रविवार, 1 नवंबर 2020

बाहर लकड़सुंघवा घूम रहा हैः पीएम मोदी

PM नरेंद्र मोदी ने क्यो कहा-घर के भीतर ही रहो,बाहर मत निकलना,बाहर ‘लकड़सुंघवा’ घूम रहा है


छपरा। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के छपरा मे चुनावी सभा को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि जिस राज में बच्चों का भी घर से निकलना मुश्किल हो, बेटे-बेटियों का निकलना मुश्किल हो, उस राज को चलाने वालों से बिहार क्या उम्मीद लगा सकता है? जिस राज में ये हाल रहा हो, वहां नए उद्योग लगने की तो छोड़िए, उद्योग बंद ही होंगे, मिलें बंद ही होंगी। किसी कंपनी को अगर कोई काम मिलता भी था, तो वो यहां काम शुरु करने से पहले सौ बार सोचती थी। ये है जंगलराज के दिनों की सच्चाई, ये है जंगलराज के प्रतीकों की सच्चाई । बिहार के नौजवान याद करें कि बचपन में उनकी मां क्या कहा करती थीं। वो कहती थीं घर के भीतर ही रहो, बाहर मत निकलना, बाहर ‘लकड़सुंघवा’ घूम रहा है। बच्चों की माताएं उन्हें लकड़सुंघवा से क्यों डराती थीं? उन्हें डर था अपहरण करने वालों से, किडनैपिंग करने वालों से।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक तरफ SC/ST का आरक्षण आने वाले 10 सालों तक बढ़ा दिया गया है तो वही, सामान्य वर्ग के गरीब बच्चों को भी 10% आरक्षण मिल चुका है। एक तरफ हमारे व्यापारी वर्ग के लिए राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड बनाया गया है, तो वही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया है।उन्होने कहा कि युवाओं का विकास, उनका रोजगार, गरीबों, दलितों का, पिछड़ों का विकास, एनडीए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए बिना भेदभाव, सभी को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है।
आज के नौजवान को खुद से पूछना चाहिए कि बड़ी-बड़ी परियोजनाएं जो बिहार के लिए इतनी जरूरी थीं, वो बरसों तक क्यों अटकीं रहीं? बिहार के पास सामर्थ्य तब भी भरपूर था। सरकारों के पास पैसा तब भी पर्याप्त था। फर्क सिर्फ इतना था कि तब बिहार में जंगलराज था। पुल बनाने के लिए कौन काम करेगा जब इंजीनियर सुरक्षित नहीं हो? कौन सड़क बनाएगा जब ठेकेदार की जान चौबीसों घंटे खतरे में हो ।पीएम ने कहा कि आज बिहार के गांव सड़क, बिजली, पानी जैसी मूल सुविधाओं से कनेक्ट हो रहे हैं। अगर नीयत होती, इच्छाशक्ति होती, तो ये काम डेढ़ दशक पहले भी हो सकते थे। जब छठी मईया की पूजा के दौरान, गंगाजी के किनारे हजारों-हजार महिलाओं की भीड़ जुटती है, तो उनकी सबसे बड़ी जरूरत होती है, साफ गंगा जी का पानी, स्वच्छता। गंगा जी के पानी को स्वच्छ करने के लिए बीते वर्षों में जो प्रयास हुए हैं, उसका असर आप भी देख रहे हैं। इस क्षेत्र में पीएम पैकेज के तहत ढाई हज़ार करोड़ रुपए से अधिक रेलवे के प्रोजेक्ट और करीब 1 हज़ार करोड़ रुपए के हाईवे से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। हाईवे और रेलवे के साथ-साथ यहां अनेक युवाओं को रोजगार देने वाली डीजल लोकोमोटिव फैक्ट्री पर काम हुआ है । आज आत्मनिर्भर बिहार के जिस संकल्प को लेकर हम चले हैं, उसकी प्रेरणा और प्रोत्साहन सुशासन है, बिहार का बेहतर होता इंफ्रास्ट्रक्चर है। दुनिया में आज कोई ऐसा नहीं है, जिसे कोरोना ने प्रभावित न किया हो, जिसका इस महामारी ने नुकसान न किया हो। एनडीए की सरकार ने कोरोना की शुरुआत से ही प्रयास किया है कि वो इस संकटकाल में देश के गरीब, बिहार के गरीब के साथ खड़ी रहे ।नरेंद्र मोदी ने कहा कि युवाओं की शिक्षा और कौशल के लिए इस पूरे क्षेत्र में व्यापक काम किया गया है। आज यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलटेक्निक कॉलेज और पैरामेडिकल कॉलेज जैसे अनेक संस्थान बन चुके हैं। यही विकास की, तेज़ विकास की मजबूत नींव है।             


