सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

शोपियां में स्कूल के 13 छात्र बनें आतंकवादी

एजेंसियों के रडार पर शोपियां का स्कूल, धार्मिक स्कूल आतंकी संगठनों के लिए भर्ती का जरिया बना 13 छात्र आतंकवादी बने इनमें पुलवामा हमले में शामिल सज्जाद भी।


शोपियां। यूपी केरल और तेलंगाना के कई छात्रों ने भी इस स्कूल में ले रखा था। दाखिला, अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ऐसे छात्रों की संख्या जीरो हो गई थी। खुफिया एजेंसियों ने आतंकी बन चुके ऐसे छात्रों की सूची बनाई जो इस स्कूल में पढ़ रहे हैं। या फिर पास हो चुके हैं। साउथ कश्मीर के शोपियां जिले का एक धार्मिक स्कूल सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गया है। ये स्कूल आतंकी संगठनों में भर्ती का जरिया बन चुका है। खुफिया एजेंसियों ने ऐसे 13 छात्रों और पूर्व छात्रों के किसी न किसी आतंकी ग्रुप में शामिल होने का पता लगाया है। इन स्टूडेंट्स में आतंकवादी सज्जाद भट का नाम भी है। वह पिछले साल फरवरी में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में शामिल था।
पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों के मुताबिक इस स्कूल में पढ़ने वाले दक्षिण कश्मीर के कुलगाम पुलवामा और अनंतनाग जिलों के ज्यादातर छात्रों और पूर्व छात्रों को आतंकी संगठन अपने खेमे में शामिल करते हैं। उत्तर प्रदेश, केरल और तेलंगाना के कई छात्रों ने भी इस स्कूल में एडमिशन लिया था। लेकिन पिछले साल आर्टिकल 370 खत्म होने बाद ऐसे छात्रों की संख्या जीरो हो गई। 13 छात्रों की लिस्ट में ज्यादातर शोपियां और पुलवामा के सूत्रों के मुताबिक आतंकी सज्जाद भट का नाम आने के बाद इस मामले में जांच शुरू हुई। ऐसे 13 छात्रों या पूर्व छात्रों का इस लिस्ट में नाम है। सैकड़ों ऐसे ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यूएस) हैं। जो इस संस्थान के छात्र या पूर्व छात्र हैं। ये तमाम आतंकी संगठनों की मदद करते हैं।
हाल ही में बारामूला का एक युवक छुट्टियों के बाद अपने घर से स्कूल लौटते समय लापता हो गया था। बाद में पता चला कि वह आतंकवादी ग्रुपों में शामिल हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इन 13 आतंकवादियों में से ज्यादातर शोपियां और पुलवामा के रहने वाले हैं।
ये बड़े आतंकी भी इसी स्कूल से
इस साल अगस्त में प्रतिबंधित किए गए अल-बद्र आतंकी संगठन का तथाकथित कमांडर जुबैर नेंग्रू भी इसी स्कूल से था। इसके अलावा हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी नाजिम नजीर डार और ऐजाज अहमद पॉल भी शामिल हैं। जिन्हें शोपियां में 4 अगस्त को एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने मार गिराया था।               


सोनू के लिए फैंस ने 'भारतरत्न' की मांग की

सोनू के लिए भारत रत्न की मांग, फैंस ने मोदी से अपील की कहा- देश के सच्चे हीरो को अवॉर्ड दिया जाए। सोनू सूद ने इस पोस्ट पर विनम्रता से हाथ जोड़ लिए।


मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। कोविड में लॉकडाउन के दौरान एक्टर सोनू सूद रियल हीरो बनकर उभरे हैं। सोनू सूद ने महामारी के दौरान हजारों लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया खाना, स्वास्थ्य सुविधा पढ़ाई की सुविधा मुहैया कराई। इसके बाद से ही सोनू के चाहने वाले सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। एक फैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि सोनू सूद को भारत रत्न दिया जाए। इस पोस्ट के जवाब में सोनू सूद ने विनम्रता से हाथ जोड़ लिए। सोशल मीडिया यूजर ने मंदिर में लगाई सोनू की फोटो सोशल मीडिया यूजर ने एक पोस्ट की। इस पोस्ट में मंदिर भगवान के साथ सोनू सूद की भी फोटो लगी है। इस पर तिलक भी लगाया गया है। यानी यह फैन सोनू की पूजा करता है। उसने अपनी पोस्ट में नरेंद्र मोदी से अपील की कि हम देश के सच्चे हीरो को भारत रत्न देने की मांग करते हैं। मगर, सोनू ने बड़ी ही विनम्रता के साथ इस पोस्ट पर जवाब दिया। उन्होंने हाथ जोड़े हुए इमोजी पोस्ट की है।
फीस ना दे पाने वाले छात्रों के लिए चिंता जाहिर की थी।
दरअसल महामारी के दौरान सोनू ने समाजसेवा के लिए ऐसे कदम उठाए कि हर कोई उन्हें रियल हीरो बता रहा है। गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा मुहैया करवाने की दिशा में सोनू ने पिछले कुछ महीनों में काफी काम किया है। इस महीने की शुरुआत में सोनू सूद ने कई ट्वीट किए थे। इनमें उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की थी। कि जो छात्र पैसे नहीं दे पा रहे हैं। स्कूल उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस बंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा था। कि अगर बैंक मोरेटोरियम पीरियड दे सकते हैं। तो स्कूल भी छात्रों के लिए ऐसी व्यवस्था कर सकते हैं।             


मन में प्रश्न ही प्रश्न, शांति कहां मिलेगी ?

शांति कैसे मिल सकती है। जिस व्यक्ति के मन में सिर्फ प्रश्न ही प्रश्न होते हैं। उसे कभी भी उन प्रश्नों के उत्तर सुनाई नहीं देंगे ऐसे लोग हमेशा अशांत ही रहते हैं।


महाभारत में अर्जुन को श्रीकृष्ण ने दिया था गीता का उपदेश, उस समय अर्जुन ने पूछे थे। कई प्रश्न, संतुष्टि के बिना मन को शांति नहीं मिल सकती है। जहां असंतुष्टि रहती है। वहां हमेशा ही अशांति रहती है। अशांत व्यक्ति के मन में कई प्रश्न होते हैं। अगर कोई व्यक्ति उन प्रश्नों के उत्तर बताता भी है। तो अशांत मन इन उत्तरों को सुनता नहीं। ऐसे लोग कभी सुखी नहीं रह पाते हैं। जो लोग शांति चाहते हैं। उन्हें अपने मन से सभी प्रश्नों को निकाल देना चाहिए। भगवान पर भरोसा रखकर अपने कर्तव्य पूरे करना चाहिए। कर्म करते समय फल क्या मिलेगा ये भी नहीं सोचना चाहिए। महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। युद्ध से पहले ही अर्जुन ने शस्त्र रख दिए थे। और वे युद्ध करना ही नहीं चाहते थे। तब अर्जुन के मन को शांत करने के लिए श्रीकृष्ण ने कर्मों का महत्व बताया था। उस समय अर्जुन ने कई प्रश्न श्रीकृष्ण से पूछे थे। उत्तर देने के लिए सामने स्वयं भगवान श्रीकृष्ण थे। अर्जुन के मन में प्रश्न ही प्रश्न थे। ये प्रश्न ही अर्जुन की अशांति का कारण थे।
अशांत व्यक्ति के मन में प्रश्न वैसे ही रहते हैं। जैसे वृक्षों पर पत्ते लगे रहते हैं। पुराने पत्ते हटते और नए पत्ते आ जाते हैं। ठीक जैसे ही व्यक्ति के मन में नित नए प्रश्न पनपते हैं।
आध्यात्मिक गुरु ओशो ने अपने गीता दर्शन में लिखा है। कि अर्जुन के प्रश्नों का कोई अंत नहीं है। किसी के भी प्रश्नों का कोई अंत नहीं होता है। जहां श्रीकृष्ण जैसा उत्तर देने वाला मौजूद हो तो प्रश्न उठते ही चले जाते हैं।
इन्हीं प्रश्नों की वजह से अर्जुन श्रीकृष्ण को भी देख पाने में समर्थ नहीं थे। इन्हीं प्रश्नों की वजह से अर्जुन श्रीकृष्ण के उत्तर को भी नहीं सुन नहीं पा रहे थे। जिस व्यक्ति के मन में प्रश्न ही प्रश्न भरे हों वह उत्तर को नहीं समझ पाता है। क्योंकि व्यक्ति उत्तर नहीं सुनता है। अपने ही प्रश्नों में उलझा रहता है। जिन लोगों के मन में प्रश्न नहीं है। वे ही शांत रहते हैं। ऐसे ही लोग जीवन में सुख-शांति प्राप्त कर पाते हैं। मन में प्रश्न रहेंगे तो हम ध्यान भी नहीं कर सकते हैं। इसीलिए अपने मन से प्रश्नों को निकाल देना चाहिए।               


