सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

पांच राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी

एक और तूफान का अलर्ट: इन 5 राज्यों में भारी बारिश का अनुमान, चेतावनी जारी।


कोलकाता। बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटे में गहरे दबाव में तब्दील हो सकता है। इसके तूफान में बदलने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक मध्य महाराष्ट्र विदर्भ और ओडिशा में भारी बारिश हो सकती है। वहीं, इन राज्यों के तटवर्ती इलाकों में 20 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है। इस आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अगले हफ्ते तक देश के शेष हिस्सों से वापस लौटने की संभावना नहीं है। जिससे बारिश का मौसम और आगे बढ़ जाएगा। दरअसल, बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र अगले 24 घंटे में गहरे दबाव में तब्दील हो सकता है। और नरसापुर तथा विशाखापत्तनम के बीच आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट को 12 अक्टूबर की रात को पार कर सकता है। फिलहाल यह पश्चिमी एवं उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलावा इसकी वजह से उत्तर कर्नाटक के भीतरी भाग मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ और ओडिशा में 13 अक्टूबर को बारिश हो सकती है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा वर्तमान दबाव के चलते दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अगले हफ्ते तक वापसी के कम आसार हैं। अक्टूबर के पहले हफ्ते में भी कम दबाव का एक क्षेत्र बना था। ओडिशा में मछुआरों के समुद्र में जाने पर मनाही बंगाल के पश्चिम-मध्य खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र बनने से बुधवार तक राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया कि ओडिशा में आने वाले कुछ दिनों भारी बारिश के साथ ही तेज हवाएं चल सकती हैं। अधिकारियों ने बताया कि ऐसे में ओडिशा के तटीय इलाकों के मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है। विभाग का अनुमान है। कि आने वाले दिनों में दक्षिणी ओडिशा में 45-55 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। देश में बारिश का मौसम एक जून से 30 सितम्बर तक होता है। इस वर्ष देश में लगातार दूसरे साल सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है।               


