शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

पाक ने ठंडे बस्ते में डाले भारत के डोजियर

पाकिस्तान ने ठंडे बस्ते में डाले भारत के डोजियर, तमाम सुबूतों के बावजूद साजिशकर्ताओं पर नहीं कसा शिकंजा


नई दिल्ली/ इस्लामाबाद। मुंबई हमले के 12 वर्ष बीत जाने के बावजूद इसके दोषियों को सजा दिलाने के लिए पाकिस्तान में शुरू की गई कानूनी प्रक्रिया एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। पाकिस्तानी हुक्मरानों ने हमले के तुरंत बाद भारत के आरोपों के मुताबिक जांच करने की जो कानूनी प्रक्रिया शुरू की थी। वह पिछले दो वर्षों से पूरी तरह से ठप है। भारत व अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से वादा करने के बावजूद पाकिस्तान की तरफ से हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
पाकिस्तान ने ठंडे बस्ते में डाले डोजियर
इस संदर्भ में भारत की तरफ से सौंपे गए डोजियर को भी पाकिस्तान ठंडे बस्ते में डाल चुका है। जांच के लिए पाकिस्तान सरकार की तरफ से गठित आयोग की रिपोर्ट भी इस्लामाबाद स्थित आतंकरोधी अदालत में धूल फांक रही है। मुंबई हमले के दोषियों को पकड़ने व उन्हें सजा दिलाने पर भारत व पाकिस्तान के बीच पिछले पांच वर्षो में कोई बातचीत भी नहीं हुई है। दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैंकाक में वर्ष 2015 में हुई मुलाकात में अंतिम बार मुंबई हमले पर बातचीत हुई थी।
कानूनी प्रक्रिया हुई सुस्‍त
इसके कुछ ही महीने बाद भारत के पठानकोट सैन्य ठिकाने पर आतंकियों ने हमला किया था और उसके बाद रिश्ते बद से बदतर होते गए। भारत के साथ रिश्तों को बिगड़ते देख पाकिस्तान की अदालत में मुंबई हमले की साजिश रचने वालों के खिलाफ जो कानूनी प्रक्रिया चल रही थी। उसे भी सुस्त कर दिया गया। जनवरी 2019 में पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि उसे 19 गवाहों को खोजकर अदालत में पेश करने के लिए और वक्त चाहिए। उसके बाद से कोर्ट की कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं है।
हाफिज सईद के गुनाह की अनदेखी
पहले पाकिस्तानी एजेंसियों ने बताया था। कि उन्होंने मुंबई हमले की साजिश रचने में शामिल सात दोषियों जकीउर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन शाहिद, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। वर्ष 2015 में लखवी को जमानत भी दे दी गई। एक दूसरे साजिशकर्ता हाफिज सईद को हाल ही में अन्य आतंकी वारदात से जुड़े मामले में 10 साल की सजा दी गई है। लेकिन मुंबई हमले में उसकी भूमिका को पाकिस्तान लगातार नजरअंदाज करता रहा है।
ठोस सबूतों को भी नकारा
पाकिस्तान की सीनाजोरी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। कि मुंबई हमले में जिन पाकिस्तानी आतंकियों को भारतीय सैन्य जवानों ने मार गिराया था। उनके डीएनए से जुड़े डोजियर को लेकर भी बात आगे नहीं बढ़ी है। भारतीय गृह मंत्रालय की तरफ से 2009 में जो डोजियर सौंपा गया था। उसमें मारे गए सभी आतंकियों के डीएनए के नमूने थे। साथ ही जिंदा पकड़ा गया आतंकी अजमल कसाब का न्यायालय के समक्ष इकबालिया बयान व उसकी आवाज का नमूना भी शामिल था।
अब प्रक्रिया ठप
इसमें अमेरिकी जांच एजेंसी की तरफ से भारतीय जांच एजेंसियों को सौंपी गई कई अन्य महत्वपूर्ण जांच रिपोर्ट भी थी। तब पाकिस्तान ने इन रिपोर्टों को पुख्ता कहते हुए इन पर शीघ्रता से कार्रवाई करने की बात कही थी। लेकिन, बाद में उसकी एजेंसियों ने अपनी अदालत में इन सुबूतों को अधूरा करार दिया। भारत से नए सुबूत भी मांगे जाते रहे। हालांकि अब यह सारी प्रक्रिया ठप है।
फिर बनाया जाए अंतरराष्ट्रीय दबाव
मुंबई हमले के पाकिस्तान में छिपे साजिशकर्ताओं को सजा मिलने की अब एक ही सूरत है। कि वहां अंतरराष्ट्रीय दबाव में फिर से कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाए। मुंबई हमले की 12वीं बरसी पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है। कि वह भारत के साथ मिलकर मारे गए 166 निर्दोष लोगों को न्याय दिलाने के लिए आगे भी प्रयासरत रहेगा। फ्रांस, इजरायल समेत कई देशों ने गुरुवार को फिर कहा है। कि 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हमला करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।                       