उपचुनावः आरोप-प्रत्यारोप के तीर चले

आरोप-प्रत्यारोपः गद्दारी-वफादारी के बीच जनता के मुद्दे छूटे भाजपा-कांग्रेस एक-दूसरे को ठहरा रहे गद्दार और खुद को बता रहे वफादार।


नई दिल्ली। उपचुनाव में पार्टियां स्थानीय मुद्दों को तरजीह नहीं दे रहीं उनके पास गद्दारी और वफादारी जैसी बातों के अलावा कुछ नहीं। इस पर चर्चा भाजपा की सभाओं में सिर्फ सिंधिया के अपमान की बातें जबकि कांग्रेस को कमलनाथ सरकार गिरने का दर्द। इन मुद्दों को भुलाया मुरैना में कैलारस शुगर मिल दतिया के भांडेर में गैस पावर प्लांट और भिंड के मेहगांव-गोहद में पेयजल और सिंचाई का संकट बड़े मुद्दे।
उपचुनाव का आगाज होने के बाद दोनों ही दल (भाजपा व कांग्रेस) एक-दूसरे के खिलाफ मुखर हो गए हैं। भाजपा नेता जहां चुनावी सभाओं कार्यकर्ता बैठकों में एक ही बात दोहरा रहे हैं। कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके समर्थक मंत्रियों-विधायकों का कांग्रेस सरकार में अपमान हुआ इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ी। वहीं कांग्रेस भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है। कुल मिलाकर दोनों ही दल एक दूसरे गद्दार और खुद को वफादार कह रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच जनता के मूल मुद्दों को भुला दिया गया है। किसी भी दल के स्टार प्रचारक और प्रत्याशी मूल मुद्दों पर बात नहीं कर रहे हैं। लियर शहर को मेट्रोपोलिटन सिटी में शामिल करने का मुद्दा हो या मुरैना की कैलारस शुगर मिल को चालू कराने और चंबल वाटर प्रोजेक्ट की विस्तृत रूपरेखा तय करने का मामला। भांडेर में सोलर पाॅवर प्लांट और भिंड के मेहगांव-गोहद में पीने का पानी व सिंचाई संकट, शिवपुरी के करैरा में सोनचिरैया अभयारण्य व करैरा नगर की जलावर्धन योजना पोहरी में अजवाइन प्रोसेसिंग यूनिट जैसे बड़े मुद्दों को भी पूरी तरह भुला दिया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने अभी तक जितनी भी जनसभाएं और कार्यकर्ताओं की बैठक ली उनमें सिंधिया व उनके समर्थक मंत्री-विधायकों का कांग्रेस सरकार में अपमान का मुद्दा छाया रहा।
उधर कांग्रेस नेता हर सभा में आरोप लगा रहे हैं। कि भाजपा ने कांग्रेस की चुनी हुई कमलनाथ सरकार को खरीद-फरोख्त कर गिराया। हम तो वादे पूरे कर रहे थे। लेकिन भाजपा ने धनबल से सरकार गिरा दी।
5 जिलों के इन मुद्दों पर कोई भी राजनीतिक दल नहीं कर रहा चर्चा।
मुरैना
शुगर मिल । पिछले दो चुनाव में भाजपा व कांग्रेस ने कैलारस शुगर मिल के नाम पर जनता से वोट बटोरे लेकिन उपचुनाव में भाजपा हो या कांग्रेस किसी भी पार्टी का प्रत्याशी या उनका नेता इस पर चर्चा करने को भी तैयार नहीं हैं। जबकि कैलारस शुगर मिल जौरा कैलारस व सबलगढ़ के लिए सबसे बड़ा विकास का मुद्दा है।
