रविवार, 1 नवंबर 2020

सेहत के लिए जानिए 'पालक' के फायदे

इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने तक, जानें सेहत के लिए पालक के अनोखे फायदे। 


अच्छी सेहत के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां बहुत फायदेमंद होती हैं। जब हरी पत्तेदार सब्जियों की बात आती है। तो पालक को सबसे अधिक स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। पालक में कई तरह के विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। जो शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करते हैं। आमतौर पर पालक को कच्चा या पकाकर दोनों तरह से खाया जा सकता है। इसमें कैलोरी बहुत कम मात्रा में पायी जाती है, जिससे आपका स्वास्थ्य बेहतर रहता है। और वजन भी नहीं बढ़ता है। यह इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है। और ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है। आइए जानते हैं। सेहत के लिए पालक के फायदे। सेहत के लिए पालक के फायदे। पालक में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद होते हैं। नियमित रूप से इस हरी पत्तेदार सब्जी का सेवन करने से बीमारियां का खतरा कम होता है।
आंखों के लिए फायदेमंद। पालक में ल्यूटिन और जैक्सेंथिन सहित कई यौगिक मौजूद होते हैं। जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। शोध बताते हैं। कि ये पिगमेंट मैक्यूलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद के खतरे को कम करते हैं। ये यौगिक आपकी आंखों को सूरज की रोशनी से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। इस सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है। जो कैंसर के खतरे को कम करता है। वजन घटाए। पालक में कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, लेकिन अधिक मात्रा में घुलनशील फाइबर पाया जाता है। यह सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद है।और वजन घटाने में भी काफी मदद करता है। साथ ही यह ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखता है। पालक में पाया जाने वाला फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर रखता है। जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती है। इसका सेवन करने से बार-बार भूख नहीं लगती है। जिससे मोटापे की समस्या नहीं होती है। इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक। पालक में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी, बीटा कैरोटिन और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। आज के समय में अगर आप भी इम्यूनिटी बढ़ाने के तरीके खोज रहे हैं। तो पालक से बेहतर कुछ भी नहीं है। इसमें मौजूद विटामिन ई और मैग्नीशियम जैसे खनिज इम्यूनिटी मजबूत करने के साथ ही वायरस एवं बैक्टीरिया को भी दूर रखते हैं।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करे।  पालक में भरपूर मात्रा में नाइट्रेट पाया जाता है। जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करती है। इससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है। रिसर्च के अनुसार, पालक का सेवन करने से हृदय स्वस्थ रहता है। और इससे जुड़ी बीमारियां भी दूर रहती हैं।
हाइड्रेशन बढ़ाए शरीर के अंगों को ठीक तरह से काम करने के लिए हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी होता है। पालक शरीर को रेगुलेट करता है। जोड़ों को चिकनाहट और कोशिकाओं को पोषक तत्व प्रदान करता है। नियमित पालक का सेवन करने से संक्रमण का खतरा कम होता है। और मूड बेहतर रहता है। पालक में पानी प्रचुर मात्रा में होता है। जो शरीर को अच्छी तरह हाइड्रेट करता और बीमारियों से दूर रखता है।
पालक में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। लेकिन इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। अधिक मात्रा में पालक खाने से सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है। किडनी रोग के मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बाद ही पालक का सेवन करना चाहिए।             


वजन घटाने के लिए फायदेमंद है' टहलना'