वार्मिंग से निपटने के लिए 'क्लाइमेट इमरजेंसी'

ग्‍लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए न्‍यूजीलैंड में होने वाला है क्‍लाइमेट इमरजेंसी


वेलिंग्टन। ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने के लिए न्‍यूजीलैंड के पीएम जैकिंडा अर्डर्न ने बड़ा फैसला लिया है। अर्डर्न सरकार ने क्‍लाइमेट इमरजेंसी करने का ऐलान किया है। सरकार अगले बुधवार को वहां के संसद में आपातकाल घोषित करने के लिए प्रस्‍ताव पारित करने वाली है। न्यूजीलैंड राज्य प्रसारक टीवीएनजेड के अनुसार पीएम अर्डर्न का कहा है। कि हमने हमेशा जलवायु परिवर्तन को एक बड़ा खतरा माना है। और यह कुछ ऐसा है। जिस पर हमें तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि दुर्भाग्य से हम पिछले कार्यकाल में संसद में जलवायु आपातकाल के आसपास एक गति को प्रगति करने में असमर्थ थे। लेकिन अब हम कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि जीत हासिल करने के बाद हमारी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती कोरोना वायरस से निपटना था। हम उससे पार आए और इसके लिए हमें पुरस्‍कृत भी किया गया। कहां-कहां लागू हो चुका है। क्‍लाइमेट इमरजेंसी दिसंबर 2016 को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में डेयरबिन शहर में आपातकाल लागू किया गया। एक मई 2019 को ब्रिटेन की संसद ने जलवायु आपातकाल घोषित किया। इस देश के एक दर्जन से अधिक शहर और कस्बे ऐसा पहले ही कर चुके हैं। जून 2019 में पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी में इमरजेंसी आपातकाल घोषित किया। आयरलैंड, पुर्तगाल, कनाडा, फ्रांस, अर्जेंटीना, स्पेन, आस्ट्रिया सहित कई देशों ने ऐसा उपबंध लागू कर दिया है। अक्टूबर, 2019 तक दुनिया के 1143 ऐसे प्रशासन प्रणाली या स्थानीय सरकारें हैं। जिन्होंने जलवायु आपातकाल को कालू कर दिया है। न्‍यूजीलैंड के तट पर मर गईं सैकड़ों व्‍हेल-डॉलफिन... न्यूजीलैंड में 25 नवंबर को दोपहर में 100 व्हेल और डॉलफिंस मृत मिलीं। ये समुद्री जीव न्यूजीलैंड के पूर्वी तटे 800 किलोमीटर दूर चाथम द्वीप के तट पर दिखाई पड़ी। ऐसा लगता है। कि इनमें से ज्यादातर मछलियां रविवार को तट पर आकर फंस गईं थीं। चाथम द्वीप से जानकारी मिलने में देरी हुई और उन्हें बचाने की कवायद शुरू करने से पहले इनकी मौत हो गई। न्यूजीलैंड के कंजरवेशन विभाग ने बताया कि कुल 97 पायलट व्हेल और बॉटलनोज डॉलफिंस मृत पाई गई हैं। कंजरवेशन विभाग की रेंजर जेमा वेल्श ने बताया कि चाथम द्वीप की दूर है। साथ ही यहां पर बिजली का आना-जाना लगा रहता है। इसिलए सही समय पर सूचना नहीं मिली। रेंजर्स और बचावकर्मी कई घंटे बाद मौके पर वैतांगी वेस्ट बीच पहुंचे जहां मछलियां मरी पड़ी थीं।                                     


