गुरुवार, 5 नवंबर 2020

11 साल की बच्ची से पिता ने किया दुष्कर्म

अंकित गोस्वामी


नोएडा। थाना फेस-3 क्षेत्र के एक गांव में 11 साल की बच्ची के साथ उसके पिता ने दुष्कर्म किया। पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा) वृंदा शुक्ला ने बताया कि थाना फेज-3 क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 11 वर्षीय बच्ची के साथ उसके पिता ने बलात्कार किया।             


क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्धः सिंह

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय द्वारा आयोजित डिजिटल संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि बहरहाल, भारत एकपक्षवाद और आक्रामकता से अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।               


हिरासत में रखे या जमानत दे, निर्णय होगा

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट आज इस बात पर फैसला सुना सकती है कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को 14 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रखा जाए या फिर उन्हें जमानत दे दी जाए। आत्महत्या के लिए उकसाने के एक दो साल पुराने मामले में हुई गिरफ्तारी के बाद अदालत ने बुधवार को अर्नब गोस्वामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।  रायगढ़ जिले की अलीबाग अदालत ने यह आदेश लगभग 6 घंटे की लंबी सुनवाई के बाद पारित किए।               


ड्रग्स की आपूर्ति के आरोप में एक गिरफ्तार

बॉलीवुड ड्रग्स केस एनसीबी ने ड्रग्स की आपूर्ति के आरोप में एक व्यक्ति को किया गिरफ्तार


मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। एनसीबी ने 30 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो फिल्म और टीवी उद्योग से जुड़े लोगों को मादक पदार्थों की आपूर्ति करता था। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। ब्यूरो के अधिकारी ने कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ (ड्रग्स) मामले में भी उसका नाम सामने आया है। उन्होंने बताया कि आरोपी अब्दुल वाहिद को बुधवार को मुंबई के अंधेरी इलाके में आजाद नगर मेट्रो स्टेशन से पकड़ा गया। उसके पास से 650 ग्राम गांजा, कुछ मेफेड्रोन और चरस, 1.75 लाख रुपये और एक कार बरामद की गई। अधिकारी ने कहा कि वाहिद का पकड़ा जाना एक बड़ी कामयाबी है। क्योंकि वह फिल्म उद्योग और टीवी धारावाहिकों से जुड़े लोगों को ड्रग्स की आपूर्ति कर रहा था। एनसीबी ने इससे पहले सुशांत की मौत के मामले में अपनी जांच के सिलसिले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। चक्रवर्ती फिलहाल जमानत पर हैं। एनसीबी ने हाल ही में जांच के सिलसिले में कुछ बॉलीवुड हस्तियों से भी पूछताछ की थी।                  


एसबीआई की एससी से अपील, प्रतिबंध हटाए

आरबीआई की सुप्रीम कोर्ट से अपील एनपीए घोषणा पर प्रतिबंध के अंतरिम आदेश को हटाया जाए


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय से उस अंतरिम आदेश को हटाने का आग्रह किया। जिसमें कहा गया है, कि इस साल 31 अगस्त तक जिन खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित नहीं किया है। उन्हें अगले आदेश तक एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा। आरबीआई ने कहा कि इस आदेश के चलते उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते कठिनाइयों का सामना कर रहे कर्जदारों को राहत देते हुए शीर्ष न्यायालय ने तीन सितंबर को अंतरिम आदेश पारित किया था। आरबीआई की तरफ से पेश वकील ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ से यह बात कही।.पीठ ईएमआई पर बैंकों द्वारा ब्याज पर ब्याज लिए जाने से संबंधित कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। महामारी के चलते लाई गई ऋण किस्त स्थगन योजना के तहत कर्जदारों ने इन ईएमआई का भुगतान नहीं किया था। आरबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी गिरी ने अंतरिम आदेश को वापस लेने का अनुरोध करते हुए कहा है। कि हमें एनपीए पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के कारण कठिनाई हो रही है।
आरबीआई और वित्त मंत्रालय पहले ही अलग-अलग हलफनामे में शीर्ष न्यायालय कह चुके हैं। कि बैंक वित्तीय और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान किस्त स्थगन योजना के तहत पात्र कर्जदारों के खातों में उनसे लिए गए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर को पांच नवंबर तक जमा करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। एक याचिकाकर्ता की तरफ से उपस्थित हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता ने पीठ को बताया कि वे छोटे कर्जदारों की तरफ से केंद्र और आरबीआई के प्रति आभारी हैं। और अब उनकी याचिका को निस्तारित कर दिया जाए। एक अन्य याचिकाकर्ता की तरफ से उपस्थित हुए वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने कहा कि बिजली क्षेत्र की समस्याओं को सुनने की जरूरत है। पीठ ने कहा कि वह इस पर 18 नवंबर को सुनवाई करेगी।             


