मंगलवार, 1 दिसंबर 2020

मंदिर निर्माण के लिए 'संघ' धन संग्रह करेगा

भोपाल। संघ प्रमुख मोहन भागवत और सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी सोमवार सुबह समता एक्सप्रेस से नागपुर से भोपाल पहुंचे। स्टेशन से वे सीधे समीधा पहुंचे। सुबह कुछ देर आराम करने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने चुनिंदा पदाधिकारियों को समीधा बुलाया और बैठक की। वहीं शाम को देवास में एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए।


संघ ने तय किया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए के धन संग्रह का काम 15 जनवरी से 27 फरवरी तक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चलेगा। इसके चलते मध्यप्रदेश में पदाधिकारियों की बैठक ली गई है। मोहन भागवत और सुरेश भैयाजी जोशी ने राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह को लेकर पदाधिकारियों से चर्चा की है। इसके लिए प्रदेश के हर जिले में एक दर्जन लोगों को दायित्व देने की बात सामने आई है। इसमें संघ के साथ विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों को भी आगे रखा जाएगा। बैठक में हिंदूवादी कुछ अन्य संगठनों को भी इसमें साथ लेकर काम करने का कहा गया है।


लव जिहाद कानून पर विहिप करेगी अगुवाई


सूत्रों के मुताबिक लव जिहाद के मामले पर भी यहां चर्चा हुई। बताया जाता है कि संघ सीधे तौर पर आगे नहीं आएगा। विहिप और मध्यप्रदेश में सक्रिय छोटे-छोटे हिन्दू संगटनों को आगे किया जाएगा, जो इस पर काम करेगा। साथ ही इस तरह का मामला दिखाई या सुनाई देने पर ये संगठन जिला प्रशासन और पुलिस को सूचना देने का काम भी करेगा।                                  


बार-बार पोर्न देखना, एडिक्शन का शिकार

दुनियाभर के लाखों लोग रोजाना पॉर्न फिल्म या क्लिप्स देखते हैं, लेकिन इसे बार-बार देखने की लत को पोर्न एडिक्शन (Porn Addiction) कहा जाता है। कभी-कभी पोर्न देखना ठीक हो सकता है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इस बात का पता ही नहीं चल पाता कि उनको इसकी लत लग गई है। पॉर्न की लत से कई तरह की समस्याएं होती है, जिसमें सेक्स लाइफ खराब होना, सोशल लाइफ का खत्म होना और सेहत खराब होना शामिल है। पोर्न एडिक्शन को लेकर अब तक कई रिसर्च हो चुकी है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिसर्च के मुताबिक 4 करोड़ लोग रोजाना पोर्न वेबसाइट देखते हैं और इनमें से करीब 10 प्रतिशत लोग एडिक्ट हो जाते हैं। कुछ लोग तो इसको छोड़ना भी चाहते हैं, लेकिन चाहकर भी छोड़ नहीं पाते हैं। तो चलिए हम आपको पॉर्न एडिक्शन से छुटकारा पाने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं।


सबसे पहले आपको इस बात का पता लगाना होगा कि आप पॉर्न एडिक्ट हैं या नहीं और अगर लत लग गई है तो इस बात को स्वीकार करना होगा। कई लोग इसकी गिरफ्त में आने के बावजूद एडिक्शन को मानने से इनकार करते हैं। पॉर्न से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले आपको अपनी गलती माननी होगी।



पॉर्न एडिक्शन का पता चलने के बाद इसको छोड़ने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति का होना बेहद जरूरी है। कई बार लोग किसी आदत को छोड़ना चाहते हैं और उसकी शुरुआत भी करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उसका हौंसला टूटने लगता है या उसका मन बदल जाता है, ऐसा कमजोर इच्छाशक्ति के कारण होता है।                                    