वजन घटाने के लिए जानें दिन के किस समय टहलना होता है। सबसे सही


टहलना सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद है। यह वजन घटाने में भी बहुत मदद करता है। जो लोग किसी कारण जिम नहीं जा पाते या हैवी वर्कआउट नहीं कर पाते हैं। उनके लिए फिट और हेल्दी रहने के लिए टहलना एक बेहतर विकल्प है।
हाल ही में हुए एक रिसर्च के अनुसार खाना खाने के बाद टहलने से सेहत को कई फायदे होते हैं। इससे शरीर का फैट बर्न होता है। और मोटापा कम होता है। आइए जानते हैं। टहलने के फायदे हर दिन हमें कितना टहलना चाहिए और टहलने का सबसे अच्छा समय क्या है। टहलने का सबसे अच्छा समय। यह कहने की बात नहीं है। कि दिन में किसी भी समय टहलना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। लेकिन खासतौर पर खाने के बाद टहलना वजन घटाने और डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए बेहतर है। जिन लोगों को कोई बीमारी नहीं है। उन्हें भविष्य में स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए नियमित टहलना चाहिए। टहलने से कैसे घटता है। वजन
टहलने से कैलोरी बर्न होती है। मेटाबोलिज्म बेहतर होता है। हर दिन हम अपने घर में या बाहर जितना अधिक टहलने हैं। कैलोरी उतनी ही तेजी से घटती है। इसलिए वजन घटाने के लिए हमें अधिक से अधिक टहलना चाहिए।
रोजाना वर्कआउट करने से न सिर्फ वजन घटता है बल्कि ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित रहता है। 2016 में हुई एक स्टडी के अनुसार, हर बार भोजन के बाद 10 मिनट टहलने से टाइप 2 डायबिटीज से पीडि़त लोगों में ब्लड शुगर का स्तर घटता है। भोजन के बाद 10 मिनट टहलना दिन में किसी भी समय 30 मिनट टहलने से कहीं अधिक फायदेमंद होता है।
जब आप टहलते हैं। या कोई अन्य एक्सरसाइज करते हैं, तो आपका हार्ट रेट बढ़ता है। और आपकी मांसपेशियां एनर्जी के रूप में कार्बोहाइड्रेट या शुगर का इस्तेमाल करना शुरू कर देती हैं। जब आप भोजन में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं। तो आपका ब्लड शुगर बढ़ जाता है। खून से इस शुगर को बाहर निकालना और शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुंचाना इंसुलिन का काम होता है। भोजन के बाद जब आप टहलते हैं। तो मांसपेशियों में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे हमारे रक्त से एक्स्ट्रा शुगर बाहर निकल जाता है। ब्लड शुगर कंट्रोल होने से वजन तेजी से घटता है।
हर रोज कितनी एक्सरसाइज करनी चाहिए
नियमित कितनी और कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए, इससे जुड़े कई नियम हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार हर हफ्ते 150 मिनट मॉडरेट-इंटेंसिटी एरोबिक एक्सरसाइज करनी चाहिए।हर दिन कम से कम 21 मिनट मॉडरेट-इंटेंसिटी से टहलना या चलना चाहिए। इससे हृदय रोग और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। साथ ही हड्डियां मजबूत होती हैं। और वजन भी घटता है।
वजन घटाने के लिए खाना खाने के बाद नियमित टहलना चाहिए। इसके साथ ही हेल्दी डाइट पर भी ध्यान देना चाहिए।             


बाहर लकड़सुंघवा घूम रहा हैः पीएम मोदी

PM नरेंद्र मोदी ने क्यो कहा-घर के भीतर ही रहो,बाहर मत निकलना,बाहर ‘लकड़सुंघवा’ घूम रहा है


