शनिवार, 5 दिसंबर 2020

उप निरीक्षक़ो के कार्य क्षेत्र में बदलाव किया

उप निरीक्षक के कार्य क्षेत्र में हुए बदलाव


कौशाम्बी। एसपी अभिनन्दन ने कानून व्यवस्था को बेहतरीन बनाये रखने हेतु जिले में चार निरीक्षक और सात उपनिरीक्षक के कार्यक्षेत्र में बदलाव कर दिया है। पुलिस कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक निरीक्षक तेगबहादुर सिंह को क्राइम ब्रांच से प्रभारी यूपी 112 बनाया गया है। इसी तरह निरीक्षक राधेश्याम वर्मा को पुलिस लाइन्स से प्रभारी एसपीटीयू की जिम्मेदारी सौंपी गई है। परिवर्तन के क्रम में बृजेन्द्र सिंह को पुलिस लाइन्स से वाचक पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। निरीक्षक शम्भूदयाल मौर्या प्रभारी एसपीटीयू से प्रभारी कोरोना सेल की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। अभी तक उप निरीक्षक लखनलाल मिश्रा चौकी इंचार्ज बरियावा के पद पर तैनात थे अब उन्हें बरियावा से हटाकर थाना मोहब्बतपुर पइंसा थाने भेज दिया गया है। उपनिरीक्षक नित्यानंद सोनी को थाना कोखराज से हटा कर चौकी इंचार्ज लोधौर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उपनिरीक्षक प्रभुनाथ सिंह पुलिस लाइन्स से चौकी इंचार्ज बरियावा की जिम्मेदारी दी गई अभी तक बरियावा चौकी इंचार्ज लखन लाल मिश्रा थे। उपनिरीक्षक सत्यराम सिंह यादव को सरायअकिल से थाना महेवाघाट भेज दिया गया है। उपनिरीक्षक जयंत गुप्ता को पुलिस लाइन्स से थाना महेवाघाट में तैनाती के निर्देश जारी किए गए हैं। स्थानांतरण के क्रम में उपनिरीक्षक राकेश राय को पुलिस लाइन्स से थाना कोखराज भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसी क्रम मेंअवनीश पाठक को थाना मोहब्बतपुर पइंसा से थाना पिपरी में तैनाती दिए जाने के निर्देश पुलिस कार्यालय ने दिए हैं।


राजकुमार


हापुड़ की पुलिस का जनपद में पैदल मार्च

अतुल त्यागी


हापुड़। एसपी नीरज कुमार जादौन, एएसपी सर्वेश मिश्रा, सीओ गढमुक्तेश्वर पवन कुमार कोतवाली प्रभारी गढमुक्तेश्वर मुकेश कुमार ने गढमुक्तेश्वर नगर में पैदल मार्च पास्ट किया।जनपद के गढमुक्तेश्वर नगर में हापुड एसपी नीरज कुमार जादौन ए एस पी सर्वेश मिश्रा, सीओ पवन कुमार एवं सुरक्षा बल की टीम ने नगर में पैदल गस्त किया। 6 दिसंबर को‌ लेकर हापुड प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए यह पैदल गस्त करते हूये गुरूद्वारा से प्रारंभ कर तहसील रोड होते हुए गढ नगर में की पैदल गस्त।


