बुधवार, 14 अक्तूबर 2020

गाजियाबाद में 19 अक्टूबर से खुलेंगे स्कूल

मोमीन


गाजियाबाद। संकट के बीच दिल्ली से सटे गाजियाबाद में आगामी 19 अक्टूबर से फिर से स्कूल खोले जाने को लेकर मंगलवार को महात्मा गांधी सभागार में जिलाधिकारी के अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इसमें स्कूल खोलने को लेकर खूब रार हुई। प्रशासन ने दो टूक कहा है कि शासन के दिशा निर्देशानुसार 19 अक्टूबर से कक्षा नौ से 12वीं तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाएं मगर अभिभवक विरोध पर अड़े हैं। यही नहीं कई स्कूल प्रबंधन भी स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं। बैठक में जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने कहा 19 अक्टूबर से कक्षा नौ से 12वीं तक के स्कूल खोले जाएंगे। स्कूलों में कोरोना संक्रमण के कारण रोस्टर प्रणाली लागू की जाएगी, इसके तहत दो शिफ्ट में पढ़ाई होगी। यानि पचास फीसदी छात्र पहली और पचास फीसदी छात्र दूसरी शिफ्ट में पढ़ाई कर सकेंगे। इसके अलावा सभी कक्षाओं में विद्यार्थियों को उचित दूरी पर बिठाया जाएगा व मास्क और सैनेटाइजर के अलावा थर्मल स्कैनिंग से भी जांच की सुविधा होगी। बैठक के दौरान पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूल खोलने का पुरजोर विरोध किया। हालांकि, स्कूल फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने भी स्कूल न खोले जाने का समर्थन किया तो वहीं कुछ स्कूल एसोसिएशन ने स्कूल खोलने पर सहमति जताई।                


तेलांगना में भारी बारिश, जलमग्न हुआ इलाका

हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में मंगलवार देर रात से सड़कों पर सैलाब आ गया। शहर के अधिकांश क्षेत्र जलमग्‍न हो गए। इस सैलाब में कार, बाइक समेत अन्‍य अधिकांश वाहन बह गए। लोग घरों से बाहर निकल आए। बारिश के कारण हुए अलग-अलग हादसों में कुल 12 लोगों की मौत हुई है। ऐसा हैदराबाद में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण हुआ है। अब इस बारिश के वीडियो सामने आ रहे हैं. इसमें देखा जा सकता है कि कैसे बारिश के पानी का कहर हैदराबाद की सड़कों पर पड़ रहा है।हैदराबाद में बारिश के बाद सामने आए 20 सेकंड के एक वीडियो में देखा जा सकता है कि दो कारें सड़क किनारे खड़ी हैं। पानी का बहाव तेज होने के कारण कार अचानक बह जाती है। एक वीडियो ग्रीन पार्क कॉलोनी का बताया जा रहा है। इसमें दिख रहा है कि सड़क पर पानी नदी जैसी रफ्तार से बह रहा है। इसमें कुछ कार और अन्‍य वाहन तेजी से बह रहे हैं।              