विधायक के खिलाफ योगी का एक्शन जारी

सरकार के एक्शन से कम नही हो रही मुख्तार की परेशानीयां, बाहुबली मुख़्तार अहमद अंसारी का होटल 'गजल' जमींदोज हुआ


गाजीपुर। बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी और उनके परिवार के खिलाफ योगी सरकार का एक्शन जारी। 8 अक्टूबर को एसडीएम गाजीपुर ने होटल के ध्वस्तीकरण को लेकर नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के खिलाफ मुख़्तार अंसारी का परिवार हाईकोर्ट पहुंचा था लेकिन हाईकोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने डीएम के समक्ष अपील करने का निर्देश दिया था। एंटी-भूमाफिया ऑपरेशन के तहत रविवार की सुबह मुख़्तार अंसारी के आलीशान होटल 'गजल' को जेसीबी मशीनों की सहायता से जमींदोज कर दिया गया। यह होटल मुख़्तार अंसारी की पत्नी और बेटे के नाम था गाजीपुर जिला प्रशासन का आरोप है कि अवैध तरीके से गलत नक्शे के तहत इस होटल का निर्माण करवाया गया था। आपको बता दें 8 अक्टूबर को एसडीएम गाजीपुर ने होटल के ध्वस्तीकरण को लेकर नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के खिलाफ मुख़्तार अंसारी का परिवार हाईकोर्ट पहुंचा था। लेकिन हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने डीएम के समक्ष अपील करने का निर्देश दिया था. इसके बाद याचिकाकर्ता ने डीएम के समक्ष अपील की थी। शनिवार देर शाम डीएम की अध्यक्षता वाली बोर्ड ने अपील को ख़ारिज कर दिया. जिसके बाद रविवार सुबह भारी पुलिस बल व जेसीबी मशीनों के साथ होटल गजल पहुंचा और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी। होटल के ध्वस्त होने की खबर पता चलने के बाद क्षेत्र में गहमागहमी का महौल हैं।                


आश्रय केंद्र में भुखमरी का दंश झेल रहे 'गोवंश'

