सोमवार, 26 अक्टूबर 2020

पूर्व 'केंद्रीय मंत्री' को सुनाई 3 साल की सजा

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को तीन साल जेल की सजा सुनाई है। इस मामले में अन्य दो आरोपियों को भी 3 साल जेल की सजा दी गई है। 1999 झारखंड कोल ब्लॉक आवंटन मामले में उन्हें अदालत ने यह सजा सुनाई है। दिलीप रे पर सन् 1999 में झारखंड के गिरिडीह स्थित ब्रह्मडिहा कोयला खदान आवंटन में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगा था। इस मामले में दिलीप रे के साथ 4 लोग दोषी साबित हुए थे। 6 अक्टूबर को विशेष सीबीआई अदालत ने इन्हें दोषी साबित किया था। 14 अक्टूबर को विशेष सीबीआई अदालत में सीबीआई एवं अभियुक्तों के वकीलों की तरफ से बहस हुई थी। सीबीआई वकील ने अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के लिए कहा था एवं प्रतिपक्षण वकील ने अभियुक्त की आयु तथा पहले से कोई आपराधिक रिकार्ड ना होने से उनके खिलाफ सहूलियत बरतने के लिए निवेदन किया है। सीबीआई विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद राय को सुरक्षित रखते हुए आज कोर्ट में हाजिर होने के लिए निर्देश दिया था। इनके अलावा इस मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा दोषी साबित हो चुके हैं। उन्हें तीन साल की जेल के साथ 25 लाख रुये का जुर्माना हुआ था। उसी तरह से पूर्व खदान सचिव एचसी. गुप्ता को भी तीन साल की जेल एवं 1 लाख रुपए का जुर्माना हुआ था।                


लाल चौक पर तिरंगा फहराने की कोशिश

श्रीनगर: लाल चौक पर तिरंगा फहराने की कोशिश पर तीन हिरासत में।


श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से भाजपा कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले तीन लोगों को सोमवार को तब हिरासत में लिया गया जब वे यहां शहर के ऐतिहासिक घंटाघर पर तिरंगा फहराने की कोशिश कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि सोमवार सुबह प्रमुख वाणज्यिकि केंद्र लालचौक के घंटाघर पर तिरंगा फहराने की कोशिश पर तीन लोगों को हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा कि तीनों ने खुद के उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से भाजपा कार्यकर्ता होने का दावा किया और भारत माता की जय और पार्टी के पक्ष में नारे लगाते हुए घंटाघर पर तिरंगा फहराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने हालांकि फौरन हरकत में आते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। वहां से ले जाते समय उनमें से एक ने कहा कि वे कश्मीर के हर हिस्से में तिरंगा फहराएंगे। उसने कहा, यह महबूबा मुफ्ती को बता देना कि मैं कश्मीर के हर हिस्से में तिरंगा फहराउंगा।
गौरतलब है। कि पीडीपी प्रमुख ने हाल ही में कहा था। कि वह तब तक तिरंगा नहीं उठाएंगी जब तक तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य का दर्जा फिर से बहाल नहीं हो जाता। केंद्र द्वारा पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द किये जाने से पहले तक राज्य का अलग संविधान और झंडा होता था।           


सीमा तनाव, आर्मी का 4 दिवसीय सम्मेलन

भारत -चीन सीमा तनाव के बीच आज से आर्मी कमांडरों का चार दिवसीय सम्‍मेलन, लद्दाख सहित इन मुद्दों पर होगी चर्चा 