कोहली-कार्तिक के बीच कांटे की टक्कर

आईपीएल-13: कोहली-कार्तिक में होगी कड़ी टक्कर।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन में आज शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का सामना दिनेश कार्तिक की कप्तानी वाली कोलकाता नाइट राइडर्स से होगा। दोनों टीमों ने अपने पिछले मैचों में जीत हासिल की है।
विराट कोहली की कप्तानी वाली बेंगलोर ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स को एकतरफा मुकाबले में हराया। वहीं कोलकाता ने किंग्स इलेवन पंजाब के मुंह से जीत छीन ली थी। शुरुआत में बेंगलोर का प्रदर्शन उतना बेहतर नहीं रहा था, लेकिन धीरे-धीरे इस टीम ने लय हासिल की और वह अब बेहतरीन फॉर्म में है।
कप्तान कोहली बीत तीन मैचों में अपनी फॉर्म का प्रदर्शन कर चुके हैं। चेन्नई के खिलाफ उन्होंने अकेले खड़े रहकर नाबाद 90 रन बनाए थे और टीम को मजबूत स्कोर दिया था जिसका बचाव करने में उनकी टीम सफल भी रहे थे। कोहली के अलावा बेंगलोर के सलामी बल्लेबाज देवदत्त पडिकल शुरू से फॉर्म में ही हैं।
उन्होंने अपने प्रदर्शन से खासा प्रभावित किया है। एरॉन फिंच के रूप में उनके पास अच्छा सलामी जोड़ीदार है। चेन्नई के खिलाफ फिंच विफल रहे थे, लेकिन फिंच ने भी अभी तक अच्छा किया है। अब्राहम डिविलियर्स के रूप में टीम के पास एक और स्टार बल्लेबाज है। इन सभी के रहते टीम की बल्लेबाजी मजबूत दिखती है। निचले क्रम में शिवम दुबे हैं जो बड़े शॉट्स लगा सकते हैं।
पिछले मैच में बेंगलोर ने क्रिस मोरिस को मौका दिया था। मोरिस भी उन खिलाड़ियों में से जाने जाते हैं जो बड़े शॉट्स लगा सकते हैं। वहीं, गेंदबाजी में भी कोहली को ज्यादा चिंता नहीं है। श्रीलंका के इसुरु उदाना ने नवदीप सैनी के साथ मिलकर तेज गेंदबाजी के भार को अच्छी तरह बांटा है। मौरिस ने चेन्नई के खिलाफ तीन विकेट लिए थे। मोरिस ने चार ओवरों में सिर्फ 19 रन दिए थे और सैनी ने 18 रन दिए थे। स्पिन में युजवेंद्र चहल तो तुरुप का इक्का कोहली के लिए हैं ही। वॉशिंगटन सुंदर ने चेन्नई के खिलाफ दो अहम विकेट दिला अपना पक्ष मजबूत किया है।
शारजाह का मैदान छोटा है और ऐसे में स्पिनरों के साथ जाना थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है। दुबे को मिलाकर कोहली पिछले मैच में छह गेंदबाजों के साथ उतरे थे। संभवत: इम मैच में कोहली एक अतिरिक्त बल्लेबाज को शामिल करें। वहीं, कोलकाता के स्पिनरों, सुनील नरेन और वरुण चक्रव्रर्ती ने टीम के लिए जो प्रदर्शन किया है वो किसी भी टीम के लिए चिंताजनक हो सकता है। पिछले मैच में भी सुनील ने दो शानदार ओवर फेंक पंजाब को जीतने नहीं दिया था। वरुण भी मध्य के ओवरों में उनका अच्छा साथ देते हैं।
कप्तान दिनेश कार्तिक भी इस बात को सरेआम कबूल चुके हैं कि यह दोनों उनके लिए बेहद अहम है। लेकिन सामने विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक कोहली होंगे और मैदान भी छोटा होगा। ऐसे में सुनील और वरुण कितने असरदार होते हैं वो देखना होगा। तेज गेंदबाजी में पिछले मैच में शिवम मावी नहीं खेले थे। उनके स्थान पर प्रसिद्ध कृष्णा को मौका दिया गया था। प्रसिद्ध ने भी काफी प्रभावित किया था। कोलकाता का तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत है।
पैट कमिंस, कमलेश नागरकोटी के अलावा प्रसिद्ध और मावी, सभी उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं। बल्लेबाजी में कोलकाता के लिए अच्छी बात यह रही थी कि कप्तान कार्तिक ने पंजाब के खिलाफ अपनी फॉर्म हासिल कर ली थी। अब देखना होगा कि कप्तान उसे किस हद तक जारी रख सकते हैं।
सलामी बल्लेबाज राहुल त्रिपाठी और शुभमन गिल भी फॉर्म में हैं। गिल ने पंजाब के खिलाफ 57 रनों की शानदार पारी खेली थी। अब कोलकाता की चिंता आंद्रे रसेल की फॉर्म है। रसेल जिस प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं इस सीजन तो वो उसकी झलक तक नहीं दिखा पाएं हैं। इस छोटे मैदान पर कोलकाता उम्मीद करेगी की रसेल अपने रंग में लौटें।
टीमें (सम्भावित)
कोलकाता नाइट राइडर्स: दिनेश कार्तिक (कप्तान), आंद्रे रसेल, सुनील नरेन, कुलदीप यादव, शुभमन गिल, लॉकी फग्र्यूसन, नीतीश राणा, रिंकू सिंह, प्रसिद्ध कृष्णा, संदीप वॉरियर, अली खान, कमलेश नागरकोटी, शिवम मावी, सिद्देश लाड, पैट कमिंस, इयोन मोर्गन, टॉम बेंटन, राहुल त्रिपाठी, वरुण चक्रवर्ती, एम. सिद्धार्थ, निखिल नाइक, क्रिस ग्रीन।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर: विराट कोहली (कप्तान) एरॉन फिंच, देवदत्त पडिकल, अब्राहम डिविलियर्स, जोशुआ फिलिपे, वॉशिंगटन सुंदर, शिवम दुबे, नवदीप सैनी, उमेश यादव, डेल स्टेन, युजवेंद्र चहल, मोइन अली, पवन देशपांडे, गुरकीरत सिंह मान, मोहम्मद सिराज, क्रिस मौरिस, पवन नेगी, पार्थिव पटेल, शहबाज अहमद, इसुरु उदाना, एडम जाम्पा, केन रिचर्डसन।         