चोरी की घटना में 16 शातिर चोर गिरफ्तार

अतुल त्यागी, प्रवीण कुमार


चोरी की घटना का खुलासा घटना में संलिप्त 16 शातिर चोर गिरफ्तार


हापुड़। उत्तर प्रदेश के जनपद पुलिस को 1 माह पूर्व एक स्कूल से चोरी के संबंध में कार्यवाही करते हुए चोरी के सामान सहित 16 लोगों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हाथ लगी है। आपको बता दें कि जनपद हापुड़ के हाफिजपुर थाना क्षेत्र में 6 नवंबर को एक इंटर कॉलेज में अज्ञात चोरों ने एक चोरी की घटना को अंजाम दिया था। इस पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन एवं अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार मिश्रा के आदेश निर्देश पर बनाई गई स्वाट टीम के साथ टीम ने कार्रवाई करते हुए देर रात्रि में किसी चोरी की घटना को अंजाम देने की फिराक में लगे 16 लोगों को थाना क्षेत्र के महमदपुर नहर की पुलिया से गिरफ्तार करने में एक बड़ी सफलता हासिल कर ली तथा इनके कब्जे से चोरी किया गया। पंखे बैटरी इनवर्टर पिकअप बोलेरो एवं घटना में प्रयुक्त होने वाली एक छोटा हाथी के साथ साथ अवैध असला भी बरामद कर ली।
एक प्रेस वार्ता के दौरान हमारे जिला प्रभारी अतुल त्यागी से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बताया कि थाना हाफिजपुर पुलिस ने स्वाट टीम के साथ कार्रवाई करते हुए 16 लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से अवैध हथियार सहित चोरी का काफी सामान बरामद किया है, तथा पूछताछ में चोरों ने अभी तक जनपद में तीन चोरी की घटनाओं को अंजाम दिए जाने की बात स्वीकार की है। अन्य जनपद के आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।


 


जंजीरशाह का मजार प्रशासन कराएगा तामीर

जंजीर शाह बाबा का मजार वहीं तामीर कराएगा प्रशासन..


शन्नू खान


रामपुर। उलेमा इकराम और मुफ्ती ए शहर के साथ जिलाधिकारी की लंबी बातचीत के बाद जंजीर शाह बाबा का मजार वहीं तामीर कराने का फैसला किया गया बातचीत में उलेमाओ ने रियासत कालीन गजट और तारीख की किताब तजकिरा ए कामिलाने रामपुर का हवाला देते हुए सैयद जंजीर शाह बाबा की मजार होने के सुबूत पेश किए साथ ही उसका रजिस्ट्रेशन भी दिखाया जिस पर जिलाधिकारी एके सिंह ने मजार को वहीं बनाने का निर्णय किया इसे लेकर दानिशवर और रामपुर की आवाम में खुशी का माहौल है।
आपको बता दें कि प्रशासन ने जंजीर शाह बाबा का मजार असामाजिक तत्व और नशेड़ीओं का हवाला देते हुए मजार का ढांचा मिसमार कर दिया था जिसको लेकर काफी आक्रोश था।
बरेली शरीफ से अपने एक वफद के साथ खानकाहै नूरिया लाल मस्जिद पहुंचे और क़ाज़ी ए शरा वा मुफ्ती ए ज़िला रामपुर सैयद फैज़ान रज़ा हसनी नूरी से मुलाकात की और शहर रामपुर में जंजीर शाह बाबा के मज़ार की मिस्मारी पर इंतिहाई अफसोस जताते हुए ज़िला इंतज़ामिया रामपुर के इस मज़मूम अमल की सख्त अल्फाज़ में मज़म्मत की
दौराने गुफ्तगू आपने कहा हम रेगुलर वाच कर रहे हैं ।
के हुकूमत वा ज़िला इंतजामियां अपनी नाकामियों कि पर्दा पोशी के लिए बराबर मुसलमानों के जज़बात से खिलवाड़ कर रही है अगर ज़िला इंतज़ामिया रामपुर अपने इस अमल से बाज़ ना आई और उसने मज़ार मुबारक की तामीरे नो नहीं कराई तो ,मरकज़ ए अहले सुन्नत दरगाह आला हज़रत बरेली शरीफ,, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेगी और जो कुछ कानूनी चारा जोई बन पड़ेगी उस से भी पीछे नहीं हटेगी । मज़ार की मिसमारी में क़ुरआने करीम की बेहुरमति और पामाली का अंदोहनाक सानिहा भी सामने आया है। जो यकीनन इनतिहाई तकलीफ देह और काबिले सद मज़म्मत है।


