सोमवार, 16 नवंबर 2020

छेड़छाड़ का विरोध, परिजनों पर किया हमला

छात्रा से छेड़छाड़ का विरोध करने पर दबंगों ने बरपाया कहर छात्रा के परिवार की महिलाओं सहित आधा दर्जन लोग घायल अस्पताल में भर्ती, तीन आरोपी गिरफ्तार


अतुल त्यागी 


हापुड़। आपको बता दें कि हापुड़ जनपद के थाना बाबूगढ़ क्षेत्र में कल देर रात का मामला है। जहां कक्षा 7 में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा मंदिर पर प्रसाद चढ़ाने के लिए जा रही थी। तभी रास्ते में खड़े दो युवकों ने की नाबालिग छात्रा के साथ छेड़छाड़ कर दी। जब छात्रा ने इसका विरोधी किया और आपबीती अपने घर जाकर परिजनों को सुनाई तो छात्रा के परिजन शिकायत लेकर छेड़खानी करने वाले युवकों के घर कहने के गए तो तभी कुछ देर बाद ही दबंगों ने छात्रा के परिजनों के घर में घुसकर जमकर की जबरदस्त मार पिटाई की जमकर बरसाए लाठी-डंडे ईट पत्थर और धारदार हथियार सहित लोहे की राड कक्षा 7 में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के परिवार के महिलाओं सहित आधा दर्जन के करीब लोग घायल हो गये। कोतवाली में दी तहरीर लेकर पुलिस ने घायल लोगों का मेडिकल कराकरबाबूगढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक सोमवीर सिंह बताया कि 10 लोगों के खिलाफ छेड़छाड़ सहित अन्य कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।                     


संविदा कर्मचारी को फायरिंग करना पड़ा भारी

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में बिजली विभाग के एक संविदा कर्मचारी को दीवाली पर फायरिंग करना भारी पड़ने वाला है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मामले का संज्ञान लेकर कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में क्लासिक चौकी के इंचार्ज की तरफ से एक मुकदमा दर्ज करवाया जा रहा है। घटना की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में अग्रिम कार्रवाई जल्द की जा रही है क्योंकि हर्ष फायरिंग पर पूरी तरह से रोक है। इस तरह से हवाई फायरिंग खतरनाक साबित हो सकती थी।                                                       


शहीद पिता को बेटी का आखिरी सेल्यूट

ऋषिकेश: शहीद पिता को 10 वर्षीय बेटी का आखिरी सैल्यूट, बोली- मैं पापा की तरह फौज में जाना चाहती हूं


ऋषिकेश। पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग में शहीद हुए बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर राकेश डोभाल का पार्थिव शरीर उनके घर ऋषिकेश पहुंच गया है। उनकी 10 वर्षीय बेटी ने अपने पिता को आखिरी सैल्यूट देते हुए कहा कि वह अपने पिता की तरह फौज में जाना चाहती हैं। शहीद राकेश डोभाल की बेटी बोली मैं भी फौज में जाऊंगी,पाकिस्तान के साथ गोलीबारी में शहीद हुए राकेश डोभाल बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। जम्मू कश्मीर के बारामूला क्षेत्र में पाकिस्तान की तरफ की गई गोलीबारी में शहीद हुए बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर राकेश डोभाल का पार्थिव शरीर उनके घर ऋषिकेश पहुंच गया है। जिस वक्त डोभाल का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तब सभी की आंखें नम थीं। ऐसे में डोभाल की 10 वर्षीय बेटी मौली का सहास देखने लायक था। अपने पिता को आखिरी सैल्यूट देने पहुंची बेटी ने शहीद के साथ आये हुए जवानों के गले लगते हुए शहीद राकेश डोभाल की बेटी ने कहा कि दादी मत रोना ..ये अंकल हमारी रक्षा करते हैं .. चिंता मत करो रोना नहीं - पिता को श्रृद्धांजलि देते हुए बच्ची ने कहा मैं पापा की तरह फौज में जाना चाहती हूं … वंदेमातरम .. भारत माता की जय...