टीसीएस के फाउंडर एफसी कोहली का निधन

टीसीएस के फाउंडर पद्मभूषण एफसी कोहली का निधन, कहे जाते थे आईटी इंडस्‍ट्री के पितामह


नई दिल्‍ली। देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेन्सी सर्विसेज ( टीसीएस) के फाउंडर एफसी कोहली का 96 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्हें इंडियन आईटी इंडस्ट्री का जनक भी कहा जाता है। उन्‍हें उनके कार्यों के लिए पद्मभूषण से सम्‍मानित किया गया था। एफसी कोहली का पूरा नाम फकीर चंद्र कोहली था। उन्‍होंने ही 1991 में आईबीएम को टाटा-आईबीएम के हिस्से के रूप में भारत लाने के निर्णय में सक्रिय रूप से शामिल थे। यह भारत में हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग के लिए ज्वाइंट वेंचर का हिस्सा था। सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के जनक कहे जाने वाले एफसी कोहली ने भारत की प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व किया और टीसीएस के पहले सीईओ के रूप में देश को 100 बिलियन डॉलर की आईटी इंडस्ट्री के निर्माण में मदद की।
एफसी कोहली ने बीए और बीएससी की शिक्षा सरकारी कॉलेज लाहौर (पंजाब विश्वविद्यालय के अंतर्गत) से ली। इसके बाद उन्होंने कनाडा के क्वीन्स विश्वविद्यालय से 1948 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बीएससी ऑनर्स की डिग्री ली। इसके बाद कोहली ने 1950 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमएस भी किया।
विदेश में पढ़ाई खत्म करने के बाद कोहली 1951 में स्वदेश लौटे। 1951 में कोहली टाटा इलेक्ट्रिक कंपनियों में शामिल हो गए और सिस्टम ऑपरेशन को मैनेज करने के लिए लोड डिस्पैचिंग सिस्टम स्थापित करने में मदद की। साल 1969 में कोहली टीसीएस के जेनरल मैनेजर बने। इसके बाद, वह साल 1970 में कंपनी के निदेशक बने और बाद में उन्हें टीसीएस के पहले सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया।
पाकिस्‍तान ने दुनिया को दिया धोखा जेल में नहीं ठाठ से अपने घर में है। हाफिज सईद, वहीं से चला रहा आतंक की फैक्‍ट्री।                                             


अर्णब को स्पष्ट बेल देने का निणर्य करेगा एससी

अर्नब गोस्वामी को अंतरिम बेल देने के कारणों को आज स्पष्ट करेगा सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली। टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसावे के वर्ष 2018 के एक मामले में अग्रिम जमानत देने एक पखवाड़े के बाद इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को विस्तार से कारण स्पष्ट करेगा। विगत 11 नवंबर को सर्वोच्च अदालत गोस्वामी को अंतरिम जमानत देते हुए कहा था। कि अगर उनकी निजी स्वतंत्रता को बाधित किया गया तो यह अन्याय होगा। जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ शुक्रवार को अपने दिए फैसले पर सफाई देगी। ऐसा होना अपने आप में दुलर्भ है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने 11 नवंबर को अर्नब गोस्वामी को जमानत मंजूर करते हुए इस बात पर चिंता जताई थी। कि राज्य सरकार कुछ लोगों को सिर्फ इस आधार पर कैसे निशाना बना सकती है। कि वह उसके आदर्शो या राय से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में वकीलों की राय बाद में लेंगे कि नागरिकों की आजादी की सुरक्षा किस तरह से हो। यह फैसला सुनाते हुए तब सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में दो अन्य नीतीश सारदा और फिरोज मुहम्मद शेख को भी पचास-पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। जमानत देते हुए जस्टिस ने कहा कि अगर राज्य सरकारें लोगों को निशाना बनाती हैं। तो उन्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक सर्वोच्च अदालत है। खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि हम यह मानते हैं। कि हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज करके गलत किया। इसलिए हम आदेश देते हैं। कि अर्नब मनोरंजन गोस्वामी फिरोज मुहम्मद शेख और नीतीश सारदा को अंतरिम जमानत पर तत्काल छोड़ दिया जाए। कोर्ट ने आरोपितों को भी निर्देशित किया कि वह केस की जांच में सहयोग करें।                                        