बीजिंग। सीमा पर चीन से चल रही तनातनी के बीच सोमवार से आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस शुरू हो रहा है। सीमा पर चीन से चल रही तनातनी के बीच सोमवार से आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस शुरू हो रहा है। थलसेना प्रमुख की अगुवाई में चार दिनों तक चलने वाले इस सम्मलेन में कॉलेजिएट-प्रणाली के जरिए सेना के सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर पॉलिसी तैयार जाएगी खुद रक्षा मंत्री और सीडीएस सहित वायुसेना प्रमुख और नौसेनाध्यक्ष भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे। पहली बार अंडमान निकोबार कमान के प्रमुख भी इस सम्मलेन में शिरकत करेंगे और पूरा एक दिन बॉर्डर पर चल रहे निर्माण-कार्यों की समीक्षा के लिए निश्चित किया गया है। साल में दो बार होने वाली आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (एसीसी) सोमवार से शुरू हो रही है। जिसमें सेना के सह-सेनाध्यक्ष सहित सभी सातों कमान के प्रमुख (आर्मी कमांडर्स), सेना-मुख्यालय में तैनात प्रिंसिपल स्टॉफ ऑफिसर्स (पीएसओ) और वरिष्ट सैन्य अधिकारी शामिल होंगे। इन चारों दिनों में थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के नेतृत्व में सेना की ऑपरेशन्ल तैयारियों सहित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक साथ मिलकर नीति निर्धारण की जाएगी। इन विषयों में चीन से एलएसी पर चल रहा तनाव, एलओसी पर सेना की तैयारी और कश्मीर सहित आंतरिक सुरक्षा शामिल है। इस दौरान पूरा एक दिन सैनिकों से जुड़ें मानव संसाधन प्रबंधन शामिल है।
पहला दिन पूरी तरह से सैनिकों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। इनमें सबसे खास होगा सैनिकों एचआरएम यानि ह्यूमन रिर्सेस मैनेजमेंट क्योंकि पूरी सेना इस वक्त हाई-अलर्ट पर है। ऐसे में सर्दियों के दौरान सैनिकों की स्पेशल क्लोथिंग से लेकर टेंट और स्पेशल राशन को लेकर भी खास तौर से बातचीत होगी इस मीटिंग में सेना मुख्यालय में तैनात क्यूएमजी यानि क्वॉर्टर मास्टर जनरल (थ्री स्टार जनरल) मौजूद रहेंगे क्यूएमजी ब्रांच ही सेना की सभी ऑपरेशन्ल कमांड्स के साथ मिलकर ऑप्स-लॉजिस्टिक का इंतजाम करती है।
दूसरा दिन (27 अक्टूबर)- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सेना के सभी कमांडर्स को संबोधित करेंगे और सेना को सरकार की नीति से अवगत कराएंगें इसके अलावा देश (और सरकार) को सेना से क्या अपेक्षाएं हैं। उसके बारे में बताएंगे रक्षा मंत्री के संबोधन से पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और नौसेनाध्यक्ष, एडमिरल करमबीर सिंह भी थलसेना के वरिष्ट कमांडर्स को संबोधित करेंगे। इस दौरान तीनों सेनाओं के एकीकरण, संयुक्त ऑपरेशन्स और भविष्य में बनने वाली थियेटर कमांडस पर चर्चा होगी।तीसरा दिन (28 अक्टूबर) ये पूरी तरह से सेना के सभी सात कमांडर्स और सेना मुख्यालय में तैनात पीएसओज़ का दिन होगा। इसमें सेना के सभी सातों कमांर्ड्स अपनी अपनी कमान के बारे में ऑपरेशन्ल तैयारियों से लेकर सभी प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे खुद थलेसना प्रमुख सभी की तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे। आपकों बता दें कि थलसेना की सात कमान हैं। उधमपुर स्थित उत्तरी कमान, जो पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी और पाकिस्तान से सटी एलओसी और करगिल, द्रास और सियाचिन सेक्टर की रखवाली करती है। इसी कमान के अंतर्गत कश्मीर घाटी की आंतरिक सुरक्षा भी है। फोर्ट विलियम (कोलकता) स्थित पूर्वी कमान, जो सिक्किम, डोकलम और अरूणाचल प्रदेश से लेकर उत्तर-पूर्व में काउंटर-इनसर्जेंसी में भी तैनात है। चंडी मंदिर (चंडीगढ़) स्थित पश्चिमी कमान—हिमाचल प्रदेश से सटी चीन सीमा और जम्मू से लेकर पंजाब तक तैनात है। इस कमान के अंतर्गत एक स्ट्राइक कोर भी है। (जो अंबाला में तैनात है।) लखनऊ स्थित मध्य कमान उत्तराखंड से सटी चीन सीमा और नेपाल के ट्राइ-जंक्शन पर स्थित कालापानी और लिपूलेख वाला विवादित इलाका इसी कमान की जिम्मेदारी है। जयपुर स्थित दक्षिण-पश्चिमी कमान—इस कमान के अंतर्गत पाकिस्तानी सीमा से सटे थार रेगिस्तान की जिम्मेदारी है। पुणे स्थित दक्षिणी कमान—गुजरात के रण ऑफ कच्छ के अलावा इस कमान के अंतर्गत ही भोपाल स्थिति सुदर्शन स्ट्राइक कोर है। आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन ही ड़ीजीएमओ यानि डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स भी देश की सरहदों की सुरक्षा के बारे में एक प्रेजेंटेशन देंगे. चौथा दिन (29 अक्टूबर)- आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस का चौथा और आखिरी दिन बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर चल रहे निर्माण कार्यों (सड़क, पुल और सुंरग इत्यादि) सहित दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा का होगा। इसके अलावा इस बात पर चर्चा होगी कि किस कमांड (कमान) को कितने सैनिकों की आवश्यकता है। और तैनाती के दौरान सैनिकों की क्या क्या जरूरतें होंगी। क्योंकि इस वक्त चीन से सटी पूरी 3488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर तनातनी चल रही है। साथ ही पाकिस्तानी से सटी एलओसी पर किसी भी तरह से तैनाती को कम नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा कश्मीर और उत्तर-पूर्व में काउंटर-इनसर्जेंसी और काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन्स में तैनात सैनिकों की कितनी तैनाती होगी।           


