मंगलवार, 17 नवंबर 2020

धोनी को टीम से बाहर कर देंः आकाश

नई दिल्ली। धोनी आइपीएल का अगला सीजन खेलेंगे ये तो पक्की बात है। पर उसके आगे उनका फ्यूचर क्या होगा, इसे लेकर सस्पेंस है। ऐसे में पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कॉमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने सीएसके में उनके रिटेन होने पर एक बड़ा बयान दिया है। आकाश चोपड़ा के मुताबिक अगर आइपीएल का मेगा ऑक्शन होता है तो सीएसके धोनी को रिटेन नहीं करना चाहेगी।


धोनी को रिटेन करने पर होगा 15 करोड़ का नुकसान


चोपड़ा ने अपने इस बड़ी बयानबाजी की वजह भी बताई।उन्होंने कहा कि धोनी को रिटेन करने से सीएसके को 15 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। ऐसे में वो उन्हें पूल में भेजकर राइट टू मैच कार्ड के जरिए खरीदना चाहेगी। ऐसा करने पर सीएसके के पैसे भी बचेंगे और टीम भी संतुलित होगी।           


भारतः 24 घंटे में 30 हजार से भी केस दर्ज

भारत में मिले 29164 केस, 449 मौतें 


अकांंशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस के नए मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। पिछले 24 घंटे में 30,000 से कम कॉविड- 19 केस दर्ज किए गए हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोनावायरस के 29,164 नए केस सामने आए हैं। 14 जुलाई के बाद 1 दिन में सबसे कम मामले दर्ज किए गए हैं। 14 जुलाई को 28,498 नए मामले सामने आए थे। देश मे कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 88,74,291 हो गई है। वहीं, बीते 24 घंटों में 449 मरीज़ों की कोरोना से मौत होने से मृतकों का कुल आंकड़ा 1,30,519 पहुंच गया है।
मंत्रालय के अनुसार सोमवार सुबह 8 बजे से मंगलवार सुबह 8 बजे तक के दौरान 29,164 नए मामले सामने आए। इस दौरान लोग 40791 ठीक हुए और 449 लोगों की मौत हुई। इस समयावधि में एक्टिव 12077 केसों की संख्या घटी. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में फिलहाल कुल 8, 874, 290 मामले हैं। जिसमें 5.26 फीसदी एक्टिव, 93.27 फीसदी ठीक या डिस्चार्च और 1.47 फीसदी लोगों की मौत हो चुकी है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार देश में फिलहाल 4,53,401 एक्टिव केस हैं। जबिक 82,90,370 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 1,30,519 पर पहुंच चुकी है। इस बीच सोमवार को 8,44,382 लोगों की जांच हुई। जिसके साथ ही आईसीएमआर ने बताया कि 16 नवंबर तक 12,76,42,907 लोगों की जांच हो चुकी है।                                           


नई प्रोद्योगिकियों पर देगें विशेष ध्यान: बाइडन

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश को कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से उबारने के लिए अपनी आर्थिक योजना का खुलासा किया है। बाइडेन का मुख्य जोर स्वच्छ ऊर्जा, रोजगार सृजन और नई प्रौद्योगिकियों में निवेश पर रहेगा। बाइडेन ने सोमवार को नौ कारोबारी दिग्गजों तथा श्रमिक नेताओं के साथ वीडियो बैठक में यह घोषणा की। इस बैठक में माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला तथा जीएपी इंक की सोनिया सिंघल ने भी भाग लिया।                   


शुल्क माफ करने संबंधी याचिका हुई खारिज

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सीबीएसई एवं दिल्ली सरकार को कोविड-19 और कुछ अभिभावकों की वित्तीय समस्याओं के मद्देनजर मौजूदा अकादमिक वर्ष में 10वीं एवं 12वीं कक्षा के छात्रों का परीक्षा शुल्क माफ करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश के खिलाफ गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘सोशल जूरिस्ट’ की याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा कि कोई अदालत सरकार को ऐसा करने का निर्देश कैसे दे सकती है? आपको सरकार को यह प्रतिवेदन देना चाहिए, याचिका खारिज की जाती है।                 


