव संसाधन मंत्री डा.रमेश चन्द्र पोखरियाल ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला और विपक्ष को ललकारते हुये कृषि बिल पर बहस की खुली चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाया गया कृषि बिल किसानों के हितों में है। विपक्ष किसानों को गुमराह कर अपनी रोटियां सेक रहा है। जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे है,वह देश के लिये घातक है।

सीएम केजरीवाल ने सरकार पर साधा निशाना

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा सत्र में नए कृषि कानूनों पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान केजरीवाल ने कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ी दी। उन्होंने कहा कि सरकार और अभी कितने किसानों की जान लेगी, अब तक करीब 20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके है। एक-एक किसान भगत सिंह बनकर आंदोलन में बैठा है, अंग्रेजों से बदतर न बने सरकार।

सीएम खट्टर ने संत की मौत को बडी क्षति बताया

राणा ओबरॉय 
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने सिख संत राम सिंह की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए, इसे एक “अपूरणीय क्षति” करार दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।केन्द्र के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का समर्थन कर रहे संत राम सिंह (65) ने बुधवार को सिंघु बॉर्डर के पास खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस के मुताबिक उन्होंने पंजाबी में हस्तलिखित एक पत्र भी छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि वह “किसानों का दर्द” सहन नहीं कर पा रहे हैं। पुलिस उस पत्र की जांच कर रही है।

खट्टर ने बताया कि संत राम सिंह की मौत देश और राज्य के संत समाज को एक अपूरणीय क्षति है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि उनका निधन उनके लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। यह बेहद दुखद क्षण है। खट्टर ने कहा कि संत राम सिंह को वास्तविक श्रद्धांजलि उनके द्वारा दिखाए गए मानव कल्याण के मार्ग पर चलना होगा। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह संत के निधन से काफी दुखी हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “करनाल के नानकसर सिंघरा वाले के संत राम सिंह जी द्वारा केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर आत्महत्या करने की खबर स्तब्ध करने वाली और बेहद दुखद है। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के साथ मेरी दुआएं हैं।”

संत राम सिंह का शव बुधवार रात करनाल जिले सिंघरा गांव के नानकसर गुरुद्वारा ले जाया गया, जहां भारी संख्या में उनके समर्थक इकट्ठे हुए। हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि संत राम सिंह एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन मानव सेवा को समर्पित कर दिया।

उन्होंने कहा,  “एक पवित्र आत्मा होने के कारण, वह किसान विरोधी कानून के खिलाफ ठंड में पिछले कई दिनों से दिन-रात सड़कों पर रह रहे किसानों का दुख देख बेहद दुखी थे…. जिनमें (प्रदर्शन में) कई बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल हैं।” कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी उनके निधन शोक जताया।

राहुल संवैधानिक संस्थाओं का आदर नहीं करते

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मन में संवैधानिक संस्थाओं के प्रति कोई आदर नहीं है और यही वजह है कि उन्होंने बुधवार को रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक से बहिर्गमन किया।जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी को इस बात का ज्ञान नहीं है कि समिति के सामने साल भर में कौन से विषय रखे जाएंगें, जबकि ये विषय बैठकों में चर्चा के बाद ही तय होते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में समिति की 14 बैठकें हुईं जिसमें सिर्फ दो बैठकों में वह उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि ‘जब विषय सुझाने का अवसर था तब राहुल गांधी और उनके साथियों ने कुछ नहीं कहा और अब भाजपा पर यह कहकर दोष मढ़ रहे हैं कि बैठक में महत्वपूर्ण विषय नहीं उठाए जा रहे हैं। स्थायी समिति की बैठक विरोध जताने या जनता के लिए भाषण देने का स्थान नहीं है।’

जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की सरकार के दौरान भी राहुल गांधी ने मंत्रिमंडल से मंजूर अध्यादेश की प्रति को सार्वजनिक तौर पर पत्रकार वार्ता में फाड़ दिया था। जिससे साबित होता है कि संविधान के प्रति उनकी कोई आस्था नहीं है। उन्होने स्थायी समिति की बैठक का बहिर्गमन करके एक बार फिर संवैधानिक व्यवस्थाओं का बहिष्कार किया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सासंद राहुल गांधी और कुछ अन्य सदस्यों ने बुधवार को रक्षा मामले की संसदीय समति की बैठक का बहिर्गमन करते हुए आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों की बजाए सशस्त्र बलों की वर्दी पर चर्चा करके समय बर्बाद किया जा रहा है। श्री गांधी बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और लद्दाख में तैनात सुरक्षा बलों को मज़बूत बनाने से संबंधित मसले उठाना चाहते थे।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...