देव दीपावली के बाद क्रूज से जल यात्रा की

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में देव दीपावली कार्यक्रम के पश्चात अलकनंदा क्रूज से राजघाट से रविदास घाट तक जल यात्रा कर देव दीपावली की अलौकिक एवं अद्भुत छटा का दृश्यावलोकन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री जी ने चेत सिंह किले के सामने क्रूज से ही शिव एवं गंगा महिमा पर आधारित लेजर शो को भी देखा। उन्होंने रविदास घाट पर स्थित पार्क में रविदास जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
देव दीपावली के अवसर पर गंगा के 15 घाटों पर देश के विभिन्न क्षेत्रों की प्रसिद्ध लोक कलाओं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का भी प्रधानमंत्री जी ने अवलोकन किया। इन कार्यक्रमों में तुलसी घाट पर कठपुतली के माध्यम से नमामि गंगे नाटय प्रस्तुति, निषाद राज घाट पर घूमर एवं चरी लोक नृत्य, महानिर्वाणी घाट पर डांडिया लोक नृत्य, प्राचीन हनुमान घाट, चैकी घाट एवं राजा घाट पर लोक नृत्य, पांडेय घाट पर कत्थक समूह नृत्य, राजेंद्र प्रसाद घाट पर बांग्ला लोक नृत्य, दरभंगा घाट पर लोक नृत्य, सिंघिया घाट पर शास्त्री समूह नृत्य, राम घाट पर गरद (सिंगा एवं गुधूम् मादर वाद्य यंत्र वादन), बूंदी परकोटा घाट पर कर्मा एवं सैला लोक नृत्य, लाल घाट पर गोंडी लोक नृत्य, बद्री नारायण घाट पर राजस्थान के लोक नृत्य तथा नंदेश्वर घाट पर लोक नृत्य (रास) के आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल थे। इसके साथ ही लंका से डीएलडब्ल्यू के रास्ते सारनाथ तक विभिन्न 35 स्थानों पर भी सांस्कृतिक एवं गायन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इसके उपरान्त प्रधानमंत्री ने सारनाथ में लाइट एंड साउंड शो का अवलोकन किया। गौरतलब हैं कि इसी महीने गत 09 नवंबर को प्रधानमंत्री जी द्वारा इस लाइट एंड साउंड सिस्टम का दिल्ली से ऑनलाइन वर्चुअल लोकार्पण किया गया था।
प्रधानमंत्री जी ने पर्यटन विभाग के ‘पावन पथ’ वेबसाइट को डिजिटली लाॅन्च किया।                              


दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब स्थिति में पहुंची

हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गया है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार दिसंबर के महीने में तापमान के गिरने और हवा की गति मंद पड़ने के कारण प्रदूषण का स्तर और खराब होने की संभावना है।


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार की सुबह दिल्ली के सोनिया विहार, आनंद विहार, ओखला और आईटीओ इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बहुत खराब श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया। वहीं, शहर का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 307 दर्ज किया गया। बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका जताई है।


मौसम विभाग के अनुसार हवा की गति और धीमी पड़ने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में अभी सुधार की उम्मीद नहीं है। वहीं, 6 दिसंबर के आस-पास वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से पहाड़ों पर एक बार फिर बर्फबारी की संभावना है। जिससे दिल्ली के फिर से ठंडी हवाएं चलने के साथ तापमान में गिरावट आ सकती है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 9-10 दिसंबर से एक बार फिर ठंड बढ़नी शुरू होगी और शीत लहर का प्रकोप भी बढ़ सकता है। हालांकि, दिसंबर के पहले हफ्ते में दिन के समय तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। वहीं, सुबह के समय आसमान में धुंध और कोहरा छाए रहने का अनुमान है।                               


खाली पेट लहसुन खाने के अनेक फायदे

लहसुन श्वसन तंत्र के लिए अच्छा होता है


1) यह टीबी, दमा, निमोनिया, सर्दी, ब्रोंकाइटिस, पुरानी ब्रोन्कियल सर्दी, फेफड़ों में संक्रमण और खांसी की रोकथाम और इलाज के लिए अच्‍छा होता है।


2) ट्यूबरक्लोसिस की समस्‍या होने पर सुबह खाली पेट लहसुन खाना बहुत फायदेमंद होता है।


3) दांत के दर्द में लहसुन का सेवन फायदेमंद होता है। यदि कीड़ा लगने से दांत में दर्द हो तो आप लहसुन के टुकड़ों को गर्म करें और उन टुकड़ों को दर्द वाले दांत पर रखकर कुछ देर तक दबाएं। ऐसा करने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है।


4) फ्लू यानी इन्फलुएन्जा में सुबह उठकर गर्म पानी के साथ लहसुन और प्याज का रस पीने से फ्लू से निजात मिलता है।


5) लहसुन पूरी तरह से एंटीबायोटिक है। इसलिए फोड़े होने पर लहसुन को पीसकर उसकी पट्टी बांधने से फोड़े मिट जाते हैं।


6) टीबी और खांसी जैसी बीमारियों को दूर करने में लहसुन लाभकारी है। लहसुन के रस की बूंदों को रूई में भिगोकर सूंघने से सर्दी ठीक हो जाती है।


7) लहसुन के नियमित सेवन करने से आपको कई प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मिलते है और यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा करता है। इनकी हीलिंग गुणों को नियमित इस्‍तेमाल करने से आप कुछ ही दिनों में यकीनन अपने समग्र स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार देखने लगेगें।                                      


दिल्ली का दाना-पानी बंद करने पर उतरे किसान

सोनीपत। नए कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन बढ़ता जा रहा है। न ही सरकार से बात बन पा रही है,और न ही किसान पीछे हटने को तैयार है। बताना लाजमी है कि अब किसानो का गुस्सा फूटने लगा है। गौरतलब है कि लगातार कुंडली में हाइवे जाम करके बैठे किसानों ने अब दिल्ली जाने वाले संपर्क मार्गों को भी बंद करने का ऐलान कर दिया है। दरअसल किसानों का कहना है कि जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, इससे अब रणनीति में बदलाव करते हुए दिल्ली का दाना-पानी, फल और सब्जी व दूध भी बंद करना पड़ेगा। इसके लिए लिंक मार्ग से सटे गांव के किसानों से अपील की गई है कि वे रास्ते बंद करें।


