बुधवार, 2 दिसंबर 2020

भारत की तरफ बढ़ रहा है चक्रवर्ती 'तूफान'

भारत की तरफ बढ़ रहा इस साल का चौथा चक्रवाती तूफान


कोलकाता। बंगाल की खाड़ी पर गहरे दबाव के क्षेत्र ने मजबूत होकर मंगलवार को चक्रवाती तूफान बुरेवी का रूप ले लिया। भारतीय मौसम विभाग का कहना है। कि तूफान बुरेवी दो दिसंबर की शाम या रात को त्रिंकोमाली के निकट श्रीलंका तट से गुजरने का पूर्वानुमान है। आईएमडी ने एक बुलेटिन में कहा कि श्रीलंका के त्रिंकोमाली पहुंचने के बाद बुरेवी के मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु में कन्याकुमारी के आसपास कोमोरिन इलाके की ओर आने की आशंका है। इस दौरान 75 से 85 से किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी।
कहा कहां से गुजरेगा तूफान 
मौसम विभाग ने बताया कि उसके बाद वो पश्चिम-दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ेगा और चार दिसंबर की सुबह कन्याकुमारी और पम्बन के बीच दक्षिण तमिलनाडु तट को पार करेगा। इससे पहले मौसम विभाग ने कहा था। कि दक्षिण तमिलनाडु और दक्षिण केरल में तीन दिसंबर को कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
इन जगहों पर भारी बारिश की आशंका 
मौसम विभाग ने अगले 12 घंटों के दौरान बंगाल के दक्षिण-पश्चिम खाड़ी में चक्रवाती तूफान बुरेवी के और तेज होने की संभावना जताई है। दक्षिण-तमिलनाडु (कन्याकुमारी तिरुनेलवेली थुथुकुडी, तेनकासी रामनाथपुरम और शिवगंगई) पर 2 से 3 दिसंबर को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी, माहे और कराईकल और उत्तर केरल में 2 और 3 दिसंबर को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।
मछवारों को समुद्र में जाने से मना किया 
मौसम विभाग ने मछवारों को 4 दिसंबर तक समुद्र में जाने से मना किया है। मछुआरों को सलाह दी गई है। कि वो बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में और दक्षिण-पश्चिम हिस्से एवं पूर्वी श्रीलंका तट से दूर ही रहें। इसके अलावा लक्षद्वीप-मालदीव क्षेत्र और आसपास के दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में तीन से चार दिसंबर तक न जाने की सलाह दी गई है।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस तूफान से अगले 36 घंटे में दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश में भी हल्की से भारी बारिश हो सकती है। या कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश हो सकती है।                 


1 बार फिर पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी

आज फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम: जनता परेशान


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के दाम में पिछले दो दिनों तक शांति रहने के बाद आज फिर इजाफा हुआ है। सरकारी तेल कंपनियों ने आज 2 दिसंबर को डीजल की कीमत में 23 पैसे तक की बढ़ोतरी की है, वहीं पेट्रोल की कीमत 15 पैसे तक बढ़ी हैं। इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल का भाव 82.49 रुपए प्रति लीटर और डीजल का भाव 72.65 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया। आज राजधानी रायपुर में पेट्रोल की कीमत करीब 81.29 हैं वहीं डीजल करीब 78.79 रुपए प्रति लीटर हैं।                            


वामदलों का प्रदर्शन, पीएम का पुतला फूंका

किसानों के समर्थन में रायपुर वाम दलों का संयुक्त प्रदर्शन, फूंका प्रधानमंत्री मोदी का पुतला