टमाटर का पोषक तत्व फैट को बर्न करता है

नई दिल्ली। अधिक वजन हो जाने पर लोग अनेकों प्रयास करते हैं। अधिक वजन होना कई बीमारियों का कारण बनता है। जैसे- हृदय रोग, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक।
वजन कम करने के लिए लोग अनेकों तरीके और तकनीकें अपनाते हैं। जैसे- एक्सरसाइज, डाइटिंग, इंटरमिटेंट फास्टिंग, योगा। लेकिन क्या आपको पता है। माटर खाने से भी आप वजन कम कर सकते हैं। टमाटर में मौजूद पोषक तत्व शरीर के फैट को बर्न करने में मदद करता है। साथ ही शरीर के सूजन को भी कम करता है। इसके अलावा टमाटर कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी बेहतर करने में मदद करता है। टमाटर विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के साथ–साथ जैविक सोडीयम, फासफोरस, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीशियम और सल्फर का अच्छा स्रोत है। टमाटर में मौजूद ग्लूटाथियोन शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में भी फायदेमंद हो सकते हैं। टमाटर का जूस इस आपको ऊर्जा दे सकता है। टमाटर में कई महत्‍वपूर्ण रसायन मौजूद होते हैं। जो व्‍यायाम के बाद मांसपेशियों के खिंचाव को कम करता है। और ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मद कर सकते हैं। टमाटर में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं। जो वजन कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। टमाटर लो कैलोरी फूड है। इसलिए इसका सेवन करने से यह आपका मोटापा कम करने में फायदेमंद हो सकता है। अगर आप वजन कम करने के लिए डाइट प्लान या एक्सरसाइज कर रहे हैं। तो ऐसे में टमाटर के जूस का सेवन करने से आपका वजन  कम हो सकता है। टमाटर में ढेर सारा पानी और फाइबर होता है। इसलिए वजन कंट्रोल करने में लाभदायक हो सकता है। टमाटर का सेवन करने से आपका पाचन तंत् बेहतर हो सकता है। टमाटर में कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं। जो आपके लीवर को बेहतर बनाने में मदद कर सकते है। साथ ही टमाटर के सेवन से गैस की समस्या भी दूर हो सकती है। टमाटर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में फायदेमंद हो सकते हैं। टमाटर अपच, कब्ज में असरदार हो सकता है। टमाटर का सेवन करने से आपका पाचन तंत् बेहतर हो सकता है। टमाटर में कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं। जो आपके लीवर को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही टमाटर के सेवन से गैस की समस्या भी दूर हो सकती है। टमाटर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में फायदेमंद हो सकते हैं। टमाटर अपच, कब्ज में असरदार हो सकता है।             


