सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

बड़ौतः लोगों ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

भानु प्रताप उपाध्याय


बडौत। नाथ संप्रदाय की शमशान भूमि (समाधि) लूम्ब से अवैध कब्जे हटवाने एवं शमशान भूमि की चारदीवारी करने के लिए नाथ समाज के लोगों ने तहसीलदार बडौत को सौंप ज्ञापन। बीते दिनों लूम्ब में नाथ शमशानों पर अवैध कब्जाधारीयों द्वारा नाथ समाज की महिला के शव का अन्तिम संस्कार करने में बाधा उत्पन्न की गयी थी।
नाथ समाज लूम्ब के लोगों ने उप जिलाधिकारी बडौत के नाम से सम्बौधित ज्ञापन तहसीलदार प्रदीप कुमार को सौंपते हुये बताया कि संपूर्ण भारत वर्ष में जहाँ-जहाँ नाथ संप्रदाय के संन्यासी या गृहस्थ लोग निवास करते है। वहाँ नाथ सम्प्रदाय की शमशान भूमि अलग है। इन्हें समाधि कहते हैं। नाथ सम्प्रदाय में मृत्यु के बाद शव का अन्तिम संस्कार मृतक की अंतिम इच्छा इच्छा के अनुसार तीन प्रकार से किया जाता है। (1) अग्नि के द्वारा, (2) समाधि देकर और (3) जल प्रवाह करके। आज भी नाथ पंथीयों में ये तीनों परम्परा कायम हैं। 
 बागपत जनपद के गाँव लूम्ब में नाथ सम्प्रदाय की रवन्यु रिकार्ड में दर्ज खसरा स० 300 मी० रकाब 0.3160 परगना छपरौली के नाम से दर्ज अलग शमशान भूमि हैं। जिस पर दबंग व्यक्तियों ने अवैध कब्जे कर रखे है। सैकड़ों वर्षों से इन्हीं शमशानों में नाथ समाज के लोग अपनी रीति के अनुसार अन्तिम संस्कार करते आ रहे है।
 दिनांक 25/09/2020, दिन- शुक्रवार को गाँव- लूम्ब में नाथ सम्प्रदाय की 55 वर्षिय महिला सुरेश देवी पत्नी देशपाल की मृत्यु हो जाने के बाद शव के अन्तिम संस्कार करने समाधि स्थल पहुँचे तो समाधि पर अवैध कब्जा करने वाले दबंग व्यक्तियों ने शव का अन्तिम संस्कार करने से रोका कई घंटों तक शव रास्ते में पडा रहा। फिर पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शव का अन्तिम संस्कार हुआ।
उप जिलाधिकरी व पुलिस क्षेत्राधिकारी बडौत के हस्तक्षेप के बाद भी शमशानों में कब्जे की स्थिति ज्यों की त्यों है। ये लोग भविष्य में शव का अन्तिम संस्कार न करने की चेतावनी दे रहे है। जिससे नाथ समाज के लोगों में डर और रोष है।
नाथ समाज के लोगों ने तहसीलदार प्रदीप कुमार को गाँव लूम्ब में नाथ सम्प्रदाय की शमशान भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे हटवाने और इनकी चार दिवारी कराने के एवं शव का अन्तिम संस्कार रोकने की घटना की पुनरावृत्ति न हो की मांग करते हुए उपजिलाधिकरी बडौत को सम्बौधित ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर समाजसेवी आर०आर०डी० उपाध्याय, धर्मेन्द्र कुमार, चौहल सिंह, सुरेश देशपाल, कमल, प्रदीप, रामपाल, कैलाश, जय कुमार आदि उपस्थित रहे।               


राम मनोहर लोहिया ने जनता को नारा दिया

भानु प्रताप उपाध्याय


जलालाबाद (शामली)। समाजवादी पार्टी कार्यलय पर समाजवादी विचारधारा के मज़बूत डॉ, रामनोहर लोहिया को 53 वी पुण्यतिथि पर समाजवादी पिछड़ा वर्ग द्वारा श्रन्धांजलि अर्पित की गई। जिसमे अब्दुल गफ्फार मलक जिलाध्यक्ष ने कहा की डॉ राममनोहर लोहिया समाजवाद की एक मज़बूत नीव थे। जो हमेशा समाजवाद के इतिहास मे जिन्दा रहेंगे। रविंद्र प्रधान जोगी (प्रदेश सचिव )ने कहा की डॉ लोहिया जी ने भेदभाव को ख़त्म करने के लिए रोटी और बेटी का नारा दिया। विपिन सैनी ने कहा की की जे. पी. आंदोलन मे भी अहम भूमिका निभाई। समीर मंसूरी ने युवाओं की और से समाजवादी सिद्धांत पर चर्चा की। खुशनूद समाजसेवी आरिफ, रामकुमार कश्यप, पिंकू कश्यप, आजम मंसूरी, सोयब आशिफ़, साकिर कुरैशी, सहबाज कुरैशी आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।             