छपरा। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के छपरा मे चुनावी सभा को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि जिस राज में बच्चों का भी घर से निकलना मुश्किल हो, बेटे-बेटियों का निकलना मुश्किल हो, उस राज को चलाने वालों से बिहार क्या उम्मीद लगा सकता है? जिस राज में ये हाल रहा हो, वहां नए उद्योग लगने की तो छोड़िए, उद्योग बंद ही होंगे, मिलें बंद ही होंगी। किसी कंपनी को अगर कोई काम मिलता भी था, तो वो यहां काम शुरु करने से पहले सौ बार सोचती थी। ये है जंगलराज के दिनों की सच्चाई, ये है जंगलराज के प्रतीकों की सच्चाई । बिहार के नौजवान याद करें कि बचपन में उनकी मां क्या कहा करती थीं। वो कहती थीं घर के भीतर ही रहो, बाहर मत निकलना, बाहर ‘लकड़सुंघवा’ घूम रहा है। बच्चों की माताएं उन्हें लकड़सुंघवा से क्यों डराती थीं? उन्हें डर था अपहरण करने वालों से, किडनैपिंग करने वालों से।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक तरफ SC/ST का आरक्षण आने वाले 10 सालों तक बढ़ा दिया गया है तो वही, सामान्य वर्ग के गरीब बच्चों को भी 10% आरक्षण मिल चुका है। एक तरफ हमारे व्यापारी वर्ग के लिए राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड बनाया गया है, तो वही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया है।उन्होने कहा कि युवाओं का विकास, उनका रोजगार, गरीबों, दलितों का, पिछड़ों का विकास, एनडीए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए बिना भेदभाव, सभी को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है।
आज के नौजवान को खुद से पूछना चाहिए कि बड़ी-बड़ी परियोजनाएं जो बिहार के लिए इतनी जरूरी थीं, वो बरसों तक क्यों अटकीं रहीं? बिहार के पास सामर्थ्य तब भी भरपूर था। सरकारों के पास पैसा तब भी पर्याप्त था। फर्क सिर्फ इतना था कि तब बिहार में जंगलराज था। पुल बनाने के लिए कौन काम करेगा जब इंजीनियर सुरक्षित नहीं हो? कौन सड़क बनाएगा जब ठेकेदार की जान चौबीसों घंटे खतरे में हो ।पीएम ने कहा कि आज बिहार के गांव सड़क, बिजली, पानी जैसी मूल सुविधाओं से कनेक्ट हो रहे हैं। अगर नीयत होती, इच्छाशक्ति होती, तो ये काम डेढ़ दशक पहले भी हो सकते थे। जब छठी मईया की पूजा के दौरान, गंगाजी के किनारे हजारों-हजार महिलाओं की भीड़ जुटती है, तो उनकी सबसे बड़ी जरूरत होती है, साफ गंगा जी का पानी, स्वच्छता। गंगा जी के पानी को स्वच्छ करने के लिए बीते वर्षों में जो प्रयास हुए हैं, उसका असर आप भी देख रहे हैं। इस क्षेत्र में पीएम पैकेज के तहत ढाई हज़ार करोड़ रुपए से अधिक रेलवे के प्रोजेक्ट और करीब 1 हज़ार करोड़ रुपए के हाईवे से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। हाईवे और रेलवे के साथ-साथ यहां अनेक युवाओं को रोजगार देने वाली डीजल लोकोमोटिव फैक्ट्री पर काम हुआ है । आज आत्मनिर्भर बिहार के जिस संकल्प को लेकर हम चले हैं, उसकी प्रेरणा और प्रोत्साहन सुशासन है, बिहार का बेहतर होता इंफ्रास्ट्रक्चर है। दुनिया में आज कोई ऐसा नहीं है, जिसे कोरोना ने प्रभावित न किया हो, जिसका इस महामारी ने नुकसान न किया हो। एनडीए की सरकार ने कोरोना की शुरुआत से ही प्रयास किया है कि वो इस संकटकाल में देश के गरीब, बिहार के गरीब के साथ खड़ी रहे ।नरेंद्र मोदी ने कहा कि युवाओं की शिक्षा और कौशल के लिए इस पूरे क्षेत्र में व्यापक काम किया गया है। आज यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलटेक्निक कॉलेज और पैरामेडिकल कॉलेज जैसे अनेक संस्थान बन चुके हैं। यही विकास की, तेज़ विकास की मजबूत नींव है।             


विधायक के खिलाफ योगी का एक्शन जारी

सरकार के एक्शन से कम नही हो रही मुख्तार की परेशानीयां, बाहुबली मुख़्तार अहमद अंसारी का होटल 'गजल' जमींदोज हुआ


