मंगलवार, 24 नवंबर 2020

बेकाबू कार सवारियों समेत नदी में गिरीं

ऋषिकेश। जहां ऋषिकेश से दिल्ली जा रहीऑल्टो कार अचानक ही बेकाबू होकर गंगनहर में गिर गई। मुजफ्फरनगर के पुरकाजी इलाके के कमहेडा पुल के पास हुए इस हादसे के बाद यहां से गुजर रहे लोगो ने शोर मचा दिया। तत्काल ही राहत कार्य शुरू हो गया लेकिन तब तक 1 युवती की सांसे टूट चुकी थी तो एक युवती अचेत अवस्था मे मिली ग्रामीणों ने रस्सा डालकर राहत कार्य को अंजाम दिया। लोगो का कहना है कि हादसे के दौरान ऑल्टो कार में 4 लोग सवार थे।              


शहर में वेश्यावृत्ति का बना टॉप होटल

शहर में वैश्यावृत्ति का दलदल बना होटल “ऑल इज वेल”


कलक्टरगंज। शहर के कई होटलों में ऐसे कई घटनाक्रम बंद कमरों में रोज घटित हो रहे हैं जो संभवतः कभी बाहर ही नहीं आ पाएंगे।थाना कलक्टरगंज स्थित कोपरगंज का होटल, जो बना हुआ हैं वैश्यावृत्ति का दलदल। होटल ऑल इज़ वेल के एसी कमरे रेड कारपेट पर रोज करते हैं कई इंसानी भेड़ियों का स्वागत। कई रंग बदलते हैं और कई रूप, लेकिन नहीं बदलता तो वो है। इन वहशी दरिंदों और होटल संचालकों की सांठ-गांठ का ढंग।महज 2 से ढाई घंटों के लिए बुक होने वाले इन एसी कमरों में क्या होता है, यह प्रशासन भी बखूबी समझता है। कब होगी होटल ऑल इज वेल पर सख्ती या जारी रहेगी ये वैश्यावृत्ति?  आज हम 21वीं सदी के उस दौर में आ पहुंचे हैं जहां पर महिला उत्पीड़न और यौन शोषण के मामले हर सरकार के रहते हुए भी हर दिन के साथ बढ़ते नजर आ रहे हैं। जिसको लेकर चुनाव के वक्त राजनीति भी खूब गर्माती है तो कई दल खुद दुष्कर्म के आरोपियों को टिकट से लेकर संरक्षण देने का काम भी किया करते हैं। इन सबके बीच नई पैकिंग के साथ पुरानी योजनाओं को लॉन्च किए जाने का सिलसिला भी जारी रहता है जिनमें निर्भया फंड, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी अनेक योजनाएं शामिल हैं लेकिन धरातल पर इसका भी कुछ खास असर दिखाई नहीं पड़ता।


देश की आधी आबादी के साथ उत्पीड़न, छेड़खानी, यौन शोषण और दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों से आए दिन अखबार और टीवी चैनल पटे रहते हैं लेकिन क्या कोई भी कभी इन खबरों के अंदर की गहराई तक पहुंचने का प्रयास करता है। यकीन मानिए यह जितने भी मामले दर्ज होते हैं, वास्तविकता में इनकी संख्या 10 गुने से भी ज्यादा है। वर्तमान में टीनएजर्स में इन मामलों की संख्याबल अत्यधिक है लेकिन यह कभी सामने नहीं आ पाते। कानपुर शहर में भी कई ऐसे घटनाक्रम बंद कमरों में रोज घटित हो रहे हैं जो  संभवतः कभी बाहर ही ना आ पाएंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि कानपुर शहर के कई होटल वैश्यावृत्ति के दलदल में हर दिन के साथ धसते चले जा रहे हैं जिनमें एक नाम थाना कलक्टरगंज स्थित कोपरगंज के होटल ऑल इज वेल का है। जो आसानी से 15-21 वर्ष की आयु के टीनेजर्स को अपना शिकार बना रहे हैं। मासूम और नाबालिग बच्चियां कहिए या टीनएजर्स जिनमें हार्मोनल चेंजेज के साथ हो रहे शारीरिक परिवर्तन के बीच जारी आकर्षण को होटल ऑल इज़ वेल के एसी कमरे रेड कारपेट पर स्वागत करते हैं। शहर में इंसानी मुखौटा पहने कुछ दरिंदे होटल आल इज वेल के एसी कमरों में टीनएजर्स के साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं और अपनी हवस का शिकार बनाते हैं। कई रंग बदलते हैं और कई रूप, लेकिन नहीं बदलता तो वो है इन वहशी दरिंदों और होटल संचालकों की सांठ-गांठ का ढंग।
महज 2 से ढाई घंटों के लिए बुक होने वाले इन एसी कमरों में क्या होता है, यह प्रशासन भी बखूबी समझता है लेकिन अफसोस तो तब होता है कि जब मां की दुलारी और पापा की एक और परी का ख्वाब टूटता है और वहशी दरिंदे से उसका नाता छूटता है। कसमों-वादों के साथ बहला-फुसलाकर देश के भविष्य को वैश्यावृत्ति का शिकार बनाने वाला दरिंदा निकल पड़ता है अपने अगले शिकार की ओर जो कमजोर होती हैं वो ढह जाती हैं, जो हिम्मत दिखाती हैं वो सह जाती हैं, तो कई जिंदगी के इस बीच सफर में ही पीछे छूट जाती हैं।


इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़े कसूरवार है ऑल इज़ वेल जैसे होटल जो मात्र अपनी गाढ़ी कमाई के लालचवश इन दरिंदों का पूरा साथ देते है…. जो मासूम बच्चियों का चारित्रिक हनन होने देते हैं…. जो अपने एसी कमरों को वैश्यावृत्ति का अड्डा बनाते हैं… सेटिंग-गेटिंग के तहत संचालित हो रहे इन होटलों पर अगर लगाम नहीं लगी तो इसी प्रकार से ये होटल कई घरों की मासूमों को अपना शिकार बनाते रहेंगें।           


सर्दियों में लहसुन खाने के गजब फायदें

सर्दी के मौसम में लहसुन खाना हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे शरीर की इम्युनिटी  बूस्ट होती है और बीमारियां दूर भागती हैं। डाक्टरों की मानें तो लहसुन खाने से शारीरिक और मानसिक हेल्थ भी सही रहता है। लहसुन शरीर को अंदर से गर्म रखता है। ऐसे में सर्दियों में लहसुन खाना हेल्थ के लिए अच्छा होता है। आइए आपको बताते हैं कि लहसुन का सेवन करने से आप किन शारीरिक समस्याओं सरह सकते हैं।           


हादसे में दामाद और ससुर की दर्दनाक मौत

दर्दनाक हादसाः हादसे में दामाद और ससुर की मौत, दामाद सरकारी नौकरी की कर रहा था तैयारी


भिवानी। हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू रोड पर लोहानी व देवसर के बीच सोमवार शाम ट्रक की चपेट में आने से बाइक सवार ससुर व दामाद की मौत हो गई। दोनों शवों को जिला सामान्य अस्पताल के शवगृह में रखवाया गया। इस संबंध में मामले की सूचना पुलिस को दी। हादसा सोमवार दोपहर बाद करीब साढ़े चार बजे का है।
सड़क हादसे में मृतक गांव पायल निवासी सत्यनारायण दो बच्चों बेटी मनीष व एक बेटी का पिता था। वह गांव में ही खेतीबाड़ी करता था। बेटी की शादी उसने गांव बरालु निवासी तस्वीर सिंह के साथ करीब एक साल पहले की थी। तस्वीर सिंह अभी पढ़ाई के साथ साथ सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। उसका पिता आर्मी से रिटायर्ड है। तस्वीर की पत्नी गर्भवती है। हादसे में हुई मौत के कारण वह अपने होने वाले बच्चे का मुंह भी नहीं देख सका।


विद्यानगर निवासी जयबीर ने बताया कि उसका साला गांव पायल निवासी 40 वर्षीय सत्यनारायण खेतीबाड़ी करता था। रविवार दोपहर बाद वह उससे मिलने के लिए विद्यानगर आ रहा था। उसके साथ में उसका दामाद गांव बरालु निवासी 20 वर्षीय तस्वीर सिंह भी बाइक पर सवार था। जब वो गांव लोहानी और देवसर मोड़ के बीच में पहुंचे तो अचानक ही अज्ञात वाहन की टक्कर मार दी। हादसे में सत्यनारायण और तस्वीर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। राहगीर उन्हें उपचार के लिए अस्पताल लेकर गए, जहां ड्यूटी चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस संबंध में मामले की सूचना जूई पुलिस थाना को दी। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।                 


कोरोना के बढ़ते मामलों से 'एससी' नाराज

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कोर्ट ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों से कहा है कि वह अगले दो दिन में एक रिपोर्ट पेश करें। इस रिपोर्ट में सरकारें बताएं कि कोविड-19 से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। पिछले कुछ हफ्तों में दिल्ली और गुजरात में कोरोनावायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात में हालात बेकाबू हो चुके हैं। कोरोनावायरस संक्रमण पर चेतावनी के लहजे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर राज्य सरकारें पहले से तैयार नहीं रहेंगी तो दिसंबर में सबसे बुरा दौर आ सकता है।”               