गुजरात के अस्पताल में आग, 6 की मौत

गुजरात राजकोट के एक कॉविड-19 अस्पताल में लगी भीषण आग, 6 की मौत


राजकोट। गुजरात के राजकोट जिले में गुरुवार (27 नवंबर) देर रात शिवानंद अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगी। इस भीषण हादसे में छह लोगों की मौत हो गई। शिवानंद अस्पताल एक कोविड-19 मरीजों के लिए अस्पताल है। आईसीयू वार्ड( आईसीयू) में जिस वक्त आग लगी, उसमें 11 मरीज भर्ती थे। जिसमें से आग लगने की वजह पांच की मौत हुई है। और वही एक अन्य मरीज की मौत हुई।
इंडिया टूडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जिस वक्त शिवानंद अस्पताल में आग लगी हॉस्पिटल में उस वक्त 33 मरीज भर्ती थे। हादसे में मारे 6 लोग गए हैं। लेकिन भीषण आग होने की वजह से कई लोग झुलस गए हैं। मरीजों को घायल अवस्था में आनन-फानन में दूसरी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
हालांकि फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है। आग बुझाने के लिए मौके पर कई दमकल गाड़िया मौजूद हैं। स्थानीय अधिकारियों के पास यह विश्वास करने का पूख्ता सबूत है। कि सबसे पहले आग आईसीयू से शुरू हुआ था। अभी तक आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है।
शुरुआती इनपुट बताते हैं। कि राजकोट के शिवानंद अस्पताल में आग लगने के दौरान कई मरीजों को गंभीर चोटें आईं। दमकल विभाग के मुताबिक आग के कारणों का पता लगाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा है। कि फिलहाल उनका पूरा ध्यान इस बात पर है। कि मरीजों को सही मेडिकस सुविधा मिले। उन्होंने कहा है। कि वह इस बात की जांच बाद में कराएंगे कि आखिर अस्पताल में देर रात आग कैसे लगी।                                 


