सोमवार, 30 नवंबर 2020

बिहार: शराब बंदी का छेद बंद करने की तैयारी

शराबबंदी का छेद बंद करने की तैयारी में नीतीश, जिन्होंने शराब से पैसा बनाया वो नपेंगे


अविनाश श्रीवास्तव


पटना। बिहार में शराबबंदी कानून को लागू हुए भले ही 5 साल पूरे होने को है। लेकिन राज्य के अंदर इस कानून की हकीकत सबको पता है। शराब की उपलब्धता और होम डिलीवरी सिस्टम को लेकर लगातार सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते रहते हैं। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों चुनाव के दौरान शराबबंदी को लेकर जमीनी हकीकत से जुड़े कड़वे सवालों का सामना किया है। ऐसे में अब नीतीश हर कीमत पर शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने की तैयारी में हैं। शराब बंदी लागू होने के बाद बिहार में माफिया ने जो समानांतर सिस्टम खड़ा किया उसे कैसे ध्वस्त किया जाए इसे लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही है। 
सरकार यह भली-भांति समझ रही है। कि शराब माफिया के साथ मिलकर शासन और प्रशासन में बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ पुलिस कर्मियों ने किस कदर पैसा बनाया है। कैसे वह इस अवैध सिस्टम का हिस्सा बन चुके हैं। कैसे माफिया के साथ मिलकर अवैध उगाही की जा रही है। इस सब पर नकेल कसने के लिए अब सरकार ने नजर टेढ़ी कर दी है।
शराबबंदी कानून को सफल बनाया जाए इसके लिए मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम एसपी को दिशा निर्देश जारी किया है। मुख्य सचिव की तरफ से सभी जिलों के डीएम और एसपी को एक पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है। कि वैसे अधिकारियों, सरकारी सेवकों और पुलिसकर्मियों की पहचान की जाए. जिनके जिम्मे शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने का काम है। और उसके बावजूद यह नहीं हो पा रहा। शराब के काले कारोबार में शामिल अफसरों, कर्मचारियों पर नकेल कसी जाए और इसके लिए खुफिया निगरानी की जाए।
बिहार में शराबबंदी के बाद जिस किसी ने इस अवैध कारोबार से अकूत संपत्ति बनाई है। जिसकी संपत्ति में इजाफा हुआ है। वैसे अधिकारी जो शराबबंदी रोकने के लिए जवाब दे हैं। और उसके बावजूद उनके इलाके में शराबबंदी फेल नजर आ रही है। खासतौर पर ऐसे अधिकारी जिनकी संपत्ति लगातार बढ़ रही है। उस सब की खुफिया निगरानी करते हुए जिले के एसपी और डीएम इसकी रिपोर्ट ऊपर के अधिकारियों को देंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर ऐसे पुलिसकर्मियों, अधिकारियों और कर्मचारियों पर सरकार एक्शन लेने की तैयारी में है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा है। कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय है। चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या फिर कर्मचारी। शराब बंदी कानून के खिलाफ जाने वाले अफसरों पर कार्रवाई करेगी। सरकार एक ऐसा सिस्टम खड़ा करने जा रही है। जिसके तहत सरकारी अफसरों, कर्मचारियों और पुलिस पदाधिकारियों के साथ-साथ निचले स्तर के पुलिसकर्मियों तक के बारे में शिकायत मिलने पर उसकी सत्यता की जांच की जा सके और तत्काल एक्शन भी हो सके। यह भी तय किया जा रहा है। कि बड़े से बड़ा अधिकारी अगर दोषी है। तो वह इस मामले में बच नहीं पाए। दोषी अधिकारियों को निलंबित किए जाने से लेकर विभागीय कार्यवाही तक किए जाने की तैयारी है। सेंट्रल टीम गुप्त सूचना के आधार पर भी एक्शन लेगी।           


गुरु नानक जयंती पर दिग्गजों ने दी बधाई

गुरु नानक जयंती आज, पीएम नरेंद्र मोदी समेत दिग्गजों ने दी बधाई


पालूराम


नई दिल्ली। देशभर में आज गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है। हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु माने जाते हैं। कहा जाता है। कि बचपन से ही गुरु नानक देव का आध्यात्मिकता की तरफ काफी रुझान था। और वह सत्संग और चिंतन में लगे रहते थे।
30 साल की उम्र तक गुरु नानक देव का ज्ञान परिपक्व हो चुका था। और परम ज्ञान हासिल होने के बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन सत्य का प्रचार किया। गुरु नानक देव की जयंती को सिख धर्म के लोग बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा से प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के तौर पर मनाते हैं। कहा जाता है। कि ईश्वर की तलाश की खातिर गुरु नानक ने 8 साल की उम्र में ही स्कूल छोड़ दिया था।
गुरु नानक देव का झुकाव बचपन से ही आध्यात्म की तरफ होने के कारण उन्होंने सांसारिक कामों से दूरी बना ली थी। वे लगातार ईश्वर और सत्संग की तरफ रुचि लेने लगे थे। ईश्वर के प्रति गुरु नानक का समर्पण काफी ज्यादा था। जिसके कारण लोग उन्हें दिव्य पुरुष मानने लगे। गुरु नानक जयंती यानी प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुद्वारों में शब्द-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही अलग-अलग जगहों पर लंगर भी लगाए जाते हैं।                                     


