गुरुवार, 19 नवंबर 2020

कुर्सी के लिए कुछ भी कर सकते हैं नीतीश

कुर्सी के लिये कुछ भी कर सकते हैं नीतीश: राजद


अविनाश श्रीवास्तव


पटना। बिहार सरकार में जदयू कोटे से डॉ. मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाये जाने को लेकर उठा विवाद थमता नहीं दिख रहा है और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल ने बृहस्पतिवार को फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुर्सी के लिये वे कुछ भी कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि मेवालाल चौधरी पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में कथित अनियमितता के आरोप हैं। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर सवाल किया, ‘‘आदरणीय नीतीश कुमार जी, मेवालाल जी के केस में तेजस्वी को सार्वजनिक रूप से सफाई देनी चाहिए कि नहीं?’’ उन्होंने कहा कि अगर आप चाहे तो मेवालाल के संबंध में आपके सामने मैं सबूत सहित सफाई ही नहीं बल्कि गाँधी जी के सात सिद्धांतों के साथ विस्तृत विमर्श भी कर सकता हूँ। तेजस्वी ने कहा, ‘‘आपके जवाब का इंतज़ार है।’’
राजद नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा हत्या और भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471 और 120ब के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाने से बिहारवासियों को क्या शिक्षा मिलती है? वहीं, राजद के आधिकारिक ट्वीट में कहा गया है कि नीतीश कुमार फजीहत, शर्म, मर्यादा, नैतिकता, शुचिता, अंतरात्मा, लोकलाज, आदर्श इत्यादि से ऊपर उठ चुके है क्योंकि यह सब उनमें बचा ही नहीं है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि कुर्सी के लिए वह (नीतीश) कुछ भी कर सकते है। कुर्सी ही उनके लिए शाश्वत सत्य है। गौरतलब है कि नवनिर्वाचित जदयू विधायक डॉ. मेवालाल चौधरी को राज्य की तारापुर विधानसभा सीट से जीत मिली है। उन्हें पहली बार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। राजनीति में प्रवेश से पहले मेवालाल भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अनियमितता के आरोपों और एफआईआर दर्ज किये जाने के मद्देनजर चौधरी को सल 2017 में नीतीश कुमार नीत जदयू से निलंबित कर दिया गया था। यह मामला साल 2012 में असिस्टेंट प्रोफेसर और कनिष्ठ वैज्ञानिकों की नियुक्ति में कथित अनियमितता से संबंधित है।भाजपा ने भी तब चौधरी के खिलाफ मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया था जब वह महागठबंधन सरकार के समय विपक्ष में थी। इस मुद्दे को लेकर राजद सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा था और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की थी। भाकपा-माले के प्रदेश सचिव कुणाल ने कहा है कि विधानसभा सत्र के पहले दिन उनकी पार्टी के विधायक विरोध दर्ज करायेंगे। भाकपा-माले के विधानसभा में 12 विधायक हैं। इस मुद्दे को लेकर जारी सियासी घटनाक्रम के बीच मेवालाल चौधरी ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी।           


हिमाचलः वायरस की चपेट में आया पूरा गांव

हिमाचल: एक व्यक्ति को छोड़कर पूरा गांव आया कोरोना की चपेट में


लाहौल स्पीति। हिमाचल प्रदेश में कोरोना का कहर अभी भी जारी है। आए दिन सैंकड़ों में केस आ रहे हैं जिससे प्रशासन के भी हाथ-पांव फूले हुए हैं। वहीं अब खबर आई है कि जनजातीय जिले लाहुल-स्पीति के थोरग गांव में एक व्यक्ति को छोड़कर सभी 42 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं। आदमी की पत्नी सहित परिवार के छह लोग भी संक्रमित हैं। भूषण ठाकुर (52) गांव के एकमात्र व्यक्ति हैं जो संकम्रमित नहीं है । भूषण ने कहा कि वह कोरोना से बचाव के लिए पूरे नियमों का पालन करते हैं। सीएमओ लाहुल-स्पीति डा. पलजोर ने कहा कि शायद भूषण की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत मजबूत है।
गांव के सभी लोगों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आने से भूषण का नेगेटिव आना आश्चर्यजनक है। गांव के पांच लोग पहले सकारात्मक आए थे, जिसके बाद बाकी लोगों ने स्वेच्छा से चार दिन पहले परीक्षण करवाने का फैसला किया। हालांकि इस गांव में करीब 100 लोग रहते हैं, लेकिन बर्फबारी के चलते इन दिनों कई लोग कुल्लू चले गए हैं। भूषण ने कहा कि जब से परिवार के सदस्य पॉजिटिव आए हैं, तब से वह अलगाव में है। यहां तक कि खाना भी खुद बना रहे हैं। परिजनों के साथ उन्होंने भी चार दिन पहले सैंपल दिया था। रिपोर्ट में परिवार के अन्य लोग पॉजिटिव निकले।             