गाजीपुर। बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी और उनके परिवार के खिलाफ योगी सरकार का एक्शन जारी। 8 अक्टूबर को एसडीएम गाजीपुर ने होटल के ध्वस्तीकरण को लेकर नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के खिलाफ मुख़्तार अंसारी का परिवार हाईकोर्ट पहुंचा था लेकिन हाईकोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने डीएम के समक्ष अपील करने का निर्देश दिया था। एंटी-भूमाफिया ऑपरेशन के तहत रविवार की सुबह मुख़्तार अंसारी के आलीशान होटल 'गजल' को जेसीबी मशीनों की सहायता से जमींदोज कर दिया गया। यह होटल मुख़्तार अंसारी की पत्नी और बेटे के नाम था गाजीपुर जिला प्रशासन का आरोप है कि अवैध तरीके से गलत नक्शे के तहत इस होटल का निर्माण करवाया गया था। आपको बता दें 8 अक्टूबर को एसडीएम गाजीपुर ने होटल के ध्वस्तीकरण को लेकर नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के खिलाफ मुख़्तार अंसारी का परिवार हाईकोर्ट पहुंचा था। लेकिन हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने डीएम के समक्ष अपील करने का निर्देश दिया था. इसके बाद याचिकाकर्ता ने डीएम के समक्ष अपील की थी। शनिवार देर शाम डीएम की अध्यक्षता वाली बोर्ड ने अपील को ख़ारिज कर दिया. जिसके बाद रविवार सुबह भारी पुलिस बल व जेसीबी मशीनों के साथ होटल गजल पहुंचा और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी। होटल के ध्वस्त होने की खबर पता चलने के बाद क्षेत्र में गहमागहमी का महौल हैं।                


आश्रय केंद्र में भुखमरी का दंश झेल रहे 'गोवंश'

इटौंजा पशु आश्रय केंद्र में भुखमरी का दंश झेल रहे गोवंश


नरेश गुप्ता, राम मोहन गुप्ता


इटौंजा। लखनऊ बख्शी का तालाब हुआ इटौंजा क्षेत्र के पशु आश्रय केंद्रों की दशा अत्यंत दयनीय है। पशु आश्रय केंद्रों में छाया का प्रबंध ना होना पर्याप्त चरही का अभाव पीने के पानी की समुचित व्यवस्था ना होना बिखरी हुई गंदगी आज अव्यवस्था पशु आश्रय केंद्रों की पोल खोलते हैं, जबकि अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। पशु आश्रय केंद्र पट्टी दिल वासी बदहाल है। यह अपनी बदहाली में आंसू बहा रहा है। पशुओं के लिए पर्याप्त खाने का चारा नहीं है पशु परिसर में पुआल के डंठल दिन आते रहते हैं। यहां पर पशुओं का कोई इलाज करने वाला नहीं है। इलाज के अभाव में पशु अपना दम तोड़ देते हैं। परिसर में बिखरा हुआ गोबर गंदगी की गवाही देता है। जहां पर लोगों का पेट भरते थे वही वह अपना पेट भरने के लिए तरस रहे हैं। पशुओं को पर्याप्त चारा ना मिलने के कारण वह बहुत कमजोर हो गए हैं।
विडंबना इस बात की यह है कि सरकार प्रत्येक माह प्रत्येक पशु को प्रति माह ₹900 मुहैया कराती है। फिर भी चारे के अभाव में पशु भूखे मरते हैं जहां बैल देवता समझे जाते थे और गाय माता समझी जाती थी अब वह भोजन के अभाव में दर-दर भटक रहे हैं। पशु आश्रय केंद्र पट्टी निवासी में 135 पशु हैं। जहां सरकार किसानों के फसलों की सुरक्षा के लिए पशु आश्रय केंद्रों की स्थापना की गई है, पर पशु केंद्रों में अव्यवस्था के कारण पशु आवारा घूमा करते हैं। इससे वह किसानों की फसलों को नष्ट कर रहे हैं किसान रात दिन अपनी फसल की सुरक्षा करते हैं।अतः पशु आश्रय केंद्र अब नकारा साबित हो रहे हैं। छुट्टा पशु किसानों के नाक मैं दम कर रखा है। किसान खेतों में पॉलीथिन तानकर अपने फसल की रक्षा कर रहे हैं, यदि किसान अपनी फसल की रक्षा ना करें तो उनके परिवार को दो जून का निवाला मिलना टेढ़ी खीर है। इसी क्रम में पशु आश्रय केंद्र पश्चिम, गांव धंतींगरा  नगर ,कल्याणपुर ,नगर, पंचायत महोना, चक्कर पृथ्वीपुर,राजागढ़ा, इंदारा,रैथा कुम्भरावा,भैसामऊ, तथा अन्य केंद्रों की दशा इससे भी गई गुजरी।           