केबीसी के दौरान 5 लाख का ईनाम जीता

बरेली के इस गांव के बेटे ने केबीसी में पाया बड़ा मुकाम, जीते 50 लाख, 2 दिसंबर को होगा प्रसारण


बरेली। जिले की तहसील बहेड़ी के छोटे से गांव वसुधरन जागीर निवासी किसान के बेटे तेज बहादुर ने कौन बनेगा करोड़पति में 50 लाख रुपए जीतकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। 1 करोड़ के सवाल का जवाब पता न होने पर तेज बहादुर ने खेल को क्विट कर दिया। क्षे़त्र के गांव वसुधरन निवासी लघु किसान चरन सिंह का बेटा तेज बहादुर बरेली राजकीय पाॅलिटेक्निक में सिविल से जीटीआई कर रहा है। उसने प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से प्राप्त की थी। कड़ी मेहनत और परिश्रम के बाद तेज बहादुर कौन बनेगा करोड़पति में पहुंच गया। उसने महानायक अमिताभ बच्चन के साथ केबीसी खेलते हुए 50 लाख रुपए की राशि जीत ली और एक करोड़ के सवाल का सही जवाब पता न होने पर खेल को क्विट कर दिया। उसके केबीसी में 50 लाख रुपए जीतने पर परिजनो और रिश्तेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई है। तेज बहादुर का केबीसी में 50 लाख रुपए जीतने का एपिसोड 2 दिसम्बर को सोनी टेलीविजन पर प्रसारित किया जाएगा। वह आईएएस बनकर देश सेवा में भागीदार बनना चाहता है।           


आरएलडी नेता ने भाजपा पर लगाए आरोप

आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने बीजेपी पर लगाए आरोप, कहा- चुनाव प्रचार के कारण किसान नहीं हैं प्राथमिकता


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोक दल ( आरएलडी) ने रविवार को आरोप लगाया कि बीजेपी हैदराबाद नगर निकाय चुनाव में व्यस्त है। और इसलिए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत की तारीख दिसंबर में तय की गई तथा उस पार्टी के लिए किसान प्राथमिकता में नहीं हैं।
रालोद नेता जयंत चौधरी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज को बलपूर्वक दबाना चाहती है। रविवार को किसानों ने केंद्र सरकार की बातचीत की पेशकश को ठुकराते हुए चेतावनी दी है। कि वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश के सभी रास्तों को बंद कर देंगे।
किसान विरोधी बीजेपी जयंत चौधरी
चौधरी ने एक बयान में कहा देश के किसान मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन लोकतंत्र में बातचीत करने के बदले केंद्र सरकार किसानों की आवाज को बल पूर्वक दबाना चाहती है। उन्होंने दावा किया कि लाठी चार्ज, पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले दागकर बीजेपी सरकार ने एक बार फिर किसान विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। 
कृषि कानून का हो रहा विरोध
बता दें कि पंजाब और हरियाणा के किसान नए कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। जिसके चलते बीते कुछ दिनों से किसान हरियाणा और दिल्ली सीमा पर बैठे हुए हैं। इस दौरान किसानों के आंदोलन के उग्र होने पर पुलिस ने भीड़ को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसके साथ ही किसानों को हाने के लिए पानी की बौछार भी की गई।                                   


