शुक्रवार, 20 नवंबर 2020

गलत नक्शे का नोट सऊदी ने वापिस लिया

सऊदी अरब ने जम्मू-कश्मीर के गलत नक्शे वाला 20 रियाल का नोट लिया वापस


नई दिल्ली/ रियाद। सऊदी अरब ने भारत के गलत नक्शे वाले विवाद को सुलझा लिया है। दरअसल उसने अपने 20 रियाल के उस नोट को वापस ले लिया है। जिस पर भारत का गलत नक्शा प्रकाशित हो गया था। साथ ही, इस बैंकनोट की छपाई भी रुकवा दी है। दरअसल,  इस नोट में अविभाजित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारत से अलग दिखाया गया था। जिस पर भारत ने सख्त आपत्ति जताई थी। इसके बाद सऊदी अरब ने यह नोट वापस लेने का फैसला किया। बता दें कि सऊदी अरब ने यह बैंकनोट जी-20 समिट के लिए जारी किया गया था। जिसे समिट से पहले ही वापस ले लिया गया। गौरतलब है। कि इस बार जी-20 समिट की अध्यक्षता सऊदी अरब कर रहा है।
यह था पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक सऊदी अरब ने 20 रियाल का नया नोट जारी किया था। इसमें एक तरफ किंग सलमान और जी-20 सऊदी समिट का लोगो था। वहीं, दूसरी तरफ जी-20 देशों का वैश्विक नक्शा था। इस नक्शे में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग दिखाया गया था। इसके बाद सऊदी अरब में भारतीय राजदूत औसाफ सईद ने 28 अक्टूबर को यह मुद्दा रियाद के सामने उठाया था। 
भारत ने दी यह जानकारी
सऊदी अरब के इस फैसले के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस मसले को लेकर सऊदी अरब के अधिकारियों से बातचीत की गई थी। रियाद के साथ-साथ नई दिल्ली में भी सऊदी के अधिकारियों से इस पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया है। कि गलत नक्शे वाले बैंकनोट को वापस ले लिया गया है।
चलन में नहीं आना था। यह नोट इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब के अधिकारियों का दावा है। कि 20 रियाल के इस बैंक नोट को जी-20 समिट की स्मारिका के तौर पर निकाला गया था। यह मुद्रा चलन के लिए नहीं थी। ऐसे में उसे वापस ले लिया गया है। 
21 नवंबर से शुरू होगी जी-20 समिट
गौरतलब है। कि 15वें जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत 21 नवंबर को होगी। यह कार्यक्रम 22 नवंबर तक चलेगा। 15वें जी-20 समिट की अध्यक्षता सऊदी अरब के किंग करेंगे। इस शिखर सम्मेलन की थीम सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों का एहसास रखी गई है। बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार जी-20 सम्मेलन वर्चुअल तरीके से आयोजित किया जा रहा है।                                    


'पीएम' की एजेंसियों के साथ हाईलेबल बैठक

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हाईलेवल मीटिंग हुई है। इस मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजित दोभाल, विदेश सचिव के साथ सभी खुफिया एजेंसियों के अफसर मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि आतंकी 26/11 की बरसी पर किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे।                       


इटावाः 15 वर्षीय छात्रा को बनाया अधिकारी

इटावा। यूनेस्को द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत इटावा में एक 15 वर्षीय लड़की को थाना बकेवर थानाध्यक्ष बनाकर थाना पुलिस की कार्यशैली से परिचित कराया गया। एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि थाना क्षेत्र बकेवर के अंतर्गत लखना की रहने वाली और दीवान पब्लिक स्कूल मेरठ में कक्षा 11 की 15 वर्षीय छात्रा आकृति त्रिपाठी को एक दिन के लिए बकेवर थानाध्यक्ष नियुक्त किया गया तथा नारी शक्ति सम्मान, चाइल्ड केयर संबंधित जानकारी देकर जनता की समस्याओं के संबंध में भी अवगत कराया गया। इस दौरान थानाध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाली छात्रा आकृति अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही थी।


एमपीः कब होगा शिप्रा नदी का शुद्धीकरण

आखिर कब होगा शिप्रा नदी का शुद्धिकरण


उज्जैन। सरकार कांग्रेस की हो या फिर भाजपा की शिप्रा नदी को शुद्ध कराने के लिए कई जतन किए लेकिन हर प्रयास असफल साबित हुए हैं। शिप्रा नदी को साफ करने के लिए सामाजिक संगठन भी मैदान में उतरे परंतु उसके बाद भी शिप्रा का जल शुद्ध नहीं हो पाया। यह एक चिंता का विषय है। आखिरकार कब तक क्षिप्रा के नाम पर जनप्रतिनिधि राजनीति करते रहेंगे। उज्जैन शहर की पहचान और पूरे भारत में पहचान अगर है। उज्जैन शहर की तो बाबा महाकाल की वजह से और शिप्रा नदी की वजह से। क्योंकि शिप्रा नदी के घाट पर कई प्राचीन मंदिर हैं। सिद्धवट घाट ,मंगलनाथ मंदिर और अन्य मंदिर। सिद्धवट घाट पर पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए अलग-अलग शहर और अलग-अलग राज्यों से लोग प्रतिदिन पहुंचते हैं।बड़ी संख्या में अपने पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए पिंड दान और आत्म शांति की पूजा के लिए साथ ही मंगलनाथ मंदिर पर भी पहुचते हैं। बड़ी संख्या में भक्त ग्रह कलेश बाधाएं खत्म हो भगवान शिव मंगलनाथ की भात पूजा और दर्शन कर इसीलिए यह दोनों मंदिर बेहद ही खास और बेहद ही पौराणिक हैं पर शिप्रा नदी में मिलने वाले मल मूत्र के पानी से शिप्रा नदी का जल तो  दूषित और खराब हो ही रहा है। साथ ही  जो भक्त शिप्रा नदी में मिल रहे गंदे को देखते हैं तो स्नान भी नहीं करते हैं और बिना स्नान किए ही चले जाते हैं। साथ ही यह भी कहते हुए नजर आते हैं, कि कैसे होगा यहां आकर तीर्थ पूजा सफल और भक्त कोसते हैं।                              


