धान क्रय केंद्रों पर किसानों को कर रहे गुमराह
कड़ा कौशाम्बी। योगी सरकार किसानों के हित में तमाम कार्य करने की बात रही है। लेकिन सरकार के कर्मचारी सरकार के काम में पानी फेर रहे हैं कहने को सरकार ने 1868 रुपए समर्थन मूल्य धान का निर्धारित कर रखा है।
लेकिन जब किसान क्रय केंद्रों पर धान लेकर जाता है तो उसे क्रय केंद्र में बैठे कर्मचारी परेशान करके वापस भेज देते हैं। किसान जब धान लेकर क्रय केंद्र में जाता है तो उसे यह कह कर कि सरकार ने किसानों से सिर्फ दो किस्मों के धान लेने का आदेश दिया है जो उन दो किस्मों की बात कर रहे हैं। उसने टाटा मंसूरी और दामिनी है जबकि हकीकत यह है कि कौशांबी में ज्यादातर कम दिनों की ब्राइट किसान लगाते हैं। क्योंकि यह जो ब्राइटी क्रय केंद्रों पर कहा जाता है लेने के लिए वह 150 दिनों की होती है। ज्यादा पानी और लेट होने की वजह से कौशांबी के किसान इस तरह के धान को नहीं लगाते हैं और अगर सरकार किसानों को इसी तरह के धान लेने के निर्णय में अडिग है तो पहले किसानों को जागरूक करना चाहिए।
अनुराग द्विवेदी