पीएम ने जारी किया 100 रुपये का सिक्का

मोदी ने राजमाता सिंधिया की जन्मशताब्दी पर जारी किया 100 रुपये का स्मारक सिक्का।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जन्मशताब्दी के अवसर पर आज 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। प्रधानमंत्री ने स्मारक सिक्का जारी करते हुए राजमाता के साथ रथयात्रा और एकता यात्रा के दौरान के अपने अनुभवों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा,“ ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राजमाता की स्मृति में यह विशेष स्मारक सिक्का जारी करने का अवसर मिला है। कोरोना के कारण भले ही यह कार्यक्रम भव्य नहीं है लेकिन यह दिव्य जरूर है। पिछली शताब्दी में देश को दिशा देने वाले चंद लोगों में राजमाता भी शामिल थीं। वह सिर्फ वात्सल्य की मूर्ति नहीं थीं, बल्कि वह एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक थीं। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वह साक्षी रहीं।”
उन्होंने कहा,“ आजादी से पहले विदेशी वस्त्रों की होली जलाने से लेकर आपातकाल और राममंदिर आंदोलन तक राजमाता के अनुभवों का व्यापक विस्तार रहा है। राजमाता की जीवनयात्रा और उनके जीवन संदेश को देश की मौजूदा पीढ़ी भी जाने और उनसे प्रेरणा ले इसीलिए उनके बारे में और उनके अनुभवों के बारे में बार -बार बात करना आवश्यक है। ”
मोदी ने कहा,“ विवाह से पहले वह किसी राजपरिवार से संबंधित नहीं थी लेकिन विवाह के बाद उन्होंने सबको अपनाया और पाठ भी पढ़ाया कि कोई भी साधारण से साधारण से व्यक्ति इस लोकतंत्र में सत्ता को सेवा का माध्यम बना सकता है। उनके पस सत्ता थी, संपत्ति थी और सामर्थ्य भी था लेकिन इनसे बढ़कर उनके पास जो अमानत थी, वह थी संस्कार, सेवा और स्नेह की सरिता।
ये सोच और ये आदर्श, उनके जीवन के हर कदम पर देखे जा सकते हैं। राजमाता ने यह साबित किया कि जनप्रतिनिधि के लिए जनसेवा सबसे महत्वपूर्ण है। वह राजपरिवार की थीं लेकिन उन्होंने लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया। आपातकाल के दौरान उन्होंने जो-जो सहा, वह सर्वविदित है। उन्होंने अपने जीवन का महत्वपूर्ण कालखंड जेल में बिताया।”
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने इस समारोह की शुरुआत करते हुए राजमाता की स्मृति में स्मारक सिक्का जारी करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया और राजमाता के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा,“राजमाता विजयराजे सिंधिया जी की जन्मशती के अवसर पर केंद्र सरकार ने 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी करने का फैसला किया था। इस स्मारक सिक्के काे जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति के लिए मैं और संस्कृति मंत्रालय उनका आभार व्यक्त करते हैं।
हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारी पीढ़ी को राजमाता का सान्निध्य मिला। उन क्षणों को हम सभी साथी कभी भूला नहीं सकते हैं। उनके पास धन, पद प्रतिष्ठा सब थी लेकिन उनका व्यवहार अहंकारशून्य ममत्व से भरा , सहज, सरल और सौम्य था। उनके जो भी मिला, बिना प्रभावित हुए नहीं रह सका। उनका ममत्व कोई नहीं भूल सकता है। ”
उन्होंने कहा, “ भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने के लिए 1980 में नींव बनने वाली राजमाता विजयराजे सिंधिया भाजपा के के चंद जमीनी संस्थापकों में से एक हैं। वे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहीं और पार्टी के विस्तार में हमेशा आगे रहीं। उनके अनुकरणीय जीवन ने आम जनता में उनके प्रति अगाध श्रद्धा पैदा की। वह एक जननेता थीं।”         