इटौंजा पशु आश्रय केंद्र में भुखमरी का दंश झेल रहे गोवंश


नरेश गुप्ता, राम मोहन गुप्ता


इटौंजा। लखनऊ बख्शी का तालाब हुआ इटौंजा क्षेत्र के पशु आश्रय केंद्रों की दशा अत्यंत दयनीय है। पशु आश्रय केंद्रों में छाया का प्रबंध ना होना पर्याप्त चरही का अभाव पीने के पानी की समुचित व्यवस्था ना होना बिखरी हुई गंदगी आज अव्यवस्था पशु आश्रय केंद्रों की पोल खोलते हैं, जबकि अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। पशु आश्रय केंद्र पट्टी दिल वासी बदहाल है। यह अपनी बदहाली में आंसू बहा रहा है। पशुओं के लिए पर्याप्त खाने का चारा नहीं है पशु परिसर में पुआल के डंठल दिन आते रहते हैं। यहां पर पशुओं का कोई इलाज करने वाला नहीं है। इलाज के अभाव में पशु अपना दम तोड़ देते हैं। परिसर में बिखरा हुआ गोबर गंदगी की गवाही देता है। जहां पर लोगों का पेट भरते थे वही वह अपना पेट भरने के लिए तरस रहे हैं। पशुओं को पर्याप्त चारा ना मिलने के कारण वह बहुत कमजोर हो गए हैं।
विडंबना इस बात की यह है कि सरकार प्रत्येक माह प्रत्येक पशु को प्रति माह ₹900 मुहैया कराती है। फिर भी चारे के अभाव में पशु भूखे मरते हैं जहां बैल देवता समझे जाते थे और गाय माता समझी जाती थी अब वह भोजन के अभाव में दर-दर भटक रहे हैं। पशु आश्रय केंद्र पट्टी निवासी में 135 पशु हैं। जहां सरकार किसानों के फसलों की सुरक्षा के लिए पशु आश्रय केंद्रों की स्थापना की गई है, पर पशु केंद्रों में अव्यवस्था के कारण पशु आवारा घूमा करते हैं। इससे वह किसानों की फसलों को नष्ट कर रहे हैं किसान रात दिन अपनी फसल की सुरक्षा करते हैं।अतः पशु आश्रय केंद्र अब नकारा साबित हो रहे हैं। छुट्टा पशु किसानों के नाक मैं दम कर रखा है। किसान खेतों में पॉलीथिन तानकर अपने फसल की रक्षा कर रहे हैं, यदि किसान अपनी फसल की रक्षा ना करें तो उनके परिवार को दो जून का निवाला मिलना टेढ़ी खीर है। इसी क्रम में पशु आश्रय केंद्र पश्चिम, गांव धंतींगरा  नगर ,कल्याणपुर ,नगर, पंचायत महोना, चक्कर पृथ्वीपुर,राजागढ़ा, इंदारा,रैथा कुम्भरावा,भैसामऊ, तथा अन्य केंद्रों की दशा इससे भी गई गुजरी।           


लहरपुरः संक्रमण के चलते शोभायात्रा हुई कैंसिल

लहरपुरः कोरोना संक्रमण के चलते शोभायात्रा हुई कैंसिल


नरेश गुप्ता


लहरपुर। सीतापुर नगर के एकमात्र महर्षि वाल्मीकि मंदिर मोहल्ला बेहटी में महर्षि वाल्मीकि प्रकटोत्सव समिति द्वारा कोरोना संक्रमण के चलते, हर वर्ष निकाले जाने वाली शोभा यात्रा को नहीं निकाले जाने का निर्णय लिया गया। समिति के संरक्षक रामजीवन बाल्मीकि,अध्यक्ष बंटी बाल्मीकि ने बताया कि,कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया जाएगा। मंदिर परिसर में ही विशेष पूजा अर्चना की जा रही है,उसके बाद प्रसाद का वितरण एवं भंडारा किया जाएगा। जिसमें सीमित संख्या में लोग भाग लेंगे। महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर कोतवाली प्रभारी ओपी राय ने महर्षि वाल्मीकि मंदिर में समिति के सदस्यों से बात कर स्थित का जायजा लिया।                 


कमेटी द्वारा मनाया गया जश्ने ईद मिलादुन्नबी

जुमला कमेटी द्वारा मनाया गया जश्ने ईद मिलादुन्नबी


नरेश गुप्ता


बेहमा/ सीतापुर। जनपद सीतापुर की तहसील सिधौली क्षेत्र के ग्राम बेहमा में जश्ने ईद  मिलादुन्नबी मनाया गया। जिसमे गाँव के कई जिम्मेदार ब्याकित मौजूद हुए और सम्मानित ब्याकितयो के साथ साथ गाँव में बच्चों के द्वारा नबी की शान में नाते, व तकरीर पेश की गई। अफ़सोस बस  इस बात का रहा की हर साल की तरह इस साल जुलूसे मोहम्मदी नही निकाला जा सका। क्योंकि कोरोना कोविड 19 के चलते सरकार द्वारा परमिशन न मिलने के कारण जुलूश नही निकला। जिससे छोटे छोटे बच्चों के चेहरों पर उदासी छाई रही। क्योंकि बच्चे हर साल अपने अपने झंडे लेकर काफी रास्ता पैदल चलते थे। लेकिन उसके बावजूद बच्चों की खुशी के लिए गाँव में छोटा सा प्रोग्राम रखा गया। जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। और यह प्रोग्राम कुल जुमला कमेटी बेहमा की जानिब से कराया गया। और इस कार्यक्रम में मो क़य्यूम , कारी नियाज़ आलम , मौलवी जमालुद्दीन ,मो अरमान , मो अनीश , बकरीदी , कारी फहीमुद्दीन , मौलान नसरुद्दीन, कमरेआलम ,मो अतीक आदि कार्यकर्ताओ के साथ साथ गांव के अन्य लोग भी शामिल हुए।