फिर उसके बाद वहां से काज़ी शरा के हमराह जंजीर शाह बाबा के मज़ार का मुआयना करने के लिए तशरीफ ले गए जहां मज़ार की मिसमारी को देखकर आबदीदह हो गए और फरमाया आखिर यह मुतअसिब हुकूमत वा ज़िला इंतज़ामिया। चाहती क्या है।?
क्या वह मुसलमानों के जज़बात से खिलवाड़ करके उन्हें सड़कों पर उतारना चाहती है।? या फिर शहर व ज़िला में फितना व फसाद की आग भड़काना चाहती है।?
ताकि वह फसादज़दगान को क़ानूनी दाओ पेंच मे उलझा कर उन्हें पसे ज़िनदान डाल सके।
आख़िर मे काज़ी ए शरा ने कहा ।दुनिया जान ले हम “क़बर बिला मकबूर” (फर्जी कबर) के हरगिज़ क़ाइल नहीं के क़बर बिला मकबूर की तामीर वा ज़ियारत करने वाले पर अल्लाह की लानत होती है ।
लेकिन क़बर बिलमकबूर(असली कबर) की ज़ियारात और उसका अदबो एहतराम वा तहफ्फुज़ हमारा दीने इस्लाम हमे सिखाता है। जंजीर शाह बाबा का मज़ार कोई अफसाना नहीं हकीकत है जो तारीख के सीने में आज भी महफूज़ है और क़बर बिलमकबूर है। जिस की तोहीन हम हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।                         


मुस्लिम छात्रा ने संस्कृत से पीएचडी किया

मुस्लिम छात्रा ने गुजरात यूनिवर्सिटी से की संस्कृत से पीएचडी


गांधीनगर। गुजरात विश्वविद्यालय से एक मुस्लिम छात्र ने संस्कृत भाषा में पीएचडी कर इतिहास रच दिया है। अभी तक किसी भी मुस्लिम छात्रा ने विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में पीएचडी नहीं की थी।


जानकारी के अनुसार, सलमा कुरैशी (26) नाम की इस छात्रा ने भारत की शिक्षक-शिष्य परंपरा के विषय पर अध्ययन किया। उनकी थीसिस का शीर्षक ‘पूर्णनेशु निरुपिता शिक्षा पद्धति एकम आद्यायन’ है। सलमा कुरैशी जीयू के संस्कृत विभाग का छात्र थीं। उन्होंने अतुल उनागर के मार्गदर्शन में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।


विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर और गाइड अतुल उनगर ने बताया कि “संस्कृत विभाग 1964 से चल रहा है। सलमा कुरैशी के अलावा किसी भी मुस्लिम ने आजतक इस विषय में पीएचडी के लिए प्रवेश नहीं लिया। गुजरात में केवल एक मुस्लिम महिला ने सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। जहां एक ओर सबसे प्राचीन भारतीय भाषा संस्कृत का महत्व घट रहा है, वहीं दूसरी ओर, संस्कृत के महत्व को समझते हुए अमरेली जिले की एक मुस्लिम छात्र ने यह अध्ययन किया है,जो गर्व की बात है।


सलमा कुरैशी ने कहा मुझे पहले से ही गीता, पुराण, शास्त्र पढ़ने का शौक था इसलिए मैंने इस विषय में पीएचडी करने का फैसला किया। इसके अलावा, उन्होंने वेदों और पुराणों में सुझाई गई शिक्षण पद्धति को प्राथमिकता दी इसलिए उन्होंने उसी विषय को चुना। मैं भविष्य में संस्कृत में प्रोफेसर बनना चाहती हूं सलमा ने कहा कि चूंकि हिंदू धार्मिक ग्रंथ संस्कृत में हैं, इसलिए यह माना जाता है कि यह देवताओं की भाषा है। ‘मेरा मानना है कि भाषा का किसी भी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। छात्रों को यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वे जिस भी भाषा में पढ़ना चाहते हैं, चुन सकते हैं। प्राचीन काल में एक शिक्षक-शिष्य परंपरा थी जब छात्रों को समाज में सभी का सम्मान करने के लिए सिखाया जाता था। यह तत्व वर्तमान प्रणाली से गायब है सलमा ने कहा, ‘मेरा मानना है कि संस्कृत को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाना चाहिए। मैं संस्कृत का शिक्षक बनना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि सरकार एक प्रयास करे ताकि भाषा आम लोगों तक पहुंचे।                            


पीएम का पुतला फूंका, भारत बंद का ऐलान

किसानों ने प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने के साथ किया भारत बंद का ऐलान