आखों की रोशनी बढ़ाने के छोटे-छोटे उपाय

जानिए आँखों की रौशनी बढ़ाने के ये छोटे-छोटे उपाय


मनोज सिंह ठाकुर


हमारे शरीर का बहुत ज़रूरी अंग हमारी आँखें हैं। खूबसूरत आँखें हमें एक अलग पहचान देती हैं। नजर कमजोर होना आजकल एक सामान्य सी बात है। इस समस्या को मजबूरी मान लेना समझदारी की बात नहीं है। क्योंकि सही खानपान की मदद से कमजोर नजर को ठीक किया जा सकता है। दृष्टि कमजोर होना आजकल की व्यस्ततम जीवन शैली का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गयी है। इसके लिए घंटो कंप्यूटर पर बैठ कर काम करना घंटो टीवी देखना आंखों की रोशनी को कमजोर करने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसके अलावा कम रोशनी में स्मार्टफ़ोन, टेलीविजन और कंप्यूटर पर काम करना आंखे की रोशनी को कम कर सकता है। इसके मुख्यकारण गर्मी शराब का सेवन, निरंतर पढना, पाचन विकार। विटामिन ए की कमी को बताया जाता है। जानिए ऐसे ही कुछ घरेलू उपाय जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगे।
आंखों की रौशनी बढऩे के उपाय
रोज सुबह दूब वाली घास पर पड़ी ओस पर चलने से आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है।
आखों के हर प्रकार के रोग जैसे पानी गिरना, आंखें आना, आंखों की दुर्बलता, आदि होने पर रात को आठ बादाम भिगोकर सुबह पीस कर पानी में मिलाकर पीने से आंखें स्वस्थ रहती हैं।
त्रिफला आंखों की रोशनी के लिए बहुत अच्छी औषधि है। इसके तहत त्रिफला के क्वाथ से प्रतिदिन आंखों को धोने से आंखों की ज्योति बढती है।
पैर के तलवों की रोजाना नारियल तेल या तिल के तेल से मालिश करने से आँखों की रोशनी बढती है।
बिलबेरी आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए एक और बेहतरीन उपाय है। यह रात में भी आँखों की रौशनी की समस्या को ठीक करता है। साथ ही यह मोतियाबिंद और ग्लूकोमा से भी आँखों को बचाता है।
हल्दी की गांठ को तुअर की दाल में उबालकर, छाया में सुखाकर पानी में घिसकर सूर्यास्त से पूर्व दिन में दो बार आंख में काजल की तरह लगाने से आंखों की लालिमा दूर होती है।
आंवला और बहेड़ा का नियमित प्रयोग नेत्र ज्योति को दुरस्त रखता है। आंवला बहेड़ा और हरीतकी तीनों के चूर्ण मिश्रण की 3 से 6 ग्राम मात्रा प्रतिदिन प्रयोग करने से भी आंखों की रोशनी दुरस्त होती है।
व्यायाम
आँखों के लिए बहुत व्यायाम हैं। जो आप अपनी दृष्टि को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। ऐसे ही एक अभ्यास के लिए एक आरामदायक स्थिति में बैठें और अपने अंगूठे के साथ अपने हाथ को बाहर खींछे। अब अपने अंगूठे पर ध्यान केंद्रित करें। धीरे-धीरे अपने अंगूठे को अपने करीब लाएं, हर समय ध्यान केंद्रित करते हुए जब तक आपका अंगूठा आपके चेहरे के सामने लगभग 3 इंच तक ना आ जाए और फिर दूर करें जब तक आपका हाथ पूरी तरह से फैल ना जाए। कुछ मिनटों के लिए यह करें।
यह व्यायाम ध्यान केंद्रित करने और आंख की मांसपेशियों में सुधार लाने में मदद करता है। एक और उपयोगी व्यायाम है। अपनी आँखो को बाएं किनारे से दाहिने किनारे तक ले जाएं। फिर ऊपर की तरफ भौं केंद्रित करें और फिर नीचे की ओर नाक की नोंक पर देखें। आप ये अभ्यास दैनिक रूप से दिन में कई बार कर सकते हैं।             


