रविवार, 13 दिसंबर 2020

खाली पेट लहसुन की चाय पीने के अनेक फायदे

राहुल चौबे 

इंडियन फुड में लहसुन का उपयोग बेहद तादात में किया जाता है। लहसुन खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके लिए सबसे पहले लहसुन की कुछ कलियां छील लें। एक बर्तन में 3 कप पानी लें और इसे उबलने दें। अब इस पानी में लहसुन को काट कर डालें। इसे कुछ मिनट तक उबलने दें। इसे गैस से निकाल लें और इसमें कुछ बूंदे शहद और नींबू की डालें। अब तैयार है आपकी गार्लिक टी । 

लहसुन की चाय के फायदे : लहसुन की चाय को खाली पेट पीने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। इसके अलावा यह पाचन के लिए काफी फायदेमंद होती है। शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ लहसुन की चाय पीने से बाहर निकल जाते हैं। कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए लहसुन की चाय काफी फायदेमंद होती है। स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है। यह शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को बराबर रखने में मदद करती है।

जुखाम व खांसी हो सकता है साइनस रोग

नई दिल्ली। साइनस नाक का एक रोग है। सर्दी के मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इस रोग के लक्षण हैं। इसमें रोगी को हल्का बुखार, आंखों में पलकों के ऊपर या दोनों किनारों पर दर्द रहता है। तनाव, निराशा के साथ ही चेहरे पर सूजन आ जाती है। इसके मरीज की नाक और गले में कफ जमता रहता है। 

साइनस के घरेलू उपाय :
-अदरक साइनस के उपचार में फायदेमंद
-लहसुन और प्याज का सेवन साइनस के उपचार में फायदेमंद
-हल्दी साइनस के उपचार में फायदेमंद 
-काली मिर्च साइनस के उपचार में फायदेमंद
-दालचीनी साइनस के उपचार में फायदेमंद
-तुलसी साइनस के उपचार में फायदेमंद

पेट्रोल कारों की बिक्री पर लगाया जाएगा 'प्रतिबंध'

पेट्रोल कारों की बिक्री पर लगाया जाएगा प्रतिबंध 

लंदन। वैश्विक घटनाक्रम में यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने एक हरित औद्योगिक क्रांति के लिए प्रतिज्ञा ली है। उनके नेतृत्व में ली गयी इस प्रतिज्ञा का दावा है कि यूके में न सिर्फ़ ऊर्जा, परिवहन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 250,000 नौकरियों का सृजन होगा बल्कि 2030 तक वहां नयी डीजल और पेट्रोल करों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लग जायेगा।
साथ ही, उसके बाद अगले पाँच सालों में सभी नए निवेश, कारोबार, हीटिंग सिस्टम, और कारों को शून्य कार्बन उत्सर्जन के अनुरूप होना पड़ेगा। यहीं नहीं, 2021 तक ट्रेजरी को सभी निवेश निर्णयों की समीक्षा करनी होगी और ये सुनिश्चित करना होगा कि सभी निवेश शुद्ध शून्य कार्बन के अनुसार हों। और सरकार की जलवायु अनुकूलन टीमों की सभी योजनाएं, विश्व तापमान वर्ष 2100 तक 4c  को ध्यान मैं रखकर बनाना शुरू कर देना चाहिए। इसी क्रम में यह फ़ैसला भी लिया गया कि सभी तरह के व्यवसायों को 'नेट शून्य कार्बन के अनुसार निगरानी और सत्यापन' के लिए बाध्य किया जाना चाहिए। इस बात की भी उम्मीद है कि यूके नए एनडीसी कंट्रीब्यूशन को दिसंबर 2020/जनवरी 2021 तक  प्रस्तुत करेगा।

प्रत्येक माह मनाईं जाती है 'महाशिवरात्रि'

यामिनी दुबे

हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन शिव पूजा की जाती है। मासिक शिवरात्रि रविवार को मनाई जा रही है। मासिक शिवरात्रि के व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा से कोई भी मुश्किल और असम्भव कार्य पूरा किया जा सकता है।

मासिक शिवरात्रि का महत्व :
मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। क्योंकि इस व्रत में व्यक्ति को अपने अवगुणों का त्याग करना होता है। इस व्रत को करके देवी-देवताओं ने मनचाहा वरदान पाया है। भगवान शिव के पूजन के लिए उचित समय प्रदोष काल माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार, इस दिन व्रत करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। जीवन की मुश्किलें दूर होती है।