1 करोड़ जीतने के बाद आइपीएस ने खरीदी मैगी

केबीसी में 1 करोड़ जीतने के बाद हिमाचल की आइपीएस अफसर ने खरीदी मैगी, निकली ऐसी चीज खुशी का नहीं रहा ठिकाना


शिमला। हिमाचल की आईपीएस आॅफिसर मोहिता शर्मा गर्ग ने कौन बनेगा करोड़पति के 12वें में 1 करोड़ रुपये जीतने के बाद मैगी एक छोटी पैकेट खरीदी। इस पैकेट में उन्हें एक नहीं बल्कि मसाले के दो पैकेट मिले। इसके बाद उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने इसके बाद अपने आॅफिशियल ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया। आईपीएस मोहिता शर्मा ने इस ट्वीट के माध्यम से बताया कि उन्हें मैगी में एक नहीं दो-दो मसाले का पैकेट मिला। उन्होंने कहा कि इसे कहते हैं किस्मत। उन्होंने 12 रुपये वाली मैगी खरीदी थी, जिसमें दो मसाले के पैकेट निकले थे। मैगी के एक पैकेट में एक मसाले का पैकेट होता है लेकिन उनके मैगी से दो मसाले का पैकेट निकला। इस पर उन्होंने ट्वीट कर लिखा, एक करोड़ जीतने के बाद के पैकेट में 2 मसाला पाउच मिले। कभी सोचा नहीं था कि इतना भाग्यशाली होगा।                     


रानी लक्ष्मीबाई को योगी-अखिलेश की श्रद्धांजलि

संदीप मिश्र


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरूवार को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नायिका वीरंगना लक्ष्मीबाई को श्रद्धाजंलि अर्पित की।


योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया " भारत की नारी शक्ति के अदम्य साहस, अप्रतिम सामर्थ्य व अपरिमित त्याग की प्रतीक, शत्रुओं को "नाकों चने चबवाने" वाली अद्भुत वीरांगना, महारानी लक्ष्मीबाई जी की जयंती पर उनकी पुनीत स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन एवं प्रदेशवासियों को हृदय से बधाई व मंगलमय शुभकामनाएं।"


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया " नमन उन्हें जो वीर-वनिता झाँसी की रानी थीं, जो सच्ची राष्ट्रभक्त और सच्ची बलिदानी थीं। रानी लक्ष्मीबाई जयंती पर उनके अदम्य साहस को शौर्यपूर्ण नमन।"                                             


वायरसः दिल्ली सीएम ने सर्वदलीय बैठक बुलाईंं

दिल्ली में कोरोना कंट्रोल से बाहर, सीएम केजरीवाल ने बुलाई सर्वदलीय बैठक


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत की राजधानी दिल्ली में कोरोना ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। सीएम केजरीवाल के लिए कोरोना वायरस गले की फांस बन गई है। दिल्ली के रहवासी भी इससे चिंतित है। इसे देखते हुए सीएम केजरीवाल ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री केजरीवाल सभी पक्षों से कोरोना के रोकथाम के सुझाव मांगेंगे।
बता दें दिल्ली में 28 अक्टूबर के बाद से कोविड-19 के नए मामलों में काफी वृद्धि दर्ज की गई है। 28 अक्टूबर को रोज सामने आने वाले मामलों का आंकड़ा पहली बार 5,000 के पार कर गया था। 11 नवंबर को यह संख्या 8,000 का आंकड़ा पार कर गई थी।
बैठक के लिए आम आदमी पार्टी (आप), भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं को बुलाया गया है। विपक्षी दल अपर्याप्त जांच जैसे मुद्दे उठाएंगे और ऐहतियाती कदमों के उचित क्रियान्वयन पर जोर देंगे।                                     