लहरपुरः संक्रमण के चलते शोभायात्रा हुई कैंसिल

लहरपुरः कोरोना संक्रमण के चलते शोभायात्रा हुई कैंसिल


नरेश गुप्ता


लहरपुर। सीतापुर नगर के एकमात्र महर्षि वाल्मीकि मंदिर मोहल्ला बेहटी में महर्षि वाल्मीकि प्रकटोत्सव समिति द्वारा कोरोना संक्रमण के चलते, हर वर्ष निकाले जाने वाली शोभा यात्रा को नहीं निकाले जाने का निर्णय लिया गया। समिति के संरक्षक रामजीवन बाल्मीकि,अध्यक्ष बंटी बाल्मीकि ने बताया कि,कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया जाएगा। मंदिर परिसर में ही विशेष पूजा अर्चना की जा रही है,उसके बाद प्रसाद का वितरण एवं भंडारा किया जाएगा। जिसमें सीमित संख्या में लोग भाग लेंगे। महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर कोतवाली प्रभारी ओपी राय ने महर्षि वाल्मीकि मंदिर में समिति के सदस्यों से बात कर स्थित का जायजा लिया।                 


कमेटी द्वारा मनाया गया जश्ने ईद मिलादुन्नबी

जुमला कमेटी द्वारा मनाया गया जश्ने ईद मिलादुन्नबी


नरेश गुप्ता


बेहमा/ सीतापुर। जनपद सीतापुर की तहसील सिधौली क्षेत्र के ग्राम बेहमा में जश्ने ईद  मिलादुन्नबी मनाया गया। जिसमे गाँव के कई जिम्मेदार ब्याकित मौजूद हुए और सम्मानित ब्याकितयो के साथ साथ गाँव में बच्चों के द्वारा नबी की शान में नाते, व तकरीर पेश की गई। अफ़सोस बस  इस बात का रहा की हर साल की तरह इस साल जुलूसे मोहम्मदी नही निकाला जा सका। क्योंकि कोरोना कोविड 19 के चलते सरकार द्वारा परमिशन न मिलने के कारण जुलूश नही निकला। जिससे छोटे छोटे बच्चों के चेहरों पर उदासी छाई रही। क्योंकि बच्चे हर साल अपने अपने झंडे लेकर काफी रास्ता पैदल चलते थे। लेकिन उसके बावजूद बच्चों की खुशी के लिए गाँव में छोटा सा प्रोग्राम रखा गया। जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। और यह प्रोग्राम कुल जुमला कमेटी बेहमा की जानिब से कराया गया। और इस कार्यक्रम में मो क़य्यूम , कारी नियाज़ आलम , मौलवी जमालुद्दीन ,मो अरमान , मो अनीश , बकरीदी , कारी फहीमुद्दीन , मौलान नसरुद्दीन, कमरेआलम ,मो अतीक आदि कार्यकर्ताओ के साथ साथ गांव के अन्य लोग भी शामिल हुए।


'साक्षरता एवं जागरूकता' शिविर का आयोजन

'साक्षरता एवं जागरूकता' शिविर का आयोजन  गणेश साहू  कौशाम्बी। दिनांक 27 नवंबर 2024 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्त्वावधान में वि...