सोमवार, 16 नवंबर 2020

टिप्पणी-विचार प्रकाशित करने का अधिकार

तिरुअनंतपुरम। केरल उच्च न्यायालय ने मलयाला मनोरमा दैनिक के मुख्य संपादक, प्रबंध संपादक और प्रकाशक के खिलाफ दर्ज एक मानहानि शिकायत को खारिज कर दिया है। जस्टिस पी सोमराजन ने कहा कि प्रेस को आवश्यक टिप्पणियों और विचारों के साथ समाचार प्रकाशित करने का अधिकार है। इस प्रकार के अधिकार को तब तक खत्म नहीं किया जा सकता, जब तक कि दुर्भावना बहुत अध‌िक हो और सार्वजनिक हित की बात नहीं हो। अदालत ने कहा कि समाचार की अवमानना ​​प्रकृति, अगर वह सच्चाई के प्रतिरूपण से जुड़ी है, जिसे सार्वजनिक सद्भावना के लिए प्रकाशन की आवश्यकता है, तो यह मानहानि का अपराध नहीं होगा।


शिकायतकर्ता (आर चंद्रशेखरन) और तीन अन्य के खिलाफ एक सतर्कता रिपोर्ट के बारे में प्रकाशित खबर के के खिलाफ शिकायत थी। संपादकों और प्रकाशकों ने, मजिस्ट्रेट द्वारा शिकायत का संज्ञान लिए जाने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने शिकायतकर्ता को संदर्भित किया और कहा कि शिकायतकर्ता को समाचार में आरोपी व्यक्ति के रूप में संदर्भित किया गया था, जिसमें रिपोर्ट का वास्तविक संस्करण शामिल था। जज ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था और बाद में एक संदर्भ रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी।


“आईपीसी की धारा 499 में पहला प्रावधान के तहत लोकतांत्रिक प्रणाली में व्यापक प्रचार और आवश्यक टिप्पणियों और विचारों के साथ समाचार प्रकाशित करने का अधिकार दिया गया है, हालांकि, विचारों को, यद्यप‌ि वो कभी-कभी अवमाननपूर्ण होते हैं, तब तक समाप्त नहीं किया जा सकता, जब तक जब तक कि दुर्भावना बहुत अध‌िक हो और सार्वजनिक हित की बात नहीं हो। समाचार की अवमानना ​​प्रकृति, अगर वह सत्य के प्रतिरूपण से जुड़ी है, जिसे सार्वजनिक सद्भावना के लिए प्रकाशन की आवश्यकता है, अपराध को आकर्षित नहीं करेगी और पहले अपवाद के साथ धारा 499 आईपीसी को आकर्षित करने की आवश्यकता के संबंध में कोई गलतफहमी नहीं होगी। इसलिए प्रकाशित समाचार धारा 499 आईपीसी के तहत परिभाषित मानहानि के अपराध को आकर्षित नहीं करेगा।” चौथी स्तंभ में निहित उद्देश्यों को हराने के लिए है। आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए जज ने आगे कहा: “सभी समाचार सामग्रियों को प्रकाशित करना चौथे स्तंभ का कर्तव्य है, विशेष रूप से सार्वजनिक महत्व के विषयों को और यह उनका कर्तव्य है कि वे समाचार सामग्री को, उसके पक्ष और विपक्ष पर टिप्पणी करते हुए प्रका‌शित करें ताकि समाज को सतर्क रहने के लिए प्रबुद्ध किया जा सके।” यह धारा 499 आईपीसी से जुड़े पहले अपवाद के तहत आएगा, जब यह सार्वजनिक हित के लिए वास्तविकता के साथ किया जाता है। सार्वजनिक महत्व के मामलों से चौथे स्तंभ को दूर रहने की उम्मीद नहीं है, लेकिन उनका एकमात्र कर्तव्य समाचार के मुद्दों के पक्ष और विपक्ष से समाज को अवगत कराकर उसकी सेवा करना है, ताकि समाज को और अधिक कार्यात्मक और सतर्क बनाया जा सके। चौथा स्तंभ लोकतांत्रिक समाज में सार्वजनिक हित / सार्वजनिक महत्व के सभी मामले पर टिप्पणी करने का एक मंच है, आवश्यक टिप्पणी के साथ प्रकाशित समाचार…मानहानि रूप में धारा 499 आईपीसी के तहत परिभाषित नहीं किया जा सकता है जब तक कि उससे सद्भाव में कमी न प्रदर्श‌ित हो और जनहित या सार्वजनिक भलाई के विषय से संबंधित नहीं हो।”                               


