बहुत मुश्किल है सच लिखना
हर इंसान चाहता है कि आज के दौर में भी भगत सिंह पैदा हो लेकिन मेरे घर में नही बल्कि पड़ोसी के घर में पैदा हो क्योंकि पड़ोसी के घर में भगत सिंह पैदा हुआ तो फांसी पर पड़ोसी का बेटा चढ़ेगा। जरा सोचिए इस दोगली भावना से इक़बाल कैसे आएगा?
मैं एक लंबे समय से एक ही बात बोल रहा हूँ कि "सच और वैश्या" में कोई फर्क नही है। पसंद सबको है लेकिन अपनाना कोई नहीं चाहता। मैंने हर इंसान के मुंह से सच की शान में कसीदे सुनें लेकिन अभी तक मैंने ऐसा इंसान नही देखा कि किसी ने उसे सच का आईना दिखाया हो और उसने सच को स्वीकार कर सच लिखने, बोलने, दिखाने वाले को धन्यवाद दिया हो।
पत्रकारिता के इस दौर में पत्रकारिता नही हो रही है बल्कि पक्षकारिता की जा रही है। क्या संबंधों के आधार पर सच से मुंह फेर लेना उचित है? मैंने इस दौर के पत्रकारों को संबंध के तराजू पर सच के बांट से झूठ को तौलते हुए देखा है। सच सामने न आये इसलिए मैंने लोगों को संबंध की वजह से सच की हत्या करते हुए देखा है। मैं इस मतलबपरस्त समाज के सांचे में फिट नही बैठ रहा हूँ क्योंकि मैं संबंधों से ज्यादा सच को महत्व देता हूँ।
मैं एहसानफरामोश नही हूँ बस सच का कीड़ा जब मेरे शरीर में बिलबिलाता है तो मैं संबंधों को ताक पर रखकर सच लिख देता हूँ और मेरे अपने मेरे खिलाफ हो जाते हैं। इसी सप्ताह कुछ ऐसा हुआ कि एक मेरा बड़ा भाई मुझसे नाराज हो गया, वजह मेरा सच लिखना था। मेरा मकसद किसी को आहत करना नही था। जिस मसले को लेकर सच लिखा था उस मुद्दे पर संबंधों की वजह से पिछले 9 साल से खामोश था। मुझे नही पता था कि मेरी कलम से भी भूकंप आ सकता है। मेरे सच लिखने से सच का ऐसा जलजला आया कि मेरे संबंधों की मजबूत इमारत को धरासाई कर गया।
खैर मुझे कतई अफसोस नही है क्योंकि मेरे संबंधों की मजबूत इमारत किसी झूठ की वजह से नही बल्कि सच के कारण गिरी है इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि मैं झूठा या फरेबी नही हूँ। मैं शायद दुनिया पहला ऐसा इंसान हूं जिसने खुद के खिलाफ और अपने सगे संबंधियों के खिलाफ डंके की चोट पर लिखा है। इसी कारण मेरे कुछ अजीज मुझे दूर हुए हैं। मैं झूठ बोलकर या फरेब से किसी को अपना बनाये रखने की कला नही जानता है। सच लिखने और बोलने की सजा जो भी हो मैं भुगतने के लिए तैयार हूं लेकिन मेरे अजीज मुझसे यह उम्मीद न करें कि उनके लिए अपने सच लिखने और बोलने की आदत को कुर्बान कर दूंगा। सच के लिए मैं खुद को और हर संबंध को कुर्बान कर सकता हूँ क्योंकि मेरे पास सच के अलावा और है ही क्या? वाकई सच लिखना बहुत मुश्किल है शायद इसीलिए लोग सच से मुंह फेर लेते हैं क्योंकि एक सच अपनों को गैर बना सकता है?
अमन पठान
क्रांतिकारी पत्रकार
सोमवार, 9 नवंबर 2020
पत्रकारिता की आड़ में पक्षकारिता 'आलोचना'
बिहार विधानसभा चुनाव क्या संदेश देगा ?
बिहार चुनाव संदेश क्या ?
बिहार विधानसभा चुनाव मैं, राजनीतिक पंडित कांग्रेस की भूमिका को लेकर असमंजस की स्थिति में थे और कयास लगा रहे थे की महागठबंधन में सबसे कमजोर कड़ी कॉन्ग्रेस बनेगी क्या ?
यह कयास इसलिए लगाए जा रहे थे क्योंकि राजनीतिक पंडित समझ रहे थे की बिहार में कांग्रेस तीन दशक से सत्ता से बाहर है इसलिए बिहार में उसका अपना ठोस जनाधार नहीं है !
राजनीतिक पंडितों को भरोसा तो आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव पर भी नहीं था की वह चुनाव में इतनी जबरदस्त पर फार्मेशन देंगे !