स्थानीय पत्रकार को खबर दिखाना पड़ा भारी

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी


हापुड़। योगी सरकार में ग्राम खिचरा की अरबो रूपये की कीमत की ग्राम समाज की भूमी पर हो रहे अवैध कब्जे की खबर प्रकाशित करना, स्थानीय पत्रकार नफ़ीस अहमद को पड़ा भारी। अपनी तथा अपने बच्चों की जान की भीख अधिकारियों के सामने गिड-गिड़ाकर माँग रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना धौलाना छेत्र के गॉव खिचरा के राजीकीय इंटर कालिज और सड़क के बीच की बची हुई।ग्राम समाज की जमीन पर गॉव के ही दबंग और बदमाश किस्म के व्यक्ति भूरा उर्फ सराफत सईद चुन्नू शारूख अब्दुल सर्वर सदाकत नावेल पुत्रगण ना मालूम और इनके साथ 6 अज्ञात व्यक्ति जिन्होंने ग्राम समाज की खाता न0 649 पर लेंटर डाल दुकन खोके रख कर अरबो रूपये की भूमि पर कब्जा कर लिया जिसकी लिखित शिकायत गॉव के सौकीन और इनुस ने उपजिलाधिकारी धौलाना से की थी। उसी प्रार्थना पत्र के अनुसार बेस्ट मीडिया के पत्रकार नफ़ीस अहमद ने और अन्य कई अखबारों ने खबर प्रकाशित कर दी थी उसी आग बबूला होकर दिनक 5,10,20, को पत्रकार अपनी मोटरसाइकिल से खिचरा अडडे पर आया उपरोक्त सभी और इनके साथ 6 अज्ञात लोगों ने यह कहते हुए की साले बहुत बड़ा पत्रकार बनता है। तुजे जानसे मार देंगे पत्रकार किसी तरहा घर पहूचा और हार्ट अटैक के चलते बीमार हो गया प्रार्थी का पूर्व में हार्ट अटैक का इलाज दिल्ली एम्स से चला था उपरोक्त लोग दबंग है। किसी भी रेप या अन्य संगीन धाराओ में मुझे और मेरे बच्चों की हत्या गोली मारकर या सड़क हादसा करवा सकते है या किसी बहाने से जेहर भी देकर मोत घाट उतार सकते है। पत्रकार मा0 मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार डीजीपी मोहदय लखनऊ और डीएम और एसपी हापुड एसडीएम धौलाना और थाना प्रभारी को शिकायती पत्र देकर अपनी जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। फत्रकार दहसत के मारे अपने घर मे कैद होकर रहगया है।            


एक गौ तस्कर घायल, दो आरोपी हुए फरार

जनपद हापुड़ मुखबिर की सूचना पर बीरमपुर के जंगल में गौ तस्करों से सिंभावली पुलिस की हुई जबरदस्त मुठभेड़ में एक गौ तस्कर गोली लगने से हुआ घायल दो आरोपी हुए फरार।


अतुल त्यागी, मुकेश सैनी


गढ़मुक्तेश्वर/ हापुड़। मुखबिर की सूचना पर सिंभावली पुलिस के द्वारा बीरमपुर के जंगल में छापामार कार्यवाही करते हुए गौ तस्करों के साथ हुई जबरदस्त मुठभेड़ में एक को तस्कर गोली लगने से हुआ घायल दो हुए अंधेरे का फायदा उठाकर फरार। घायल गौ तस्कर की पहचान असलम पुत्र हकीकत निवासी बीरमपुर के रूप में हुई है। जिसके कब्जे से भारी मात्रा में गौ मांस को कशी करने के उपकरण वह तमंचा बरामद हुआ है। वही फरार हुए साथियों की तलाश में सिंभावली पुलिस की जंगल में कांबिंग जारी।               


पुरानी गाड़ियों के प्रति जारी की गाइडलाइन

सड़कों पर नहीं चलेंगी इतने साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियां, जारी हुई गइडलाइन