सपना का दिल्ली 'सीएम' अरविंद पर निशाना

सपना चौधरी का दिल्ली सीएम केजरीवाल पर निशाना, कही ये बात


चंडीगढ़। हरियाणवी फोक सिंगर सपना चौधरी मां बनने के बाद पहली बार सोमवार को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लाइव होकर बात की। सपना चौधरी ने 25 मिनट के अपने लाइव कार्यक्रम में दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा। सपना चौधरी ने कलाकारों की बेरोजगारी को लेकर कहा कि शादी-विवाह समारोह में सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की लिमिट के आदेश से लाखों कलाकारों का रोजगार छिन गया है।
दरअसल सपना चौधरी कई महीनों बाद अपने प्रशंसकों के सामने लाइव आई थी। उन्होंने कहा कि कलाकार को जब काम नहीं मिलता तो वो गरीब होता है और इस वक्त वो भी गरीब हैं, क्योंकि लॉकडाउन और कोरोना वायरस संक्रमण के कारण से इवेंट इंडस्ट्री का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के अक्षरधाम मंदिर से दिवाली कार्यक्रम करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या उससे कोरोना संक्रमण नहीं फैलता। जबकि शादी समारोह में सभी लोग एक स्थान पर कुछ ही देर के लिए मास्क लगाकर एकत्रित होते हैं।
सपना चौधरी ने कहा कि बस स्टैंड आदि सार्वजनिक स्थानों पर भी लोगों की भीड़ होती है, यहां भी नियम टूटते हैं। केजरीवाल सरकार द्वारा शादी-विवाह समारोह में मेहमानों की संख्या पर पाबंदी के निर्णय से लाखों कलाकारों की जिंदगी प्रभावित होगी, क्योंकि यह सीजन उनके लिए सालभर की कमाई करने का समय होता है। सपना ने कहा कि बेशक लोगों को यह मुद्दा छोटा लगता हो, लेकिन इससे लाखों कलाकारों का रोजगार छिन गया और वो सुसाइड की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्होंने केजरीवाल सरकार ने शादी समारोह पर लागू पाबंदियों को हटाने की अपील की।                 


नशेड़ी पिता ने 3 बच्चों को नहर में फेंका

नशेड़ी पिता की करतूत, तीन बच्चों को नहर में फेंका, घर आकर कही ये बड़ी बात


करनाल। पिता अपने बच्चों का सबसे बड़ा रक्षक है, वहीं एक निर्दयी नशेड़ी पिता ने अपने मासूम तीन बच्चों को नहर फेंक दिया। मामला हरियाणा के जिला करनाल के कुंजपुरा क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि गांव नल्लीपार के रहने वाले एक पिता ने घरेलू कलह के बाद अपने तीन मासूम बच्चों को कलवेहरी व सुबरी गांव के पास आवर्धन नहर में फेंक दिया। वहां मौजूद लोगों ने भी रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना और बच्चों को फेंक कर फरार हो गया। बाद में घर आकर बताया कि बच्चों को नहर में फेंक आया हूं। सूचना पर पुलिस ने बच्चों की तलाश के लिए गोताखोरों को बुलाया है। अंधेरा होने के कारण मंगलवार सुबह सर्च ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।


जानकारी के अनुसार नल्लीपार निवासी सुशील गन्ने के जूस की रेहड़ी लगाता है। वह नशे का आदी है। इसके चलते घर में आए दिन झगड़ा होता। सोमवार शाम को भी इसी बात को लेकर पत्नी से झगड़ा हो गया। इससे गुस्साए सुशील ने 8 साल की बेटी मीना, 5 साल के बेटे देव, व 3 साल के बेटे जानी को जबर्दस्ती बाइक पर बैठा लिया और नहर के पास ले गया।


नहर पर मौजूद कुछ लोगों ने बच्चों के रोने की आवाज सुनी। लोगों ने दूर से आरोपी को रुकने को कहा, लेकिन वह नहीं माना। कुछ दूर आगे जाने के बाद उसने तीनों बच्चों को नहर में फेंक दिया। जब तक लोग मौके पर पहुंचे, सुशील फरार हो चुका था।


आरोपी सुशील कुछ देर बाद घर पहुंचा और घरवालों से बोला कि बच्चों को नहर में फेंक आया हूं। इसके बाद फरार हो गया। कंट्रोल रूम में फोन करने के साथ ही सुशील की पत्नी खुद थाने पहुंच गई। गांव वाले व परिजन बच्चों की तलाश में नहर पर पहुंचे। पुलिस भी मौके पर पहुंची और रेस्क्यू के लिए गोताखोरों को फोन किया। नहर पर अंधेरा होने व बहाव तेज होने के चलते तलाशी अभियान मंगलवार सुबह शुरू किया जाएगा।                           


बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक

बार-बार आंखों को रगड़ना बेहद नुकसानदायक  सरस्वती उपाध्याय  आंख हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक हैं। जिसकी मदद से हम अपने आस-पास की ...