रविवार, 29 नवंबर 2020

सड़कों में बने गड्ढों से मिलेगी निजात, प्रस्ताव

अब सड़कों में बने गड्ढों से मिलेगी निजात, राज्य सरकार ने मंत्रालय को 219 करोड़ के भेजे प्रस्ताव, जल्द शुरू होगा कार्य


पंकज कपूर


देहरादून। उत्तराखंड की अधिकतर सड़कें आपको टूटी और गड्ढों से भरी दिखाई पड़ती है। यहां आपको सफर करने में खासी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। चाहे उधम सिंह नगर हो या नैनीताल जिला या फिर आप को कुमाऊं से गढ़वाल या फिर अन्य मार्गों से होकर गुजरना पड़ता है, तो वहां पर अक्सर आपको साफ और अच्छी सड़कें नहीं बल्कि गड्ढों से भरी हुई सड़कों पर सफर करना पड़ता है। अब जल्द ही केंद्र सरकार की ओर से इन सड़कों की मरम्मत की जा सकती है। राज्य सरकार ने मंत्रालय को 219 करोड़ के प्रस्ताव भेजे हैं। इसी माह के अंत में यह बजट मिलने के आसार है। केंद्र ने भाजपा शासित राज्यों से सड़क बनाने के लिए 2 सितंबर 2020 को प्रस्ताव मांगे थे। जिसमें कहा गया था कि जल्द ही 219 करोड़ के प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजे, ताकि जल्द बजट जारी किया जा सके, कुमाऊं और गढ़वाल मंडल की अधिकतर सड़कें टूटी और गड्ढों से भरी हुई हैं। इन मार्गो से अक्सर कई बड़ी दुर्घटनाएं सामने आई है। टूटी हुई सड़कों के कारण कई हादसों में मौत की खबरें उत्तराखंड में देखने को मिलती है। अगर जल्द ही केंद्र और राज्य सरकार इन सड़कों को गड्ढा मुक्त कर देता है तो फिर अधिकतर दुर्घटनाएं और सड़क हादसों को भी रोका जा सकता है।             


किसान कानून को सही ढंग से नहीं समझें

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को लेकर नीति आयोग के सदस्य ने कही ये बात


पालूराम


नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य (कृषि) रमेश चंद ने कहा है कि आंदोलन कर रहे किसान नए कृषि कानूनों को पूरी तरह सही प्रकार से समझ नहीं पाए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन कानूनों में किसानों की आय को बढ़ाने की काफी क्षमता है।


चंद ने कहा कि इन कानूनों का मकसद वह नहीं है, जो आंदोलन कर रहे किसानों को समझ आ रहा है। इन कानूनों का उद्देश्य इसके बिल्कुल उलट है। चंद ने कहा, ‘‘जिस तरीके से मैं देख रहा हूं, मुझे लगता है कि आंदोलन कर रहे किसानों ने इन कानूनों को पूरी तरह या सही तरीके से समझा नहीं है।’’


उन्होंने कहा कि यदि इन कानूनों का क्रियान्वयन होता है, तो इस बात की काफी अधिक संभावना है कि किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। कुछ राज्यों में तो किसानों की आय दोगुना तक हो जाएगी। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार को अब भी भरोसा है कि वह 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर पाएगी।


राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 27 सितंबर को तीन कृषि विधेयकों…किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020, कृषक (सशक्‍तीकरण व संरक्षण) मूल्य आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को मंजूरी दी थी।


नीति आयोग ने सदस्य ने बताया कि किसानों का कहना है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम को हटा दिया गया है और स्टॉकिस्ट, कालाबाजारी करने वालों को पूरी छूट दे दी गई है। चंद ने इसे स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘वास्तव में आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया गया है। इसके तहत प्रावधान किया गया है कि यह कानून कब लागू होगा। यदि अनाज, तिलहन या दालों के दाम 50 प्रतिशत बढ़ जाते हैं, तो इस कानून को लागू किया जाएगा। ’’


इसी तरह यदि प्याज और टमाटर के दाम 100 प्रतिशत बढ़ जाते हैं, तो यह कानून लागू होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब प्याज के दाम चढ़ रहे थे, तो केंद्र ने 23 अक्टूबर को यह कानून लगाया था। उन्होंने कहा उस समय यह जरूरी था। ‘‘राज्यों से स्टॉक की सीमा लगाने को भी कहा गया था।’’


