करना होगा इन शर्तों का पालन
अकांंशु उपाध्याय
लखनऊ। 8 महीनों के लंबे ब्रेक के बाद उत्तर प्रदेश में आज से कॉलेज खुले जा रहे हैं। नियमों के अनुसार अभी केवल एक बार में 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को ही बुलाया जाएगा। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने बीते मंगलवार को दिशानिर्देश जारी किए थे। उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका गर्ग ने सभी जिला मजिस्ट्रेट और यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को भेजे अपने आदेश में कहा है कि कक्षाएं चरण बद्ध तरीके से फिर से शुरू की जाएं। कक्षाएं इस तरह से लगें कि कैंपस में छात्रों की भीड़ न इकट्ठी हो।
रोटेशन में आएंगे 50% छात्र
प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार रोटेशन के आधार पर 50 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति के साथ कक्षाएं शुरू की जा सकती है। सभी छात्रों को मास्क पहनना होगा। कैंपस और कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी गाइडलाइंस का पालन करना होगा। हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा। यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को विद्यार्थियों व स्टाफ के लिए थर्मल स्कैनिंग एवं हैंड वाश का बंदोबस्त करना होगा।
मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्र में सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर और प्रिंसपलों से कहा गया है कि संस्थानों को चलाने के लिए एसओपी (स्टैंडर्ज ऑपरेटिंग प्रोसिजर) का पालन किया जाए। साथ ही उन्हें नजदीकी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों, गैर सरकारी संगठनों व स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ टाईअप भी करना होगा। इसके अतिरिक्त सभी विद्यार्थियों को आयोग्य सेतु एप डाउनलोड करनी होगी।
अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वह सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे जब भी घर से बाहर निकलें तो हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन करें। अगर उनका बच्चा स्वस्थ नहीं है तो उसे घर से बाहर न जाने दें। ध्यान देने वाली बात यह है कि केवल वही शैक्षणिक संस्थान खुलेंगे जो कन्टेनमेंट जोन के बाहर होंगे।
बंद रहेंगे हॉस्टल
यूनिवर्सिटी को हेल्थ प्रोटोकॉल के साथ हॉस्टल खोलने की इजाजत होगी। कोरोना लक्षण वाले छात्रों को हॉस्टल में ठहरने की इजाजत नहीं होगी। डाइनिंग टेबल से परहेज करें और छोटे छोटे समूहों में खाना खाएं। कॉमन एरिया में जाते समय मास्क पहनें। स्विमिंग पूल बंद रहेंगे। हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थी कमरा शेयर नहीं कर सकेगे। इसके अलावा कैंपस में आगंतुकों का परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। दूसरे प्रदेशों से आ रहे विद्यार्थियों को 14 दिन क्वारंटीन में रखा जाएगा।
आपको बता दें कि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के निर्देश पहले ही जारी हो चुके हैं। आजकल विवि में परीक्षाएं चल रही हैं। वहीं प्रयोगशाला व पीएचडी धारकों के लिए भी कक्षा चलाने के आदेश पहले ही जारी हो चुके हैं।