गुरुवार, 29 अक्टूबर 2020

सूखी खांसी में कारगर है घरेलू नुस्खे

सूखी खांसी के इलाज के लिए कारगर है ये घरेलु नुस्खे


अब धीरे-धीरे सर्दियाँ बढऩे लगी है। मौसम में बदलाव के साथ खाँसी जुखाम जैसी समस्याएं भी पनपने लगी है। आमतौर पर हर किसी को कभी ना कभी खांसी जैसी समस्या होती है। बलगम वाली खांसी में सफेद या पीले रंग का बलगम बनता है लेकिन सूखी खांसी में किसी तरह का बलगम नहीं बनता है। सूखी खांसी के दौरान ऐसा लगता है जैसे गले में कुछ अटका हुआ है। सूखी खांसी के कुछ घरेलु उपाय:
शहद: सूखी खांसी होने पर गर्म दूध में शहद को मिलाकर पीने से आराम मिलेगा इसके साथ ही खांसी की वजह से सीने के दर्द से भी राहत मिलेगी। इसके लिए एक चम्मच शहद का दिन में तीन बार सेवन करें। तुलसी: तुलसी के पत्ते सूखी खांसी को दूर करने का रामबाण इलाज है। इसके लिए तुलसी के कुछ पत्तों को पानी में उबालकर इसमें छोड़ी सी चीनी डालकर रात में सोने से पहले पीना चाहिए। हल्दी: एक चम्मच हल्दी को अजवाइन के साथ मिलाकर एक गिलास पानी में उबालें। जब उबलकर यह पानी आधा हो जाए तब इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर इसका दिन में कम से कम तीन बार सेवन करें। अदरक और नींबू: इसके लिए अदरक को पीसकर एक कटोरी में उसका रस निकाल लें। उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर इसे धीरे-धीरे चाट लें। इस तरह आप सूखी खाँसी से निजात पा सकते है।                 


बहरापन में इलाज के लिए लाभकारी तुलसी के पत्ते

कान में बहरेपन के इलाज के लिए फायदेमंद है तुलसी के पत्ते


हमारे हिन्दु धर्म में तुलसी के पौधे को घर-आंगन में माता की तरह पूजा जाता है। तुलसी के पौधे का जितना पौराणिक महत्व है उससे कही ज्यादा यह पौधा अपने औषधिय गुणों के लिए जाना जाता है। आज लोगों में गंभीर बीमारियों का खतरा बढऩे लगा है उसके इलाज के लोगों का झुकाव भी ऐलोपैथी की तरफ ज्यादा होने लगा है।
बेहरेपन की समस्या का इलाज: इसके लिए तुलसी के रस में कपूर मिलाकर उसको हल्का गर्म कर लें। इसके बाद उसकी कुछ बूंदे कान में डालें। तुलसी के रस को हल्का गुनगुना करके भी अपने कान में डाल सकते हैं। तुलसी के पत्तों का यह इलाज कुछ ही दिनों में कानों की परेशानियों के साथ-साथ बहरेपन की समस्या को भी दूर करता है। तुलसी की पत्तियाँ का यह इलाज बहरेपन की समस्या के लिए सबसे कारगर माना गया है। इसलिए अगर आप भी डॉक्टरी इलाज से थक गए हैं तो फिर एक बार आपको यह घरेलू उपचार करके जरूर देखना चाहिए।               


दो बार मुख्यमंत्री रहे केशुभाई पटेल का निधन

गुजरात के दो बार मुख्यमंत्री रहे केशुभाई पटेल का 92 साल की उम्र में निधन


नई दिल्ली। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का गुरुवार को निधन हो गया। केशुभाई पटेल की उम्र 92 साल थी। उन्होंने अहमदाबाद के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। गुरुवार सुबह सांस लेने में तकलीफ होने के बाद केशुभाई पटेल को अस्पताल ले जाया गया। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। केशुभाई पटेल ने 1995 और 1998 से 2001 तक गुजरात के सीएम के रूप में कार्य किया। छह बार गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे पटेल ने 2012 में भाजपा छोड़ दी और अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी ‘गुजरात परिवर्तन पार्टी’ बनाई। उन्हें 2012 के राज्य विधानसभा चुनाव में विसावदर से जीत हासिल हुई, लेकिन बाद में बीमार होने के कारण 2014 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया।             