नीतीश कैबिनेट के विस्तार पर टिकी नजर

नीतीश कैबिनेट के विस्तार पर टिकी सबकी नजर, पटना से दिल्ली तक हो रही लॉबिंग


अविनाश श्रीवास्तव


पटना। 17वीं विधानसभा का पहला सत्र खत्म होने के बाद अब सबकी नजरें नीतीश कैबिनेट के विस्तार पर जा टिकी   है। दिसंबर के पहले या फिर दूसरे हफ्ते में इसका विस्तार हो जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब चुनाव के बाद शपथ ली तो उनके साथ चंद चेहरों को ही कैबिनेट में जगह मिली और अब सबको कैबिनेट विस्तार का इंतजार है।
कैबिनेट विस्तार को लेकर लगातार सियासी गलियारे में लॉबिंग का दौर जारी है। जेडीयू खेमे से कैबिनेट में जगह पाने के लिए दावेदार लगातार नेताओं के जनसंपर्क कर रहे हैं। और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक अपनी उपयोगिता साबित करने में जुटे हुए हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी खेमे से दावेदारों की लॉबिंग पटना से लेकर दिल्ली तक जारी है। विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद कई नेता दिल्ली कूच कर चुके हैं। उन्हें उम्मीद है। कि दिल्ली में बैठे पार्टी के कुछ बड़े नेताओं से संपर्क साध है। वह कैबिनेट में जगह पा सकते हैं. कई बड़े चेहरों को उम्मीद है। कि पार्टी उन्हें एक बार फिर से कैबिनेट में जगह दे सकती है। जबकि बीजेपी के कई नए चेहरे इंतजार में बैठे हैं। कि कहीं उनकी किस्मत का ताला खोला जाए।
सबकी नजरें इस बात पर टिकी है। कि क्या भारतीय जनता पार्टी में जिस तरह पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को बिहार की राजनीति से केंद्र की राजनीति में ले जाने का फैसला किया उसी तर्ज पर सुशील मोदी के साथ कैबिनेट में रह चुके नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार को भूमिका भी दी जाएगी क्या बीजेपी कुछ अन्य नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दे सकती है। जबकि जेडीयू कोटे से जिन नामों की चर्चा है। उनमें श्रवण कुमार के साथ-साथ दामोदर रावत महेश्वर हजारी, संजय झा और सुनील कुमार के नाम सबसे आगे चल रहे हैं।माना जा रहा है। कि जेडीयू महिला कोटे से एक और मंत्री बना सकती है। लेसी सिंह इन दावेदारों में सबसे आगे चल रही हैं.
 हालांकि जिन नामों की चर्चा हो रही है। वह केवल सियासी गलियारे में लग रहे कयास से ज्यादा कुछ भी नहीं है। कैबिनेट विस्तार में जिन्हें जगह दी जाएगी उनका आधिकारिक ऐलान होने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।                               


कार्तिक पूर्णिमा पर साल का अंतिम 'चंद्रग्रहण'

कार्तिक पूर्णिमा पर साल का अंतिम चंन्द्रग्रहण


कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा पर साल का अंतिम चन्द्रग्रहण लगेगा। ये चन्द्रग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा। चन्द्र ग्रहण दोपहर 1बजकर 2 मिनट से शुरू होगा और शाम 5बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। ये साल का आखिरी चन्द्रग्रहण होगा।इससे पूर्व दो चन्द्रग्रहण लग चुके है।इस साल 6 ग्रहण एक दिसंबर को लगेगा इस साल कुल 6 ग्रहण लगे इनमें 3 चन्द्रग्रहण पड़े और 2 सूर्य ग्रहण हैसाल की शुरूआत 10 जनवरी;को पहला चन्द्रग्रहण लगा;फिर 5 जून को दूसरा चन्द्रग्रहण और 30नवंबर को अब आखिरी चन्द्रग्रहण लगने जा रहा है। वहीं 21 जून को सूर्य ग्रहण हुआ तो अब साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा।जिसमे ये चन्द्रग्रहण एक उपच्छाया ग्रहण है। ऐसे मे सूतक मान्य नही होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस ग्रहण का कोई सूतक काल नही होता वह ज्यादा प्रभावशाली नही होता ऐसे मे इस ग्रहण का प्रभाव राशियों को अधिक प्रभावित नही करेगा। ये चन्द्रग्रहण देश के केवल पुर्वोत्तर भागों मे दिखाई देगा।पश्चिमी राज्यों में दिखाई नही देगा। बुजुर्ग सरोजनी त्रिपाठी के अनुसार इस दिन श्री निबांर्काचार्य जयंती;देवदिवाली;कार्तिक स्नान;भीष्म पंचक ब्रत पूर्ण आदि उत्सव रहेंगे।               


इंटरलॉकिंग में घटिया सामग्री का उपयोग

बेहटा इंटरलॉकिंग में हो रहा घटिया सामग्री से निर्माण मानक हवा हवाई


बेहटा। सीतापुर प्राप्त जानकारी के अनुसार  जनपद के विकासखंड बेहटा इलाके की ग्राम पंचायत नरना पकौड़ी में इंटरलॉकिंग में घटिया सामग्री  इस्तेमाल की जा रही ग्रामीणों ने इसे लेकर जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की है। आरोप है, कि इंटरलॉकिंग में पीला ईटा का इस्तेमाल किया जा रहा है। उसके साथ ही चुनाई में घटिया सामग्री को प्रयोग में लाई जा रही विरोध करने पर ठेकेदार ग्राम कठूरा के द्वारा धमकाया जा रहा ठेकेदार से जब बात की गई की किस योजना के अंतर्गत इंटरलॉकिंग का कार्य निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया प्रमुख की निधि से कार्य कराया जा रहा है। ग्रामीण सिपाही लाल राकेश कुमार पट्टू गुड्डू यादव आदि ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र भेजकर मामले की जांच व कार्रवाई की मांग की है।                     


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...