कांग्रेस को बिहार चुनाव के संदर्भ में देखें तो बिहार चुनाव कॉन्ग्रेस के लिए राजनीतिक दृष्टि से एक बेहतर प्रयोग था जिसमें कॉन्ग्रेस सफल होती नजर आ रही है, इस चुनाव में कॉन्ग्रेस ने अपने अहम का त्याग किया, कांग्रेस एक सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद उसने क्षेत्रीय पार्टी आरजेडी और उसके नेता तेजस्वी यादव पर पूरा भरोसा कर उन्हें सबसे आगे रखा जबकि कांग्रेस चाहती तो भारतीय जनता पार्टी की तरह जिसने बिहार चुनाव में नरेंद्र मोदी को सबसे आगे रखा और आगे रखकर चुनाव लड़ा वैसे ही कांग्रेस भी राहुल गांधी को आगे रखकर चुनाव लड़ सकती थी लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया उसने तेजस्वी यादव को आगे रखा और यह कांग्रेस की और महागठबंधन की एक बड़ी उपलब्धि है !
बिहार चुनाव में भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के दर्जनों बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए भेजा लेकिन कांग्रेस ने अपने नेताओं को बड़ी संख्या में भेजने पर परहेज किया जो राजनीतिक रणनीति की दृष्टि से कांग्रेस का सही कदम था !
बिहार चुनाव में सबसे खास और अहम कदम कांग्रेस का युवा रणनीतिकारों की रणनीति पर विश्वास करना था यदि कल बिहार चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आते हैं जिसकी संभावना पूरी है, तो कांग्रेस को जीत के साथ नए रणनीतिकार भी मिल जाएंगे जिसकी कांग्रेस को आज बहुत बड़ी जरूरत थी !
2014 के बाद शायद यह पहला बड़ा चुनाव है जिसमें कांग्रेस भा ज पा के शब्द के जाल में नहीं फसा बल्कि बिहार चुनाव मे कॉन्ग्रेस के रणनीतिकारों ने मुद्दों पर भाजपा को फसाया कैसे, जब तेजस्वी यादव ने बिहार के बेरोजगार युवाओं को 10 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था, उसके तुरंत बाद बिहार प्रांत के वित्त मंत्री भाजपा नेता सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव की इस घोषणा का मजाक उड़ाया और कहा कि तेजस्वी यादव पैसा कहां से लाएंगे, जबकि दूसरे ही दिन देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के नौजवान के लिए 19 लाख रोजगार देने की घोषणा कर दी !
बिहार चुनाव में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कई शब्द ऐसे निकले जिनकी प्रतिक्रिया का इंतजार पूरे चुनाव में भा ज पा करती दिखाई दी मगर कॉन्ग्रेस और महागठबंधन ने शालीनता के साथ अपना प्रदर्शन किया और भाजपा के जाल में नहीं फसी !
जबकि बिहार चुनाव से पहले देश के अंदर जितने भी चुनाव हुए उनमें कॉन्ग्रेस हमेशा भाजपा के द्वारा निर्मित जाल में फस कर अपना नुकसान कर लिया करती थी !
जहां तक युवा रणनीतिकारों की बात करें तो यह प्रयोग इसलिए भी कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कॉन्ग्रेस के रणनीति कार शायद थक गए थे क्योंकि 2014 के बाद बिहार को छोड़कर जितने भी चुनाव हुए उनमें कांग्रेस के वरिष्ठ रणनीतिकार अक्सर फेल हुए कैसे क्योंकि वरिष्ठ रणनीतिकार सरकार बनाने के करीब पहुंचने के बाद भी अपनी सरकार या तो नहीं बनवा पाए या बन भी गई तो उसे संभाल नहीं पाए !ऐसे में बिहार से कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है, इस प्रयोग का विस्तार आने वाले विधानसभा चुनाव पश्चिम बंगाल असम और उत्तर प्रदेश में बारीकी से देखने को यदि मिला तो समझेंगे कि आने वाले देश के आम चुनाव में कांग्रेस का यह प्रयोग कांग्रेस को देश की सत्ता में भी वापसी करा सकता है। देवेंद्र यादव
हैरानीः आप भी तो नहीं ले रहे है नकली 'घी'
आप भी तो नहीं ले रहे है नकली घी इस खबर को पढ़कर उड़ जाएंगे होश
दिवाली के मौके पर जमकर घी का इस्तेमाल होता है। इसका फायदा उठाने के लिए एक फैक्ट्री में सेंट मिलाकर नकली घी बनाया जा रहा था। जिसे असली कंपनी के पैकेटों में भरा जा रहा था। खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारकर इस पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर दिया यह मामला उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले का है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने हाथरस जिले के कस्बा सादाबाद में कोतवाली के पीछे रिहायशी इलाके में छापामार कार्रवाई करते हुए नकली घी बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। टीम ने मौके से सौ किलो नकली घी, पांच टीन रिफाइंड ऑयल, 4 टीन वनस्पति घी, 4 पाम तेल के केन और एसेंस की बोतल के अलावा आठ सौ से अधिक नामी ब्रांड के डिब्बे भी बरामद किए हैं। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हरेंद्र सिंह ने बताया है। कि यहां बनाए गए नकली घी को ब्रांडेड कंपनियों के असली घी के पैकेटों में पैक करके मार्केट में सप्लाई किया जाता था। छापामार दल ने बरामद माल को सीज कर दिया है। और संदेहास्पद घी, रिफाइंड, एसेंस के नमूने लिए हैं। बताया जा रहा है। कि दीवाली के त्योहार पर इस नकली घी को ब्रांडेड कंपनी के असली घी के रूप में खपाने की तैयारी थी।