जनता का साथ देगा जलवायु परिवर्तन को मात

जनता का साथ देगा जलवायु परिवर्तन को मात

एडिनबर्घ। अपनी तरह की एक अनूठी पहल के अंतर्गत, स्कॉटलैंड में अगले साल होने वाली COP26 क्लाइमेट समिट से पहले देश के नागरिकों को ग्लोबल सिटीजन असेंबली में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य पूरी दुनिया के करोड़ों लोगों को एक साथ लाकर इस बात पर विचार विमर्श कराना है कि जलवायु संबंधी संकट से निपटने के लिए दुनिया कौन सी रणनीति अपनाए।
जलवायु संबंधी संकट से निपटने में सरकारों की मदद के लिए सिटीजन असेंबली एक प्रभावी और लोकप्रिय माध्यम के तौर पर तेजी से उभर रही है। यह ऐसे मंच हैं जिनका चुनाव लॉटरी के जरिए होता है। इसकी वजह से जनसांख्यिकी रूप से विविध समूहों के लोग एक मंच पर एकत्र होते हैं और एक नीतिगत मुद्दे पर एक बड़ी अवधि के दौरान विचार-विमर्श करते हैं। इससे उन्हें इस मुद्दे के बारे में और ज्यादा जानने का मौका मिलता है। साथ ही विशेषज्ञों की जानकारी का परीक्षण करने और विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व कर रहे लोगों के साथ बातचीत में शामिल होने तथा आगे बढ़ने के संभावित रास्तों के बारे में अपने साथी सहभागियों के साथ चर्चा करने का अवसर भी मिलता है। यह प्रक्रिया बेहद बारीक बहस और नीतिगत सिफारिशों तथा निर्णयों को जनता द्वारा स्वीकार किए जाने का मौका देती है। हाल ही में हुई फ्रेंच क्लाइमेट असेंबली के बाद किए गए सर्वेक्षण में इस असेंबली के बारे में सुनने वाले फ्रांस के 62% लोगों ने इसमें की गई सिफारिशों का समर्थन किया। वहीं, 60% लोगों ने माना कि सुझाये गए उपाय प्रभावशाली होंगे।

तापमान घटने से रूखी-बेजान हो जाती है त्वचा

यामिनी दुबे

ठंड से त्वचा रुखी और बेजान दिखने लगती है। सर्दियों में तापमान घटने लगता है, जिसके कारण ह्यूमिडिटी का स्तर भी कम हो जाता है। इस वजह से स्किन में नमी नहीं रहती जैसे गर्मियों और अन्य मौसम में रहती है और स्किन ड्राई हो जाती है। त्वचा शुष्क होने पर खुजली की समस्या बढ़ जाती है। आइए जानते हैं सर्दियों के मौसम में कैसे करें त्वचा की देखभाल।

मॉइस्चराइज बेहद ज़रूरी :
सर्दियों में अच्छे मॉइस्चराइज रखना बेहद जरूरी है। इस मौसम में स्किन अपनी नमी खो देती है जिस चलते गहराई से पोषण की जरूरत होती है। अगर आपकी स्किन ड्राई है, तो इस मौसम में क्रीम-बेस्ड मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें।

क्लींजर का करें उपयोग :

सर्दियों में स्किन ड्राई होने लगती है इसके लिए आप ठंड में सोप और फेस वाश से बचे बल्कि इसके बजाए घर में ही क्लींजर बना कर उसका उपयोग करें। इससे आपकी स्किन ड्राई होने से बची रहेगी। 

मानवता का महत्वपूर्ण लक्ष्य 'जनस्वास्थ्य'

मानवता का महत्वपूर्ण लक्ष्य 'जनस्वास्थ्य'

पेरिस। भले ही COP26 UN जलवायु वार्ता में फ़िलहाल साल भर का समय हो। वार्ता को सार्थक बनाने के लिए दुनिया भर के डॉक्टरों और तमाम स्वास्थ्यकर्मियों को अभी से ही एकजुट हो जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि पेरिस समझौते के लक्ष्यों का पूरा होना सीधे तौर पर पूरी मानवता के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित कर सकता है।
इस विचार को विस्तार से द जर्नल ऑफ क्लाइमेट चेंज एंड हेल्थ में एक लेख में उल्लेखित किया गया है। लेख में स्वास्थ्यकर्मियों और डॉक्टरों से पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने में उनकी भूमिका निभाने के लिए आग्रह किया गया है। लेख के अनुसार नवंबर 2021 में होने वाले COP 26 के परिणाम को प्रभावित करने के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों और उनके संगठनों को अभी से एकजुट होना होगा।
हेल्थ प्रोफेशनल्स, द पेरिस अग्रीमेंट, एंड द फीयर्स अर्जेंसी ऑफ़ नाउ शीर्षक के इस लेख को पेरिस समझौते की पांचवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ग्लोबल क्लाइमेट एंड हेल्थ एलायंस (GCHA) के निदेशक मंडल के सदस्यों द्वारा लिखा गया है। इस लेख के अनुसार, “स्वास्थ्य पेशेवरों को पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम कर रहे विज्ञान-आधारित अधिवक्ताओं के बढ़ते वैश्विक समुदाय में शामिल होना चाहिए। सभी लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा और सुधार के लिए हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करने से अभिनेताओं के विविध और व्यापक गठबंधन की आवश्यकता होती है। हमें विश्व की ऊर्जा, परिवहन, कृषि और अन्य भूमि उपयोग प्रणालियों को बदलने के लिए समर्थन और निर्माण करना चाहिए, जो मानव स्वास्थ्य की रक्षा के लिए पर्याप्त है और जलवायु प्रणाली की मरम्मत करता है जिस पर यह निर्भर करता है। स्वास्थ्य पेशेवरों के रूप में, हमें इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक और राजनीतिक निर्माण करने में मदद करनी चाहिए, जिस तरह हम नशे की लत को समाप्त करने और वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारी को रोकने के लिए काम करते हैं।”

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...