सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

आखों की रोशनी बढ़ाने के छोटे-छोटे उपाय

जानिए आँखों की रौशनी बढ़ाने के ये छोटे-छोटे उपाय


मनोज सिंह ठाकुर


हमारे शरीर का बहुत ज़रूरी अंग हमारी आँखें हैं। खूबसूरत आँखें हमें एक अलग पहचान देती हैं। नजर कमजोर होना आजकल एक सामान्य सी बात है। इस समस्या को मजबूरी मान लेना समझदारी की बात नहीं है। क्योंकि सही खानपान की मदद से कमजोर नजर को ठीक किया जा सकता है। दृष्टि कमजोर होना आजकल की व्यस्ततम जीवन शैली का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गयी है। इसके लिए घंटो कंप्यूटर पर बैठ कर काम करना घंटो टीवी देखना आंखों की रोशनी को कमजोर करने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसके अलावा कम रोशनी में स्मार्टफ़ोन, टेलीविजन और कंप्यूटर पर काम करना आंखे की रोशनी को कम कर सकता है। इसके मुख्यकारण गर्मी शराब का सेवन, निरंतर पढना, पाचन विकार। विटामिन ए की कमी को बताया जाता है। जानिए ऐसे ही कुछ घरेलू उपाय जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगे।
आंखों की रौशनी बढऩे के उपाय
रोज सुबह दूब वाली घास पर पड़ी ओस पर चलने से आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है।
आखों के हर प्रकार के रोग जैसे पानी गिरना, आंखें आना, आंखों की दुर्बलता, आदि होने पर रात को आठ बादाम भिगोकर सुबह पीस कर पानी में मिलाकर पीने से आंखें स्वस्थ रहती हैं।
त्रिफला आंखों की रोशनी के लिए बहुत अच्छी औषधि है। इसके तहत त्रिफला के क्वाथ से प्रतिदिन आंखों को धोने से आंखों की ज्योति बढती है।
पैर के तलवों की रोजाना नारियल तेल या तिल के तेल से मालिश करने से आँखों की रोशनी बढती है।
बिलबेरी आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए एक और बेहतरीन उपाय है। यह रात में भी आँखों की रौशनी की समस्या को ठीक करता है। साथ ही यह मोतियाबिंद और ग्लूकोमा से भी आँखों को बचाता है।
हल्दी की गांठ को तुअर की दाल में उबालकर, छाया में सुखाकर पानी में घिसकर सूर्यास्त से पूर्व दिन में दो बार आंख में काजल की तरह लगाने से आंखों की लालिमा दूर होती है।
आंवला और बहेड़ा का नियमित प्रयोग नेत्र ज्योति को दुरस्त रखता है। आंवला बहेड़ा और हरीतकी तीनों के चूर्ण मिश्रण की 3 से 6 ग्राम मात्रा प्रतिदिन प्रयोग करने से भी आंखों की रोशनी दुरस्त होती है।
व्यायाम
आँखों के लिए बहुत व्यायाम हैं। जो आप अपनी दृष्टि को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। ऐसे ही एक अभ्यास के लिए एक आरामदायक स्थिति में बैठें और अपने अंगूठे के साथ अपने हाथ को बाहर खींछे। अब अपने अंगूठे पर ध्यान केंद्रित करें। धीरे-धीरे अपने अंगूठे को अपने करीब लाएं, हर समय ध्यान केंद्रित करते हुए जब तक आपका अंगूठा आपके चेहरे के सामने लगभग 3 इंच तक ना आ जाए और फिर दूर करें जब तक आपका हाथ पूरी तरह से फैल ना जाए। कुछ मिनटों के लिए यह करें।
यह व्यायाम ध्यान केंद्रित करने और आंख की मांसपेशियों में सुधार लाने में मदद करता है। एक और उपयोगी व्यायाम है। अपनी आँखो को बाएं किनारे से दाहिने किनारे तक ले जाएं। फिर ऊपर की तरफ भौं केंद्रित करें और फिर नीचे की ओर नाक की नोंक पर देखें। आप ये अभ्यास दैनिक रूप से दिन में कई बार कर सकते हैं।             