सीतापुर कॉरिडोर । 200 करोड़ से 2 साल पहले तैयार सीतापुर कॉरिडोर में आज तक एक भी उद्योग नहीं आया। जिले के युवा बेरोजगार हैं। उद्योग लगें तो उन्हें रोजगार मिले लेकिन इस पर अब कोई भी दल चर्चा नहीं कर रहा।
भिंड
पानी । मेहगांव क्षेत्र के गांवों में खारे पानी की बड़ी समस्या है। सिंचाई के लिए भी किसानों को पानी नहीं मिलता।
कॉलेज । गोहद में एक भी कॉलेज नहीं है। यहां कन्या कॉलेज की मांग लंबे समय से की जा रही है। गोरमी और रौन क्षेत्र में कॉलेज की मांग भी लंबे समय से की जा रही है।
शिवपुरी
अभयारण्य । करैरा क्षेत्र में सोनचिरैया अभयारण्य पर पिछले चुनावों में चर्चा होती थी। अभ्यारण्य से प्रभावित गांव के ग्रामीण परेशान हैं। करैरा में जलावर्धन योजना का शिलान्यास बाबूलाल गौर के समय हुआ था। पूरा पैसा खर्च होने के बाद भी जनता को पानी नहीं मिला रहा।
प्रोसेसिंग यूनिट। पोहरी क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अजवाइन की पैदावार हाेती है। यहां प्रोसेसिंग यूनिट की मांग लंबे समय से है। इसी क्षेत्र के बैराड़ में कॉलेज के लिए जमीन तो मंजूर है। लेकिन उस पर अतिक्रमण है। कॉलेज नहीं खुलने से छात्र परेशान हैं।
दतिया। गैस प्लांट और पानी । भांडेर क्षेत्र में गैस पॉवर प्लांट बनना है। लोगों ने इसको लेकर संघर्ष भी किया लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। यहां फसलों की सिंचाई का संकट भी है। हालांकि बांध भर जाने से पिछले दो साल से पानी मिल रहा है। लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। इसके अलावा कई गांवों में बिजली का बड़ा संकट है।
ग्वालियर। मेट्रोपोलिटन सिटी । कमलनाथ सरकार में भोपाल इंदौर के साथ ग्वालियर को मेट्रोपोलिटन सिटी बनाने की घोषणा हुई थी। प्रशासनिक टीम ने बैंगलुरु जाकर सर्वे भी किया था लेकिन कांग्रेस सरकार जाने के बाद इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं बढ़ी। उपचुनाव में भाजपा या कांग्रेस के नेता कोई भी इस पर कुछ नहीं बोल रहे। स्वर्ण रेखा नदी । हनुमान बांध से जलालपुर तक स्वर्ण रेखा नदी पर कमलनाथ सरकार के वक्त एलिवेटेड रोड प्रस्तावित की गई थी। 22 अगस्त को ग्वालियर में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की मांग पर इसे पूरा कराने की घोषणा की थी। उपचुनाव में इस पर कोई बात नहीं हो रही। चंबल प्रोजेक्ट: चंबल नदी से ग्वालियर तक पानी लाने के लिए 2018 में एनसीआर बोर्ड ने लोन की स्वीकृति दे दी थी। लेकिन वाइल्ड लाइफ व अन्य विभागों की एनओसी न आ पाने के कारण इस पर काम शुरू नहीं हो सका। कोई भी पार्टी इस मुद्दे को लेकर बात नहीं कर रही है।             


स्वास्थ्य मंत्री का अनोखा बयान आया सामने

स्वास्थ्य मंत्री का अनोखा बयान आया सामने, कहा भगवान की पूजा के लिए पंडालों में जाने की क्या जरूरत।


नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का अनोखा बयान सामने आया है। कोरोना को लेकर दिए बयान को लेकर जमकर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म में में कोई भी धर्माचार्य यह नहीं कहते हैं। कि लोगों के जीवन को खतरे में डालकर त्योहार मनाने चाहिए और कोई भी भगवान यह नहीं कहते कि उनकी पूजा के लिए आपको बड़े-बड़े पूजा पंडालों में जाने की जरूरत है। इस वक्त कोरोना के खिलाफ लड़ाई ही पूरी दुनिया के लिए सर्वोपरि धर्म है। डॉ हर्षवर्धन ने संडे संवाद में त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के पालन सुनिश्चित करने के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि त्योहारों के मौसम में कोरोना के संक्रमण का खतरा निश्चित रूप से अधिक है। और इसे लेकर हम सब चिंतित हैं।
दो गज की दूरी का रखें ध्यान। हर्षवर्धन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं त्योहारों को मौसम को देखते हुए जन आंदोलन की शुरूआत की है। अगर इस जन आंदोलन में हम और आप सब अपनी भागीदारी दें तो निश्चित रूप से हमने त्योहारों को लेकर जो दिशा निर्देश जारी किये हैं। वे खुद ब खुद जनता तक पहुंच जायेंगे। इस जन आंदोलन में प्रधानमंत्री ने कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने को कहा है। विशेषकर सार्वजनिक स्थलों पर सदैव मास्क पहनने और दूसरों से कम से कम दो गज की दूरी रखने की आवश्यकता है।
मेरा धर्म जिंदगी बचाना है। हर्षवर्धन
हर्षवर्धन ने कहा कि देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में लोगों के प्राणों की रक्षा करना मेरा पहला धर्म है। त्योहार आते- जाते रहेंगे। एक व्यक्ति के रूप में और देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मेरा धर्म लोगों की रक्षा करना जिंदगी बचाना है। मेरा धर्म जिंदगी को बर्बाद करना नहीं है। कोई धर्म या भगवान ये नहीं कहते हैं। कि त्योहारों को आडंबरपूर्ण तरीके से मनाने के लिए और प्रार्थना के लिए पंडाल में या मंदिर में या मस्जिद में जाने की जरूरत है। यह असाधारण समय है। और इसका निदान भी असाधारण ही होना चाहिए।                 


बिजली आपूर्ति बंद, ट्रेनों में फंसे लाखों यात्री

ग्रिड ठप्प होने से मुंबई में बिजली आपूर्ति बंद लोकल ट्रेनों में फंसे लाखों यात्री।


मुंबई। मुंबई के कुछ हिस्सों में पावर कट से लोकल से यात्रा करना वाले लाखों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई सहित अन्य हिस्सों में आज बिजली गुल हो गई। इससे मुंबई लोकल की रफ्तार भी थम सी गई। चर्चगेट से वसई रेलवे स्टेशन के बीच पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनें ग्रिड फेल होने के कारण बंद हो गई हैं। महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा कि महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी 400KV कलवा-पडगा एमआईएस सेंटर में रखरखाव का काम कर रही है। राउत ने कहा जब मुंबई और ठाणे क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति को प्रभावित करने का काम चल रहा था। तब तकनीकी गड़बड़ी हुई थी। उन्होंने कहा कि आपूर्ति 45 मिनट में बहाल होने की उम्मीद है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मुंबई को बिजली की आपूर्ति करने वाले लाइनों और ट्रांसफार्मर (कलावा-पद्घे और खार्गर आईसीटी) सिस्टम में ट्रिपिंग हुई है। इससे मुंबई और उपनगरों में आपूर्ति प्रभावित हो गई है। एक अधिकारी ने कहा है। कि बहाली की प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों ने कहा है। कि टाटा पावर की बिजली आपूर्ति में खराबी के कारण शहर में बिजली की आपूर्ति बाधित है।             