दोरनापाल-कोंटा में जिओ के नए टावर लगेंगे

दोरनापाल और कोन्टा में जियो के नए टॉवर लगाये जायेंगे कवासी लखमा


मनोज सिंह ठाकुर
सुुुकमा। जिले के कोन्टा एंव दोरनापाल मे जियो की घटिया संचार सेवा से परेशान नगरवासियों ने मामले की जानकारी क्षेत्रिय विधायक एंव मंत्री कवासी लखमा को दी मंत्री संचार विभाग के अधिकारियों पर भड़क गए। पुरे मामले पर सुकमा कलेक्टर चंदन कुमार से चर्चा कर संचार सेवा तत्काल दुरुस्त कराने सम्बंधित कम्पनी के अधिकारियों से चर्चा करने के निर्देश दियें। जिसके बाद कलेक्टर चंदन कुमार से चर्चा मे जियो कम्पनी के अधिकारियों ने कोन्टा एंव दोरनापाल मे जल्द ही नए टॉवर लगाने का आश्वासन दिया। मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि कोन्टा क्षेत्र के लोगों को लोग लम्बे समय तक सड़क और बेहतर संचार सेवा मिल पाई है। सड़क को लेकर कवासी लखमा के नेतृत्व मे कांग्रेस ने लम्बी लड़ाई लड़ी तब जाकर कोन्टा से सुकमा के बीच लोगों के बेहतर सड़क मिली है। इसी तरह संचार की सेवा भी कड़ी लड़ाई के बाद बेहतर हो पाई थी। पर फिर से संचार कम्पनियों की लापरवाही के चलते इस महत्वपूर्ण सुविधा लोगों तक सही तरीके से पहुंच नही पा रही है। जिसे जल्द दुरुस्त कर लेने का आश्वासन संचार कम्पनी द्वारा दिया गया है। वही दोरनापाल और कोन्टा मे नए टॉवर भी कम्पनियों द्वारा लगाया जाएगा जिससे संचार की समस्या दूर होगी।               


गलत नीतियों के चलते गरीब-श्रमिक बेहद दुखी

मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते मजदूर श्रमिक भूखे मरने पर मजबूरः स्वामीनाथ जयसवाल