गाजियाबादः अवैध गोदाम पर छापेमारी शुरू
गाज़ियाबाद में पटाखों के अवैध गोदामों पर छापेमारी शुरू, चल रहा है विशेष अभियान
अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। जिला प्रशासन ने वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से जिले भर में पटाखों के बिक्री और भंडारण करने वाले व्यापारियों के विरुद्ध एक विशेष अभियान शुरू कर दिया है। रविवार से शुरू किए गए इस अभियान में शहीद नगर से एक युवक को गिरफ्तार भी किया गया है।
एसपी सिटी (द्वितीय) ज्ञानेन्द्र कुमार ने बताया कि गाज़ियाबाद के सभी थाना क्षेत्रों में पटाखों के भंडारण और बिक्री के खिलाफ एक साथ अभियान चलाया गया है। इस अभियान में हम पहले से चिह्नित स्थानों के साथ-साथ मुखबीरों से मिली सूचनाओं के आधार पर भी काम कर रहे हैं।
जिला प्रशासन ने बनाई विशेष टीम।
जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने अवैध पटाखों की बिक्री को रोकने के लिए हर खंड में एक विशेष टीम का गठन किया है। इन टीमों की ज़िम्मेदारी संबन्धित उप जिलाधिकारियों को दी गई है।
पूरे एनसीआर में पटाखें बैन, आदेश लागू
एनजीटी के आदेश पर गाज़ियाबाद समेत पूरे एनसीआर में पटाखे बैन आज रात से आदेश लागू
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) ने एक आदेश जारी कर गाज़ियाबाद, नोएडा, दिल्ली, गुरुग्राम और फ़रीदाबाद में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश में कहा गया है। कि मोडरेट एम्बिएंट एयर क्वालिटी वाले सभी शहरों में केवल ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकते हैं।
पूरे देश में होगा आदेश लागूः एनजीटी का यह आदेश पूरे भारत के उन शहरों में भी लागू होगा जहां वायु का स्तर खराब की श्रेणी में है। यह आदेश 9 नवंबर की रात से शुरू होकर 30 नवंबर तक लागू होगा। इस दौरान दो घंटे की अवधि में केवल ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने 7 नवंबर से पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया था। आज ग्रीन कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की बैंच ने अपना आदेश जारी करने से पहले सभी पक्षों की बात विस्तार से सुनी। पिछली सुनवाई में सभी संबन्धित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधियों के अलावा पटाखे के व्यापार तथा पटाखे बनाने वाली औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों ने अपने पक्ष रखें। इंडियन फायर वर्क्स मेन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी प्रस्तुत हुए जबकि एमिकस के तौर पर वरिष्ठ वकील राज पंजवानी उपस्थित थे।
एक्ट्रेस अर्जुन के घर पर टीम ने मारा छापा
मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत के केस में ड्रग्स ऐंगल से जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने सोमवार को एक्टर अर्जुन रामपाल के मुंबई स्थित घर पर छापा मारा है। एनसीबी की एक टीम अर्जुन रामपाल के घर और दफ्तर में सर्च ऑपरेशन कर रही है। इससे पहले एनसीबी ने ड्रग्स रखने और खरीद-फरोख्त करने के जुर्म में अर्जुन रामपाल की गर्लफ्रेंड ग्रैब्रिएला डिमेट्रिएड्स के भाई अगिसियालोस को एक बार फिर हिरासत में लिया। खबर है कि अगिसियालोस को केस में जमानत मिल गई थी, जिसके तुरंत बाद एनसीबी ने उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया। इसके अलावा एनसीबी ने धर्मा प्रॉडक्शंस के पूर्व एग्जिक्यूटिव प्रड्यूसर क्षितिज प्रसाद को एक अन्य मामले में भी गिरफ्तार किया है।
वेज्ञानिकों के हाथ लगीं बड़ी उपलब्धि
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। अमेरिका में वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे रासायनिक यौगिकों का पता लगाया है, जो कोरोना वायरस को मानवीय कोशिकाओं में प्रवेश करने और अपने जैसे और वायरस पैदा करने के लिए आवश्यक दो प्रोटीन को बाधित करने में सक्षम हैं। इस यौगिक की मदद से कोविड-19 का प्रभावी टीका बनाने में मदद मिल सकती है।
'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला
'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला इकबाल अंसारी नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...
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उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
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80 वर्षीय बुजुर्ग ने 34 साल की महिला से मैरिज की मनोज सिंह ठाकुर आगर मालवा। अजब मध्य प्रदेश में एक बार फिर से गजब हो गया है। आगर मालवा जिले...