नुकसान करती हैं दूध वाली चाय की प्याली

अगर आप भी सुबह उठते ही लेते हैं। दूध वाली चाय का आनंद, तो जान ले ये बात


मनोज सिंह ठाकुर


सभी लोग चाय पीना पसंद करते हैं। कइयों की तो नींद ही चाय की प्याली खत्म करने के बाद खुलती है। ये भारतीय समाज का एक अभिन्न अंग बन चुकी है। जिसे हम चाह कर भी नजऱ अंदाज नहीं कर सकते। बहुत सारे लोग ऑफिस में दिन भर चाय लेते रहते है। यहां तक की उपवास में भी चाय लेते रहते है। चाय के सेवन करने से शरीर में मौजूद विटामिन्स बहुत जल्द खत्म होते हैं। इसके सेवन से स्मरण शक्ति में भी बहुत दुर्बलता आती है। आइएं इसके बुरे प्रभावों के बारे में जानें। दूध वाली चाय के नुकसान
चाय से भूख मर जाती है। दिमाग सूखने लगता है और नींद भी बहुत कम हो जाती है।
चाय पीने से कैंसर तक होने की संभावना भी बहुत ज्यादा रहती है। जो लोग चाय बहुत पीते है उनकी आंतें बहुत जल्द खराब हो जाती है। और कब्ज घर कर जाती है। 4-चाय पीने से खून गन्दा हो जाता है। और चेहरे पर लाल फुंसियां भी निकल आती है। चाय में कैफीन और टैनिन होते हैं। जो कि शरीर में ऊर्जा भर देते हैंद्य लेकिन ये खून को दूषित करने के साथ शरीर को बहुत कमजोर भी करता है।
दूध से बनी चाय का सेवन पाचन क्रिया पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। और यदि आप इसके साथ कुछ नमकीन खा रहे हैं। तो उससे बुरा और कुछ भी नहीं। इससे त्वचा रोग भी होते है।
-चाय के हर कप के साथ एक या अधिक चम्मच शक्कर ली जाती है। जो बहुत ज्यादा वजन बढाती है।
-रेलवे स्टेशनों या टी स्टालों पर बिकने वाली चाय का सेवन यदि न करें तो यह बेहतर होगा क्योंकि ये बर्तन को साफ किए बिना कई बार इसी में चाय बनाते रहते हैं। जिस कारण कई बार चाय बहुत ज्यादा विषैली हो जाती है। भुलकर भी ज्यादा देर तक थर्मस में रखी चाय का सेवन कभी भी न करें। चायपत्ती को कम उबालें तथा एक बार चाय बन जाने पर इस्तेमाल की गई चायपत्ती को जरूर फेंक दें।             


5 अधिकारियों ने की लापरवाही, भेजा नोटिस

सर्वे अभियान में लापरवाही, पांच अधिकारियों को नोटिस।


मनोज सिंह ठाकुर


कोरबा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के नोडल अधिकारी कुंदन कुमार ने सर्वे अभियान में लापरवाही बरतने वाले पांच अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। शनिवार को पोड़ी-उपरोड़ा में अभी तक लक्षणात्मक व्यक्तियों की पहचान नहीं किए जाने पर जिम्मेदार पांच अधिकारियों के विरुद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दो दिवस के भीतर जवाब मांगा है। जिन अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। उनमें अरुण खलखो अनुविभागीय अधिकारी रास्जव, पोड़ी-उपरोड़ा, डा.दीपक विकासखंड चिकित्सा अधिकारी, एलएस जोगी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, वीके राठौर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा एवं स्वरूप धारा बीपीएम पोड़ी-उपरोड़ा शामिल हैं। इन्हें जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर भ्रमण कर कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के तहत 12 अक्टूबर तक चलने वाले सर्वे के तहत आज तक लक्षणात्मक व्यक्तियों की पहचान नहीं किए जाने एवं कार्य के प्रति लापरवाही प्रदर्शित करने एवं नियम विपरीत कार्य करने पर अधिकारियों के विरुद्ध सीईओ कुमार ने कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है।             