भारत ने विश्व को मानवता का मार्ग दिखाया

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जैनाचार्य विजय वल्लभ जी की ‘स्टैच्यू ऑफ पीस’ का अनावरण किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा पूरे विश्व को, मानवता को, शांति, अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया है। ये वो संदेश हैं जिनकी प्रेरणा विश्व को भारत से मिलती है, इसी मार्गदर्शन के लिए दुनिया आज एक बार फिर भारत की ओर देख रही है। संतों से अपील करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी में मैं आचार्यों, संतों से एक आग्रह करना चाहता हूं कि जिस प्रकार आजादी के आंदोलन की पीठिका भक्ति आंदोलन से शुरु हुई। वैसे ही आत्मनिर्भर भारत की पीठिका तैयार करने का काम संतों, आचार्यों, महंतों का है।


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि महापुरुषों का, संतों का विचार इसलिए अमर होता है, क्योंकि वो जो बताते हैं, वही अपने जीवन में जीते हैं। आचार्य विजय वल्लभ जी कहते थे कि साधु, महात्माओं का कर्तव्य है कि वो अज्ञान, कलह, बेगारी, आलस, व्यसन और समाज के बुरे रीति रिवाजों को दूर करने के लिए प्रयत्न करें।


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आचार्य विजयवल्लभ जी का जीवन हर जीव के लिए दया, करुणा और प्रेम से ओत-प्रोत था। उनके आशीर्वाद से आज जीवदया के लिए पक्षी हॉस्पिटल और अनेक गौशालाएं देश में चल रहीं हैं। ये कोई सामान्य संस्थान नहीं हैं, ये भारत की भावना के अनुष्ठान हैं, ये भारत और भारतीय मूल्यों की पहचान हैं।


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास आप देखें तो आप महसूस करेंगे, जब भी भारत को आंतरिक प्रकाश की जरूरत हुई है, संत परंपरा से कोई न कोई सूर्य उदय हुआ है। कोई न कोई बड़ा संत हर कालखंड में हमारे देश में रहा है, जिसने उस कालखंड को देखते हुए समाज को दिशा दी है। आचार्य विजय वल्लभ जी ऐसे ही संत थे।                              


जला कर ही क्यों करते है 'अंतिम संस्कार'

अंतिम संस्कार के दौरान जब शरीर को अग्नि दी जाती है तो उस से पहले शव को श्मशान तक ले जाया गया होता है उसी शैय्या का एक बांस निकालकर उससे शव के सिर पर चोट किया जाता है जिसे कपाल क्रिया कहा जाता है। इस से सांसरिक जीवन में फंसा व्यक्ति इस मोह माया के बंधन से मुक्त हो जाता है।


अंतिम संस्कार के बाद यह क्रिया भी जरूरी


अंतिम संस्कार के अंत में परिवार के लोग श्मशान से वापस घर लौटे समय 5 लकड़ी के टुकड़े 3 दाएं हाथ में और 2 बाएं हाथ में रखते हैं और शव दाह से उलटी दिशा में खड़े होकर सिर से ऊपर से लकड़ियों को पीछे की ओर फेंकते हैं और वापस घर लौट चलते हैं। इसके बाद वापस पीछे मुड़ कर नहीं देखा जाता है। इस क्रिया के माध्यम से परिवार वाले कहते हैं कि अब तुम पंचतत्व में विलीन होकर इस संसार का मोह त्याग दो।               


मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,30,070 हुआ

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है तथा 43 हजार से अधिक और मरीजों के ठीक होने के साथ ही रिकवरी दर बढ़कर 93.27 फीसदी हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमण के 30,548 नए मामले सामने आने से इसके संक्रमितों की संख्या 88.45 लाख हो गयी है, वहीं सक्रिय मामले 13,738 कम होकर 4,65,478 हो गए। इस अवधि में 43,851 लोग स्वस्थ हुए हैं जिससे इस महामारी को मात देने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 82.49 लाख से अधिक हो गई है। इस दौरान 435 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,30,070 हो गया है।               


