सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

बिहार सरकार के भाजपा विधायक का निधन

बीजेपी विधायक का निधन, दिल्ली में ली अंतिम सांस।


पटना। बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी के विधायक विनोद कुमार सिंह का देहांत दिल्ली के मेदांता अस्पताल में हुआ है। दरअसल, विनोद कुमार सिंह पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। ब्रेन हेमरेज की शिकायत के बाद उन्हें पिछले कुछ दिनों पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
आपको बता दें विनोद कुमार सिंह कटिहार के प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक थे। कटिहार जिले के प्राणुपुर सीट से चार बार के विधायक महेंद्र नारायण यादव को हरा कर प्राणपुर में दोबारा कमल खिलाय था।               


28 दिनों तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस

मोबाइल स्क्रीन, नोट और स्टील पर 28 दिनों तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में आई तेजी को देखते हुए यह जानना बेहद जरूरी है। कि किस सतह पर कोरोना वायरस कोविड-19 कितने दिनों तक जीवित रहता है। उससे अपना बचाव कैसे करें। आस्ट्रेलिया में इस दिशा में किये गये शोध से पता चला है। कि बैंक द्वारा जारी पेपर से बने नोट, स्टील और मोबाइल की स्क्रीन पर कोरोना वायरस 28 दिनों तक जिंदा रहता है।
आस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान शोध एजेंसी (सीएसआईआरओ) ने आज यह जानकारी दी कि गिलौंग स्थित आस्ट्रेलियन सेंटर फोर डिजीज प्रीपेयर्डनेस (एसीडीपी) में किये गये शोध से पता चला है। कि कोरोना वायरस कोविड-19 प्लास्टिक के बैंकनोट के बजाये पेपर के बैंक नोट पर ज्यादा दिन टिका रहता है। यह विषाणु छिद्र रहित या चिकनी सतह जैसे कांच, स्टील, विनाइल आदि पर छिद्रयुक्त सतह की तुलना में अधिक दिनों तक जीवित रहता है। इसके अलावा वह कम तापमान पर अधिक दिनों तक जीवित रहता है। यह शोध रिपोर्ट वायरोलॉली पत्रिका में प्रकाशित हुई है। सीएसआईआरओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ लैरी मार्शल ने कहा कि यह वायरस किस सतह पर कितनी देर जीवित रहता है। ये पता लग जाने से इसके प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। यह साथ ही इस बात की जरूरत पर भी बल देता है। कि नियमित रूप से हाथ की सफाई करते रहें। शोध से पता चला है। कि 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर यह वायरस बहुत दिनाें तक जीवित रहा। जैसे जैसे तापमान बढ़ा, इस वायरस के जीवित रहने की अवधि कम होती गयी।             


फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान काल्रटन का निधन

भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान काल्रटन चैपमैन का निधन।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान काल्र्टन चैपमैन का 49 साल की उम्र में निधन हो गया। गोल डॉट कॉम के मुताबिक, उनका निधन बेंगलुरू में दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ है। टाटा फुटबाल अकादमी (टीएफए) से निकले चैपमैन अपने दिनों में देश के जाने-माने मिडफील्डर थे।
1990 में उन्होंने टीएफए का दामन थामा और तीन साल बाद वह ईस्ट बंगाल चले गए जहां से खेलते हुए उन्होंने ईरा के फुटबाल कल्ब अल जावरा के खिलाफ हैट्रिक लगाई। जेसीटी मिल्स के साथ 1995 से खेलते हुए उन्होंने 14 टूर्नामेंट जीते। 1997-98 में एक सत्र एफसी कोच्चिन के साथ खेला और फिर वापस ईस्ट बंगाल आ गए।
2001 में उनकी कप्तानी में टीम ने नेशनल फुटबाल लीग का खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने पेशेवर फुटबाल से संन्यास की घोषणा कर दी। भारत के लिए वह 1995 से 2001 तक बतौर मिडफील्डर खेले। संन्यास लेने के बाद वह टीएफए टीम के कोच बने। दिसंबर 2017 में उनको कोझिकोड स्थित क्वार्टज इंटरनेशनल फुटबाल अकादमी का तकनीकी निदेशक बनाया गया।             