विदेशों में सजेंगे छत्तीसगढ़ के गोबर के दिए

विदेशों में भी सजेंगे हमारे छत्तीसगढ़ के गोबर से बने दिए और वंदनवार


मनोज सिंह ठाकुर


दुर्ग। हमारे जिले के बने गोबर के दिए और वंदन वार अब विदेश में भी पहुंचने लगे हैं। भिलाई की महिलाओं द्वारा निर्मित गोबर से बनी सजावटी सामग्री को लंदन से भी खऱीददार मिले हैं। इतना ही नहीं लखनऊ, महाराष्ट्र के मुंबई, अकोला, पंजाब, उत्तराखंड, रायपुर, राजनांदगांव ,कोरबा से भी आर्डर मिला है। उड़ान नई दिशा संस्था की श्रीमती निधि चन्द्राकर ने बताया आज ही उन्होंने लंदन भेजने के लिए दियों ,वंदनवार, वाल हैंगिंग की डिलीवरी दी है।रायपुर के पारख जी ने उनसे संपर्क किया उनके बेटे लंदन में रहते हैं। जब उन्होंने देखा कि में गोबर से इतनी सुंदर वस्तुएं बनाई जा रही हैं। तो क्यों न उनको को भेजें। ताकि देश से मीलों दूर रहकर जब वहाँ बसाए घर आंगन में गोबर के दिए रोशन होंगे तो अपनी संस्कृति से जुड़ाव भी महसूस होगा।
भिलाई में महिलाएं बना रही हैं। गोबर से सजावटी सामान-हर सामग्री में मौसमी सब्जिय़ों के बीज ताकि उपयोग के बाद उगाए पौधे।
गोबर से बने दियों और सजावट के सामान का अब ग्रामीण अंचल में ही नहीं बल्कि शहरों में भी क्रेज़ है। नगरीय निकायों में भी महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया और त्यौहार के लिए दिए और अन्य सजावटी सामान बना रहीं भिलाई की उड़ान नई दिशा की महिलाओं ने गोबर से वंदनवार डेकोरेटिव दिए वाल हैंगिंग,शुभ लाभ आदि बनाए हैं। एक नया प्रयोग भी किया है इन सामग्रियों में मौसमी सब्जिय़ों और फूलों के बीज भी डाले गए हैं। ताकि उपयोग के बाद इनको गमले में डालकर पौधे उगाए जा सकें।दियों का मुल्य 2 रुपये।
डेकोरेटिव दियों का मूल्य 50 से 150 रुपए  वंदन वार 150 से 250 रुपए और शुभ लाभ व लटकन 100 रुपए में उपलब्ध है।करीब 250 महिलाएं मिलकर ये काम कर रही हैं।
नंदौरी गाँव की महिलाओं ने चुनी स्वावलंबन की राह अब और महिला समूहों को कर रही प्रशिक्षित
कहते हैं। जहां चाह वहाँ राह ।यही कहानी है। धमधा जनपद के नंदौरी के संगवारी स्व सहायता समूह की। समिति की अध्यक्ष श्रीमती रानी लक्ष्मी बाई बंछोर ने बताया कि जब उन्होंने सरकार की नरवा गरूवा घुरूवा बाड़ी गोधन न्याय योजना के बारे सोशल मीडिया पर देखा अखबारों में पढ़ा तो उनको भी रुचि उत्पन्न हुई कि घर पर बैठकर भी आमी अर्जित कर सकती हैं। मुख्यमंत्री जी ने गौठानों को रोजगार ठौर के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की है। तो क्यों न हम महिलाएं भी स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाएं। समूह बनाया और यू ट्यूब पर गोबर से दिए बनाने की विधि देखी।जनपद पंचायत से भी मदद मिली।उनका का सबको पसंद आया अब तो और लोगों को भी प्रशिक्षण दे रही हैं। राजनांदगांव के दूरस्थ मानपुर जनपद से भी महिलाएं प्रशिक्षण लेकर जा चुकी हैं। साथ ही पाटन के कई क्लस्टर की महिलाओं को भी इस समूह ने गोबर से दिए बनाना सिखाया है। ये दिए 30 से 35 रुपए दर्जन में उपलब्ध हैं।
राज्य शासन की पहल से गोबर के बहु आयामी उपयोग की राह खुली, किसने सोचा था। जिस गोबर को हम किसी काम का नहीं समझते थे। वही आज लाखों लोगों की आय का ज़रिया बन जाएगा। राज्य शासन की गोधन न्याय योजना से एक तरफ किसान व पशुपालकों की आय में इज़ाफ़ा हुआ है। और वर्मी कम्पोस्ट व नाडेप खाद बनाकर जैविक खेती की राह तो रोशन हुई ही है। दूसरी ओर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गोबर से दिए एवं अन्य सजावटी सामान बनाकर न केवल अपने हुनर का प्रदर्शन कर रही हैं। बल्कि आय भी अर्जित कर रही हैं। रक्षाबंधन में जहां गोबर से बनी राखियों को लोगों ने पसंद किया और गणेश चतुर्थी में गोबर व मिट्टी के गणेश घर घर विराजे अब नवरात्र और दीपावली के लिए दिए,धूप,वंदन वार,लटकन व शुभ-लाभ आदि सामग्रियाँ बाजार में आने की तैयारी में हैं।           


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...