अफवाहः 30 नवंबर तक लगा लॉकडाउन

क्षेत्र में 25 से 30 नवंबर तक लगा लॉकडाउन


हापुड़। उत्तर-प्रदेश शासन ने पड़ोसी जिले हापुड़ के गढ़ मुक्तेश्वर में 25 से 30 नवम्बर तक लॉकडाउन का आदेश दिया गया है। इस अवधि में यहांं केवल शादी के लिए आने-जाने वाले वाहनों को छूट दी जाएगी। दरअसल गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। ऐसे में इस बार कोरोना की वजह से यहां भारी भीड़ ना जुट जाए इसलिए स्थानीय प्रशासन ने यह फैसला लिया है। प्रदेश प्रशासन ने इसके लिए मेरठ, सहारनपुर मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद जिलों  में श्रद्धालुओं को रोकने के लिए पत्र भेजा है। जिसके बाद मेरठ, बुलंदशहर, नोएडा और गाजियाबाद की सीमा पर बेरिकेडिंग की जा रही है। जिससे भारी संख्या में श्रद्धालु ना आ पाए। वहीं आसपास के जिलों को पत्र भेजने के बाद प्रशासन अन्य राज्यों को भी लेटर भेजने की तैयारी में है। गंगा स्नान के लिए यहां विभिन्न प्रदेशों से 50 लाख लोग आते हैं और इस बार कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को है।                                                     


हरियाणाः ट्रायल शुरू, मंत्री ने लगवाईं वैक्सीन

हरियाणाः तीसरे वैक्सीन का ट्रायल शुरू, अनिल विज ने लगवाया पहला टीका


राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। भारत बायोटेक द्वारा कोविड 19 से बचाव के लिए विकसित किए जा रहे टीके (कोरोना वैक्सीन) का तीसरे चरण का ट्रायल हरियाणा में भी शुरू हो गया है। इस ट्रायल के लिए सबसे पहले हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को अंबाला में टीका लगाया गया। इससे पहले अनिल विज ने बुधवार को ट्वीट कर स्वेच्छा से सबसे पहले कोरोना वैक्सीन टीका लगवाने के लिए वॉलंटियर बनने की पेशकश की थी। इस अवसर पर भाजपा नेता अनिल विज ने कहा कि वह ट्रायल के तौर पर टीका लगाने के लिए स्वेच्छा से आगे आए हैं। विज अंबाला छावनी से विधायक हैं। आपको बता दें कि भारत में कोरोना मरीजों की उम्मीदें देश में ही निर्मित वैक्सीन कोवैक्सीन पर टिकी हुई हैं। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ( आईसीएमआर) मिलकर तैयार कर रहे हैं। फिलहाल इस वैक्सीन का तीसरे चरण में ट्रायल चल रहा है। भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर कहा जा रहा है कि अगर सब कुछ सही रहा तो उम्मीद है कि टीका फरवरी में आ सकता है।                                         


अखिलेश सरकार में हुआ घोटाला , 1 गिरफ्तार

रिवर फ्रंट घोटाले में चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव गिरफ्तार, अखिलेश सरकार में हुआ था घोटाला


लखनऊ। उत्तर-प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी सरकार के कार्यकाल में हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सिंचाई विभाग के तटकली चीफ इंजीनियर  रूप सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया है। इस घोटाले की जांच कार्यवाही योगी आदित्यनाथ के सत्तारूढ़ होने के बाद शुरू की गई थी। इस मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया। हाल ही में ईडी ने आठ में से पांच आरोपियों को पूछताछ भी की है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने सिंचाई विभाग की ओर से लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे को आधार बनाकर 30 नवंबर 2017 में नया मुकदमा दर्ज किया था। इसमें सिंचाई विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता (अब सेवानिवृत्त) गुलेश चंद, एसएन शर्मा व काजिम अली, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (अब सेवानिवृत्त) शिव मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह व रूप सिंह यादव तथा अधिशासी अभियंता सुरेश यादव नामजद हैं। सीबीआई ने अपनी जांच शुरू भी कर दी। उसने सिंचाई विभाग से हासिल पत्रावलियों की जांच करने के अलावा कुछ आरोपियों से पूछताछ भी की। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति आलोक सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच में दोषी पाए गए इंजीनियरों व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की संस्तुति की थी। फिर, 19 जून 2017 को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डॉ. अंबुज द्विवेदी ने गोमतीनगर थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया थी। बाद में यह जांच सीबीआई को स्थानान्तरित हो गई। सीबीआई अब इस आरोप की जांच कर रही है। कि प्रोजेक्ट के तहत निर्धारित कार्य पूर्ण कराए बगैर ही स्वीकृत बजट की 95 प्रतिशत धनराशि कैसे खर्च हो गई। प्रारंभिक जांच के अनुसार प्रोजेक्ट में मनमाने तरीके से खर्च दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट की गई है। यह प्रोजेक्ट लगभग 1513 करोड़ रुपये का था। जिसमें से 1437 करोड़ रुपये काम खर्च हो जाने के बाद भी 60 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो पाया। आरोप यह भी है। कि जिस कंपनी को इस काम का ठेका दिया गया था। वह पहले से डिफाल्टर थी।                               


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...