उन्होंने कहा, ‘‘देश के किसी भी राज्य में कॉरपोरेट खेती की अनुमति नहीं है। कई राज्यों में ठेका खेती पहले से हो रही है। एक भी उदाहरण नहीं है, जबकि किसान की जमीन निजी क्षेत्र की कंपनी ने ली हो।’’ नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि कृषक (सशक्‍तीकरण व संरक्षण) मूल्य आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार कानून किसानों के पक्ष में झुका हुआ है।


कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर पर चंद ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत से कुछ अधिक रहेगी।’’ बीते वित्त वर्ष 2019-20 में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की वृद्धि दर 3.7 प्रतिशत रही थी।


प्याज के निर्यात पर बार-बार रोक के बारे में पूछे जाने पर चंद ने कहा, ‘‘कीमतें जब भी एक दायरे से बाहर जाती हैं, तो सरकार हस्तक्षेप करती है। यह सिर्फ भारत ही नहीं, अमेरिका और ब्रिटेन में भी होता है। ’’                                  


मंडल स्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाएगी भाजपा

मण्डल स्तर पर प्रशिक्षण शिविर दिसंबर में लगाएगी भाजपा


कोरबा। भाजपा कार्यालय कोरबा में योजना बैठक आयोजित की गई इस बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा प्रदेश महामंत्री भूपेंद्र सवन्नी उपस्थित रहे। उनके साथ संभागीय प्रशिक्षण संयोजक अनिल केसरवानी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलन से की गई इसके पश्चात जिला अध्यक्ष एवं नवीन कार्यकारिणी पदाधिकारियों द्वारा भूपेंद्र सवन्नी का श्रीफल और महामाला द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया।
तत्पश्चात भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह ने उपस्थित अतिथियों एवं कार्यकर्ताओं का स्वागत उद्बोधन व प्रस्तावना प्रस्तुत किया। भूपेंद्र सवन्नी ने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण शिविर के महत्व के बारे में बताया सवन्नी जी ने बताया कि कैसे 2015 के बाद से प्रशिक्षण कार्यक्रम को राष्ट्रीय, प्रदेश और जिला स्तरों पर इस कार्य के लिए एक समर्पित प्रशिक्षण विभाग द्वारा पूरा किया जा रहा है।
भारतीय मंडल प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत आगामी मंडल प्रशिक्षण कार्यक्रम में की जाने वाली आवश्यक तैयारी हेतु मंडल अध्यक्षों एवं संयोजकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। सवन्नी के उद्बोधन पश्चात प्रदेश उपाध्यक्ष लखन लाल देवांगन एवं रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने भी प्रशिक्षण से संबंधित जानकारी कार्यकर्ताओं से साझा की। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामपुर विधायक ननकी राम कंवर, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लखन देवांगन , प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विकास महतो , प्रदेशाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा भाजपा आरिफ खान, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष पवन गर्ग, भाजपा जिला महामंत्री संतोष देवांगन, जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, आकाश सक्सेना, डॉ आलोक सिंह, उमाभारती शराफ ,जिला कोषाध्यक्ष गोपाल मोदी, सह कोषाध्यक्ष सुबोध पाण्डेय , जिला मंत्री अजय जायसवाल, नरेश टण्डन, रेणुका राठिया, राजेन्द्र राजपूत, संदीप सहगल, राजेंद्र राजपूत कार्यालय प्रभारी अमीलाल चौहान, सह प्रभारी दीपक खड़ायत जिला मीडिया प्रभारी मनोज मिश्रा, अजय चंद्रा, पुस्तकालय प्रभारी मदन गोपाल साहू 19 मंडलो के अध्यक्ष, महामंत्री एवं प्रशिक्षण संयोजक व प्रभारी समस्त मोर्चा प्रकोष्ठ के जिला प्रमुख व प्रशिक्षण वर्ग के वक्तागण व अन्य प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।             