पुलिस तलाशी में 500 के 97 नोट नकली मिलें

पुलिस ने सील कर ली तलाशी तो 500 के 97 नकली नोट मिले


बेगुसराय। बेगूसराय के गढ़पुरा बाजार की इंडिया वन एटीएम से 500 के जाली (नकली) नोट निकलने की शिकायत के बाद उसे सील कर दिया गया था। बुधवार को पुलिस अधिकारियों ने एटीएम के अंदर रखे रुपयों की जांच की। जिसमें 500 के 97 जाली नोट मिले। थानाध्यक्ष प्रतोष कुमार ने बताया कि बुधवार को एटीएम की तलाशी ली गयी। एटीएम में तीन लाख 74 हजार पांच सौ रुपये थे। जिनमें से तीन लाख 26 हजार के 500 रुपये के नोट असली मिले। वहीं, 500 के 97 नोट (48 हजार 500 रुपये) नकली मिले। जानकारी के अनुसार, पिछले 23 अक्तूबर को कोरियामा और हरकपुरा के दो युवकों ने गढ़पुरा बाजार की इंडिया वन एटीएम से एक-एक हजार रुपये निकाले थे।                                 


सीरम इंस्टीट्यूट का दवा दिसंबर में मिलेगी वैक्सीन

सीरम इंस्टीट्यूट का बड़ा दावा,भारत में दिसंबर 2020 तक आ जाएगी कोरोना वैक्सीन..!


नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रहे भारत के लिए राहत भरी खबर है। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दिग्गज दवा कंपनी अस्ट्रा जेनेका द्वारा डेवलप की जा रही कोरोना वायरस की वैक्सीन को इसी दिसंबर तक उपयोग के लिए तैयार किया जा सकता है। भारत में इस वैक्सीन के उत्पादन का ठेका लेने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने यह दावा किया है। पुणे की इस कंपनी के प्रमुख आदर पूनावाला ने कहा कि इस वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक अगले साल की दूसरी या तीसरी तिमाही तक तैयार कर ली जाएगी। आदर पूनावाला ने कहा कि यदि सरकार इस वैक्सीन के उत्पादन का लाइसेंस आपात स्थिति वाले प्रावधान के तहत देती है तो हम दिसंबर तक इसे उपयोग के लिए बाजार में उतार देंगे। उन्होंने आगे कहा कि सरकार यदि इसे आपात स्थित वाले प्रावधान के तहत लाइसेंस नहीं देगी तब भी हमारा ट्रायल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा और हम इसे जनवरी तक मार्केट में उतार देंगे। उन्होंने कहा कि भारत में इस वैक्सीन को जनवरी तक बाजार में लाने से पहले हमें यह देखना होगा कि ब्रिटेन में भी वैक्सीन का परिक्षण पूरा हो चुका हो। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार की नजर इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल पर है। जो अभी जारी है। इसके परिणाम ठीक रहे तो सरकार आपात स्थिति में मंजूरी वाले प्रावधान के तहत लाइसेंस देने पर फैसला करेगी। इसमें यह भी कहा गया है कि आने वाले दिनों में देश कोरोना के हालात को भी देखते हुए इस बारे में फैसला लिया जाएगा।                                           


दिल्‍ली में इस दिवाली नहीं फोड़े जाएंगे पटाखे

दिल्‍ली में इस दिवाली नहीं फोड़े जाएंगे पटाखे, 3 नवंबर से शुरू होगा पटाखा विरोधी अभियान


