बुधवार, 2 दिसंबर 2020

वामदलों का प्रदर्शन, पीएम का पुतला फूंका

किसानों के समर्थन में रायपुर वाम दलों का संयुक्त प्रदर्शन, फूंका प्रधानमंत्री मोदी का पुतला


रायपुर। वाम दलों के राष्ट्रव्यापी आव्हान के तहत किसानों की मांगों के समर्थन में तथा किसान आंदोलन पर मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे दमन के खिलाफ आज देशभर के हर शहरों में वाम कार्यकर्ताओ ने प्रदर्शन किया । रायपुर में शाम 5 बजे माकपा, भाकपा-माले(लिबरेशन), सीटू, एसएफआई,  नवजवान सभा, तथा किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया तथा केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध नारे लगाते हुए नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका, प्रदर्शन और नारेबाजी के बाद सभा को संबोधित करते हुए सीटू नेता तथा माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य साथी धर्मराज महापात्र ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जिन तीन कृषि कानूनों को किसानो के हित में बता रही है , दरअसल ये कानून कॉरपोरेट घरानों और दल्लालो के हित में बनाया गया है और इसमें समर्थन मूल्य पर किसान के अनाज की खरीद से हाथ खींचकर उसे पूरी तौर पर लूट के लिए कार्पोरेट के हवाले कर दिया है, उसने मंडी व्यवस्था को समाप्त कर उसे गुलामी केआर रास्ते पर धकेलने का काम किया है, अत्यवश्यत वस्तु अधिनियम में संशोधन कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को ध्वस्त कर अनाज की आम जनता से लूट का रास्ता खोल दिया है। बेशर्म सरकार अम्बानी अडानी जैसे बड़े पूंजीपतियों के हाथों किसानों का हक और खेती को कार्पोरेट फार्मिंग के जरिए बेचना चाहती है, कई साल से किसान फसल के उचित दाम के लिए, सस्ते कर्ज के लिए,  लागत मूल्य का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए संघर्ष कर रहे थे और अब भी कर रहे, लेकिन इन मांगों को सुनने और लागू करने के बजाय मोदी सरकार सीधे-सीधे सारी फसल को कॉरपोरेट घरानों के हाथों सौपने का काला कानून ले के आयी है, उन्होंने किसानों पर किये जा रहे पुलिसिया जुल्म की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अन्नदाता किसान के साथ इस तरह का बर्ताव देश की जनता नही सहेगी, वाम कार्यकर्ताओ ने इन प्रदर्शनों के जरिये आंदोलनरत किसानों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई और कहा है कि जरूरत पड़ने पर इस आंदोलन को देशभर में विस्तार किया जाएगा, सभा को भाकपा-माले के बृजेन्द्र तिवारी तथा माकपा के रायपुर जिला सचिव प्रदीप गभने ने भी संबोधित किया।


आज प्रदर्शन में प्रमुख रूप से धर्मराज महापात्र, बृजेन्द्र तिवारी, प्रदीप गभने, एस सी भट्टाचार्य,शीतल पटेल, डॉ राजेश अवस्थी, अजय कन्नौजे, दीक्षित भीमगड़े, मो. साजिद रजा, प्रदीप मिश्र, नवीन गुप्ता, विभाष पैतुण्डि, के के साहू, वी एस बघेल, मनोज देवांगन, रिनेश लसेल, महेंद्र लदेर, पवन सक्सेना,  राकेश गौतम, शेखर नाग, रतन गोण्डाने सहित दर्जनों कार्यकर्ताओ ने हिस्सा लिया ।                           


कंगना के बड़बोलेपन पर एफआईआर दर्ज

मोमिन मलिक


नई दिल्ली। कई बार जाने-अनजाने में आपसे ऐसी गलती हो जाती है जिससे समाज में भ्रांति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। खास कर जब ऐसी गलती किसी जानीमानी हस्ती द्वारा की गई हो। अफवाहों पर विश्वास कर अपने ट्वीट्स के जरिए गलत जानकारी देने के मामले में राजदीप सरदेसाई जैसे दिग्गज पत्रकार भी फंस चुके हैं, अब यह बात अलग है कि वामपंथी विचारधारा वाली मीडिया अपने साथी पत्रकारों और नेताओं की गलती को छुपा देते हैं।