तस्करी के लिए ले जा रहे थे 2500 कछुए

तस्करी के लिए ले जा रहे थे 2500 से ज्यादा कछुए, पुलिस ने ऐसे दबोचा


इटावा। इटावा पुलिस ने कछुआ तस्करी मामले में अंतर्जनपदीय गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 2583 कछुए, 30 किग्रा कछुआ कैल्पी, 01 ट्रक, 01 ओमनी वैन एवं अवैध असलाह भी बरामद किए गए हैं। पकड़े गए कछुओं की कुल अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपये बताई गई है। जिले में अपराध, अपराधियों एवं प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्कारी की रोकथाम के लिए एसएसपी इटावा आकाश तोमर ने जबरदस्त अभियान चलाया है। जिसके चलते इटावा पुलिस ने कछुआ तस्करी करने वाले पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से 2583 कछुए बरामद हुए हैं। यह कछुए ट्रक में भरकर तस्करी के लिए ले जाए जा रहे थे। इस विशेष अभियान के तहत सभी क्षेत्राधिकारी और समस्त थाना प्रभारियों द्वारा क्षेत्र में निकलकर पूरे जनपद में सघनता से चेकिंग की जा रही थी। इसी दौरान थाना सैफई पुलिस टीम को सूचना मिली कि कुछ अज्ञात बदमाश करहल की ओर से एक ट्रक में भारी संख्या में अवैध कछुओं को लोड करके जसवंतनगर की ओर जाने की तैयारी कर रह रहे हैं। पुलिस टीम द्वारा मुखबिर की सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए करहल से जसवंतनगर की ओर जाने वाले रास्ते दुमीला बॉर्डर पर सघनता से चेकिंग प्रारम्भ की गई जिसमें करहल की ओर से आने वाले सभी वाहनों को सघनता से चेक किया जा रहा था।
इसी दौरान देर रात पुलिस टीम को करहल की ओर से एक ट्रक तथा मारुति वैन एक साथ आते दिखाई दिए जिसे पुलिस टीम द्वारा टॉर्च की रोशनी दिखाकर रोकने का प्रयास किया गया। जिसके बाद ट्रक चालक ने ट्रक रोक लिया और उतककर भागने लगा। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर ड्राइवर मौके से भागने में कामयाब रहा। पुलिस टीम की घेराबंदी के दौरान ट्रक से एक और मारुति वैन से चार लोगों को पकड़ा गया है। ट्रक से भारी मात्रा में कछुए और कछुए की कैल्पी बरामद हुई है। इसके साथ ही पकड़े गए अभियुक्तों की तलाशी लेने पर अवैध असलाह तथा अवैध चाकू भी बरामद हुए हैं। पुलिस टीम की पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे सभी लोग समायन पक्षी बिहार मैनपुरी व अन्य जगहों से कछुए पकड़ने का कार्य करते हैं। तथा पकड़ने के बाद डिमांड के अनुसार विभिन्न स्थानों पर कछुओं की तस्करी का काम करते है।फिलहाल इस ट्रक में कछुए लोड कर वे लोग जनपद बरेली की ओर जा रहे थे। जानकारों के मुताबिक कछुओं की तस्करी का मुख्य इस्तेमाल दवाई आदि के लिए होता है। दरअसल सेक्सुअल पावर बढ़ाने वाली दवाइयों में कछुओं के खोल और मांस का इस्तेमाल होता है। विदेशों में इन कछुओं की कीमत काफी ज्यादा होती है। इसके अलावा कछुओं को सुख समृद्धि का सूचक भी माना जाता है। जिसके कारण कई राज्यों में इनकी काफी डिमांड है। बता दें साल 1979 में लुप्त प्राय इन कछुओं को संरक्षित घोषित कर इन्हें बचाने की मुहिम शुरू की गई थी। इसके लिए चंबल नदी के तकरीबन 425 किलोमीटर में फैले तट से सटे हुए इलाके को राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य घोषित किया गया था।             


क्रूरताः जिहादियों ने 43 लोगों का गला काटा

नाइजीरिया में क्रूरता की सारी हदें पार, जिहादियों ने 43 मजदूरों को रस्सी से बांधकर काटा गला


अबूजा। नाइजीरिया में बोको हरम के लड़ाकों ने धान के खेतों में काम करने वाले 43 मजदूरों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी। वहीं, छह मजदूरों को घायल कर दिया। इस घटना को उत्तर पूर्वी नाइजीरिया के मैदुगुरी शहर में अंजाम दिया गया। जिहादी विरोधी मिलिशिया ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन मजदूरों को पहले रस्सियों से बांधा गया और फिर क्रूर तरीके से इनके गले को काट दिया गया। इस हमले में बचने वाले लोगों की मदद करने वाले मिलिशिया नेता बाबाकुरा कोलो ने बताया कि हमने घटनास्थल से 43 शवों को बरामद किया है। सभी की निर्मम तरीके से हत्या की गई है। छह अन्य बुरी तरह घायल हैं। उन्होंने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह बोको हरम का काम है, जो इस इलाके में सक्रिय है और लगातार मजदूरों पर हमला करता रहता है।
नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदू बुहारी ने इस हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि इन हत्याओं से पूरा देश घायल हुआ है। एक और मिलिशिया इब्राहिम लिमन ने बताया कि इस घटनाक्रम में मारे गए मजदूर उत्तर पश्चिम नाइजीरिया के सोकोतो राज्य के थे। ये सभी लोग काम की तलाश में इस इलाके में आए थे। लिमन ने बताया कि 60 मजदूरों को धान के खेत में काम करने का जिम्मा सौंपा गया था।
लिमन ने बताया कि बोको हरम के हमले में 43 लोगों की मौत हुई है और छह लोग घायल हुए हैं। वहीं, आठ लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि जिहादियों ने इन लोगों को अगवा कर लिया है। खोज अभियान में मदद करने वाले एक स्थानीय नागरिक माला बुनु ने बताया कि शवों को जाबरमारी गांव ले जाया गया है जहां उन्हें रविवार को दफन करने से पहले रखा जाएगा।                                  