किसान यूनियनों का केंद्र की बैठक से वॉकआउट

किसान यूनियनों का केंद्र की बैठक से वॉकआउट, कहा- कृषि कानूनों को रद करें


राणा ऑबरॉय


चंडीगढ़। केंद्रीय कृषि सचिव के बुलावे पर दिल्ली बैठक में भाग लेने गईं पंजाब की किसान यूनियनों ने बैठक से वॉकआउट करते हुए तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग की। बैठक से भाग लेकर लौट रहे पंजाब भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रधान जोगिंदर सिंह तथा महासचिव कोकरीकलां ने बुधवार को बताया कि वो केंद्र के रवैये से नाखुश थे क्योंकि मोदी सरकार के आठ मंत्री पंजाब किसानों को समझाने बुझाने जा सकते हैं लेकिन हमसे बातचीत के लिए किसी मंत्री या प्रधानमंत्री के पास वक्त नहीं।
हमसे न तो चंडीगढ़ और दिल्ली में कोई मंत्री मिलने को तैयार नहीं। किसान नेताओं ने कहा कि हमने बैठक में कृषि सचिव को अपने विरोध से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कोई भी किसान भाजपा मंत्रियों को सुनने को तैयार नहीं। अब हम अपना अनिश्चितकालीन संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक केंद्र तीनों कृषि कानून रद नहीं करती। इसके अलावा केंद्र बिजली एक्ट में किए संशोधन को वापस ले।
उन्होंने कहा कि हमारी यूनियन ने रेलवे ट्रैक पर पंजाब में जारी धरने 13 अक्टूबर को वापस ले लिए क्योंकि इससे आम लोगों की परेशानी तथा कोयला सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति न हो पाने के कारण रेलवे ट्रैकों से धरने हटा लिए हैं लेकिन टोल प्लाजा ,एस्सार तथा रिलायंस पैट्रोल पंप तथा मल्टीप्लेक्स पर धरने जारी रहेंगे। हमारा शांतिपूर्वक धरना राज्य में जारी रहेगा। रेलवे ट्रैक पर धरने अन्य 28 किसान यूनियनों के हैं हमारे नहीं। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से किसानों से किया वादा निभाने का आग्रह किया।               


कोरोना हमेशा के लिए बहरा बना सकता है

ब्रिटेन के एक विश्वविद्यालय ने खुलासा किया है कि कोरोना वायरस एक व्यक्ति को हमेशा के लिए बहरा बना सकता है।


लंदन। भारत में कोरोना वायरस धीरे-धीरे कमजोर होता दिखाई दे रहा है। देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या कई गुना हो गई है। जबकि मृत्यु दर भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। लेकिन संक्रमित लोगों पर कोरोना के वायरस के दुष्प्रभावों के बारे में खुलासे दुनिया को हिला रहे हैं। हालिया शोध के अनुसार, कोरोनावायरस एक व्यक्ति को हमेशा के लिए बहरा बना सकता है। किसी की सुनवाई हमेशा के लिए खो देने का खतरा है। ब्रिटेन के एक विश्वविद्यालय ने यह रहस्योद्घाटन किया है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में बीएमजे पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार एक 45 वर्षीय कोविद -19 और अस्थमा से संक्रमित व्यक्ति को आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। रोगी को यहां एंटीवायरल ड्रग रेमेडिसवीर और अंतःशिरा स्टेरॉयड दिया गया। आईसीयू से बाहर आने के लगभग एक हफ्ते बाद मरीज के कान अजीब तरह से झुनझुने लगे और फिर उसने अपनी सुनवाई खो दी।घटना के बाद डॉक्टरों ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि मरीज को कान की कोई समस्या नहीं थी। इसलिए उन्हें ऐसी कोई दवा नहीं दी गई जो उनकी सुनवाई को प्रभावित करती हो।
आगे की जांच में पता चला कि कोई फ्लू या एचआईवी नहीं था। इसलिए ऑटोइम्यून समस्या का कोई संकेत नहीं था। जो सुनवाई हानि के साथ जुड़ा हुआ हो। इसके अलावा संबंधित व्यक्ति को पहले सुनने में कोई समस्या नहीं थी।
परीक्षण से पता चला कि बाएं कान में सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस था। ऐसी स्थिति जिसमें कान के अंदर की नस या ध्वनि के लिए एक महत्वपूर्ण नस क्षतिग्रस्त हो गई थी।उसे स्टेरॉयड उपयोग के साथ इलाज किया गया था। ब्रिटेन में यह एकमात्र मामला है। हालांकि, बाकी दुनिया की तुलना में यहां कम मामले दर्ज किए जाते हैं।
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कोविद -19 ने सुनवाई को कैसे नुकसान पहुंचाया, अध्ययन के सह-लेखक डॉ। स्टीफनिया कूपा ने कहा।लेकिन ऐसा होने की संभावना है। डॉ कोम्पा के अनुसार यह संभव है कि सरस-कोव -2 वायरस कान के अंदर की कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है या साइटोकिन्स नामक एक भड़काऊ रसायन को छोड़ने का कारण बन सकता है जो कान के लिए विषाक्त हो सकता है।उन्होंने कहा कि स्टेरॉयड भड़काऊ रसायनों या साइटोकिन्स के उत्पादन की संभावना को कम करने में मदद कर सकता है।
शोध दल के अनुसार, कोविद -19 को मरीज को आईसीयू में कान से जुड़ी समस्या के बारे में पूछना चाहिए या उसे आपातकालीन उपचार के लिए भेजना चाहिए। डॉ कौम्पा ने कहा कि एक कान से सुनने की क्षमता खोने का असर किसी व्यक्ति के जीवन पर पड़ सकता है।
ब्रिटिश विशेषज्ञों के अनुसार, इस अचानक समस्या का पता लगाने और इलाज करने की आवश्यकता है। कोरोना वायरस शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है। परीक्षण के नुकसान से विभिन्न अंगों को गंध की हानि से।             