रायपुर। वाम दलों के राष्ट्रव्यापी आव्हान के तहत किसानों की मांगों के समर्थन में तथा किसान आंदोलन पर मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे दमन के खिलाफ आज देशभर के हर शहरों में वाम कार्यकर्ताओ ने प्रदर्शन किया । रायपुर में शाम 5 बजे माकपा, भाकपा-माले(लिबरेशन), सीटू, एसएफआई,  नवजवान सभा, तथा किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया तथा केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध नारे लगाते हुए नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका, प्रदर्शन और नारेबाजी के बाद सभा को संबोधित करते हुए सीटू नेता तथा माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य साथी धर्मराज महापात्र ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जिन तीन कृषि कानूनों को किसानो के हित में बता रही है , दरअसल ये कानून कॉरपोरेट घरानों और दल्लालो के हित में बनाया गया है और इसमें समर्थन मूल्य पर किसान के अनाज की खरीद से हाथ खींचकर उसे पूरी तौर पर लूट के लिए कार्पोरेट के हवाले कर दिया है, उसने मंडी व्यवस्था को समाप्त कर उसे गुलामी केआर रास्ते पर धकेलने का काम किया है, अत्यवश्यत वस्तु अधिनियम में संशोधन कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को ध्वस्त कर अनाज की आम जनता से लूट का रास्ता खोल दिया है। बेशर्म सरकार अम्बानी अडानी जैसे बड़े पूंजीपतियों के हाथों किसानों का हक और खेती को कार्पोरेट फार्मिंग के जरिए बेचना चाहती है, कई साल से किसान फसल के उचित दाम के लिए, सस्ते कर्ज के लिए,  लागत मूल्य का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए संघर्ष कर रहे थे और अब भी कर रहे, लेकिन इन मांगों को सुनने और लागू करने के बजाय मोदी सरकार सीधे-सीधे सारी फसल को कॉरपोरेट घरानों के हाथों सौपने का काला कानून ले के आयी है, उन्होंने किसानों पर किये जा रहे पुलिसिया जुल्म की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अन्नदाता किसान के साथ इस तरह का बर्ताव देश की जनता नही सहेगी, वाम कार्यकर्ताओ ने इन प्रदर्शनों के जरिये आंदोलनरत किसानों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई और कहा है कि जरूरत पड़ने पर इस आंदोलन को देशभर में विस्तार किया जाएगा, सभा को भाकपा-माले के बृजेन्द्र तिवारी तथा माकपा के रायपुर जिला सचिव प्रदीप गभने ने भी संबोधित किया।


आज प्रदर्शन में प्रमुख रूप से धर्मराज महापात्र, बृजेन्द्र तिवारी, प्रदीप गभने, एस सी भट्टाचार्य,शीतल पटेल, डॉ राजेश अवस्थी, अजय कन्नौजे, दीक्षित भीमगड़े, मो. साजिद रजा, प्रदीप मिश्र, नवीन गुप्ता, विभाष पैतुण्डि, के के साहू, वी एस बघेल, मनोज देवांगन, रिनेश लसेल, महेंद्र लदेर, पवन सक्सेना,  राकेश गौतम, शेखर नाग, रतन गोण्डाने सहित दर्जनों कार्यकर्ताओ ने हिस्सा लिया ।                           


कंगना के बड़बोलेपन पर एफआईआर दर्ज

मोमिन मलिक


नई दिल्ली। कई बार जाने-अनजाने में आपसे ऐसी गलती हो जाती है जिससे समाज में भ्रांति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। खास कर जब ऐसी गलती किसी जानीमानी हस्ती द्वारा की गई हो। अफवाहों पर विश्वास कर अपने ट्वीट्स के जरिए गलत जानकारी देने के मामले में राजदीप सरदेसाई जैसे दिग्गज पत्रकार भी फंस चुके हैं, अब यह बात अलग है कि वामपंथी विचारधारा वाली मीडिया अपने साथी पत्रकारों और नेताओं की गलती को छुपा देते हैं।


लेकिन मामला जब किसी भाजपा अथवा भारतीय संस्कृति का खुल कर समर्थन करने वाली हस्ती हो तो उसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है। ऐसी ही एक हस्ती हैं कंगना रनौत जो विभिन्न सामाजिक मुद्दों को लेकर प्रखर बयानों के कारण वामपंथी मीडिया की आँखों की किरकिरी बनी रहती हैं।दरअसल कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर कंगना रनौत ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने एक महिला आंदोलकारी को शाहीनबाग वाली ‘दादी’ बिलकिस बानो बताया था। अब इसे लेकर कंगना रनौत को पंजाब के एक वकील ने लीगल नोटिस जारी किया है और ट्वीट के लिए माफी की मांग की है।  


पंजाब में ज़ीरकपुर के वकील ने अभिनेत्री कंगना रनौत को कानूनी नोटिस भेजकर अपने ट्वीट पर माफी मांगने की मांग की, जिसमें कृषि कानूनों के विरोध प्रदर्शन में एक बूढ़ी महिला को ‘बिलकिस दादी’ बताया गया थाहालांकि वास्तविकता का पता चलने पर कंगना ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था मगर तथाकथित रूप से सुर्खियों में आने के लिए दायर इस केस पर अदालत क्या रुख अपनाती है, इसका पता तो आने वाले दिनों में ही चल सकेगा।                           


किसानों के समर्थन में आए कई संघ व दल

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। दिल्ली बार्डर पर किसानों का आंदोलन यथा स्वरूप जारी है।  सवेरे कुछ किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली पुलिस की बेरिकेडिंग को गिरा दिया था जिस पर अब कुछ किसान बैठ कर धूप सेंक रहे हैं। बार्डर पर मौजूद किसानों का कहना है कि बुधवार को दोपहर बाद अपने प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे।