बॉक्सिंग रिंग में मुक्के बरसा रहीं लड़कियां

बॉक्सिंग रिंग में मुक्के बरसा रहीं गाजा की लड़कियां


जेरुसलम। इस्राइल की नाकेबंदी चरमराती अर्थव्यवस्था और कोरोना महामारी के थपेड़ों के बीच गाजा पट्टी में लड़कियां बॉक्सिंग में हाथ आजमा रही हैं। पिछले दिनों गाजा पट्टी में पहली बार सिर्फ लड़कियों के लिए मुक्केबाजी की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिनमें लड़कियों ने अपने अपने वजन के श्रेणियों के अनुसार हिस्सा लिया। एक अंधेरे में घंटी बजती है। और दो किशोरियां मोटे दस्ताने पहने रिंग में एक दूसरे के चक्कर लगाने लगती हैं। रिश्तेदारों और दोस्तों के प्रोत्साहन भरे शोरगुल के बीच वो एक दूसरे पर मुक्कों की बरसात शुरू कर देती हैं। ये इस फिलिस्तीनी एन्क्लेव का महिलाओं का पहला बॉक्सिंग टूर्नामेंट था। दोनों मुक्केबाजों में से एक 15 वर्षीय फराह अबू अल-कुसमान हैं। वो कहती हैं कि उन्होंने लंबे समय तक इंटरनेट पर बॉक्सिंग को देखा समझा और फिर परदे से रिंग में कूदने का फैसला लिया। उत्साह से भरी हुई फराह कहती हैं। कि मैं माइक टायसन और मोहम्मद अली जैसे मक्केबाजों को देखती थी। मुझे उन्हें लड़ते देखना बहुत अच्छा लगता है। वो बहुत ही अच्छी मुक्केबाजी करते हैं । और अक्सर अपने मैच के पहले राउंड में ही जीत जाते हैं। हैरानी की बात तो ये है। लोग कोरोना महामारी की परवाह न करते हुए ये मैच देखने पहुंचे। 20 साल की मुक्केबाज रीटा अबू रहमा कहती हैं। कि कई लोगों को लगता है। जो हम कर रहे हैं। वो गलत है। और हम नैतिक मूल्यों औ परंपरा का अनादर कर रहे हैं। लेकिन मेरे मेरे परिवार और मेरे दोस्तों के लिए सामान्य है। कुवैत की चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी लड़कियां...
महिला मुक्केबाजों के 35 साल की कोच ओसामा अयूब कहती हैं। कि महिलाओं के लिए एक बॉक्सिंग टूर्नामेंट का फिलिस्तीन में पहली बार आयोजन हो रहा है।यहां  45 प्रतियोगी थे। और इनमें से जो सबसे अच्छी होगी वो फरवरी में कुवैत में होने वाली एक चैंपियनशिप में फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करेगी।                                      


हेदराबाद: तेलंगाना बीजेपी चीफ का पलटवार

तेलंगाना बीजेपी चीफ का पलटवार, 'अकबरुद्दीन ओवैसी के दादा का है पीवी घाट, हिम्मत है तो तोड़ कर दिखाओ'


हैदराबाद। ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेताओं के बीच जमकर जुबानी जंग हो रही है। इस बीच नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने अपने एक चुनावी सभा में कहा कि हुसैन सागर झील के तट पर बनीं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और टीडीपी के संस्थापक एनटी रामाराव की ‘समाधियां’ (घाट) को हटा देना चाहिए। अकबरुद्दीन ओवैसी के इस बयान पर तेलंगाना बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद बंडी संजय कुमार भड़क गए हैं। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, क्या ये पीवी घाट और एनटीआर घाट दोनों उनके (अकबरुद्दीन ओवैसी) पिता या आपके दादा का है। क्या एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बंडी संजय कुमार ने कहा मैंने सुना है। कि ओवैसी (अकबरुद्दीन ओवैसी) ने कहा, पीवी घाट और एनटीआर घाट को ध्वस्त किया जाना चाहिए। क्या ये आपके पिता या दादा के हैं? हिम्मत है। तो उन्हें ध्वस्त कर दो। तब से सिर्फ 2 घंटे में, बीजेपी नेता आपका दारुस्सलाम मुख्यालय) गिराने के लिए तैयार हैं।
हैदराबाद में 1 दिसंबर को होने वाले चुनाव से कुछ दिन पहले तेलंगाना बीजेपी चीफ बंडी संजय कुमार ने कथित तौर पर धमकी देते हुए कहा कि हैदराबाद के ओल्ड सिटी इलाके में घुसपैठियों’ पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे। उन्होंने दावा किया है। कि हैदराबाद के ओल्ड सिटी में रोहिंग्याओं और पाकिस्तानियों को कब्जा है। और अगर वो सत्ता में आते हैं। तो इन्हें हटाने के लिए पुराने शहर में सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे।
जिसका जवाब देते हुए चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था। कि अगर हैदराबाद के ओल्ड सिटी इलाके में रोहिंग्याओं और पाकिस्तानियों का कब्जा है। तो ऐसे 100 नामों के बारे में बीजेपी बताए। उन्होंने ये भी कहा था। कि अगर ‘घुसपैठियों’ का इन इलाकों पर कब्जा है। तो पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अबतक इन्हें क्यों नहीं यहां से निकला, क्या वो दोनों सो रहे थे।                                   


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...