मनोज सिंह ठाकुर
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जयसवाल ने बताया कि मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी की गई। असंगत जीएसटी लागू करके छोटे और लघु उद्योगों को बर्बाद करते हुए कॉर्पोरेट वर्गों को बेतहाशा किया देश निजी करण की आग में जोंकें जाते सरकारी संस्थान और बिना सोचे समझे लागू किए गए लॉकडाउन के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था के कारण बेहिसाब बढ़ती बेरोजगारी देश के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। स्वामीनाथ जयसवाल ने मोदी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में बेरोजगारी की विभीषिका से जूझते करोड़ों नौजवानों वह मजदूरों की एक आवाज है। कि रोजी दो रोजगार दो वरना गद्दी छोड़ दो ज्ञात रहे भारत में करीब 14 करोड मौजूदा नौकरियां खत्म हो चुकी है। जिसने पहले से मौजूद 10-11 करोड़ बेरोजगारों की मजबूत फौज और मजबूत बना दिया है। रह एक डरावनी आपदा है । ऐसी आपदा जिसे देश ने पहले कभी नहीं देखा भारत की कामकाजी उम्र की आबादी का बड़ा हिस्सा जो युवा है। उसको अपना भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। क्योंकि उन्हें उनकी आंखों के सामने नौकरियां गायब होती नजर आ रही है। हालात इतने चिंताजनक है। कि वर्तमान के बदलते परिवेश में बेरोजगारी के कारण पूरी पीढ़ी तक के बर्बाद होने की आशंका नजर आने लगी है।
स्वामीनाथ जयसवाल ने यह भी बताया कि 50 साल में सर्वाधिक बेरोजगारी की मार भारत का युवा वर्तमान में झेल रहा है युवा रोजगार चाहता है। लेकिन प्रधानमंत्री और भाजपा उसे भाषण दे रही है। देश में करोड़ों नौजवान व मजदूर बेरोजगारी की विभीषका से जूझ रहे हैं। लेकिन फिर भी मोदी सरकार कहती है।मेरा भारत देश महान। स्वामीनाथ जयसवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है।की सरकार के पास रोजगार के नए अवसर पैदा करने का कोई रोडमैप नहीं है। यही वजह है कि गांव गांव शहरों कस्बों और राज्यों की राजधानी में युवाओं की रोजी दो रोजगार दो की मांग हर दिन तेज होती जा रही है। स्वामीनाथ ने बताया कि सरकार कोरोना के लिए अवसर मानकर युवाओं की नौकरियों पर हमला कर रही है। आम आदमी के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के बजाय सरकार रेलवे जैसे सरकारी संस्थानों का एक-एक करके निजीकरण कर रही है। जबकि सरकारी नौकरियों पर रोक पहले से ही लगा रखी है। ऐसे में लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी दर बढ़ती जा रही है। और बढ़ती बेरोजगारी और नौकरी जाने से युवा,ग्रहणी सहित हर आदमी परेशान है। जैसे जैसे समय बीत रहा है। वैसे-वैसे आम आदमी की रसोई से भोजन गायब हो रहा है। कर्ज बढ़ रहा है। फिलहाल लोगों को उज्जवल भविष्य की कोई आशा की किरण हाथी दिखाई नहीं दे रही है।             


40 लाख वाहनों का उत्पादन, कीर्तिमान रचा

मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। टाटा मोटर्स ने नया कीर्तिमान हासिल किया है। टाटा के अनुसार उसने बीते 30 साल में 40 लाख पैसेंजर वेहिकल्स का उत्पादन किया है। आपको बता दें टाटा ने अपनी पहली गाड़ी का उत्पादन 1991 में किया था जो कि सिएरा एसयूवी थी। इसके बाद टाटा ने इंडिका, सूमो, सफारी और नैनो जैसी लख टकिया कार का निर्माण किया था। इन गाड़ियों की बदौलत ही टाटा ने 10 लाख पैसेंजर वाहनों का उत्पादन का माइलस्टोन 2005-06 में हासिल कर लिया था। इसके बाद कंपनी ने 30 लाख वाहनों के उत्पादन का माइलस्टोन 2015 में छुआ था। इस समय देश के अंदर टाटा के 3 मैनुफैक्चरिंग प्लाट है जो चिखली (पुणे), साणंद (गुजरात) और फिएट के साथ राजनगांव (पुणे) में स्थित हैं। टाटा मोटर्स के पैसेंजर्स वेहिकल्स बिजनेस यूनिट के प्रेसिडंट शैलेश चंद्रा ने कंपनी की इस उपलब्धि पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि टाटा जैसी उपलब्धि को हासिल करने वाली देश में बहुत कम ही ऑटो इंडस्ट्री है।         


चीन में भूकंप के झटकें महसूस किए गए

चीन में भूकंप के झटकें महसूस किए गए  अखिलेश पांडेय  बीजिंग। उत्तर-पश्चिम चीन के निंग्जिया में भूकंप के झटकें महसूस किए गए है। चीन भूकंप नेटव...