कब्जे को लेकर धमकी भरा ऑडियो वायरल

काशीपुर। नौगजे पीर बाबा के कब्रिस्तान की भूमि पर इंटर कॉलेज बनाने को लेकर दो पक्षों में फोन पर धमकी का मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें कमेटी सदर एक व्यक्ति को साफ तौर पर धमकी दे रहे हैं। बता दें कि मामला मानपुर रोड स्थित नौ गजा पीर बाबा की दरगाह के पास 7 एकड़ भूमि पर स्थित कब्रिस्तान का है। जिस पर कब्रिस्तान कमेटी द्वारा इंटर कॉलेज बनाने को लेकर एक पत्थर शिलान्यास के रूप में रखा गया था। शिलान्यास की फोटो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई। वैसे ही मुस्लिम समुदाय के लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई।                 


हैकर्स बना रहे हैं बैंकों की फर्जी वेबसाइट

पालूराम


नई दिल्ली। डिजिटल प्लेटफॉर्म बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन फर्जीवाड़ों के केस में भी वृद्धि हुई है। दरअसल, ऑनलाइन धोखाधड़ी के केस तो अकसर सामने आते ही हैं, लेकिन अब इंटरनेट पर बैंकों की फर्जी वेबसाइट भी चल रही है। जिससे ग्राहकों को सावधान रहने की जरूरत है। यह फर्जी वेबसाइट ग्राहकों के पास कई तरह के मैसेज भी भेजते हैं। जिसको लेकर अब बैंक लोगों में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। बैंक अपने ग्राहकों से अपील कर रहे हैं कि वह फर्जी सूचनाओं से दूर रहें। किसी भी अंजान लिंक को नहीं खोलें, वरना आपके खाते से रकम गायब हो सकती है।


वहीं, अब इस मामले को लेकर एसबीआई ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है, जिसके जरिए उन्होंने लोगों को फर्जी मैसेज से सतर्कता बरतने की हिदायत दी है। बैंक ने कहा कि अगर इंटरनेट मीडिया पर बैंक के नाम से कोई एकाउंट है तो वह ब्लू टिक को देखकर ही उस पर कुछ लिखें। इसके अलावा एसबीआई के नाम पर अगर कोई अन्य एकाउंट दिख रहा है तो उस पर एटीएम पिन, कार्ड नंबर, ओटीपी कभी भी साझा नहीं करें। इस मामले में एसबीआई कैंट के मुख्य प्रबंधक हरीश वाधवा का कहना है कि बैंक वेबसाइट पर अपना खाता और पासवर्ड अपडेट करने के लिए कभी नहीं कहता है।                                           


छेड़खानी के विरोध में लड़की को जिंदा जलाया

वैशाली। बिहार के वैशाली में लड़की को जिंदा जलाकर मार डालने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। घटना के 15 दिन बाद भी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए लोगों ने रविवार देर रात प्रदर्शन किया, हालांकि पुलिस की दखल के बाद देर रात ही लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया।


दरअसल, वैशाली में छेड़खानी का विरोध करने पर 20 साल की एक युवती को गांव के दबंगों ने जिंदा जला दिया था। घटना  देसरी थाने के रसूलपुर हबीब की है। गांव के ही कुछ लड़कों ने छेड़खानी को लेकर विवाद के बाद लड़की पर केरोसिन डाल जिंदा जला दिया। लड़की का पटना पीएमसीएच में इलाज चल रहा था, जहां 15 दिन बाद उसकी मौत हो गई।


लड़की के घरवालों का आरोप है कि जब उन्होंने आरोपी के घरवालों से छेड़खानी की शिकायत की तो दबंग लड़के ने अपने दो साथियो के साथ लड़की को घर के पास पकड़ लिया और जिंदा जला दिया। वारदात के 15 दिन बाद कल देर रात पीड़िता की पटना PMCH में मौत हो गई है। वारदात के 15 दिन गुजरने के बाद भी इस खौफनाक वारदात के सभी आरोपी फरार हैं।                              


सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...