लेकिन मामला जब किसी भाजपा अथवा भारतीय संस्कृति का खुल कर समर्थन करने वाली हस्ती हो तो उसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है। ऐसी ही एक हस्ती हैं कंगना रनौत जो विभिन्न सामाजिक मुद्दों को लेकर प्रखर बयानों के कारण वामपंथी मीडिया की आँखों की किरकिरी बनी रहती हैं।दरअसल कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर कंगना रनौत ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने एक महिला आंदोलकारी को शाहीनबाग वाली ‘दादी’ बिलकिस बानो बताया था। अब इसे लेकर कंगना रनौत को पंजाब के एक वकील ने लीगल नोटिस जारी किया है और ट्वीट के लिए माफी की मांग की है।  


पंजाब में ज़ीरकपुर के वकील ने अभिनेत्री कंगना रनौत को कानूनी नोटिस भेजकर अपने ट्वीट पर माफी मांगने की मांग की, जिसमें कृषि कानूनों के विरोध प्रदर्शन में एक बूढ़ी महिला को ‘बिलकिस दादी’ बताया गया थाहालांकि वास्तविकता का पता चलने पर कंगना ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था मगर तथाकथित रूप से सुर्खियों में आने के लिए दायर इस केस पर अदालत क्या रुख अपनाती है, इसका पता तो आने वाले दिनों में ही चल सकेगा।                           


किसानों के समर्थन में आए कई संघ व दल

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। दिल्ली बार्डर पर किसानों का आंदोलन यथा स्वरूप जारी है।  सवेरे कुछ किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली पुलिस की बेरिकेडिंग को गिरा दिया था जिस पर अब कुछ किसान बैठ कर धूप सेंक रहे हैं। बार्डर पर मौजूद किसानों का कहना है कि बुधवार को दोपहर बाद अपने प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे।


इस बीच किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दूर-दूर से विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता भी यूपी गेट पहुंच रहे हैं। गाज़ियाबाद नगर निगम की टीमें शनिवार से ही इलाके में सफाई, सैनिटाइजेशन और पानी का छिड़काव करने में जुटी है। आपको बता दें कि कृषि के तीन कानून के विरोध में यूपी गेट पर चल रहा किसानों के आंदोलन का पांचवां दिन है।


इस बीच खबर है कि किसान नेता नरेश टिकैत आज यूपी बार्डर पर पहुँच कर किसानों को संबोधित करेंगे।  भाकियू (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश टिकैत ने बताया कि मंगलवार को सरकार के साथ हुई बातचीत बेनतीजा रही है, अब देखना होगा कि बृहस्पतिवार को होने वाली बातचीत किस नतीजे पर पहुँचती है। जब तक कोई फैसला नहीं हो जाता है, किसान यूपी गेट पर जी जमे रहेंगे। आज (बुधवार को) हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत किसानों के साथ वार्ता कर आगे की रणनीति तय करेंगे। यदि जरूरी हुआ तो हम दिल्ली का हुक्का-पानी बंद कर देंगे।


प्रदूषणः पटाखों की बिक्री-उपयोग पर प्रतिबंध

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद समेत एनसीआर के सभी शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध को बढ़ा दिया है। अधिकरण द्वारा जारी आदेशों के अनुसार जहां हवा की गुणवत्ता मोडरेट है वहाँ क्रिसमस और नए साल पर उन इलाकों में रात 11:30 से 12:30 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। इसके साथ ही एनजीटी ने सभी जिलों में हवा की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए यंत्र लगाने का आदेश दिया है।


आपको बता दें कि एनजीटी प्रमुख जस्टिस ए.के. गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने इसके साथ ही देश के उन सभी शहरों में भी पटाखों के बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था जहां पर पिछले साल नवंबर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही थी।                                


मिलावटः शहद के 77 फ़ीसदी नमूने फेल

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीईई) का कहना है कि भारत में बिकने वाले शहद के सभी प्रमुख ब्रांड भारी मात्रा में ऐसे तत्वों की मिलावट कर रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।  संस्था का कहना है कि शहद के 77 फीसदी नमूनों में शुगर सिरप की मिलावट पाई गई है। यह शुगर सिरप चीन से आयात किया जा रहा है और भारत के जांच मानकों में आसानी से पकड़ में नहीं आती।