बता दें कि बीते शुक्रवार को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर में उरी सेक्टर से लेकर गुरेज सेक्टर तक नियंत्रण रेखा पर कई स्थानों पर सीजफायर का उल्लंघन किया है। इस दौरान गोलीबारी में चार सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। साथ ही छह और लोगों की जान चली गई। श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार सहित कई हथियारों से गोलाबारी की। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जवानों ने भी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने आगे बताया कि विस्फोटकों के भंडार, घरों सहित आतंकवादियों के कई ठिकानों को निशाना बनाया गया है। पाकिस्तानी की ओर से की गई गालोबारी में एक बीएसएफ सब इंस्पेक्टर, तीन सैन्यकर्मी शहीद हो गये है जबकि, छह नागरिकों की मौत हो गयी और आठ नागरिक और चार सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। बता दें कि पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया।पाकिस्तान ने केरन, डावर, नौगाम और उरी सहित कई सेक्टरों में गोलीबारी की है।               


दौड़-धूप का अंत, समर्थित के पक्ष में बैठी भाजपा

बहुत से सवालों के बीच आखिरकार एमएलसी स्नातक प्रत्याशी कुशपुरी भाजपा समर्थित दिनेश गोयल के समर्थन में बैठ गए!


कुशपुरी के शुभचिंतकों और मतदाताओं को घोर निराशा..!


तस्लीम बेनकाब
मुजफ्फरनगर। कड़ी मेहनत, लगन, परिश्रम एवं कुछ करने के सार्थक प्रयास उस समय धरे रह गए। जब एमएलसी स्नातक के दमदार एवं जोरदार प्रत्याशी कुशपुरी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी दिनेश कुमार गोयल के समर्थन में बैठ गए?उल्लेखनीय है कि कुशपुरी दिन रात भागदौड़ करके माहौल को अपने पक्ष में बनाने की पुर जोर कोशिशों में लगे हुए थे। उनकी कोशिशें परवान भी चढ़ रही थी। लेकिन भाजपा आलाकमान द्वारा कुशपुरी को मना कर भाजपा समर्थित दिनेश कुमार गोयल के समर्थन में बैठा ही लिया गया। कुशपुरी के शुभचिंतकों और मतदाताओं को घोर निराशा हाथ लगी है! माना जा रहा था कि कुशपुरी भाजपा समर्थित प्रत्याशी घोषित होंगे! लेकिन ऐसा नहीं हुआ उसके बाद भी कुशपुरी की मेहनत जारी रही और वह एक तगड़े प्रत्याशी के रूप में जोर आजमाइश कर रहे थे। लेकिन अचानक एकाएक आज एक प्रेस वार्ता में उनको दिनेश कुमार गोयल के समर्थन में आखिरकार बैठा ही लिया गया बहुत से ऐसे सवाल हैं जो सभी के जेहन में घूम रहे हैं? आज की प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य रूप से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान,राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, विधायक प्रमोद ऊंटवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला समेत कई बड़े भाजपा नेता मौजूद रहे।             


योगीराज में अधिकारियों की गजब है व्यवस्था

योगीराज में अधिकारियों की गजब की है कानून व्यवस्था


सहायक कलेक्टर द्वारा नीलाम कर बिक्रय प्रमाण पत्र जारी की गई भूमि पर भूस्वामी के कब्जे पर अराजकतत्वों का व्यवधान


फर्जी शिकायती पत्र लेकर पहुंचने वाले असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार करने के बजाए जांच कराने का आदेश दे रहे अधिकारी