मानसिक रोगियों को कोरोना से बचाने का प्रयास

कोरोना से मानसिक रोगियों को सुरक्षित रखने का होगा प्रयास… स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी किये नए दिशा निर्देश


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही मेंकोविड -19 महामारी के दौरान मानसिक रोगों के प्रबंधन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि मानसिक विकारों से ग्रस्त कमजोर रोगियों एवं प्रथम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में कोरोनोवायरसके जोखिम को कम किया जा सके। इसके लिए सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य केंद्र और निकटवर्ती कोविड अस्पताल के बीच हॉटलाइन संपर्क स्थापित करने का भी सुझाव दिया है ताकि सेवाओंको आसानी से प्राप्त किया जा सके।
विशेष रूप से यह दिशानिर्देश ऐसे लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं जो कोरोना पॉजिटिव होने के साथ ही आघात या अवसाद से भी पीडि़त है याजो इस महामारी के कारण अवसाद से पीडि़त हो गए हैं और जो पहले से ही किसी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं।
इन विशेष दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए एक नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की जायेगी जो समय समय पर इन दिशानिर्देशोंकी समीक्षा भी करेगा और गाइड लाइन में जो भी नया अपडेशन होगा उसको मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरतस्टाफएवं मानसिक स्वास्थ्य के मामले देखने वाले पेशेवरों के साथ साझा किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त गाइड लाइन मेंमानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को समुदाय में भी उपलब्ध कराने की बात की गयी है जिसके लिए समुदाय में पहले से मौजूद मानसिक रोगियों एवं कोविड-19 के दौरान आये नए मानसिक मामलों को कम करने के लिए सुरक्षात्मक उपायों का प्रचार प्रसार किया जाएगा। साथ ही डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य एवं कोविड-19 पर सटीक तथ्यों के प्रचार- प्रसार के लिए आईईसी सामग्री का उपयोग भी किया जायेगा साथ ही मानसिक रोगी की देखभाल एवं उनके घर तक दवाईयों की सतत उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे गैर सरकारी संगठनों की भी मदद ली जाएगी।
गाइड लाइन में कहा गया है कि मानसिक रोगियों एवं उनकी देखभाल करने वाले लोगों को कोरोना से बचने के लिए केवल आपातकालीन परिस्थितियों में ही मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में आना चाहिए। स्थानीय स्तर पर मानसिक रोगों से सम्बंधित दवाइयों की खरीद में कोई कठिनाई हो तो सहायता के लिए स्थानीय / राज्य / राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। बुजुर्ग या ऐसे मानसिक रोगी जो ओपीडी तक जाने में असमर्थ हैं उनके लिए गृह भ्रमण जैसी सेवायें शुरू की जायेंगी साथ ही दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि महामारी का उपयोग एक अवसर के रूप में करते हुए समुदाय आधारित मानसिक सेवाओं को सुद्रढ़ बनाना चाहिए।साथ ही आपातकालीन परिस्थितियों को छोड़कर अस्पताल जाने से बचने के लिए टेली-मेडिसिन सुविधा को और भी बढ़ावा दिया जाएगा।
मानसिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल संक्रमण समिति का गठन भी किया जाएगा जो मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयद्वारा सुझाए गए नए मानदंडों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगाताकि मानसिक रोगियों को सुरक्षित रूप से मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिया जा सके।                                       


सीएम भूपेश में नक्सली मुठभेड़ की निंदा की

मुख्यमंत्री ने सुकमा नक्सली मुठभेड़ की कड़ी निंदा की


सहायक कमांडेंट की शहादत को नमन करते हुए दी श्रद्धांजलि


घायल जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की


रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा जिले में हुये नक्सली मुठभेड़ की कड़ी निंदा करते हुए इसमें सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के सहायक कमांडेंट नितिन भालेराव की शहादत को नमन करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है साथ ही उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने इस घटना में घायल जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।                             


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...