संस्था का दावा है कि उनके द्वारा किए गए प्रमुख शहद उत्पादकों के माल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (एनएमआर) के परीक्षण  में 13 ब्रांड में सिर्फ 3 ब्रांड ही पास हुए।सीएसई कि महानिदेशक सुनीता नारायण का कहना है कि कोविड-19 संकट के वक्त यह खाद्य धोखाधड़ी जनता की सेहत के साथ खिलवाड़’ है। ‘भारतीय इस वक्त ज्यादा शहद का सेवन कर रहे हैं, क्योंकि उनका विश्वास है कि शहद में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) को बनाने की क्षमता है और यह विषाणुओं को बेअसर करने में बहुत कारगर है। लेकिन हकीकत यह है कि यदि शहद मिलावटी है तो हम केवल चीनी का ऐसा घोल खा रहे हैं, जो मोटापा और अत्यधिक वजन की चुनौती को बढ़ाता है और जो अंततः हमें गंभीर कोविड-19 संक्रमण के जोखिम की ओर ले जाता है।


सुनीता नारायण ने शहद में मिलावट के भंडाफोड़ और अध्ययन को लेकर कहा, ‘हम इस समय जानलेवा कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और इससे बचने का कोई रास्ता नहीं है, ऐसे कठिन समय में हमारे आहार में चीनी का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल (ओवरयूज) हालात को और भयावह बना देगा।’


13 में से 10 ब्रांड परीक्षण में फेल


द प्रिंट में छपी खबर के अनुसार सीएसई का दावा है कि उनके द्वारा कराए गए परीक्षण में 13 भारतीय ब्रांड्स में से सिर्फ 3 – सफोला, मार्कफेड सोहना और नेचर्स नेक्टर ही सभी परीक्षणों में पास पाए गए। शहद के प्रमुख ब्रांड्स जैसे डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडु, हितकारी और एपिस हिमालय, सभी एनएमआर टेस्ट में फेल पाए गए।


दरअसल सीएसई ने भारतीय बाजार के 13 विख्यात ब्रांडों की शहद को गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) में स्थित सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) में जांच के लिए भेजा। लगभग सभी शीर्ष ब्रांड (एपिस हिमालय छोड़कर) शुद्धता के परीक्षण में पास हो गए, जबकि कुछ छोटे ब्रांड इस परीक्षण में फेल हुए, उनमें सी3 और सी4 शुगर पाया गया, यह शुगर चावल और गन्ने के हैं।                                  


नैनीतालः डीएम ने 10 लाख किएं अवमुक्त

जिला अधिकारी सविन बंसल का एक और बड़ा कदम, दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को मिलेगा डोली का साथ, डोली पर जा सकेंगी चिकित्सालय, जिलाधिकारी ने 10लाख किए अवमुक्त