कौशांबी। योगीराज में अधिकारियों की गजब की न्याय ब्यवस्था है। जिस जमीन को तत्कालीन सहायक कलेक्टर आईएएस ने खुद नीलाम कर मानिक चन्द्र के हाथ बिक्रय कर उनसे धन अर्जित कर सरकारी खजाने में जमा कर क्रेता भूस्वामी मानिक चन्द्र को विक्रय प्रमाण पत्र दिया था। सहायक कलेक्टर द्वारा विक्रय प्रमाण पत्र मिलने के बाद उस भूमि पर उस समय काबिज होने के बाद वर्तमान के निर्माण पर अराजकतत्वों के तमाम तरह के व्यवधान से खरीददार को वर्तमान में गुजारना पड़ रहा है। जिस जमीन को तत्कालीन सहायक कलेक्टर ने बेचा है। उसी जमीन पर खरीददार के कब्जे पर असामाजिक तत्वों द्वारा शिकायती पत्र देकर अवरोध डालने का प्रयास किया जा रहा है। आखिर असामाजिक तत्वों को शिकायती पत्र के साथ गिरफ्तार कर अब तक अधिकारियों ने जेल क्यों नहीं भेजा है। यह बड़ा सवाल है। गौरतलब है कि चायल तहसील क्षेत्र के काजू गांव निवासी इंद्र नारायण पुत्र महावीर राजकीय देय सिंचाई कर के बकायेदार थे जिस पर राजकीय देय की वसूली के लिए उनकी अचल संपत्ति को कुर्क करके 22-10- 1990 को न्यायालय परगना अधिकारी सहायक कलेक्टर चायल इलाहाबाद ने सार्वजानिक तरीके से नीलाम किया था। इस नीलामी में मानिक चंद्र पुत्र राम प्रसाद निवासी काजू को सहायक कलेक्टर आईएएस द्वारा खुद क्रेता घोषित किया गया इस नीलामी की पुष्टि तत्कालीन आईएएस जीवेश नंदन परगना अधिकारी सहायक कलेक्टर चायल द्वारा 22 दिसम्बर 1990 को भूमि व्यवस्था नियमावली के अंतर्गत विक्रय प्रमाण पत्र जारी कर की गई थी यह संपत्ति काजू ग्राम सभा में आराजी नंबर 470 रकबा 8 बिस्वा 10 धूर का आधा हिस्सा मानिक चंद्र पुत्र राम प्रसाद के नाम विक्रय कर क्रेता को पूर्ण स्वामित्व दिया गया है और अभिलेखों में क्रेता का नाम दर्ज कराया गया है। मानिकचंद और उनके पुत्रों का इस जमीन पर पूर्ण कब्जा है। कुछ हिस्से में भवन बने हैं कुछ हिस्से खाली पड़े है। तीन दिन पहले मानिकचंद के पुत्र उमेश केसरवानी दिवाकर केसरवानी आदि ने इसी ज़मीन के खाली पड़े हिस्से पर भवन निर्माण शुरू कर दिया तो गांव के असामाजिक तत्व शेरे पुस्ती गुंडई से निर्माण पर व्यवधान उत्पन्न शुरू कर दिया। निर्माण पर व्यवधान उत्पन्न करने वालों में थाने के मंदिर का एक पुजारी भी शामिल है। इलाके में किसी के भी निर्माण पर व्यवधान डाल कर उन्हें प्रताड़ित कर धना दोहन इनका पेशा बन चुका है और अपने इसी आदतन के अनुसार दर्जनों लोग एकत्रित होकर सहायक कलेक्टर द्वारा बेची गई जमीन पर वास्तविक भूस्वामी के निर्माण को रोक दिया। अब योगी सरकार के अधिकारियों की न्याय व्यवस्था इस कदर लचर है कि वास्तविक मालिक को काबिज करा कर अराजक तत्वों की गिरफ्तारी करा कर उन्हें जेल भेजने का साहस करने के बजाय अराजक तत्वों के शिकायती पत्रों पर जांच करा कर कार्यवाही का आश्वासन देकर उनका हौसला बढ़ा दिया गया है। पूर्व के इतिहास बताते हैं कि असामाजिक तत्व बेवजह जमीनी विवाद उत्पन्न कर लोगों को प्रताड़ित कर धना दोहन करने के आदी है। सहायक कलेक्टर से सरकारी जमीन खरीदने वाले भूस्वामी के पुत्र योगीराज में न्याय के लिए दर दर भटक रहे है। उप जिला अधिकारी चायल कार्यालय से लेकर पुलिस अधीक्षक तक को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है लेकिन अभी तक योगीराज में उन्हें न्याय नहीं मिल सका इसके पूर्व भी अराजक तत्वों द्वारा उक्त जमीन पर ब्यवधान डालने का प्रयास किया गया था। जिस पर तत्कालीन अधिकारियों ने अराजक तत्वों के मंसूबे पर पानी फेर दिया था अब सवाल उठता है कि सहायक कलेक्टर द्वारा बेची गई भूमि पर योगीराज में जमीन के असली मालिक मानिकचंद के पुत्र उमेश केसरवानी दिवाकर केसरवानी आदि काबिज हो पाते हैं या फिर जांच और कार्यवाही के नाम पर अराजक तत्व अत्याचार अन्याय करने में सफल होंगे यह बड़ा सवाल है।