देश में कोरोना संक्रमित 71 लाख पार

देश में कोरोना का आंकड़ा 71 लाख के पार, पिछले 24 घंटों में 77,559 कोरोना मरीज मिले।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के मामले 71 लाख से अधिक हो चुके हैं। हालांकि नये मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है और अब तक 61 लाख से ज्यादा लोग कोरोनामुक्त हो चुके हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 77,559 कोरोना संक्रमितों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दे दी गयी। देश में अब तक 61,49,535 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। इसी अवधि में 66,732 लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद संक्रमण का आंकड़ा 71,20,538 हो गया।
पिछले 24 घंटों के दौरान 816 संक्रमित अपनी जान गंवा बैठे और इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1,09,150 हो गयी है। कोरोना संक्रमण के नये मामलों में कमी आने के कारण सक्रिय मामले 5643 घटकर 8,61,853 हो गये। देश में अभी सक्रिय मामलों का प्रतिशत 12.10 और रोगमुक्त होने वालों की दर 86.36 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर 1.53 फीसदी रह गयी है। कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान सक्रिय मामले 22बढ़कर 2,21,637 रह गये हैं जबकि 309 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 40,349 हो गयी है।
इस दौरान 10,461 लोग संक्रमणमुक्त हुए जिससे स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 12,66,240 हो गयी। दक्षिणी राज्य कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान मरीजों की संख्या में 659 की कमी आयी और अब 1,20,289 सक्रिय मामले हैं। राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 9966 पर पहुंच गया है तथा अब तक 5,80,054 लोग स्वस्थ हुए हैं। आंध्र प्रदेश में इस दौरान मरीजों की संख्या 329 कम होने से सक्रिय मामले 46,295 रह गये। राज्य में अब तक 6224 लोगों की मौत हुई है। वहीं कुल 7,03,208 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में इस दौरान 191 मरीज कम हुए हैं जिससे सक्रिय मामले 40,019 हो गये हैं तथा इस महामारी से 6394 लोगों की मौत हुई है जबकि 3,90,566 मरीज ठीक हुए हैं।
तमिलनाडु में सक्रिय मामलों की संख्या 44,095 हो गयी है तथा 10,252 लोगाें की मौत हुई है। वहीं राज्य में अब तक 6,02,038 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं।
केरल में सक्रिय मामले 96,401 हो गये तथा 1003 लोगों की मौत हुई है जबकि स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 1,91,798 हो गयी है। ओडिशा में सक्रिय मामले 23,602 हो गये हैं और 1022 लोगों की मौत हुई है जबकि रोगमुक्त लोगों की संख्या 2,27,615 हो गयी है।
राजधानी दिल्ली में इस दौरान सक्रिय मामले 306 कम होने से यह संख्या 21,701 हो गयी है। वहीं संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 5769 हो गयी है तथा अब तक 2,81,869 मरीज रोगमुक्त हुए हैं। तेलंगाना में कोरोना के 24,514 सक्रिय मामले हैं और 1228 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1,87,342 लोग इस महामारी से ठीक हुए है। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के 30,236 सक्रिय मामले हैं तथा 5622 लोगों की मौत हुई है, वहीं अब तक 2,58,948 लोग स्वस्थ हुए हैं।
पंजाब में सक्रिय मामलों की संख्या 9275 हो गयी है तथा संक्रमण से निजात पाने वालों की संख्या बढ़कर 1,10,865 गयी है जबकि अब तक 3833 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश में सक्रिय मामलों की संख्या 15,177 है तथा 1,29,019 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 2624 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। गुजरात में सक्रिय मामले 15,695 हैं तथा 3566 लोगों की मौत हुई है और 1,32,173 लोग इस बीमारी से स्वस्थ भी हुए हैं। बिहार में सक्रिय मामले 11,044 हो गये हैं। राज्य में 946 लोगों की मौत हुई है जबकि 1,84,541 लोग संक्रमणमुक्त भी हुए हैं।
कोरोना महामारी से अब तक राजस्थान में 1650, हरियाणा में 1579, जम्मू-कश्मीर में 1322, छत्तीसगढ़ में 1253, असम में 816, झारखंड में 787, उत्तराखंड में 747, पुड्डुचेरी में 563, गोवा में 507, त्रिपुरा में 316, हिमाचल प्रदेश में 250, चंडीगढ़ में 191, मणिपुर में 91, लद्दाख में 64, मेघालय में 63, अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 55, सिक्किम में 55, अरुणाचल प्रदेश में 24, नागालैंड में 17 तथा दादर-नागर हवेली एवं दमन-दीव में दो लोगों की मौत हुई है।


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सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...