सीबीआई जांच के लिए राज्य की अनुमति

जांच के लिए सीबीआई को संबंधित राज्यों से अनुमति लेने की जरूरत सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की छानबीन के अधिकार क्षेत्र के संबंध में अक्सर सवाल उठते रहे हैं। अक्सर यह सवाल सामने आता है। कि क्या जांच के लिए सीबीआई को संबंधित राज्यों से अनुमति लेने की जरूरत होगी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अब सीबीआई जांच के लिए संबंधित राज्य से अनुमति लेना अनिवार्य होगा एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ये प्रावधान संविधान के संघीय चरित्र के अनुरूप है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है। कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में, जिसमें शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के लिए सीबीआई के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता है। ये प्रावधान संविधान के संघीय चरित्र के अनुरूप है।
अभी हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी किया था। और कहा था। कि राज्य में जांच करने के लिए सीबीआई को दी गई अनुमति वापस ली जाती है। हालांकि जांच की अनुमति महाराष्ट्र सरकार के वापस लेने से जारी छानबीन पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन अगर भविष्य में सीबीआई महाराष्ट्र में किसी नए मामले में जांच पड़ताल करना चाहती है। तो उसे राज्य सरकार से इजाजत लेने की जरूरत होगी। जब तक कि अदालत की तरफ से जांच के आदेश नहीं दिए गए हों।                                 


'झुंड' की रिलीज का निर्णय, 6 माह के बाद

रिलीज पर रोक सुप्रीम कोर्ट 'झुंड' की रिलीज पर 6 महीने में निर्देश जारी करेगा, अपोजिशन के वकील ने कहा- तब तक फिल्म बेकार हो जाएगी


कविता गर्ग


मुंबई। अमिताभ बच्चन की फिल्म झुंड की मुसीबतें खत्म होती नहीं दिख रही हैं। कुछ महीनों पहले झुंड के मेकर्स पर नंदी चिन्नी कुमार ने कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए केस फाइल किया था। इसके बाद फिल्म की रिलीज पर स्टे लगा दिया गया था। ताजा जानकारी के मुताबिक झुंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाई कोर्ट के फैसले को जस का तस रहने दिया है। यानी झुंड की रिलीज पर स्टे ऑर्डर लागू रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच बोली- 6 महीने में निपटाएंगे केस
लाइव लॉ की खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को टी-सीरीज और नागराज मंजुले की स्पेशल लीव पिटीशन पर अपना फैसला सुनाया। सीजीआई एस ए बोबडे जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने इस अपील पर तेलंगाना हाईकोर्ट का फैसला ज्यों का त्यों रखा। इस दौरान सीजीआई ने प्रोड्यूसर्स से कहा- हम 6 महीने के भीतर मुकदमा निपटाने के लिए निर्देश जारी करेंगे।
इस पर वकील ने जवाब दिया, फिल्म 6 महीने बाद बेकार हो जाएगी। 1.3 करोड़ रुपये के समझौते की बात हुई है। अब वे इसका पालन नहीं कर रहे हैं। कृपया इस पर प्राथमिकता से विचार करें। हालांकि कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
मई से चल रहा विवाद
नंदी चिन्नी कुमार ने 13 मई को कुकटपल्ली अदालत में कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया था। 17 सितंबर को तेलंगाना हाईकोर्ट ने आदेश मिलने तक भारत और विदेश में बिग बी की फिल्म झुंड की रिलीज पर रोक लगा दी थी। साथ ही इसे स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो पर भी फिल्म की स्क्रीनिंग या रिलीज़ पर रोक लगा दी थी। फिल्म में अमिताभ बच्चन ने एक फुटबॉल कोच, विजय बरसे की भूमिका निभाई है।                                  


'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...