लखनऊ। बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन, परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने बैठक बड़ा फैसला लिया है। राज्य में कहीं पर 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियां सड़कों पर नहीं चलेंगी। इसके बाद यातायात पुलिस ने सख्ती शुरू कर दी है। ऐसे पुराने चिह्नित 1000 वाहन मालिकों को नोटिस भेजा गया है। आपको बटा दें एडीसीपी यातायात पुर्णेंदु सिंह के मुताबिक प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए पुराने वाहनों पर पर रोक लगाना ही एकमात्र विकल्प है। ऐसे वाहनों के मालिकों की सूची तैयार की गई है। जिनकों नोटिस जारी किया जा रहा है। इसमें बीएस-1 व अन्य पुराने वाहनों को शामिल किया गया है। बीएस-6 के अलावा अन्य वाहनों के केंद्रीय सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। जिसे सख्ती से पालन कराया जाएगा।               


रोजगार देने वाला सबसे बड़ा दूसरा समूह

लखनऊ। देश का दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता समूह सहारा इंडिया परिवार ने पिछले 75 दिनों के भीतर 10 लाख से अधिक निवेशकों को मैच्यूरिटी के तौर पर 3226 करोड़ रुपये के भुगतान किया है। समूह ने सोमवार को कहा कि पिछले करीब दो से सवा दो महीनों के भीतर समूह ने अपने 10 लाख 17 हजार 194 सदस्यों को 3,226.03 करोड़ रुपये का भुगतान का दावा किया है जिसमें 2.18 फीसदी राशि का भुगतान विलंबित भुगतान संबंधी शिकायतकर्ताओं के निवेदनों पर किया गया। विलंबित भुगतान के शिकायतकर्ताओं की कुल संख्या निवेशकों की कुल संख्या आठ करोड़ का 0.07 प्रतिशत है। सहारा ने पिछले 10 सालों में अपने 5,76,77,339 निवेशकों को 1,40,157.51 करोड़ रूपये का भुगतान किया है। इसमें से केवल 40 फीसदी मामले पुनर्निवेश के हैं जबकि शेष को नकद भुगतान किया गया है। सहारा समूह भुगतानों में विलंब को स्वीकारता है जो प्राथमिक तौर पर पिछले 8 वर्षों से उच्चतम न्यायालय के प्रतिबंध (एम्बार्गो) के कारण है। यदि समूह की (कोआपरेटिव सहित) किसी भी परिसंपत्ति को बेचकर, गिरवी रखकर या संयुक्त उद्यम से कोई भी धन जुटाया जाता है तो न्यायालय के निर्देशानुसार यह सारा धन सहारा-सेबी खाते में जमा हो जाता है। सहारा के एक अधिकारी ने बताया कि हम इसमें से एक रुपये का उपयोग भी संस्थागत कार्य के लिए नहीं कर सकते, यहां तक कि सम्मानित निवेशकों के पुनर्भुगतान के लिए भी नहीं। सहारा अब तक लगभग 22,000 करोड़ रुपये मय ब्याज के,सहारा-सेबी खाते में जमा करा चुका है, जबकि पिछले आठ वर्षों में देश भर के 154 अखबारों में सेबी द्वारा 4 बार विज्ञापन देने के बावजूद सेबी सम्मानित निवेशकों को केवल 106.10 करोड़ रूपये का ही भुगतान कर सका है। अपने अंतिम विज्ञापन में जो करीब एक वर्ष पूर्व प्रकाशित हुआ था, सेबी ने स्पष्ट कर दिया था कि वह आगे कोई भी दावा स्वीकार नहीं करेगा यानी कि अब कोई दावेदार नहीं है। सेबी के पास दावे न आने का एकमात्र कारण यह था कि सहारा समूह अपने सम्मानित निवेशकों का पुनर्भुगतान पहले ही कर चुका था। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार 22,000 करोड़ की यह राशि सत्यापन के पश्चात अंततः सहारा को वापस मिल जाएगी।             


मांस पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज की

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मांस के लिए जानवरों को हलाल किए जाने पर रोक संबंधी याचिका सोमवार को खारिज कर दी और याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार भी लगाई। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अखंड भारत मोर्चा की याचिका को शरारतपूर्ण करार देते हुए खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि आपकी यह याचिका शरारतपूर्ण लगती है। खंडपीठ ने कहा कि न्यायालय इस पर सुनवाई नहीं करता कि कौन शाकाहारी हो, कौन मांसाहारी। न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि हम यह भी तय नहीं कर सकते हैं कौन हलाल मीट खाएगा और कौन झटका मीट। हलाल प्रथा में जानवरों का धारदार हथियार से गला रेतकर वध किया जाता है, जबकि झटका प्रथा में तेज हथियार से एक वार करके एक बार में ही उसका सिर धड़ से अलग कर दिया जाता है।             


न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...