बीएचयूः उर्दू विभागाध्यक्ष की दोबारा नियुक्ति

बीएचयू उर्दू विभाग के प्रोफ़ेसर आफ़ताब अहमद आफ़ाक़ी दोबारा विभागाध्यक्ष नियुक्त किये गये।


बनारस। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय संकाय उर्दू विभाग के प्रोफ़ेसर आफ़ताब अहमद आफ़ाक़ी दोबारा विभागाध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं। बतौर विभागाध्यक्ष उनका पहला कार्यकाल एक नवम्बर 2017 से शुरू होकर 31 अक्टूबर 2020 को ख़त्म हुआ। एक नवम्बर 2020 वे विभागध्यक्ष का दूसरा कार्यकाल पदभार संभालेंगे। इस मौक़े पर वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी (डब्ल्यूएनडी) अध्यक्ष एवं लेखक जावैद अब्दुल्लाह ने प्रोफ़ेसर आफ़ताब को मुबारकबाद पेश की। अपने सन्देश में प्रोफ़ेसर आफ़ताब ने कहा कि विश्वविद्यालय ने इस विभाग के लिये जो ज़िम्मेदारी दोबारा सौंपी है, उसे फिर से बख़ूबी निभाने की कोशिश करूँगा। आगे हमारी कोशिश होगी कि जो सेहतमंद साहित्य जगत की शुरुआत हुई है उसे और बेहतर से बेहतर बनाया जाये। उन्होंने उर्दू विभाग की अपनी बिल्डिंग और विभाग की अपनी लाइब्रेरी होने एवं भाषा और साहित्य की कम्पेरेटिव स्टडी शुरू करने की बात कही। गौरतलब है कि प्रोफ़ेसर आफ़ताब ने अपने पहले विभागाध्यक्ष तीन साल के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य अंजाम दिए हैं, जो विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के इतिहास में पहले बार हुआ। प्रथम, उन्होंने उर्दू से मास मीडिया का कोर्स शुरू करवाया। दूसरा, अहम काम उन्होंने यह किया कि ‘एम.ए उर्दू का कोर्स बसन्त महिला कॉलेज में शुरू करवाया। यह कॉलेज युनिवर्सिटी से 13 किलो मीटर दूर है। उन्होंने उर्दू विभाग से ‘दस्तक रिसर्च जर्नल’ की शुरुआत की, जो विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग की तारीख़ में पहली ही बार हुआ। आज यह दस्तक जर्नल साहित्य जगत में रिसर्चर्स का ज्ञानवर्धन कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने स्टूडेंट्स के रोज़गार को ध्यान में रखकर उर्दू विभाग से प्लेसमेंट के लिये टेस्ट की व्यवस्था की। वहीं राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय कोंफ्रेंसेज़, वर्कशॉप्स, सेमीनार्स आदि कई उल्लेखनीय परम्परा की बुनियाद प्रोफ़ेसर आफ़ताब के द्वारा हुई। प्रो० आफ़ताब को लगातार दूसरी बार विभागाध्यक्ष नियुक्त किये जाने पर विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ० मोशर्रफ़ अली, डॉ० एहसान हसन, डॉ० ऋषि कुमार शर्मा ने विभागाध्यक्ष को मुबारकबाद पेश की। शोधार्थी एवं स्टूडेंट अमन कुमार गौतम व कुलदीप आनंद आदि ने ख़ुशी का इज़हार किया।                 


राजस्थानः दूसरे चरण के चुनाव के लिए मतदान

राजस्थान में दूसरे चरण के निगम चुनाव के लिए मतदान शुरु


नरेश राघानी


जयपुर। राजस्थान में जयपुर ग्रेटर, जोधपुर दक्षिण और कोटा दक्षिण नगर निगम चुनाव के तहत दूसरे चरण में 1287 वार्डों के लिए सुबह साढ़े सात बजे से मतदान शुरु हो गया। सुबह से ही कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का आना शुरु हो गया जबकि कुछ पर मतदाता देर से पहुंचे।                 


सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...