इस बीच किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दूर-दूर से विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता भी यूपी गेट पहुंच रहे हैं। गाज़ियाबाद नगर निगम की टीमें शनिवार से ही इलाके में सफाई, सैनिटाइजेशन और पानी का छिड़काव करने में जुटी है। आपको बता दें कि कृषि के तीन कानून के विरोध में यूपी गेट पर चल रहा किसानों के आंदोलन का पांचवां दिन है।


इस बीच खबर है कि किसान नेता नरेश टिकैत आज यूपी बार्डर पर पहुँच कर किसानों को संबोधित करेंगे।  भाकियू (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश टिकैत ने बताया कि मंगलवार को सरकार के साथ हुई बातचीत बेनतीजा रही है, अब देखना होगा कि बृहस्पतिवार को होने वाली बातचीत किस नतीजे पर पहुँचती है। जब तक कोई फैसला नहीं हो जाता है, किसान यूपी गेट पर जी जमे रहेंगे। आज (बुधवार को) हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत किसानों के साथ वार्ता कर आगे की रणनीति तय करेंगे। यदि जरूरी हुआ तो हम दिल्ली का हुक्का-पानी बंद कर देंगे।


प्रदूषणः पटाखों की बिक्री-उपयोग पर प्रतिबंध

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद समेत एनसीआर के सभी शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध को बढ़ा दिया है। अधिकरण द्वारा जारी आदेशों के अनुसार जहां हवा की गुणवत्ता मोडरेट है वहाँ क्रिसमस और नए साल पर उन इलाकों में रात 11:30 से 12:30 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। इसके साथ ही एनजीटी ने सभी जिलों में हवा की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए यंत्र लगाने का आदेश दिया है।


आपको बता दें कि एनजीटी प्रमुख जस्टिस ए.के. गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने इसके साथ ही देश के उन सभी शहरों में भी पटाखों के बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था जहां पर पिछले साल नवंबर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही थी।                                


मिलावटः शहद के 77 फ़ीसदी नमूने फेल

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीईई) का कहना है कि भारत में बिकने वाले शहद के सभी प्रमुख ब्रांड भारी मात्रा में ऐसे तत्वों की मिलावट कर रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।  संस्था का कहना है कि शहद के 77 फीसदी नमूनों में शुगर सिरप की मिलावट पाई गई है। यह शुगर सिरप चीन से आयात किया जा रहा है और भारत के जांच मानकों में आसानी से पकड़ में नहीं आती।


संस्था का दावा है कि उनके द्वारा किए गए प्रमुख शहद उत्पादकों के माल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (एनएमआर) के परीक्षण  में 13 ब्रांड में सिर्फ 3 ब्रांड ही पास हुए।सीएसई कि महानिदेशक सुनीता नारायण का कहना है कि कोविड-19 संकट के वक्त यह खाद्य धोखाधड़ी जनता की सेहत के साथ खिलवाड़’ है। ‘भारतीय इस वक्त ज्यादा शहद का सेवन कर रहे हैं, क्योंकि उनका विश्वास है कि शहद में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) को बनाने की क्षमता है और यह विषाणुओं को बेअसर करने में बहुत कारगर है। लेकिन हकीकत यह है कि यदि शहद मिलावटी है तो हम केवल चीनी का ऐसा घोल खा रहे हैं, जो मोटापा और अत्यधिक वजन की चुनौती को बढ़ाता है और जो अंततः हमें गंभीर कोविड-19 संक्रमण के जोखिम की ओर ले जाता है।


सुनीता नारायण ने शहद में मिलावट के भंडाफोड़ और अध्ययन को लेकर कहा, ‘हम इस समय जानलेवा कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और इससे बचने का कोई रास्ता नहीं है, ऐसे कठिन समय में हमारे आहार में चीनी का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल (ओवरयूज) हालात को और भयावह बना देगा।’


13 में से 10 ब्रांड परीक्षण में फेल


द प्रिंट में छपी खबर के अनुसार सीएसई का दावा है कि उनके द्वारा कराए गए परीक्षण में 13 भारतीय ब्रांड्स में से सिर्फ 3 – सफोला, मार्कफेड सोहना और नेचर्स नेक्टर ही सभी परीक्षणों में पास पाए गए। शहद के प्रमुख ब्रांड्स जैसे डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडु, हितकारी और एपिस हिमालय, सभी एनएमआर टेस्ट में फेल पाए गए।


दरअसल सीएसई ने भारतीय बाजार के 13 विख्यात ब्रांडों की शहद को गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) में स्थित सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) में जांच के लिए भेजा। लगभग सभी शीर्ष ब्रांड (एपिस हिमालय छोड़कर) शुद्धता के परीक्षण में पास हो गए, जबकि कुछ छोटे ब्रांड इस परीक्षण में फेल हुए, उनमें सी3 और सी4 शुगर पाया गया, यह शुगर चावल और गन्ने के हैं।                                  


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...