जपारोव की पीएम के रूप में की गई पुष्टि

जपारोव की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति की पुष्टि


बिश्केक। किर्गिस्तान की संसद ने बुधवार को सदर जपारोव की प्रधानमंत्री पद पर नियुक्ति की पुष्टि की और उनकी अध्यक्षता वाले कैबिनेट तथा कार्यक्रमों को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी।               


उत्तराखंडः 101 फीट ऊंचा फहरेगा 'तिरंगा'

उत्तराखंड: विधानसभा परिसर में फहरेगा 101 फीट ऊंचा तिरंगा


पंकज कपूर


देहरादून। उत्तराखंड की शरदकालीन राजधानी देहरादून स्थित विधानसभा परिसर में आगामी 16 अक्टूबर (शुक्रवार) को 101 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले यह कार्यक्रम 21 सितंबर को संपन्न होना था। उनके स्वयं कोरोना संक्रमित होने के कारण कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था।                 


गाजियाबादः लॉकडाउन में मिली पूरी तंख्वाह

लॉकडाउन में मिली पूरी तंख्वाह, फिर भी हैं। जीडीए और नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्प्लाईज़ फ़ैडरेशन के आवाहन पर प्रदेशव्यापी हड़ताल के तहत आज गाजियाबाद नगर निगम में भी कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। इस दौरान नगर निगम कर्मचारी संघ की अगुवाई में सभी कर्मचारियों ने कार्य का बहिष्कार कर नगर निगम ऑफिस पर धरना दिया। प्रदेश में सरकारी कर्मचारी भी अब कई तरह की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, हाल ही में प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के भत्तों में कटौती की थी। हालांकि, यह कटौति अस्थाई है। इसके अलावा भर्ती में पहले संविदा पर कार्य करने के कैबिनेट से पास हुए बिल आदि के विरोध में अब सरकारी कर्मचारी प्रदेश सरकार के खिलाफ हो गए हैं।
इसी के चलते इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज़ फेडरेशन के आह्वïान पर यूपी में भी प्रदेश व्यापी हड़ताल का आयोजन किया गया। नगर निगम गाजियाबाद में इस हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला है।
इस हड़ताल में स्थानीय निकाय कर्मचारी संघ, जलकल कर्मचारी संघ, नगर निगम वाहन चालक संघ आदि ने भी कार्य ठप कर हड़ताल में हिस्सा लिया। बाद में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया गया, जिसमें छठे वेतन मान को लागू करने, वेतन विसंगति दूर करने, बंद की गई कई बीमा पॉलिसी को लागू करने, संविदा पर नौकरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने आदि मांगें हैं।
इस धरने की अगुवाई में नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नैन सिंह, वाहन चालक संघ के अध्यक्ष अजित सिंह, महामंत्री सलीम सैफी, जलकल विभाग संघ के अध्यक्ष आदि बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे। दूसरी और जीडीए में भी आज कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। वहीं जीडीए कर्मचारियों ने भी प्रदेश व्यापी हड़ताल के चलते कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। कर्मचारी नेता पुनीति दिक्षित की अगुवाई में धरना दिया गया।
हमारा प्रश्न यह है। कि केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को पूरे लॉकडाउन के समय में और उसके बाद तनख्वाह सामी पर मिल रही है।  यह भी कटु सत्य है। कि अधिकतर सरकारी कर्मचारी बिना पैसे लिए आपका काम नहीं करते हैं। ऐसे में इन सरकारी कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना कितना न्यायोचित है।           


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...