इसका असर साथ में दिखा भी। सोमवार को ही नरेला होकर दिल्ली जाने वाले रास्ते को सफियाबाद के पास किसानों ने ट्रैक्टर अडा कर जाम कर दिया। इसके बाद दिल्ली का एक प्रमुख वैकल्पिक मार्ग भी जाम हो गया है। इससे औचंदी बार्डर इलाके पर दबाव बढ़ने से जाम की स्थिति बनी रही। बताना लाजमी है कि किसानों ने हरियाणा के संपर्क मागेरं से लगते गांव के किसानों से आग्रह किया है कि वह अपने-अपने इलाके में रास्ते बंद करें। ताकि दिल्ली का दाना-पानी बंद किया जा सके। उग्र तेवर दिखाते हुए किसानों ने कहा कि पीएम मोदी को अब किसानों के मन की बात सुननी पड़ेगी। साथ ही उन्होंने जाम के कारण आ रही परेशानी के लिए जनता से माफी भी मांगी। गौरतलब है कि तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ हजारों किसान कई दिनों से कुंडली में धरना जमाए बैठे हैं। सोमवार को किसानों ने सरकार को चेताया कि उनके सब्र की परीक्षा ना लें, बल्कि मांगों को पूरा किया जाए। अब देखना ये होगा कि ये कृषि यानी कि किसान आंदोलन कब तक चलता है। सरकार से बात बनेंगी या फिर किसान पीछे हटेंगे ?                                         


किसानों के समर्थन में आए दिग्गज कलाकार

बहादुरगढ़। नए कृषि कानून को लेकर देश भर के किसानों में रोष है,जिसको लेकर हरियाणा ,पंजाब के साथ -साथ अब उत्तर प्रदेश के भी किसानों का समर्थन मिलने लगा है। इतना ही नहीं हरियाणा में तो किसानों के साथ -साथ कर्मचारी ,मजदूर ,खाप पंचायत ,हरियाणा और पंजाब के कलाकारों का भी साथ किसानो को मिल रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का साफ कहना है कि वे सरकार के किसी दबाव में नहीं आएंगे। कानूनों के रद होने तक हर हाल में सड़क पर ही रहेंगे। बताना लाजमी है कि अब किसानों को न केवल खाप और संगठन बल्कि हरियाणा और पंजाब के कलाकारों का भी लगातार समर्थन मिल रहा है। बतादें कि कलाकार वीर साहू ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं और उनका तन-मन-धन, सब कुछ किसानों को समर्पित है। 


जब किसान इन कानूनों को लागू कराना नहीं चाहता तो सरकार क्यों जबरदस्ती कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ पंजाबी गायकार सिद्धू मूसेवाला ने कहा कि सर्दी-गर्मी में खुद की सेहत की परवाह किए बगैर किसान  अन्न पैदा करता है। इस अन्न को सभी वर्ग खाते हैं। सरकार हमारे किसानों के साथ बहुत गलत कर रही है।


सभी वर्गों और आमजन को अन्नदाता का सहयोग करना होगा। किसान रहेगा तो ही हम रहेंगे। इस लड़ाई में वह किसानों के साथ हैं और हमेशा रहेंगे। इसी तरह राजू पंजाबी ने भी यही कहा कि सभी को मिलकर किसान की आवाज बनना होगा। और देश बचाने के लिए किसानों के समर्थन में आना होगा। 


गौरतलब है कि हरियाणवी कलाकार केडी ने कहा कि मैं यहां समर्थन करने नहीं बल्कि खुद की लड़ाई लड़ने आया हूं। मैं किसान का बेटा हूं और यह मेरी जिम्मेदारी है। आमजन की परेशानी के सवाल पर केडी ने कहा कि आमजन की परेशानी तो फिर भी सुलझ जाएगी लेकिन किसान की परेशानी नहीं सुलझी तो पूरा देश और आने वाली पीढ़ियों की परेशान बढ़ जाएगी। अगर किसान खेती छोड़ देगा तो लोग क्या खाएंगे और कैसे देश चलेगा।


सरकार किसानों को बुराड़ी आने के लिए निमंत्रण दे रही है, क्या सरकार इनके पास नहीं आ सकती। वैसे भी चुनाव के दौरान नेता लोग घर-घर जाते हैं तो अब क्या हो गया। सरकार के नुमाइंदे धरना स्थल पर आकर किसानों से बात करें। बतादें कि सोमवार को टीकरी बार्डर पर मौजूद किसानों के बीच सिद्धू मूसेवाला, राजू पंजाबी, रुपिंदर हांडा, वीर साहू और केडी आदि पंजाबी-हरियाणवी कलाकार पहुंचे। एक सुर में इन कलाकारों ने किसानों की आवाज उठाई।                               


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...