वैक्सीन के बाद भी खत्म नहीं होगा 'कोरोना'

डब्ल्यूएचओ चीफ ने दी चेतावनी कहा वैक्सीन आने के बाद भी खत्म नहीं होगा कोरोना 


जिनेवा (एजेंसी)। कोरोना का खतरा, डब्ल्यूएचओ चीफ ने दी चेतावनी। कहा वैक्सीन आने के बाद भी खत्म नहीं होगा कोरोना जिनेवा। कोरोनावायरस महामारी से पूरा विश्व त्रस्त है। और दुनिया में लाखों लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवा बैठे हैं। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन की तलाश में जुटे हैं। और इस बात की उम्मीद कर रहे हैं। कि वैक्सीन आने के बाद लोगों की रक्षा हो सकेगी। हालांकि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ) ने एक ऐसी बात कही है। जो लोगों की इस उम्मीद को कुछ कम कर सकती है। वैक्सीन सिर्फ अपने दम पर महामारी नहीं रोक पाएगी- डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रियेसिस ने चेताया है। कि वैक्सीन आने के बाद भी वो इस कोरोनावायरस महामारी को अपने आप रोकने में कामयाब नहीं हो सकेगी टेड्रोस ने सोमवार को कहा है। कि वैक्सीन आने के बाद वो हमारे पास मौजूद अन्य माध्यमों को मजबूत तो करेगी लेकिन उन्हे रिप्लेस नहीं कर पाएगी डबल्यूएचओ डायरेक्टर-जनरल ने साफ साफ कहा कि एक वैक्सीन सिर्फ अपने दम पर महामारी को रोक नहीं पाएगी।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक यूएन हेल्थ एजेंसी में कोरोना वायरस के 6,60,905 संक्रमण के मामले रिपोर्ट हुए हैं। जो एक नए उच्च स्तर पर जा पहुंचे हैं। शुक्रवार को 6,45,410 कोरोना वायरस के नए मामले आए और इन्होंने 7 नवंबर के 6,14,013 केस के रिकॉर्ड हाई लेवल को पीछे छोड़ दिया है। शुरुआती दौर में इन्हें मिलेगी वैक्सीन टेड्रोस ने ये भी कहा कि वैक्सीन आने के शुरुआती दिनों में इसकी सप्लाई पर नियंत्रण रहेगा और हेल्थ वर्कर्स बूढ़े लोगों और अन्य वो लोग जो हाई रिस्क कैटेगरी में आते हैं। उनको वैक्सीन पहुंचाने की प्राथमिकता रहेगी। इसके बाद उम्मीद है। कि मौतों की संख्या में कमी आएगी और हेल्थ सिस्टम को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।
वैक्सीन आने के बावजूद रहना होगा सतर्क- डब्ल्यूएचओ हालांकि उन्होंने इसके साथ चेतावनी भी दी कि इसके बावजूद कोरोना वायरस को फैलने के लिए काफी अनुकूल माहौल मिलेगा। सर्विलांस को जारी रहना होगा। लोगों को लगातार टेस्ट कराते रहना होगा। उन्हें आईसोलेशन और देखभाल की जरूरत होगी। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जरूरत भी पहले की तरह बनी रहेगी। इंडीविजुअल लेवल पर लोगों को देखभाल की जरूरत पहले की तरह करते रहनी पड़ेगी।                                


इजराइल के लिए दबाव बना रहा अमेरिका

इजरायल को मान्‍यता देने के लिए पाकिस्‍तान पर अत्‍यधिक दबाव डाल रहा अमेरिका: इमरान खान


इस्लामाबाद। पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान ने अमेरिका पर इजरायल को मान्‍यता देने के ल‍िए दबाव डालने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा क‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन की ओर से इजरायल को मान्‍यता देने के ल‍िए अत्‍यधिक दबाव है। इमरान खान ने दावा किया है कि अमेरिका इजरायल को मान्‍यता देने के लिए अत्‍यधिक दबाव डाल रहा। उन्‍होंने कहा कि यूएई और बहरीन के इजरायल को मान्यता देने के बाद यह दबाव और ज्‍यादा बढ़ गया। पाकिस्‍तानी पीएम इमरान ने कहा कि डोनाल्‍ड ट्रंप के शासन के दौरान यह दबाव बहुत ज्‍यादा बढ़ा है।