घुटनों के बल चले किसान, एक समान मुआवजा

एक समान मुआवजे की मांग को लेकर घुटनों के बल चले गाजियाबाद के किसान।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के प्रभावित किसानों का आंदोलन अब तेज हो गया है। कई माह से आंदोलनरत किसानों को एक समान मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। कई बार एक्सप्रेस-वे का कार्य भी बंद भी करा दिया गया। पैदल मार्च कर जिला मुख्यालय तक प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। पूर्व घोषणा के तहत किसान आज राज चौपला पर एकत्र हुए। यहां से बड़ी संख्या में किसान घुटनों के बल चलते हुए तहसील मुख्यालय पहुंचे।  किसानों के इस अनोखे प्रदर्शन को लेकर विपक्षी पार्टियों को भी सरकार के खिलाफ बोलने का मौका मिल गया है। किसानों की हो रही दुर्दशा पर विपक्ष ने जमकर प्रहार किया है।
आपको बता दें कि एक समान मुआवजा व सर्विस रोड निर्माण की मांग को लेकर गांव मुरादाबाद स्थित एक्सप्रेस-वे की साइट पर किसानों का लगातार धरना चल रहा है। धरनास्थल पर बुधवार को एक पंचायत का आयोजन किया गया था, जिसमें निर्णय लिया गया कि 12 अक्तूबर को किसान घुटने के बल यात्रा करके तहसील पहुंचेंगे। पूर्व घोषणा के तहत किसानों ने आज घुटनों के बल यात्रा निकाली।
किसानों का आरोप है कि बार- बार एनएचएआई व प्रशासन वार्ता के लिए बुला लेता और सिर्फ आश्वासन देकर टरका दिया जाता है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. बबली गुर्जर ने बताया कि किसान ट्रैक्टर-ट्राली में बैठकर मोदीनगर राज चौपला पहुंचे। इसके बाद राज चौपला से लेकर तहसील तक घुटने के बल यात्रा की और अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। इस मौके पर दलवीर सिंह, महेश प्रधान, रणवीर दहिया, शत्रुजीत सिंह, भूलेराम शर्मा, अरविंद पट्टी, सुनील प्रधान सहित अनेक किसान मौजूद रहे।             


कर्मचारियों को स्पेशल एडवांस का तोहफा

त्योहारों से पहले सरकारी कर्मचारियों को मिला स्पेशल एडवांस का तोहफा, निजी कंपनियों के कर्मचारी भगवान भरोसे। 


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। जहां निजी क्षेत्रों में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारी अपनी नौकरी बचाने की जुगत में आधी तंख्वाह पर भी काम करने को राजी हैं। वहीं दूसरी ओर त्योहारों के सीजन से पहले मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को तोहफा दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महामारी से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए दो प्रस्ताव पेश किए हैं। पहला ‘एलटीसी कैश वाउचर स्कीम’ और दूसरा ‘स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम’ है। स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस देगी। साथ ही कर्मचारियों को एलटीसी में टिकट किराये का भुगतान नकद में किया जाएगा।
न्यूज़ 18 की खबर के अनुसार वित्त मंत्री ने कहा कि एलटीसी नकद वाउचर योजना और विशेष त्योहार अग्रिम योजना शुरू की जाएगी। मांग को प्रोत्साहन के लिए एलटीए खर्च के लिए अग्रिम में राशि दी जाएगी। एलटीसी के लिए नकद पर सरकार का खर्च 5,675 करोड़ रुपये बैठेगा। सार्वजनिक उपक्रमों और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।  इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों को 10,000 रुपये फेस्टिवल एडवांस के तौर पर दिये जाएंगे। ताकि त्योहारों के समय सरकारी कर्मचारियों के पास खरीदारी के लिए पैसा हो।
महामारी ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। सरकार की कई घोषणाओं के जरिए गरीब और कमजोर तबकों की जरूरतों को पूरा किया गया। आपूर्ति की बाधा को कम किया गया लेकिन उपभोक्ता मांग को अभी भी प्रोत्साहित करने की जरूरत है।             