नुकसान करती हैं दूध वाली चाय की प्याली

अगर आप भी सुबह उठते ही लेते हैं। दूध वाली चाय का आनंद, तो जान ले ये बात


मनोज सिंह ठाकुर


सभी लोग चाय पीना पसंद करते हैं। कइयों की तो नींद ही चाय की प्याली खत्म करने के बाद खुलती है। ये भारतीय समाज का एक अभिन्न अंग बन चुकी है। जिसे हम चाह कर भी नजऱ अंदाज नहीं कर सकते। बहुत सारे लोग ऑफिस में दिन भर चाय लेते रहते है। यहां तक की उपवास में भी चाय लेते रहते है। चाय के सेवन करने से शरीर में मौजूद विटामिन्स बहुत जल्द खत्म होते हैं। इसके सेवन से स्मरण शक्ति में भी बहुत दुर्बलता आती है। आइएं इसके बुरे प्रभावों के बारे में जानें। दूध वाली चाय के नुकसान
चाय से भूख मर जाती है। दिमाग सूखने लगता है और नींद भी बहुत कम हो जाती है।
चाय पीने से कैंसर तक होने की संभावना भी बहुत ज्यादा रहती है। जो लोग चाय बहुत पीते है उनकी आंतें बहुत जल्द खराब हो जाती है। और कब्ज घर कर जाती है। 4-चाय पीने से खून गन्दा हो जाता है। और चेहरे पर लाल फुंसियां भी निकल आती है। चाय में कैफीन और टैनिन होते हैं। जो कि शरीर में ऊर्जा भर देते हैंद्य लेकिन ये खून को दूषित करने के साथ शरीर को बहुत कमजोर भी करता है।
दूध से बनी चाय का सेवन पाचन क्रिया पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। और यदि आप इसके साथ कुछ नमकीन खा रहे हैं। तो उससे बुरा और कुछ भी नहीं। इससे त्वचा रोग भी होते है।
-चाय के हर कप के साथ एक या अधिक चम्मच शक्कर ली जाती है। जो बहुत ज्यादा वजन बढाती है।
-रेलवे स्टेशनों या टी स्टालों पर बिकने वाली चाय का सेवन यदि न करें तो यह बेहतर होगा क्योंकि ये बर्तन को साफ किए बिना कई बार इसी में चाय बनाते रहते हैं। जिस कारण कई बार चाय बहुत ज्यादा विषैली हो जाती है। भुलकर भी ज्यादा देर तक थर्मस में रखी चाय का सेवन कभी भी न करें। चायपत्ती को कम उबालें तथा एक बार चाय बन जाने पर इस्तेमाल की गई चायपत्ती को जरूर फेंक दें।             


5 अधिकारियों ने की लापरवाही, भेजा नोटिस

सर्वे अभियान में लापरवाही, पांच अधिकारियों को नोटिस।


मनोज सिंह ठाकुर


कोरबा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के नोडल अधिकारी कुंदन कुमार ने सर्वे अभियान में लापरवाही बरतने वाले पांच अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। शनिवार को पोड़ी-उपरोड़ा में अभी तक लक्षणात्मक व्यक्तियों की पहचान नहीं किए जाने पर जिम्मेदार पांच अधिकारियों के विरुद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दो दिवस के भीतर जवाब मांगा है। जिन अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। उनमें अरुण खलखो अनुविभागीय अधिकारी रास्जव, पोड़ी-उपरोड़ा, डा.दीपक विकासखंड चिकित्सा अधिकारी, एलएस जोगी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, वीके राठौर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा एवं स्वरूप धारा बीपीएम पोड़ी-उपरोड़ा शामिल हैं। इन्हें जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर भ्रमण कर कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के तहत 12 अक्टूबर तक चलने वाले सर्वे के तहत आज तक लक्षणात्मक व्यक्तियों की पहचान नहीं किए जाने एवं कार्य के प्रति लापरवाही प्रदर्शित करने एवं नियम विपरीत कार्य करने पर अधिकारियों के विरुद्ध सीईओ कुमार ने कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है।             