इमरान खान पर अमेरिका पर लगाया दबाव डालने का आरोप


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कराची। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि अमेरिका इजरायल को मान्‍यता देने के लिए उनके देश पर अत्‍यधिक दबाव डाल रहा है। उन्‍होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन सहित अरब देशों के इजरायल को मान्यता देने के बाद यह दबाव और ज्‍यादा बढ़ गया है। पाकिस्‍तानी पीएम ने कहा कि डोनाल्‍ड ट्रंप के शासन के दौरान यह दबाव बहुत ज्‍यादा बढ़ा है।


मिडिल ईस्‍ट आई वेबसाइट ने इमरान खान के हवाले से यह दावा किया है। यह पूछे जाने पर कि क्‍या किसी मुस्लिम देश ने दबाव डाला है तो इमरान ने कहा है कि कई ऐसी चीजें हैं जिसे हम नहीं कह सकते हैं। हमारे उनके साथ अच्‍छे संबंध हैं। इमरान ने कहा कि अमेरिका के अत्‍यधिक दबाव के बाद भी इस्लामाबाद कभी भी 'जियोनिस्ट्स' के साथ संबंध स्थापित नहीं करेगा।


'फलस्तीन को समर्थन जारी रहेगा'
इमरान खान ने कहा है कि इजरायल को मान्यता तब तक नहीं दी जाएगी जब तक कि दशकों पुराने फिलिस्तीनी मुद्दे का निपटारा नहीं हो जाता। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इजरायल को मान्यता देने के बारे में उनका कोई 'दूसरा विचार' नहीं है। इमरान ने कहा, 'इजरायल को मान्यता देने के बारे में मेरे पास कोई दूसरा विचार नहीं है, जब तक कि फिलीस्तीनियों को संतुष्ट नहीं किया जाता है।'                                    


पीएम मोदी 12वें ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुएंं

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीसी के जरिए 12वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि "ब्रिक्स के सफल संचालन के लिए मैं राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को बधाई देता हूं। आपके गाइडेंस और इनिशिएटिव की वजह से वैश्विक महामारी के समय में भी ब्रिक्स अपनी गति को बरकरार रख पाया है। भारत ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक व्यापक बदलाव की प्रक्रिया शुरू की है। यह अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि एक आत्मनिर्भर भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मददगार साबित हो सकता है। भारत ने कोवि़ड के दौरान भी आत्मनिर्भरता का उदाहरण दिया। भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेज पाए। हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी इस तरह मानवता के हित में काम आएगी। आज मल्टीलेटरल सिस्टम एक संकट के दौर से गुजर रहा है। इसमें अभी भी उचित बदलाव नहीं आया है। सिक्योरिटी कौंसिल में रिफॉर्म्स बहुत ही अनिवार्य है और इसमें ब्रिक्स पार्टनर्स के समर्थन की जरुरत है। 2021 में BRICS के 15 वर्ष पूरे हो जाएंगे। पिछले सालों में हमारे बीच लिए गए विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकन करने के लिए एक रिपोर्ट बनाई जा सकती है। इस साल की ब्रिक्स सम्मेलन की थीम प्रासंगिक और दूरदर्शी है, ब्रिक्स की भूमिका अहम होगी।" पीएम मोदी ने आगे कहा कि "यूएन के अतिरिक्त कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी वर्तमान वास्तविकताओं के तहत काम नहीं कर रहे हैं। डब्ल्यूटीओ, आईएमएफ, डब्ल्यूएचओ जैसी संस्थाओं में भी सुधार होना चाहिए।" आतंकवाद का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए। हमें खुशी है कि रूस की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म स्ट्रेटजी को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। भारत इस कार्य को अपनी अध्यक्षता के दौरान और आगे बढ़ाएगा।"                                             


27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...