प्रशिक्षकों के बकाया का भुगतान करे सरकार

खेल प्रशिक्षकों के बकाये का भुगतान करे योगी सरकारः लल्लू


हरिओम उपाध्याय


लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर खेल निदेशालय में नियुक्त तदर्थ खेल प्रशिक्षकों के बकाये मानदेय के भुगतान की अपील की है। लल्लू ने पत्र में लिखा कि खेल प्रशिक्षकों काे पिछले आठ महीने से मानदेय नहीं दिया जा रहा है। और न ही उनका नवीनीकरण किया जा रहा है। जिसके चलते प्रशिक्षकों के परिवारों को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। उनके परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छे प्रदर्शन के लिये खेल प्रतिभाओं को निखारने के दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे करीब 377 तदर्थ प्रशिक्षकों को कोरोना काल के समय धन की कमी का हवाला देकर मानदेय उपलब्ध नहीं कराया गया जिसके बाद से उन्हे मानदेय के लिये लगातार टाला जा रहा है। कांग्रेसी नेता ने कहा कि ये खेल प्रशिक्षक निदेशालय के चक्कर काटते रहते है। खेल निदेशक से लेकर प्रमुख सचिव और खेल राज्यमंत्री भी इन्हे मानदेय दिलाने का मौखिक आश्वासन दे चुके है। पिछले दिनो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बकाया मानदेय का मुद्दा खेल राज्यमंत्री के सामने उठाया था। जिस पर मंत्री ने मानदेय के शीघ्र भुगतान कराने का वादा किया था। लेकिन नतीजा आज भी शिफर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मामले में हस्तक्षेप कर प्रशिक्षकों का भुगतान कराने की व्यवस्था करें। साथ ही उनके कार्यकाल को भी बढ़ाया जाये।             


गैर सिख संस्था को सौंपी गुरुद्वारे की देखरेख

करतारपुर गुरुद्वारे की देखरेख गैर सिख संस्था को सौंपे जाने से भारत नाराज


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंध एवं देखरेख का काम एक गैर सिख संस्था को सौंपे जाने का विरोध करते हुए गुरुवार को कहा कि इससे पता चल गया है। कि पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के उत्पीड़न एवं अत्याचार लगातार करती आ रही है।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि हमने उन रिपोर्टों को देखा जिनके अनुसार पाकिस्तान पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का प्रबंधन एवं देखरेख का काम अल्पसंख्यक सिख समुदाय की संस्था पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से लेकर एक गैर सिख संस्था इवेक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के हाथों दिया जा रहा है। बयान में कहा गया कि पाकिस्तान का यह एकतरफा निर्णय निंदनीय है। और करतारपुर साहिब कॉरीडोर खोले जाने की भावना और सिख समुदाय के धार्मिक ख्यालों के विरुद्ध है। ऐसे कदम पाकिस्तानी सरकार और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों एवं कल्याण के लंबे चौड़े दावों की असलियत उजागर करते हैं। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान का आह्वान किया कि वह सिख समुदाय के अधिकारों के हनन करने वाले मनमाने फैसले को बदले। बयान में कहा गया कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंध संबंधी मामलों का प्रबंध करने का यह अधिकार है।                 


सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...