सुशील केसरवानी


16 से 26 तक बंद रहेगा शुजातपुर रेल फाटक

16 नवंबर से 26 नवंबर तक बंद रहेगा शुजातपुर रेल फाटक


कौशाम्बी। कौशांबी जिले में पड़ने वाले हावड़ा दिल्ली रेल लाइन के शुजातपुर रेलवे फाटक को  रेलवे के आवश्यक कार्य के चलते 16 नवंबर से बंद कर दिया गया है। रेलवे फाटक के आसपास इस समय निर्माण कार्य प्रगति पर है। रेलवे फाटक के आसपास निर्माण कार्य प्रगति पर होने से रेलवे फाटक से गुजरने वाले वाहनों के चलते  जहां दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। वही निर्माण कार्य में व्यवधान उत्पन्न होता है। जिससे दिनांक 16 नवंबर से 26 नवंबर तक के लिए सुजातपुर रेल फाटक को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। उक्त जानकारी रेलवे सूत्रों ने दी है।


नथन पटेल


राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित हुई गोष्ठी

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित हुई गोष्ठी


पत्रकारों ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में पत्रकारिता जोखिम भरा व चुनौती पूर्ण कार्य


कौशाम्बी। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर जनपद मुख्यालय मंझनपुर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के महत्व पर पत्रकारों ने अपने अपने विचार रक्खा गोष्ठी में पत्रकारों द्वारा बताया गया कि आज ही के दिन 1966 में प्रेस काउंसिल आफ इंडिया ने विधिवत कार्य करना शुरू किया। तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व में लगभग 50 देश है। जहां प्रेस परिषद अथवा मीडिया परिषद है राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रेस की स्वतंत्रता व जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। सोमवार को हुई विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए जनसंदेश टाइम्स के वरिष्ठ पत्रकार ब्यूरो चीफ सुशील केसरवानी ने कहा कि पत्रकारिता ने समाज में सजग प्रहरी की भूमिका निभाई है। हालांकि वर्तमान समय में पत्रकारिता में बेहद जोखिम व खतरे उत्पन्न हो गए लेकिन पत्रिका पत्रकार जगत ही इन खतरों से निपटने में सक्षम है।
प्रेस की आजादी को लेकर कई सवाल उठ रहे है !पत्रकारों के बिषय में पब्लिक की क्या राय है !क्या भारत मे पत्रकारिता एक नया मोड़ ले रहा !क्या मौजूदा सरकार प्रेस की स्वतंत्रता पर पहरा लगाने का प्रयास कर रही है। बेखौफ होकर सच की आवाज को बुलंद करने लोकतंत्र में ''आ बैल मुझे मार"" अर्थात खुद की मौत के सामने से आमंत्रित करना है ये सवाल हर किसी के मन मे कौंध रहा है। भारत में प्रेस को वॉच डॉग एवं परिषद मीडिया को मोरल वॉच डॉग कहा गया है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस प्रेस की स्वतंत्रता एवं जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। आज पत्रकारिता क्षेत्र व्यापक हो गया है सुशील केशरवानी ने कहा आज पत्रकारिता का क्षेत्र व्यापक हो गया है। पत्रकारिता जन जन तक सूचनात्मक शिक्षाप्रद एवं मनोरंजनात्मक संदेश पहुंचाने की कला एवं विधा है। आजकल सोशल मीडिया का जमाना है। जिसके मुख्य स्रोत व्हाट्सएप फेसबुक टि्वटर मीडिया इंस्टाग्राम महत्वपूर्ण हो गए है एक मुख्य समाचार पत्र ऐसी उत्तर पुस्तिका के समान है। जिसके लाखों परीक्षक एवं एवं समीक्षक उनके लक्षित जन समूह ही होते है। तथ्यपरक तथा यथार्थवादी का संतुलन एवं वस्तुनिष्ठता इस के आधारभूत तत्व हैं। परंतु इनकी कमियां आज पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत बड़ी त्रासदी साबित होने लगी है।  पत्रकार चाहे प्रशिक्षित हो या गैर प्रशिक्षित यह सबको पता है की पत्रकारिता में तथ्यपरकता होनी चाहिए परंतु तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर बढ़ा चढ़ाकर या घटाकर सनसनी बनाने की प्रवृत्ति आज पत्रकारिता में बढ़ने लगी है।खबरों में पक्ष धरता एवं असंतुलन भी प्रायः देखने को मिलता है। इस प्रकार खबरों में निहित स्वार्थ साफ झलक ने लग जाता है। आज समाचारों में विचार को मिश्रित किया जा रहा है। विचारों पर आधारित समाचारों की संख्या बढ़ने लगी है। इससे पत्रकारिता में एक अस्वास्थ्य कर प्रबत्ति विकसित होने लगी है। समाचार विचारों की जननी होती है। इसलिए समाचारों पर आधारित विचार तो स्वागत योग्य हो सकते हैं परंतु विचारों पर आधारित समाचार अभिशाप की तरह है। मीडिया को समाज का दर्पण दीपक दोनों माना जाता है। इनमें जो समाचार मीडिया चाहे वह समाचार पत्रों या चैनल उन्हें मूल समाज का दर्पण माना जाता है दर्पण का काम है। दर्पण की तरह काम करना ताकि वह समाज की तस्वीर समाज के सामने पेश कर सकें परंतु कभी-कभी निजी स्वार्थों के कारण यह समाचार मीडिया समतल दर्पण की जगह उत्तल अवतल दर्पण की तरह काम करने लग जाते हैं। इससे समाज की उल्टी,अवास्तविक काल्पनिक एवं विकृति तस्वीर भी सामने आ जाती है तात्पर्य है कि खोजी पत्रकारिता के नाम पर आज पीली व नीली पत्रकारिता हमारे कुछ पत्रकारों के गुलाबी जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही।