नई दिल्ली। आप सभी जानते ही हैं कि इस समय देश की राजधानी दिल्‍ली में प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ चुके है। उसी प्रदूषण को लेकर राज्‍य सरकार सख्‍त हो गई है। ऐसे में दिल्‍ली में दिवाली आने को देखते हुए 3 नवंबर से पटाखा विरोधी अभियान शुरू हो जाएगा, ताकि बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण में लाया जा सके। दरअसल दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बीते बुधवार को इस बारे में बात की। हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि, ‘दिवाली पर्व के मद्देनजर दिल्ली सरकार तीन नवंर से पटाखे विरोधी अभियान शुरू करेगी।’ केवल यही नहीं बल्कि पर्यावरण मंत्री राय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्थिति की गंभीरता पर विचार करते हुए लोगों से पटाखे नहीं जलाने के लिए कहा। उन्होंने कहा- ‘पटाखे ना जलाये जाए।’
वैसे मंत्री ने इससे पहले विपक्षी विधायकों और सांसदों को इस अभियान में शामिल होने का न्योता भी दिया था। उन्होंने हाल ही में कहा कि, ‘सुप्रीम कोर्ट के 2018 में आये आदेश के अनुसार इस दिवाली पर सिर्फ ‘हरित’ पटाखे ही बनाए, बेचे और इस्तेमाल किये जा सकेंगे। पटाखों और पराली जलाने से निकलने वाला धुआं हर साल दिल्ली की हवा को खतरनाक बना देता है।’ इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, ”सरकार 3 नवम्बर से पटाखा विरोधी अभियान शुरू करने जा रही है। इसे मद्देनजर रखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और शहर पुलिस के 11 विशेष दस्ते पटाखा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई पुराना स्टॉक तो नहीं बचा है। वास्तव में, मैं दिल्ली के लोगों से ‘पटाखे नहीं’ अभियान शुरू करने की अपील करता हूं। उन्हें कोविड-19 महामारी के मद्देनजर स्थिति की गंभीरता पर विचार करते हुए पटाखों को नहीं जलाना चाहिए।             


नवाचार से मिल रहा है त्वरित न्याय: गहलोत

नवाचार से मिल रहा है त्वरित न्याय: मुख्यमंत्री गहलोत


नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि पुलिस ढांचे में नवाचारों से आम जनता को त्वरित न्याय दिलाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य में दुष्कर्म के मामलों की जांच में लगने वाला औसत समय 267 दिनों से घटकर 118 दिन हो गया है।
गहलोत राज्य में कानून-व्यवस्था व अपराध नियंत्रण से जुड़े मुद्दों की समीक्षा कर रहे थे। थानों में महिला हेल्प डेस्क, स्वागत कक्ष निर्माण, छात्रा आत्मरक्षा कौशल योजना, मुकदमों के त्वरित निस्तारण, थानों में आवश्यक रूप से प्राथमिकी दर्ज करने की व्यवस्था, राजकॉप सिटीजन ऐप, कमांड व कंट्रोल सेन्टर की स्थापना जैसे नवाचारों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि इनसे राज्य में आमजन को त्वरित न्याय मिलने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि महिला अपराधों के विरूद्ध विशेष अन्वेषण इकाई के गठन से दुष्कर्म के मामलों की तफ्तीश में लगने वाला औसत समय 267 दिनों से घटकर 118 दिन रह गया है। साथ ही राज्य में महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों की लम्बित जांचों का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत 34 प्रतिशत के मुकाबले नौ प्रतिशत ही है। गहलोत ने कहा कि नवाचारों के कारण महिलाएं अपने साथ हुए अपराधों की शिकायत दर्ज करने के लिए बिना किसी डर के थाने पहुंच रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवाचारों से महिला अपराध के पंजीकरण में बढ़ोतरी हुई है व मुकदमों के त्वरित निस्तारण में गति आई है। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि बलात्कार के प्रकरणों में जहां पहले 30 प्रतिशत से भी ज्यादा मामले सीधे पुलिस के पास आने की बजाए अदालत के माध्यम से आते थे वे अब घटकर लगभग 13 प्रतिशत तक आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया तथा साइबर तकनीक का दुरूपयोग कर इनके माध्यम से होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान पुलिस को खुद को तैयार करना चाहिए। गहलोत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि राजस्थान अपराधों की रोकथाम और त्वरित न्याय की दिशा में देश का आदर्श राज्य बने। इसके लिए पुलिस को संसाधन उपलब्ध करवाने में किसी तरह की कमी नहीं रखी जाएगी।                


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...