विदेशों में सजेंगे छत्तीसगढ़ के गोबर के दिए

विदेशों में भी सजेंगे हमारे छत्तीसगढ़ के गोबर से बने दिए और वंदनवार


मनोज सिंह ठाकुर


दुर्ग। हमारे जिले के बने गोबर के दिए और वंदन वार अब विदेश में भी पहुंचने लगे हैं। भिलाई की महिलाओं द्वारा निर्मित गोबर से बनी सजावटी सामग्री को लंदन से भी खऱीददार मिले हैं। इतना ही नहीं लखनऊ, महाराष्ट्र के मुंबई, अकोला, पंजाब, उत्तराखंड, रायपुर, राजनांदगांव ,कोरबा से भी आर्डर मिला है। उड़ान नई दिशा संस्था की श्रीमती निधि चन्द्राकर ने बताया आज ही उन्होंने लंदन भेजने के लिए दियों ,वंदनवार, वाल हैंगिंग की डिलीवरी दी है।रायपुर के पारख जी ने उनसे संपर्क किया उनके बेटे लंदन में रहते हैं। जब उन्होंने देखा कि में गोबर से इतनी सुंदर वस्तुएं बनाई जा रही हैं। तो क्यों न उनको को भेजें। ताकि देश से मीलों दूर रहकर जब वहाँ बसाए घर आंगन में गोबर के दिए रोशन होंगे तो अपनी संस्कृति से जुड़ाव भी महसूस होगा।
भिलाई में महिलाएं बना रही हैं। गोबर से सजावटी सामान-हर सामग्री में मौसमी सब्जिय़ों के बीज ताकि उपयोग के बाद उगाए पौधे।
गोबर से बने दियों और सजावट के सामान का अब ग्रामीण अंचल में ही नहीं बल्कि शहरों में भी क्रेज़ है। नगरीय निकायों में भी महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया और त्यौहार के लिए दिए और अन्य सजावटी सामान बना रहीं भिलाई की उड़ान नई दिशा की महिलाओं ने गोबर से वंदनवार डेकोरेटिव दिए वाल हैंगिंग,शुभ लाभ आदि बनाए हैं। एक नया प्रयोग भी किया है इन सामग्रियों में मौसमी सब्जिय़ों और फूलों के बीज भी डाले गए हैं। ताकि उपयोग के बाद इनको गमले में डालकर पौधे उगाए जा सकें।दियों का मुल्य 2 रुपये।
डेकोरेटिव दियों का मूल्य 50 से 150 रुपए  वंदन वार 150 से 250 रुपए और शुभ लाभ व लटकन 100 रुपए में उपलब्ध है।करीब 250 महिलाएं मिलकर ये काम कर रही हैं।
नंदौरी गाँव की महिलाओं ने चुनी स्वावलंबन की राह अब और महिला समूहों को कर रही प्रशिक्षित
कहते हैं। जहां चाह वहाँ राह ।यही कहानी है। धमधा जनपद के नंदौरी के संगवारी स्व सहायता समूह की। समिति की अध्यक्ष श्रीमती रानी लक्ष्मी बाई बंछोर ने बताया कि जब उन्होंने सरकार की नरवा गरूवा घुरूवा बाड़ी गोधन न्याय योजना के बारे सोशल मीडिया पर देखा अखबारों में पढ़ा तो उनको भी रुचि उत्पन्न हुई कि घर पर बैठकर भी आमी अर्जित कर सकती हैं। मुख्यमंत्री जी ने गौठानों को रोजगार ठौर के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की है। तो क्यों न हम महिलाएं भी स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाएं। समूह बनाया और यू ट्यूब पर गोबर से दिए बनाने की विधि देखी।जनपद पंचायत से भी मदद मिली।उनका का सबको पसंद आया अब तो और लोगों को भी प्रशिक्षण दे रही हैं। राजनांदगांव के दूरस्थ मानपुर जनपद से भी महिलाएं प्रशिक्षण लेकर जा चुकी हैं। साथ ही पाटन के कई क्लस्टर की महिलाओं को भी इस समूह ने गोबर से दिए बनाना सिखाया है। ये दिए 30 से 35 रुपए दर्जन में उपलब्ध हैं।
राज्य शासन की पहल से गोबर के बहु आयामी उपयोग की राह खुली, किसने सोचा था। जिस गोबर को हम किसी काम का नहीं समझते थे। वही आज लाखों लोगों की आय का ज़रिया बन जाएगा। राज्य शासन की गोधन न्याय योजना से एक तरफ किसान व पशुपालकों की आय में इज़ाफ़ा हुआ है। और वर्मी कम्पोस्ट व नाडेप खाद बनाकर जैविक खेती की राह तो रोशन हुई ही है। दूसरी ओर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गोबर से दिए एवं अन्य सजावटी सामान बनाकर न केवल अपने हुनर का प्रदर्शन कर रही हैं। बल्कि आय भी अर्जित कर रही हैं। रक्षाबंधन में जहां गोबर से बनी राखियों को लोगों ने पसंद किया और गणेश चतुर्थी में गोबर व मिट्टी के गणेश घर घर विराजे अब नवरात्र और दीपावली के लिए दिए,धूप,वंदन वार,लटकन व शुभ-लाभ आदि सामग्रियाँ बाजार में आने की तैयारी में हैं।           