कंगना ने कसा तंज, मुंबई में बिजली गुल

मुंबई में बत्ती गुल, कंगना ने सरकार पर कसा तंज।


मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पावर ग्रिड फेल होने की वजह से बिजली गुल हो गई है। बिजली गुल होने का असर लोकल ट्रेन सेवा पर भी पड़ा। तीनो लाइनो पर लोकल सेवा बंद कर दी गई थी। मुंबई के कई इलाकों में गोरेगांव, अंधेरी, सयान, प्रभादेवी और ठाणे के भी कई इलाकों में बिजली बंद कर दी गई थी। जानकारी के मुताबिक 50- 60% मुंबई में बिजली नहीं है। अचानक बिजली बंद होने से मुंबई में अफरा-तफरी जैसे हालात बन गए। मुंबई के ट्रैफिक सिग्नल काम नहीं कर रहे। लोकल रेल सेवा के सभी सिग्नल भी बंद पड़ गए। जो ट्रेन जहां थी वहीं पर खड़ी है। यात्री सही से जानकारी ना मिलने से परेशान है। इतना ही नहीं बत्ती गुल का असर हाई कोर्ट में भी दिखा मुंबई हाई कोर्ट में इंटरनेट नहीं होने की वजह से ऑनलाइन सुनवाई प्रभावित हुई। इसके अलावा 6 कोविड अस्पताल में पावर बैकअप का काम शुरू हो गया। वहीं बिजली गुल की वजह से राजनीति भी चालू है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बिजली कर्मियों को चार-पांच महीने से सैलरी नहीं दी गई। जिस कारण पूरा प्रशासन फेल हो गया।
वही माया नगरी में बिजली गुल होने को लेकर मुंबई के सितारे  भी परेशान नजर आए। जिसे लेकर अभिनेत्री कंगना रनौत ने उद्धव सरकार पर तंज कसा और ट्वीट कर फोटो शेयर करते हुए लिखा कि 'मुंबई में पावर कट, ऐसे में महाराष्ट्र की सरकार क-क-क..... कंगना। इसके अलावा अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी ट्वीट किया और लिखा कि शांत रहो सब ठीक हो जाएगा। आपको बता दें जो ग्रिड फेल हुआ है वह मुंबई के ठाने के कलवा इलाके में मरम्मत के दौरान फेल हुआ है। जिस कारण मुंबई में बिजली सप्लाई कट हो गया और माया नगरी में सीसीटीवी, ट्रैफिक, लोकल ट्रेन , हाई कोर्ट सब बिजली गुल होने से प्रभावित हुए। जिसके बाद करीब 2 घंटे बाद मुंबई में धीरे-धीरे बिजली सेवा बहाल होनी शुरू हो गई। लोकल ट्रेन के बाद ट्रैफिक सिग्नल काम करने लगे। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे भी चलने लगे। मुंबई हाई कोर्ट में सुनवाई फिर से शुरू हो गई।  मुंबई में अब 90 फ़ीसदी इलाकों में बिजली वापस आने से लोगों को राहत मिली है। वही कुर्ला समेत कई जगहों पर बिजली अभी तक गुल है और पूरा मुंबई बिजली बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं।             


लोगों का भविष्य गिरवी रख रहे हैं मोदी

मोदी के लिए लोगों का भविष्य क्यों गिरवी रख रहे हैं मुख्यमंत्री: 'राहुल'


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला कर केंद्र की तरफ से राज्यों को दिए जाने वाले जीएसटी राजस्व के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों से सवाल किया है कि वह मोदी के लिये लोगों के भविष्य को क्यों गिरवी रख रहे हैं। जीएसटी परिषद की आज 11 बजे से होने वाली में बैठक में राज्यों के राजस्व बकाया के मुद्दे पर चर्चा होनी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई का वादा किया था, लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी और कोरोना महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था ठप हो गई तो अब केंद्र अपने वादे से पीछे हट रहा है।
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने आज अपने ट्वीट में जीएसटी को लेकर पांच बिंदु उठाते हुए मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने इन बिंदुओं में कहा, केंद्र सरकार ने राज्यों से जीएसटी राजस्व देने का वादा किया था।  कोरोना संकट और पीएम मोदी की वजह से अर्थव्यवस्था चरमरा गई। पीएम मोदी ने 1.4 लाख करोड़ की कर रियायत कॉरपोरेट को दे दी और स्वयं के लिए 8400 करोड़ के दो विमान खरीदे।
अब केंद्र के पास राज्यों को देने के लिए कोई पैसा नहीं है।
वित्त मंत्री राज्यों से कहती हैं कि उधार ले लीजिए।”
राहुल गांधी ने आखिर में सवाल करते हुए लिखा, “आपके मुख्यमंत्री लोगों का भविष्य मोदी के पास क्यों गिरवी रख रहे हैं?”             


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...