सोमवार, 30 नवंबर 2020

बढ़ते शुगर को इन पांचों चीजों से कंट्रोल करें

शुगर लेवल बढ़ रहा है तो इन 5 चीजों से करें कंट्रोल


डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिससे हर वर्ग के लोग ग्रसित हैं। इसका अभी तक भी कोई इलाज नहीं है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसके हो जाने के बाद लोगों को अपने खान पान का काफी ध्यान रखना पड़ता है। इस दौरान छोटी-छोटी चीजों का ख्याल रखना पड़ता है। केवल खानपान और अपने रहन-सहन से ही केवल इसे कंट्रोल किया जा सकता है। तो चलिए हम आपको कुछ ऐसे फलों में बारे में बताते हैं जिनसे आप अपना सुगर लेवल कंट्रोल में रख सकेंगे।


1. हरी पत्तेदार सब्जी 


पालक, मेथी व अन्य जैसी सब्जियों में विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। किसी भी बीमारी में डॉक्टर द्वारा हरी पत्तेदार सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है। इनमें कैलोरी कम पाई जाती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट्स भी कम मात्रा में होते हैं जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ता नहीं है। इसके अंदर पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण ये दिल और आंखों को लाभ पहुंचाते हैं।


2. हल्दी


हल्दी हमारी रसोईघर में आसानी से मिल जाती है। यह एक ऐसा मसाला है जो हमें काफी फायदा देती है। इसमें कर्क्युमिन होने के कारण यह हमें हृदय रोगों से बचाती है इसके साथ ही शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है।


3. लहसुन


लहसुन एक ऐसी चीज है जो हमारे स्वास्थ्य को काफी लाभ पहुंचाता है। अगर किसी को ब्लड शुगर या कोलेस्ट्रॉल कम करना है तो उसमें यह काफी लाभदायक साबित होता है। डायबिटीज से ग्रसित लोगों को लहसुन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।


4. टमाटर


टमाटर का जूस डायबिटीज वालों के लिए फायदेमंद होता है। आप सुबह खाली पेट टमाटर के जूस में नमक और काली मिर्च डालकर पी सकते हैं। इससे आपका डायबिटीज लेवल कंट्रोल होने में मदद होगी।


5. अखरोट


अखरोट में विटामिन-ई होता है, यह आपको टाइप-2 डायबिटीज से बचाए रखता है। यह हृदय रोगों के लिए भी काफी कारगर साबित होता है। इसके साथ ही यह न सिर्फ आपके सुगर को कंट्रोल में रखता है बल्कि आपके कॉलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम रखता है।                              


डॉक्टर के बिना पूछेंं दवाई का साइड इफेक्ट

डॉक्टर से बिना पूछे ले लेते हैं कोई भी दवा , तो अब इसके साइड इफेक्ट्स भी जान लें


सिर दर्द, बदन दर्द जैसी परेशानियों से निजात पाने के लिए अगर आप भी बिना डॉक्टर को दिखाए कोई भी पेन किलर ले लेते हैं तो सतर्क हो जाएं। ऐसा करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। क्या आप जानते हैं डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवाई का सेवन करने की आदत गंभीर रोगों को जन्म दे सकती है। आइए जानते हैं किस दवा का सेवन करने से शरीर को होता है क्या नुकसान।


क्यों पड़ती है पेन किलर की जरूरत-
-जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए
-किसी दुर्घटना में लगी चोट के दर्द को कम करने के लिए
-जलने या कटनी की अवस्था में


डॉक्टर से बिना सलाह लिए पेन किलर खाने से होते हैं ये साइड इफेक्ट-
पेन किलर दवाओं में एडिक्टिव तत्व पाए जाते हैं। लंबे समय तक इन दवाओं का सेवन करने पर शरीर को इनकी आदत हो जाती है। इसके अलावा यह दवाएं लीवर और किडनी की सेहत को भी काफी नकसान पहुंचाती हैं। इनका सेवन करने से ब्रेन हेमरेज और खून पतला होने का खतरा बढ़ जाता है। पेन किलर लेने वाले व्यक्ति में गैस की समस्या, पेट में तेजी से दर्द, लूज मोशन, जी मिचलाना आदि लक्षण साइड इफेक्ट के रूप में नजर आने शुरू हो जाते हैं।