शोपियां में स्कूल के 13 छात्र बनें आतंकवादी

एजेंसियों के रडार पर शोपियां का स्कूल, धार्मिक स्कूल आतंकी संगठनों के लिए भर्ती का जरिया बना 13 छात्र आतंकवादी बने इनमें पुलवामा हमले में शामिल सज्जाद भी।


शोपियां। यूपी केरल और तेलंगाना के कई छात्रों ने भी इस स्कूल में ले रखा था। दाखिला, अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ऐसे छात्रों की संख्या जीरो हो गई थी। खुफिया एजेंसियों ने आतंकी बन चुके ऐसे छात्रों की सूची बनाई जो इस स्कूल में पढ़ रहे हैं। या फिर पास हो चुके हैं। साउथ कश्मीर के शोपियां जिले का एक धार्मिक स्कूल सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गया है। ये स्कूल आतंकी संगठनों में भर्ती का जरिया बन चुका है। खुफिया एजेंसियों ने ऐसे 13 छात्रों और पूर्व छात्रों के किसी न किसी आतंकी ग्रुप में शामिल होने का पता लगाया है। इन स्टूडेंट्स में आतंकवादी सज्जाद भट का नाम भी है। वह पिछले साल फरवरी में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में शामिल था।
पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों के मुताबिक इस स्कूल में पढ़ने वाले दक्षिण कश्मीर के कुलगाम पुलवामा और अनंतनाग जिलों के ज्यादातर छात्रों और पूर्व छात्रों को आतंकी संगठन अपने खेमे में शामिल करते हैं। उत्तर प्रदेश, केरल और तेलंगाना के कई छात्रों ने भी इस स्कूल में एडमिशन लिया था। लेकिन पिछले साल आर्टिकल 370 खत्म होने बाद ऐसे छात्रों की संख्या जीरो हो गई। 13 छात्रों की लिस्ट में ज्यादातर शोपियां और पुलवामा के सूत्रों के मुताबिक आतंकी सज्जाद भट का नाम आने के बाद इस मामले में जांच शुरू हुई। ऐसे 13 छात्रों या पूर्व छात्रों का इस लिस्ट में नाम है। सैकड़ों ऐसे ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यूएस) हैं। जो इस संस्थान के छात्र या पूर्व छात्र हैं। ये तमाम आतंकी संगठनों की मदद करते हैं।
हाल ही में बारामूला का एक युवक छुट्टियों के बाद अपने घर से स्कूल लौटते समय लापता हो गया था। बाद में पता चला कि वह आतंकवादी ग्रुपों में शामिल हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इन 13 आतंकवादियों में से ज्यादातर शोपियां और पुलवामा के रहने वाले हैं।
ये बड़े आतंकी भी इसी स्कूल से
इस साल अगस्त में प्रतिबंधित किए गए अल-बद्र आतंकी संगठन का तथाकथित कमांडर जुबैर नेंग्रू भी इसी स्कूल से था। इसके अलावा हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी नाजिम नजीर डार और ऐजाज अहमद पॉल भी शामिल हैं। जिन्हें शोपियां में 4 अगस्त को एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने मार गिराया था।               


सोनू के लिए फैंस ने 'भारतरत्न' की मांग की

सोनू के लिए भारत रत्न की मांग, फैंस ने मोदी से अपील की कहा- देश के सच्चे हीरो को अवॉर्ड दिया जाए। सोनू सूद ने इस पोस्ट पर विनम्रता से हाथ जोड़ लिए।


मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। कोविड में लॉकडाउन के दौरान एक्टर सोनू सूद रियल हीरो बनकर उभरे हैं। सोनू सूद ने महामारी के दौरान हजारों लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया खाना, स्वास्थ्य सुविधा पढ़ाई की सुविधा मुहैया कराई। इसके बाद से ही सोनू के चाहने वाले सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। एक फैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि सोनू सूद को भारत रत्न दिया जाए। इस पोस्ट के जवाब में सोनू सूद ने विनम्रता से हाथ जोड़ लिए। सोशल मीडिया यूजर ने मंदिर में लगाई सोनू की फोटो सोशल मीडिया यूजर ने एक पोस्ट की। इस पोस्ट में मंदिर भगवान के साथ सोनू सूद की भी फोटो लगी है। इस पर तिलक भी लगाया गया है। यानी यह फैन सोनू की पूजा करता है। उसने अपनी पोस्ट में नरेंद्र मोदी से अपील की कि हम देश के सच्चे हीरो को भारत रत्न देने की मांग करते हैं। मगर, सोनू ने बड़ी ही विनम्रता के साथ इस पोस्ट पर जवाब दिया। उन्होंने हाथ जोड़े हुए इमोजी पोस्ट की है।
फीस ना दे पाने वाले छात्रों के लिए चिंता जाहिर की थी।
दरअसल महामारी के दौरान सोनू ने समाजसेवा के लिए ऐसे कदम उठाए कि हर कोई उन्हें रियल हीरो बता रहा है। गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा मुहैया करवाने की दिशा में सोनू ने पिछले कुछ महीनों में काफी काम किया है। इस महीने की शुरुआत में सोनू सूद ने कई ट्वीट किए थे। इनमें उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की थी। कि जो छात्र पैसे नहीं दे पा रहे हैं। स्कूल उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस बंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा था। कि अगर बैंक मोरेटोरियम पीरियड दे सकते हैं। तो स्कूल भी छात्रों के लिए ऐसी व्यवस्था कर सकते हैं।             