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। किसान-सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत होगी। बातचीत से पहले किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। किसान-सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत भी फेल रही थी। 
हालांकि सरकार ने किसानों को समझने की बहुत कोशिश की एमएसपी पहले की तरह ही जारी रहेगी। गौरतलब है कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर 10वें दिन भी जमे हुए हैं। आज किसानों और सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत होनी है। इस बीच, किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने की घोषणा की है।
साथ ही 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसान चिल्ला बॉर्डर (दिल्ली-नोएडा लिंक रोड) पर प्रदर्शन कर रहे हैं। एक किसान ने कहा कि अगर सरकार के साथ बातचीत में आज कोई नतीजा नहीं निकला तो फिर संसद का घेराव करेंगे। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान पिछले नौ दिनों से डटे हुए हैं और उनके प्रदर्शन का 10वां दिन है। तमाम मसलों को लेकर दो बार केंद्र सरकार के साथ चर्चा हुई है।
मगर अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आाया है। किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ठोस भरोसा चाहते हैं। वहीं केंद्र सरकार कानूनों को वापस लेने की बात तो नहीं मान रही है लेकिन किसानों की कुछ ऐसी मांग हैं जिनपर सरकार राजी होती दिख रही है।                              


आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची

इस तरह रची जा रही हैं किसान आन्दोलन को बदनाम करने की साजिशें


श्याम मीरा सिंह 


नई दिल्ली। कई का कहना है कि पुलिस जासूसी कर रही थी तो क्या ग़लत था। पुलिस का काम जासूसी करना है। तो पहली बात कि पुलिस काम सबसे पहले तो अपने नागरिकों की सुरक्षा करना है। हमारी पुलिस किसानों पर वॉटर केनन और आंसू गैस के गोले दागती है। जितनी ज़्यादतियाँ हमारे देश की पुलिस करती है संभवतः किसी और मुल्क की पुलिस शायद ही करती हो। पत्रकारों का काम उसे एक्सपोज़ करना है वही हम कर रहे थे पुलिस के जासूस को पकड़ना पत्रकार के रूप में कोई अपराध नहीं किया था। 


दूसरी बात चूँकि पुलिस के जासूस ने सरदारों की तरह ही कपड़े पहने थे इसलिए उसका हर कुछ किया धरा पूरे आंदोलन को बदनाम करने के लिए काफ़ी था। इसकी पूरी सम्भावनाएँ हैं कि ऐसे जासूस किसानों के बीच जाकर ख़ालिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाता और मीडिया उसे हेडलाइन बना देती और आप ही इन निर्दोष किसानों को ख़ालिस्तानी कहकर इस आंदोलन को कुचलवाने में सहयोग करते। दैनिक जागरण ने ऐसी ही एक हेडलाइन बनाई थी कि किसान रैली में पाक ज़िंदाबाद के नारे लगे। ऐसे नारे किसान नहीं लगा सकता। 


पुलिस के जासूस ही आंदोलनकारियों के बीच रहकर ऐसे काम करते हैं। अभी कुछ किसानों ने मुझे बताया कि रात के समय अचानक से वहाँ लड़कियाँ आती हैं। संभवतः वे पुलिस के द्वारा ही भेजी जाती हैं ताकि उनके साथ कोई असहज घटना घट जाए, छेड़छाड़ हो जाए और पूरे किसान आंदोलन को बदनाम कर दिया जाए। लेकिन किसान बड़े ही संयम के साथ इस तरह की साज़िश को असफल कर रहे हैं वे एकतरफ सरकार से लड़ रहे हैं दूसरी तरफ़ सरकार की मशीनरी से। 


बीते दिनों ऐसे ही क़रीब 5 से 6 जासूसों के पकड़ने की बात सामने आइ है जो किसानों के बीच किसानों का भेष धरकर बैठे हुए थे। इसलिए इस बात को नोर्मलाइज करने का कोई औचित्य नहीं है कि पुलिस का काम है जासूसी करना। किसान कोई आतंकी नहीं हैं, वे भी इस देश के बराबर दर्जे के नागरिक हैं, उनका भी अधिकार है शांतिपूर्ण तरीक़े से अपनी माँग रखने का और उन लोगों को पकड़ने का भी जो किसानों के बीच किसानों का भेष रखकर इस आंदोलन को कुचलने में सरकार की मदद कर रहे हैं।                             


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...