कफ सिरप –
-गले में दर्द या खराश
-छाती में जकड़न
-खांसी के साथ कफ या सूखी खांसी


कफ सिरप के साइड इफेक्ट- कफ सिरप के साइड इफेक्ट होने पर व्यक्ति में सुस्ती, याददाश्त में कमी, घबराहट, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की धड़कन का अनियमित होना, नोजिया आदि जैसे लक्षण देखाई देने लगते हैं।


सलाह- अगर आपको मामूली खांसी है तो आप गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे कर सकते हैं। इसके अलावा अदरक और तुलसी से बने काढ़े का सेवन भी राहत देने का काम करता है। 


लैक्जेटिव मेडिसिन- लैक्जेटिव मेडिसिन की जरूरत कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पड़ती है। इसके अलावा सर्जरी या डिलीवरी से पहले भी पेट साफ करने के लिए डॉक्टर इन दवाइयों का सेवन करने की सलाह देते हैं।


लैक्जेटिव मेडिसिन के साइड इफेक्ट- लंबे समय तक इन दवाओं का सेवन करने पर व्यक्ति को पेट में दर्द, लूज मोशन, किडनी में स्टोन, डिहाइड्रेशन, हार्ट मसल्स का कमजोर पड़ना आदि जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।


सलाह- 
लैक्जेटिव मेडिसिन के साइड इफेक्ट नजर आने पर डॉक्टर रोगी को खूब पानी पीने की सलाह देते हैं। ऐसे मरीज अपनी डाइट में अमरूद पपीता जैसे फाइबर युक्त फलों और हरी सब्जियों को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा रोगी ब्रेकफास्ट में स्प्राउट, दलिया, उपमा आदि जैसी चीजें शामिल कर सकता है।


एंटीबायोटिक्स-
व्यक्ति को एंटीबायोटिक्स खाने की सलाह तब दी जाती है जब उसे बुखार या किसी तरह की एलर्जी की कोई शिकायत हो। इस तरह की दवाएं बैक्टीरिया और फंगस को नष्ट करने में मदद करती हैं।


एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट-
बिना पूछे एंटीबायोटिक्स का सेवन करने पर त्वचा में एलर्जी, लूज मोशन जैसी समस्याएं व्यक्ति को परेशान कर सकती हैं। लंबे समय तक इन दवाओं का सेवन करने पर व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के साथ अच्छे बैक्टेरिया भी खत्म होने शुरू हो जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दवाइयों से वायरस और बैक्टीरिया अपना रेंजिस्टेंस बढ़ा लेते हैं, जिससे उन पर किसी भी तरह की दवा का असर नहीं होता।                              


7वीं बार 40 हजार से कम आए नए मामले

कोविड-19: इस महीने में सातवीं बार 40 हजार से कम आए नए मामले


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत में इस महीनें सातवीं बार एक दिन में कोविड-19 के 40,000 से कम मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 94.31 लाख से अधिक हो गए, जिनमें से 88,47,600 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार इस महीने सातवीं बार 40,000 से कम मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 94.31 लाख हो गए, जिनमें से 88,47,600 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार एक दिन में 38,772 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 94,31,691 हो गए। वहीं 443 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,37,139 हो गई। उसने बताया कि देश में कुल 88,47,600 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के बाद मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 93.81 प्रतिशत हो गई। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है। देश में लगातार 20वें दिन भी उपचाराधीन लोगों की संख्या पांच लाख से कम है। आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 4,46,952 लोगों का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 4.74 प्रतिशत है। भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी। वहीं, कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार 29 नवम्बर तक 14,03,79,976 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई, जिनमें से 8,76,173 नमूनों का परीक्षण रविवार को ही किया गया।           


सेक्स रैकेट की सूचना पर पुलिस की कार्रवाई

आगरा। सेक्स रैकेट की सूचना पर आगरा पुलिस ने फतेहाबाद रोड पर छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया और एक घर से तीन युवक और दो युवतियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस के मुताबिक ताजगंज थाना क्षेत्र के फतेहाबाद रोड पर काफी समय से पुलिस को सेक्स रैकेट चलने की जानकारी मिल रही थी। इस सूचना पर आगरा पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को एक्टिव कर रखा था।                         


गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का प्लान

नई दिल्ली। क्या आपका भी वाहन ज्यादा प्रदूषण फैलाता है…क्या आपका वाहन भी प्रदूषण के नियमों का पालन नहीं करता है। अगर ऐसा है तो आपके लिए बड़ी दिक्कत हो सकती है क्योंकि केंद्र सरकार जल्द ही इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर सकती है। केंद्र सरकर प्लान बना रही है कि साल 2021 तक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाए। इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी करके सभी हितधारकों से आपत्ति और सुझाव मांगे हैं। इसके अलावा सरकार प्रदूषण की जांच भी ऑनलाइन करने का प्लान बना रही है। एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी है। इस नई प्लानिंग के बाद प्रदूषण जांच केंद्र, प्रदूषण प्रमाण पत्र, वाहन मालिक और वाहनों की जानकारी राष्ट्रीय मोटर वाहन रजिस्टर में उपलब्ध होगी। इससे कोई भी फर्जी प्रदूषण प्रमाण पत्र हासिल नहीं कर सकेगा।             


बुजुर्ग की जलकर मौत, अन्य 3 झुलसे

उत्तराखंड- यहां घर में आग लगने से दिव्यांग बुजुर्ग की जलकर दर्दनाक मौत, तीन अन्य भी झुलसे


नैनीताल। उत्तराखंड में नैनीताल के बड़ा बाजार में देररात एक घर में आग लगने से एक बुजुर्ग दिव्यांग की मौत हो गई और तीन लोग झुलस गए। फायर सर्विस की टीम ने बमुश्किल आग को बुझाया और बाजार में आग फैलने से बचायी। नैनीताल की मल्लीताल बाजार में प्रतिष्टित मामू हलवाई की दुकान के ऊपर अपने आवास में रहने वाले 65 वर्षीय विकलांग रविन्द्र सिंह बिष्ट के घर में आग लग गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि आग ब्लोवर से लगी जिसके बाद कमरे में अकेले सो रहे रविन्द्र पैरों से दिव्यांग होने के कारण भाग नहीं सकें।
रविन्द्र ने काफी चिल्लाया लेकिन आग तेज होने के कारण कोई भी स्थानीय अंदर प्रवेश नहीं कर सका। इस बीच किसी ने फायर सर्विस को सूचना दे दी। फायर की टीम ने तत्काल बाजार पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। आग तेज होने के कारण फायर की दो गाड़ियां बुलाई गई, तब जाकर आग पर काबू पाया गया। इस बीच दिव्यांग रविन्द्र की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। रविन्द्र 18 वर्ष पहले एक कार हादसे में अपने पैर खो बैठे थे और तभी से बिस्तर पर बेबस लेटे थे। उनकी पत्नी पहले ही उनसे अलग रहती है और बेटा विदेश में काम करता है। बताया जा रहा है कि मृतक दिव्यांग होने के कारण चिल्लाते रहे लेकिंग आग भीषण होने के कारण कोई भी घर में प्रवेश नहीं कर सका। मकान में ऊपरी मंजिल में हरेंद्र सिंह, नीमा और शिवा मौजूद थे जो आग बुझाने के दौरान झुलस गए। आग लगने वाली जगह के ठीक बगल में बैंक है और उसके साथ ही लकड़ी की आवासीय बाजार भी है।             


फटा ज्वालामुखी, राख का गुब्बार छाया

इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटा, आसमान में चार हजार मीटर ऊंचाई तक राख का गुबार


जकार्ता। पूर्वी इंडोनेशिया में रविवार को एक ज्वालामुखी फट गया जिसकी राख आसमान में 4,000 मीटर ऊंचाई तक उठी और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। ‘डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी’ के प्रवक्ता रादित्य जैती ने बताया कि ज्वालामुखी ईस्ट नुसा तेंगारा प्रांत में फटा। इस ज्वालामुखी का नाम माउंट इली लेवोटोलोक है। परिवहन मंत्रालय ने बताया कि ज्वालामुखी के फटने के बाद स्थानीय हवाईअड्डे को बंद कर दिया गया, क्योंकि राख आसमान में छितरी हुई है। इंडोनेशिया में 120 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी हैं। करीब 2,800 लोगों को किया गया सुरक्षित
ज्वालामुखी के आसपास स्थित कम से कम 28 गांवों से करीब 2,800 लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। परिवहन मंत्रालय ने बताया कि ज्वालामुखी फटने के बाद स्थानीय हवाईअड्डे को बंद कर दिया गया। क्योंकि राख आसमान में छितरी हुई है।             


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...