पंकज कपूर


नैनीताल। जिलाधिकारी सविन बंसल ने पहाडी विकास खण्डों के ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु डोली से सडक अथवा चिकित्सालय तक लाने हेतु डोली व्यवस्था के लिए 10 लाख रूपये अवमुक्त किये।
सडक से दूरस्थ गांव में कार्य करने का जिलाधिकारी श्री सविन बंसल की कार्यशैली में शुमार है। इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों मे हीे कैम्प लगाये जाते है। ताकि दूरस्थ गांव के लोगो से उनका दोतरफा संवाद हो सके तथा ग्रामीण क्षेत्रो की वास्तविक समस्यायंे उनके सामने आ सकेें व उनका त्वरित निराकरण भी हो सके। गौरतलब है। कि जिलाधिकारी द्वारा दूरस्थ इलाको मे जितने भी बहुउददेशीय शिविर लगाये उनमें से लगभग शतप्रतिशत जनसमस्याओं का निराकरण भी हुआ साथ ही इन शिविरो के माध्यम से अति कुपोषित बच्चे भी चिन्हित हुये जिन्हें श्री बंसल ने ईलाज के लिए राजघानी देहरादून के अस्पतालो मे ईलाज हेतु भिजवाया।
श्री बंसल स्वास्थ्य को लेकर काफी संवेदनशील हैं। उनका मानना है। कि गरीब और लाचार व्यक्ति को यदि समय से बेहतर एवं निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा मिल जाए तो यह सच्ची मानव सेवा होगी। श्री बंसल को प्रसव वेदना की उन ग्रामीण महिलाओ का दर्द भी सालता है। जिन्हें अस्पताल मे प्रसव कराने के लिए गांव अथवा परिवार के लोग रातबिरात डोली मे लेकर सडक हैड या अस्तपाल पहुचते है। इस संघर्ष में कभी-कभी जच्चा तथा बच्चा को जान से भी हाथ धोना पडता है। इस समस्या एवं इस कार्य की संवेदनशीलता पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुये जिलाधिकारी श्री बंसल ने जनपद के पर्वतीय इलाकों के विकास खण्डो धारी, रामगढ, ओखलकांडा, बेतालघाट व भीमताल के ग्रामीण क्षेत्रो में गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु अस्पतालों तक लाने के लिए डोली व्यवस्था हेतु 10 लाख की धनराशि स्वीकृत कर दी है।
उत्तराखण्ड नैनीताल का पहला जनपद है। जहां किसी जिलाधिकारी द्वारा संस्थागत प्रसव तथा गर्भवती महिला एवं शिशु की सुरक्षा के लिए डोली व्यवस्था को कारगर बनाते हुये इतनी बढी धनराशि स्वीकृत की है। जिलाधिकारी ने कहा कि और धनराशि की जरूरत पडेगी तो वह भी दी जायेगी। उन्होने कहा कि गर्भवती महिलाओं को त्वरित उपचार मिले व सुरक्षित संस्थागत प्रसव से जच्चा-बच्चा मृत्यु दर भी घटेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के एक किमी से अधिक पैदल सभी गांवों मे गर्भवती महिलाओं के लिए डोली सुविधा होगी।
श्री बंसल द्वारा यह धनराशि मुख्य चिकित्साधिकारी को जारी की गई है। जारी धनराशि मे से तात्कालिक व्यवस्था हेतु 75-75 हजार रूपये एमओआईसी केे निर्वतन मे रखी गई है। ताकि पर्वतीय क्षेत्रों कीे गभर्वती महिलाओं को डोली से लाने वाले लोगों को तुरन्त डोली व्यवस्था की धनराशि का भुगतान दो हजार रूपये प्रति डोली बिना किसी विलम्ब के हो जाए। गौरतलब है। कि एनएचएम के तहत जनपद में केवल 60 डोलियो की व्यवस्था के लिए ही धनराशि स्वीकृत है लेकिन प्रसव की संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुये जिलाधिकारी ने लगभग 500 डोलियों के लिए 10 लाख धनराशि अवमुक्त कर दी है। उन्होने कहा कि ताकि गर्भवती महिलाओ को त्वरित डोली व्यवस्था का भुगतान कराने की जिम्मेदारी सम्बन्धित चिकित्साधिकारी की होगी।               


स्कॉर्पियो कार में मिला शव, फैली सनसनी

ईख के खेत के किनारे खडी स्कॉर्पियो में मिला शव क्षेत्र में सनसनी


झिंझाना। प्रात करीब 8:00 बजे थाना झिंझाना पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि कस्बा झिंझाना से गागौर  जाने वाले रोड के किनारे ईख के खेत में खड़ी स्कॉर्पियो गाड़ी नंबर यूपी 19 फ/7907 के पास एक व्यक्ति का गोली लगा शव पड़ा है।
 सूचना पर तत्काल प्रभारी निरीक्षक झिंझाना हमराह फोर्स के मौके पर पहुंचे। जहां मृतक के संबंध में आवश्यक छानबीन कर मृतक की पहचान कराई गई जिसकी पहचान राजकुमार शर्मा पुत्र कृष्ण पाल निवासी कस्बा व थाना झिंझाना जनपद शामली उम्र 52 वर्ष के रूप में हुई है। पुलिस अधीक्षक शामली द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना किया गया है । मौके पर डॉग स्क्वाड एवं फॉरेंसिक टीम को बुलाकर साक्ष्य एकत्रित की जा रही है। मृतक के शव का पंचायतनामा की कार्यवाही कराकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। घटना के अनावरण हेतु थाना झिंझाना की 02 टीम एसओजी एवं सर्विलांस को लगाया गया। मृतक के परिजनों द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर अभियोग पजीकृत किया जायेगा। घटना के सम्बन्ध में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।               


'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...