मन में प्रश्न ही प्रश्न, शांति कहां मिलेगी ?

शांति कैसे मिल सकती है। जिस व्यक्ति के मन में सिर्फ प्रश्न ही प्रश्न होते हैं। उसे कभी भी उन प्रश्नों के उत्तर सुनाई नहीं देंगे ऐसे लोग हमेशा अशांत ही रहते हैं।


महाभारत में अर्जुन को श्रीकृष्ण ने दिया था गीता का उपदेश, उस समय अर्जुन ने पूछे थे। कई प्रश्न, संतुष्टि के बिना मन को शांति नहीं मिल सकती है। जहां असंतुष्टि रहती है। वहां हमेशा ही अशांति रहती है। अशांत व्यक्ति के मन में कई प्रश्न होते हैं। अगर कोई व्यक्ति उन प्रश्नों के उत्तर बताता भी है। तो अशांत मन इन उत्तरों को सुनता नहीं। ऐसे लोग कभी सुखी नहीं रह पाते हैं। जो लोग शांति चाहते हैं। उन्हें अपने मन से सभी प्रश्नों को निकाल देना चाहिए। भगवान पर भरोसा रखकर अपने कर्तव्य पूरे करना चाहिए। कर्म करते समय फल क्या मिलेगा ये भी नहीं सोचना चाहिए। महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। युद्ध से पहले ही अर्जुन ने शस्त्र रख दिए थे। और वे युद्ध करना ही नहीं चाहते थे। तब अर्जुन के मन को शांत करने के लिए श्रीकृष्ण ने कर्मों का महत्व बताया था। उस समय अर्जुन ने कई प्रश्न श्रीकृष्ण से पूछे थे। उत्तर देने के लिए सामने स्वयं भगवान श्रीकृष्ण थे। अर्जुन के मन में प्रश्न ही प्रश्न थे। ये प्रश्न ही अर्जुन की अशांति का कारण थे।
अशांत व्यक्ति के मन में प्रश्न वैसे ही रहते हैं। जैसे वृक्षों पर पत्ते लगे रहते हैं। पुराने पत्ते हटते और नए पत्ते आ जाते हैं। ठीक जैसे ही व्यक्ति के मन में नित नए प्रश्न पनपते हैं।
आध्यात्मिक गुरु ओशो ने अपने गीता दर्शन में लिखा है। कि अर्जुन के प्रश्नों का कोई अंत नहीं है। किसी के भी प्रश्नों का कोई अंत नहीं होता है। जहां श्रीकृष्ण जैसा उत्तर देने वाला मौजूद हो तो प्रश्न उठते ही चले जाते हैं।
इन्हीं प्रश्नों की वजह से अर्जुन श्रीकृष्ण को भी देख पाने में समर्थ नहीं थे। इन्हीं प्रश्नों की वजह से अर्जुन श्रीकृष्ण के उत्तर को भी नहीं सुन नहीं पा रहे थे। जिस व्यक्ति के मन में प्रश्न ही प्रश्न भरे हों वह उत्तर को नहीं समझ पाता है। क्योंकि व्यक्ति उत्तर नहीं सुनता है। अपने ही प्रश्नों में उलझा रहता है। जिन लोगों के मन में प्रश्न नहीं है। वे ही शांत रहते हैं। ऐसे ही लोग जीवन में सुख-शांति प्राप्त कर पाते हैं। मन में प्रश्न रहेंगे तो हम ध्यान भी नहीं कर सकते हैं। इसीलिए अपने मन से प्रश्नों को निकाल देना चाहिए।               


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...