भारतीय प्रेस परिषद ने अपनी रिपोर्ट में कहा भी है भारत में प्रेस ने ज्यादा गलतियां की है एवं अधिकारियों की तुलना में प्रेस के खिलाफ अधिक शिकायतें दर्ज है पत्रकारिता आजादी से पहले एक मिशन थी आजादी के बाद यह प्रोडक्शन बन गई हां बीच में आपातकाल के दौरान जब प्रेस पर सेंसर लगा था तब पत्रकारिता पर एक बार फिर थोड़े समय के लिए भ्रष्टाचार मिटाओ अभियान को लेकर मिशन बन गई धीरे-धीरे पत्रकारिता प्रोडक्शन से सेंसेशन एवं सेंसेशन से कमीशन बन गई परंतु इन तमाम सामाजिक बुराइयों के लिए सिर्फ मीडिया को दोषी ठहराना उचित नहीं जैसे यदि किसी गाड़ी का एक पुर्जा टूट जाता तो धीरे धीरे दूसरा फिर तीसरा फिर पूरी गाड़ी बेकार हो जाती है समाज मे कुछ ऐसी ही स्थिति लागू हो रही है समाज मे हमेशा बदलाव आता रहता है विकल्प उत्त्पन्न होते रहते हैं ऐसी अवस्था मे समाज मे असमंजस की स्थिति आ जाती है।इस स्थिति में मीडिया समाज को नई दिशा देता हमीदिया समाज को प्रभावित करता है लेकिन कभी कभी ये केन प्रकारेण मीडिया समाज से प्रभावित होने लगता है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर देश की बदलती पत्रकारिता का स्वागत है बशर्ते वह अपने मूल्यों और आदर्शों की सीमा रेखा कायम रखे।। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करने वालो में वरिष्ठ पत्रकार रामबदन भार्गव, वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ उर्फ कल्लू केशरवानी वरिष्ठ पत्रकार सुशील केशरवानी अनुराग शुक्ला,राजू सक्सेना, सुबोध केशरवानी,राम प्रसाद गुप्ता नरेंद्र यादव, विनय मिश्रा, एनड़ी तिवारी,अंकित गुप्ता, प्रदीप पांडेय,संजय मिश्रा पवन मिश्रा  सन्तलाल मौर्य,जैगम अब्बास,अरविंद केशरवानी अमित कुमार त्रिपाठी उर्फ सोनू , धर्मेन्द्र सोनकर,ज्ञानू सोनी, मदन केशरवानी, राजकुमार, बृजेन्द्र केशरवानी, मोनू पाण्डेय,अमन केशरवानी रामबाबू, अजीत कुशवाहा, अंकित केशरवानी विष्णु सोनी,सुशील दिवाकर,सियाराम, मंजीत सिंह, गणेश साहू, नथन पटेल जितेंद्र मौर्या,सुनील चौधरी,सैयद अली, विजय मोदनवाल,राहुल यादव,मदन जायसवाल, आर्यवीर अश्वनी शशिभूषण सिंह, नवीद अहमद,अंकित करारी समीर अहमद अनुराग द्विवेदी अनुराग कुशवाहा राम कुमार गुप्ता सुनील कुमार कुशवाहा अनूप कुमार,फैज बाबा कौशलेंद्र प्रताप ,लक्ष्मण समीर अहमद आदि तमाम पत्रकार मौजूद। 


संतलाल मौर्या


27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...